खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को मिशन मोड पर करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विधानसभा भवन में खेल विभाग के साथ श्री पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, मुनिकीरेती टिहरी तथा इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, हल्द्वानी में लाइटिंग के कार्यों की समीक्षा की। सीएस राधा रतूड़ी ने श्री पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, मुनि की रेती में बहुउद्देशीय भवन को पहाड़ी वास्तुकला से निर्मित एवं सुसज्जित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, हल्द्वानी के कार्यों की भी समीक्षा की।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खेल विभाग को राज्य में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को मिशन मोड पर जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि राज्य में विकसित खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर उत्तराखण्ड में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के साथ ही भविष्य में दीर्घ अवधि तक राज्य के खिलाड़ियों तथा युवाओं को लाभान्वित करेगा।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे तथा जितेन्द्र कुमार सोनकर सहित खेल एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

2025 तक जिन योजनाओं का लक्ष्य दिया गया है उसे पूर्ण करे विभाग-धामी

उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए विभागों द्वारा जो भी अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं उनके क्रियान्वयन के लिये गंभीरता से प्रयास किये जायें। इस संबंध में विभागों द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, उनकी प्राप्ति के लिए भी सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं। योजनाओं पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने के साथ ही 2025 तक जिन योजनाओं को पूर्ण करने का विभागों द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उनको प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के प्रयास हों, साथ ही इसकी नियमित समीक्षा भी की जाए। सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास एवं खेल विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने ये निर्देश अधिकारियों को दिये।
विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन जनपदों में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थी ड्रॉप आउट हो रहे हैं, इनके कारणों का विस्तृत अध्ययन किया जाए। विद्यालयी शिक्षा में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गुणात्मक सुधार एवं विद्यार्थियों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों में तेजी लाई जाए। जो भी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे जाने हैं, उनमें किसी भी स्थिति में विलम्ब न हो। पीएम श्री के तहत राज्य के चयनित 142 स्कूलों के लिए सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए पूरी तैयारी किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी स्कूलों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो।
तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई में समय की मांग के आधार पर कोर्स करवाए जाएं। इसके लिए औद्योगिक संस्थानों से निरंतर आपसी समन्वय बनाये जाने पर ध्यान दिया जाये। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों को उचित प्लेसमेंट मिल जाए। पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इनमें दक्ष मानव संसाधन के साथ आवश्यक उपकरण भी हों। जिन ट्रेडों में कार्य के लिए डिमांड बढ़ी है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पॉलीटेक्निक कॉलेजों और आईटीआई का अपग्रेडेशन भी चरणबद्ध तरीके से किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध को बढ़ावा देने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। शोध आधारित मॉडल महाविद्यालय बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उच्च शिक्षा के साथ व्यावसायिक कोर्स को बढ़ावा देने पर भी कार्य किया जाए। डिग्री कॉलेजों में नवाचार को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास किये जाने की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी तकनीकि संस्थाओं को एकीकृत रूप में एक प्लेटफार्म पर लाया जाए। रोजगार मेलों का नियमित आयोजन किया जाए और उनका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए कौशल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। राज्य में स्थापित उद्योगों को दक्ष मानव संसाधन मिले, इसके लिए युवाओं को उद्योगों की आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं की जाए।
खेल विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नई खेल नीति में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए जो भी प्रावधान किये गया है, उनका सभी को पूरा लाभ मिले। इन प्रावधानों का विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में 2024 में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां अभी से शुरू कर दी जाएं। सभी जनपदों में खेल की गतिविधियों को तेजी से बढ़ावा देने तथा आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, विजय कुमार यादव, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक खेल, जितेन्द्र सोनकर एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में खेल तकनीक को बढ़ावा देने को खेल विज्ञान केंद्र की होगी स्थापना

खेल विज्ञान केंद्र, खेल विकास निधि और मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा के दौरान दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त किए जाएं और जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति दी जाए।

ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करे नई खेल नीति
मुख्यमंत्री ने राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त कर जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। खेल नीति इस प्रकार की हो जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें।

खेल अवस्थापना के लिए प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बच्चे टीवी, मोबाईल की दुनिया से बाहर निकलकर खेल के मैदान में आएं। खेलों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए।

खेल नीति में बालिकाओं के लिए हों विशेष प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कुम्भ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाए। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास निधि का निर्माण किया जाए। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।

खिलाड़ियों की समस्याओं के निस्तारण के सिंगल विंडो सिस्टम
मुख्यमंत्री ने आठ वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों और राजकीय विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए कोटा इस प्रकार का हो जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले।