सीएम के गुस्से को देख एसटीएफ का निर्णय, जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे

मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में परीक्षा लीक प्रकरण में संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड पर कठोर कार्यवाही हेतु एसटीएफ़ द्वारा हाई कोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है। एसटीएफ उत्तराखंड ने ऐसे संगठित गिरोह को चलाने वाले माफिया जिनकी जमानत न्यायलय द्वारा हुई है उस आदेश के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय में अपील की तैयारी कर ली है
मुख्यमंत्री उत्तराखंड के आदेश के क्रम में की कोई भी दोषी बख्शा न जाए के क्रम में आज एसटीएफ द्वारा 42 वे अभियुक्त को स्नातक परीक्षा लीक प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वर्ष 2021 में आयोजित वीपीडीओ भर्ती पेपर लीक प्रकरण से सम्बंधित अभियोग में विवेचना के दौरान प्रकाश में आये अभियुक्त योगेन्द्र सिह उर्फ बंटी पुत्र स्व0 हरि सिह उम्र 46 वर्ष निवासी ग्राम जितनपुर थाना धामपुर (के एम इंटर कॉलेज धामपुर में टीचर) को परीक्षा लीक प्रकरण में संलिप्तता पाए जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है

पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर युवाओं को रोजगार का भरपूर अवसर देगी सरकार-धामी

उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा लगभग 7000 पदों पर गतिमान भर्ती प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित करने के सम्बंध में आज कैबिनेट से प्रस्ताव पारित हो गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश हैं कि भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और गरिमा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने इन भर्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग से कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही भर्ती परीक्षाओं का एक कैलेंडर जारी कर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिये
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश है कि वर्तमान विज्ञापित पदों के साथ-साथ राज्य सरकार के सभी विभाग एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपने यहां सीधी भर्तियों के रिक्त पदों की सूची बनाते हुए आयोग को उपलब्ध कराएं जिससे भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी किया जा सके।

वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किसी भी चरण की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया गया है, किन्तु चयन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है. उन परीक्षाओं की अवशेष कार्यवाही उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की जायेगी। वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किये जा चुके हैं तथा कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है; उनमें लोक सेवा आयोग की परिधि में जाने के पश्चात् पुनः विज्ञप्ति प्रकाशित किए जाने की दशा में अभ्याथियों को आवेदन शुल्क से मुक्त रखा जाएगा। राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध है

शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकताः सीएम
युवाओं का मनोबल बनाए रखने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिए सरकार कृतसंकल्प है।

सीएम ने अपना संकल्प दोहराया, कहा-भर्ती घोटालों में किसी को भी नही बख्शा जायेगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में आ रही गड़बड़ी की शिकायतों पर मीडिया से अनोपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर विषय है तथा हमारे प्रदेश के सभी नौजवानों के रोजगार से जुड़ा मामला है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में जहां भी गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हो रही है वहां हमने सख्त जांच के आदेश दे दिये हैं। कुछ मामले एसटीएफ को दिये गये हैं एवं कुछ पर विजिलेंस को नियुक्त किया गया है। सभी मामलों पर कार्यवाही चल रही है जिसका परिणाम आप सभी के सामने आ भी रहा है कि अभी तक कुल 27 गिरफ्तारी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालों में किसी को भी नही बख्शा जायेगा, चाहे किसी के हाथ कितने भी लम्बे क्यों न हो कानून द्वारा अपना काम किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हम आगे के लिये भी एक नजीर बनाना चाहते हैं जिससे इस घटना की पुनरावृति न हो क्योंकि हमें अपने बेटे-बेटियों के आज और कल की चिंता है, उनके वर्तमान एवं भविष्य का सवाल है। हमें प्रदेश में भर्ती प्रक्रियाओं का ऐसा सिस्टम बनाना होगा कि आगे भविष्य में कोई इस तरह का कृत्य करने की सोच भी न सके। लगातार जांचे चल रही है जिसके परिणाम धीरे-धीरे आप सभी के समक्ष आते जा रहे हैं।
विधानसभा में नियुक्तियों में गड़बड़ी की आ रही शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है, और हम विधानसभा अध्यक्षा से अनुरोध करेंगे कि विधानसभा में जितनी भी भर्तिया हुई है जिनमें शिकायत आ रही है, वो नियुक्ति चाहे किसी भी कालखण्ड की हो उनमें निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्षा द्वारा जांच के विषय में राज्य सरकार से जो भी सहयोग मांगा जायेगा वह दिया जायेगा।