सशक्त उत्तराखण्ड का लक्ष्य लेकर मुख्यमंत्री लंदन रवाना, ट्वीट करके कही अपने दिल की बात

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सशक्त उत्तराखण्ड का लक्ष्य लेकर लंदन रवाना हो गए । लंदन रवाना होने से पहले सीएम धामी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। और अपने दिल की बात कही।

सीएम धामी ने लिखा, देवभूमि के आराध्य देवी-देवताओं के आशीर्वाद से एवं समस्त प्रदेशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति तथा सशक्त उत्तराखण्ड के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु दिसंबर में आयोजित होने वाली ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ में प्रवासी भारतीयों एवं अंतर्राष्ट्रीय उद्योगपतियों से मुलाकात एवं उन्हें इस समिट में आमंत्रित करने हेतु आज लंदन और बर्मिंघम की यात्रा पर जा रहा हूं।

उत्तराखण्ड निवेश के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ प्रदेश है इसलिए मुझे पूर्ण विश्वास है कि विदेश से भी लोग यहां निवेश के लिए आएंगे, जिसके माध्यम से रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध होने के साथ ही उत्तराखण्ड के विकास को भी नई गति प्राप्त होगी।

सीएम ने खनन एवं राजस्व विभाग की समीक्षा की, दिए आवश्यक निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड / 2025 के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए खनन एवं राजस्व विभाग की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्व प्राप्ति के लक्ष्यों को हांसिल करने के लिए अवैध खनन को रोकने के लिए ट्रेकिंग सिस्टम को मजबूत किया जाए। यदि कोई अवैध खनन करते हुए पकड़ा जाता है, तो उन पर सख्त कारवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने खनन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रयास किये जाएं कि सभी चिन्हित खनन लॉट्स सुचारू रहें, इससे वैध तरीके से कार्य होंगे और स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने खनन विभाग एवं खनन के क्षेत्र में कार्य कर रहे जीएमवीएन, केएमवीएन एवं वन विकास निगम को सभी लॉट संचालित किए जाने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि जो लॉट अभी सक्रिय नहीं हैं, उनको सक्रिय करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं।
राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्व वसूली में तेजी लाई जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मार्च 2024 तक भू-अभिलेखों/मानचित्रों के डिजिटाइजेशन का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2026 तक प्रदेश की राजस्व अभिलेखों में दर्ज सम्पूर्ण भूमि का सर्वे/रि-सर्वे करने का लक्ष्य रखा गया है। इस वित्तीय वर्ष में माह जुलाई तक मुख्य देय की मद में 49.80 लाख एवं विविध देय में 6143.70 लाख की वसूली की गई है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रख बने योजनाएं-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में सशक्त उत्तराखण्ड @ 2025 चितंन शिविर के समापन सत्र में संबोधित करते हुए कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए पिछले 3 दिनों से जो मंथन हुआ, इसके आने वाले समय में सुखद परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए अधिकारियों द्वारा जो रोडमैप बनाया जा रहा, इसका प्रस्तुतीकरण देखकर अच्छा प्रतीत हो रहा है। अधिकारियों ने राज्य हित से जुड़ विषयों पर काफी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि इस चिंतन शिविर में जो भी सुझाव आये हैं, इनको कार्ययोजना में लाया जायेगा। महत्वपूर्ण सुझावों को कैबिनेट में भी लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को चौपाल लगाकर जन समस्याएं सुननी होंगी, ताकि उन समस्याओं का शीघ्रता से समाधान हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में अनेक कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री उत्तराखण्ड के विकास के प्रति हमेशा चिंतित रहते हैं। चारधाम आल वेदर रोड, पर्वतमाला, हवाई सेवाओं के विस्तार, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन, केदारनाथ पुनर्निर्माण, बद्रीनाथ मास्टर प्लान पर तेजी से काम हो रहा है। केदारनाथ व हेमकुंड के रोपवे की सौगात हमें मिली है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का मुख्य सेवक होने के नाते कुछ बिंदु नीति आयोग उपाध्यक्ष के समक्ष उन्होंने रखें है। उम्मीद है हमारी अपेक्षाओं को नीति आयोग अपना सहयोग प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित फ्लैगशिप कार्यक्रमों के संबंध में सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इनका तेजी से क्रियान्वयन हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि जन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से हो। जिन समस्याओं का समाधान तहसील या जिला स्तर पर हो सकता है, वह अनावश्यक रूप से शासन, मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक न पहुंचे। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। स्वच्छ भारत अभियान के साथ ‘टीम उत्तराखंड’ की थीम लेकर हम आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि जो अच्छा काम करने वाले अधिकारी हैं, उनका प्रोत्साहन होना चाहिए। इसके लिए उत्कृष्टता पुरस्कार दिये जाने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का आयोजन अगले छह माह में फिर से करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सामान्य व्यक्ति जैसे सोचता है, वैसे ही सरल तरीके से लोगों की समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करें। यह भी अच्छी पहल है कि कि जूनियर अधिकारी प्रस्तुतिकरण दे रहे थे और सीनियर सवाल कर रहे थे।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों एवं कर्मवीरों द्वारा जो मंथन किया गया, इसके भविष्य में सुखद परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व व्यय को कम करने की दिशा में प्रयास करने होंगे। राज्य में आय के स्रोतों को बढ़ाना होगा। राज्य के समग्र विकास के लिए शहरी क्षेत्रों के साथ पर्वतीय क्षेत्रों का सुनियोजित विकास हो, इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय। विभिन्न कार्यों एवं योजना के लिए केंद्र से प्राप्त होने वाली धनराशि का सुनियोजित तरीके से समय पर व्यय किया जाय। राजस्व वृद्धि की दिशा में हमें और प्रयास करने होंगे।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस प्रकार के चिंतन शिविर समय समय पर होते रहें। जिससे राज्य हित में आगे की योजनाएं बन सके। उन्होंने कहा कि जन सुविधा के दृष्टिगत प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में प्रयास किए जाय। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा मिले, इस दिशा में और प्रयास किए जाय। राज्य में शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा देना होगा। राज्य में एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने से राज्य की आर्थिकी में तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की संस्कृति के संरक्षण के लिए भी और प्रयासों की जरूरत है। पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में हमें और प्रयास करने होंगे।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 2025 में जब राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा तब तक अपने विभागों के माध्यम से राज्य के विकास में हम क्या महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इसके लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि राज्य में जय जवान, जय किसान को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है। उन्होंने कहा की उत्पादों में आंकड़ों के बजाय गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अधिकारी सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभार्थियों तक लाभ समय पर पहुंचे।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि 2025 को लेकर जो ये चिंतन शिविर हुआ है, राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने में सहायक सिद्ध होगा। इस तरह का चिंतन शिविर विभागवार भी होना चाहिए। जिलाधिकारियों को और अधिक अधिकार मिले, हमें इस दिशा में सोचना होगा। अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को सराहना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2025 तक हमें 5 संकल्प पर कार्य करना होगा। सम्पूर्ण शिक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड, क्षय रोग मुक्त उत्तराखंड, गरीबी एवं नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को पूरा करना होगा।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए कार्यपालिका एवं विधायिका के बीच सही समन्वय जरूरी है। जंगलों को बचाने के लिए एवं लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए सामुदायिक सहभागिता पर विशेष ध्यान देना होगा। वन पंचायतों के माध्यम से लोगों की आजीविका बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इको टूरिज्म की संभावनाओं को और बढ़ाना होगा। एरोमेटिक फार्मिंग की दिशा में राज्य में प्रबल संभावनाएं हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों को एरोमेटिक फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाय। साइंटिफिक तरीके से नदियों, नालों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में प्रयास करने होंगे। हर्बल सेक्टर में भी लोगों को जागरूक किया जाय।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि आज हम बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 03 साल में राज्य में परिवहन विभाग ने 35 प्रतिशत राजस्व वृद्धि की है। एमएसएमई के तहत राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। हमें पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को तेजी से बढ़ावा देना होगा।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में लोगों की आजीविका बढ़ाने के राज्य में विशेषकर पर्वतीय जनपदों में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह एक अच्छा सैक्टर है। मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में हमें इनोवेटिव मार्केटिंग की जरूरत है। उत्तरा फिश प्रोजेक्ट को प्रारम्भ किया गया है। राज्य में वेटनरी एम्बुलेंस को लांच किया गया है। डेरी उत्पादों को राज्य में प्रमोट किया गया है। राज्य में गोट वैली कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है।
इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

वन, उद्योग और कौशल विकास में करने होंगे कई बेहतरीन कार्य

सशक्त उत्तराखंड @25 चिंतन शिविर के अंतिम दिन आज वन विभाग एवं कौशल विकास के की लघु एवं दीर्घकालिक योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया।

वन विभाग
वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक अनूप मालिक द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि किस तरह से विभाग दीर्घ एवं लघु योजनाओं पर काम कर रहा है। प्रकृति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच नए डेस्टिनेशन को अगले पांच वर्षों में चयनित एवं विकसित किए जाएंगे। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग लिंकेज बनाकर 10 नए डेस्टिनेशन को अगले दस वर्ष में विकसित किए जाएंगे। मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने हेतु स्टेट एक्शन प्लान बनाया जाएगा। साथ ही संवेदनशील इलाकों में रैपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया जाएगा, स्टेक होल्डर्स यानि स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए बताया गया कि बंदरों को पकड़कर इनकी नसबंदी की जा रही है। वहीं, हाथी एवं बाघ के पारंपरिक गलियारों को रिस्टोर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

आयुष
सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय द्वारा आयुष को लेकर विभाग का रोडमैप बताया गया। उन्होंने कहा कि आयुष को दोबारा स्थापित करना है। उत्तराखण्ड को आयुष और योग का हब बनाना बनाना है। इस क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को प्रमोट किया जा रहा है। आयुष ढांचे को अपग्रेड करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अभी 300 वेलनेस सेन्टर राज्य में संचालित हो रहे हैं। योगा एवं नेचुरोपैथी का सेल बनाया जा रहा है। उन्होंने दवाओं के प्रमाणीकरण करने की जानकारी भी दी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर का सिस्टम बनाने की बात कही। जड़ी-बूटियों के प्रोडक्शन को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने विभाग में प्रशिक्षित डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को इंगित किया। राज्य में आदर्श आयुष ग्राम विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। बताया कि डेंगू में होम्योपैथी काफी कारगर साबित हो रही है।

उद्योग
डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा उद्योग के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रस्तुतिकरण दिया गया जिसमें बताया गया कि हरिद्वार एवं पंतनगर सिडकुल में अच्छा काम हो रहा है। इकॉनमिक डेवलपमेन्ट के लिए स्वरोजगार पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि जीआई टैगिंग के बाद हमारी मार्केटिंग ऊपर आ जाती है। इसे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में अच्छा कार्य हो रहा है। टूरिज्म एवं सर्विस सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट पर कार्य किए जा रहे है। उद्योग जगत के लोगों को राज्य में अधिकतम इन्वेस्ट के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रोडक्ट की जी.आई. टैगिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन्वेस्टमेंट के लिए लैंड बैंक पर भी कार्य किए जा रहे हैं। गति शक्ति में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।

कौशल विकास
सचिव कौशल विकास विजय कुमार यादव ने कौशल विकास पर कहा कि उद्योगों की डिमांड के हिसाब से कौशल विकास विभाग द्वारा लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। लॉन्ग टर्म एवं शॉर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्थाएं की गई हैं। फैकल्टी को भी अप स्किलिंग करने की व्यवस्था की जा रही है। अपडेटेट ट्रेनिंग मटेरियल एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ लोगों को प्रशिक्षण मिले इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। आईटीआई में स्पेशल ट्रैनिंग प्रोग्राम भी आयोजित किए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षण देश के अच्छे संस्थानों से सहयोग लेकर किए जा रहे हैं। आईटीआई सहसपुर में स्किल हब भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण देने वाले विभागों में आपसी समन्वय का होना भी जरूरी है।
कौशल विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गबर्याल द्वारा पहाड़ी भवन निर्माण शैली को संरक्षित करने और रोजगार देने के उद्देश्य से हुनरशाला पहाड़ों में खोलने का सुझाव दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कौशल विकास का पूरा ध्यान उद्योग की जरूरत पर आधारित है जबकि हम अपनी पारंपरिक हुनर को खो रहे हैं जिनके संरक्षित कर इसे पर्वतीय इलाकों में रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बनाया जा सकता है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा कौशल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाने का सुझाव दिया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, एल फैनई, सचिवगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

चिंतन शिविर के दूसरे दिन कृषि बागवानी, पर्यटन, वन विषयों पर हुआ मंथन

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के द्वितीय दिन आज कृषि-बागवानी, पर्यटन, वन आदि विषयों पर मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य सचिव एसएस संधू ने सत्र के शुरुआती उद्धबोधन में सभी अधिकारियों से कहा कि तीन दिन तक चलने वाले इस मंथन शिविर की प्रत्येक को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में होने वाला ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन की असली चिंतन शिविर है। उन्होंने कहा कि इस शिविर में जो भी नए एवं इन्नोवेटिव विचार सामने आ रहे हैं उन पर हमें व्यापक विचार करना होगा।

इसके उपरांत सर्वप्रथम सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के अंतर्गत कृषि एवं बागवानी के अलावा एनिमल हसबेंडरी, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन पर प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। इस दौरान उनके द्वारा बताया गया कि आज हमें कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रिफार्म लाने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में बीज की गुणवत्ता सुधार की जरूरत है। पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन की सेहत सुधार पर भी जोर दिया गया। आर्गेनिक के क्षेत्र को और आगे ले जाने पर जोर देते हुए बताया कि इससे कम से कम 50 हजार कृषकों को लाभ पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमें रिसोर्स, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन पर ध्यान देना होगा। साथ ही यह भी बताया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में कई विभाग काम कर रहे हैं, इसके लिए हमको सबको साथ लाने का प्रयास करना होगा। अलग-अलग विभागों की ओर से होने वाले जीओ के बजाय हमको कॉम्प्रीहेन्सिव जीओ लाने होंगे। इसके अलावा क्लस्टर फार्मिंग पर जोर देने के साथ ही लैंड रिफार्म दोबारा किये जाने पर बल दिया गया। इससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मदद मिलेगी। यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों में 5 फलों के क्षेत्र में 5 सेंटर फार एक्सेलेन्स बनाने का लक्ष्य है। इस दौरान रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे के अलावा नैनीताल जनपद में जिलाधिकारी धीराज गबर्याल द्वारा क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों की विशेष सराहना की गई।

प्रस्तुतिकरण में जोर दिया गया कि लाइवस्टॉक में सुधार के लिए हमें बाहर से भी इन्हें लेना चाहिए और बद्री गाय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसा करके रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा 13 जिलों में गोट वैली विकसित किये जाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर बिसन जी द्वारा सक्सेस स्टोरीज पर प्रस्तुतिकरण (पीएम गतिशक्ति) दिया गया।

हमें नियमित चिंतन शिविरों की है आवश्यकताः मुख्य सचिव

सशक्त उत्तराखंड/25 चिंतन शिविर के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने कहा कि आगामी तीन दिनों तक हम राज्य को लेकर महत्वपूर्ण मंथन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें मंथन केवल तीन दिन नहीं बल्कि समय-समय पर करते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया अब तेजी से बदल रही है। बदलती परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे। पहले पंच वर्षीय योजना बनती थी लेकिन समय के साथ हमें इस मॉडल से बाहर आना पड़ा है। यही वजह है कि पंच वर्षीय कार्यक्रम की जगह नीति आयोग की जरूरत पड़ी है। उन्होंने कहा कि हमें नियमित चिंतन शिविरों की बहुत आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि कई बार देखने में आता है कि अफसर फैसले लेने से डरते हैं और यस के बजाए नो कहने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काम के प्रति बेहद सकारात्मक हैं। अगर कोई शासनादेश या नियम किसी विकास योजना या अच्छे कार्य में आड़े आ रहा है तो उसको बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों को आम भाषा एक व्यक्ति क़ानून को मिसयूज न कर पाए इस सोच के चलते 99 लोगों को फायदा न होने देने की सोच गलत है। उन्होंने कहा कि नौकरशाह एक मुद्दा रोज लें कर फिर उसको सुलझाएं। उन्होंने कहा कि कायर नौकरशाह ही ज्यादा आपत्ति लगाते हैं। किसी चीज पर फैसला न लेना जनता को परेशान करने के समान है।

मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन, योगा, हाइड्रो पावर, हॉर्टिकल्चर वो तमाम क्षेत्र हैं जिनमें अभी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से लोग भाग रहे हैं। जिस तरह से सड़कों का जाल बिछ रहा है हम दिल्ली एनसीआर का हिस्सा होंगे। इस लिहाज से हमें अपने देहरादून व अन्य शहरों में सुविधाओं को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि चिंतन हमें केवल तीन दिन नहीं बल्कि हर रोज करना है। उन्होंने कहा कि काम करने का एटीट्यूड बहुत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर लाल बहादुर प्रशाशनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास आर कतीकीथला ने अकादमी में चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि आधी आबादी को ध्यान में रखकर हमें योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर बल दिया और समाज में होने वाली घटनाओं के अनूरूप नीतियों को बनाने पर बल दिया। नियोजन सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर सभी वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित रहे।