गैंरसैण में अवस्थापना विकास कार्यों की गुणवत्ता के साथ समय पर पूर्ण करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में गैंरसैंण अवस्थापना विकास कार्यों की समीक्षा की। गैंरसैण अवस्थापना विकास कार्यों के तहत नगर पंचायत गैंरसैंण के विभिन्न वार्डां में 12.5 मीटर ऊंचाई एलईडी हाईमास्ट लाइटों (एसआईटीसी) को लगाने, नगर पंचायत के क्षेत्रान्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्ग में लगभग 3.5 किमी क्षेत्र में सिंगल आर्म पोल पथ प्रकाश लाइटों की व्यवस्था, अन्य संवेदनशील स्थानों पर सोलर लाइटों की व्यवस्था, सिंचाई उपखण्ड गैंरसैंण की आवासीय कॉलोनी में प्रमुख अभियन्ता बैस कैम्प भवन निर्माण, भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के सौंदर्यीकरण जैसे विषयों पर चर्चा की गई। मुख्य सचिव डा. एस. एस. संधु ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गैंरसैंण में अवस्थापना विकास कार्यों को गुणवत्ता के साथ ससमय पूर्ण किया जाय। बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, हेमकुण्ड साहिब दर्शनार्थ जाने वाले गढ़वाल एवं कुमाऊँ मंडल के श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों के आवागमन का मुख्य मार्ग एनएच 109 गैरसैंण से होकर गुजरता है। इसलिए यहां सेवा सुविधाओं के विकास हेतु आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। यहां पर बेहतरीन सुविधाओं के विकास से स्थानीय जनता, यात्रियों, पर्यटकों, विधानसभा सत्र के दौरान आने वाले प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े कार्मिकों को भी लाभ मिलेगा।
बैठक में इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव हरीचंद सेमवाल एवं सिंचाई, कृषि एवं शहरी विकास विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बनेगा, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री आवास में चाय विकास बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित की जाएं। साथ ही, चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित की जाए। यह समिति प्रत्येक वर्ष हेतु न्यूनतम विक्रय मूल्य निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम विक्रय मूल्य फार्मगेट मूल्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टी-गार्डन विकसित करने में चाय विशेषज्ञ अवश्य रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड द्वारा टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को सौंप दिया जाए। इसके लिए अगले एक माह में एक व्यवहारिक मॉडल तैयार करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। इस मॉडल को तैयार करने में काश्तकारों के सुझावों को भी शामिल किया जाना चाहिए। टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को दिए जाने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियाँ किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड द्वारा इन्हें चलाए जाने हेतु प्रयास किए जा जाएं। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उन्हें आजीविका का साधन मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित की जाए। इससे बोर्ड और किसानों की समस्याओं से अवगत होने के अधिक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में टी-गार्डन, पर्यटन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टी-टूरिज्म पर भी फोकस करने के निर्देश दिए।

बोर्ड बैठक में अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान तक विभिन्न स्थानों कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान में उत्तराखण्ड के 09 पर्वतीय जनपदों (बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) के 28 विकास खण्डों में स्वयं संचालित योजना, स्पेशल कम्पोनन्ट प्लान, मनरेगा के अन्तर्गत चाय विकास कार्यक्रम संचालित कर 1387 हैक्टेयर भूमि में 3,882 काश्तकारध्राजकीयध्गैर राजकीय भूमि को लीज पर लेकर सफलतापूर्वक चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। जिसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक कार्यनियोजित किये गये हैं जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हैं।

वर्तमान में बोर्ड द्वारा निर्मित की जा रही चाय को उत्तराखण्ड टी ब्राण्ड नेम से रजिस्स्ट करते हुए बिक्री किया जा रहा है। वर्तमान में बोर्ड द्वारा जैविक-अजैविक आर्थोडोक्स ब्लैक व ग्रीन टी तैयार कर, स्थानीय स्तर पर स्वयं के शो-रूम, दुकानदारों य पोस्टल सेवा एवं कोलकाता ऑक्सन हाउस के माध्यम से बिक्री की जा रही है, चाय की बिक्री बढ़ाने व अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हेतु शासन स्तर से शासकीय कैन्टीनों, व अन्य संस्थानों को चाय की मांग बोर्ड को उपलब्ध कराने हेतु आदेश निर्गत किये जा चुके है।

इस अवसर पर उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष चाय विकास बोर्ड गोविन्द सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन एवं सचिव उद्यान हरबंस सिंह चुघ आदि उपस्थित थे।

गैरसैंण में हुआ 240 करोड़ 16 लाख रूपए के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में उत्तराखण्ड सचिवालय गैरसैंण का शिलान्यास किया। इसकी अनुमानित लागत 110 करोड़ रूपए है। गैरसैंण भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन के बाद अब सचिवालय भी जल्द ही बनेगा। ’

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 240 करोड़ 16 लाख 18 हजार रूपए के अन्य विकास कार्यों का भी लोकार्पण और शिलान्यास किया। कुल 81 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। इनमें 207 करोड़ 24 लाख 75 हजार रूपए लागत के 46 कार्यों का शिलान्यास किया गया जबकि 32 करोड़ 91 लाख 43 हजार रूपए के 35 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया।

लोकार्पित किए गए विकास कायों में मलारी में खेल को बढ़ावा देने के लिए मिनी स्टेडियम का निर्माण लागत 35 लाख, मलारी नीति मोटर मार्ग के मेहरगांव तक 1.5 किलोमीटर का डामरीकरण लागत 20 लाख, कर्णप्रयाग में आई.टी. आई से सुभाषनगर तक पैदल पुल का निर्माण लागत 588.36 लाख, उज्ज्वलपुर- बैनोली मोटर मार्ग से ऐरोली तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 96.70 लाख, किमधार-स्यान-किशनपुर मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 92.12 लाख, महावीर चक्र विजेता सिपाही स्व0 अनुसूया प्रसाद के पैतृक गांव नौना को जोड़ने हेतु मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 60.20 लाख, अनुसूया माता मन्दिर में यात्री शैड का निर्माण लागत 51.76 लाख, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में आक्सीजन पाइप लाईन का निर्माण लागत 30.29 लाख, लंगासू में पंचकर्मा हॉल का निर्माण लागत 11.51 लाख, बैरासकुण्ड मन्दिर का सौन्दर्यीकरण कार्य लागत 49.80 लाख, रा0इ0का0 नारायणबगड में कक्षा कक्षों का निर्माण लागत 20 लाख, जनपद चमोली के अन्तर्गत विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों का सुदृढीकरण व मरम्मत कार्य लागत 15.30 लाख, जनपद चमोली के अन्तर्गत विभिन्न चिकित्सालयों में लेवर रूम का सुदृढीकरण कार्य लागत 30 लाख, बद्रीनाथ में सीवर सफाई हेतु सैक्शन कम जैटिंग मशीन क्रय 35 लाख, ऐरवाडी सिरपा, सिमतोली पेयजल योजना निर्माण लागत 85.62 लाख, गैरोली मल्ली, कनोठ, कोली मल्ली पेयजल योजना निर्माण लागत 154.77 लाख, बेरफाला, नाकोट लगा डिम्मर, नाकोट पेयजल योजना निर्माण लागत 19.20 लाख, वार्ड न0 6 गांवली पेयजल योजना निर्माण लागत 82.91 लाख, उतरों पेयजल योजना निर्माण लागत 44.93 लाख, लामबगड़ पेयजल योजना निर्माण लागत 58.19 लाख, सुनाली पेयजल योजना निर्माण लागत 38.54 लाख, थिरपाक पेयजल योजना निर्माण लागत 39.97 लाख, पिण्डवाली पेयजल योजना निर्माण लागत 16.85 लाख, ग्राम बैरों व क्वीराली पेयजल योजना निर्माण लागत 92.85 लाख, चिरखून पेयजल योजना का निर्माण 67.53 लाख, कौब पेयजल योजना का निर्माण 75.88 लाख, कुलसारी से आलकोट मोटर मार्ग स्टेज -1 लागत 356.91 लाख, थराली डुग्री रूईसाण मोटर मार्ग के किमी 7 से मैन मोटर मार्ग लागत 230.07 लाख, सैंजी बाढ़ सुरक्षा कार्य 107.60 लाख, देवाल में बुस्तरातोक में पिंडर नदी के दायीं तरफ बाढ़ सुरक्षा कार्य लागत 244.98 लाख, थराली में कोलपुडी टेंक नहर निर्माण कार्य लागत 123.85 लाख, राजकीय इंटर कालेज पीपलकोटी में चार अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण लागत 73.24 लाख रूपए, कलैक्ट्रेट परिसर में पहाड़ी संग्रहालय का निर्माणध् जीर्णोद्धार लागत 6.5 लाख, हापला लघुजल विद्युत परियोजना लागत 220 लाख, रिंगालध्वुडन ग्रोथ सेन्टर पीपलकोटी लागत 15 लाख रूपए शामिल हैं।

जिन विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया उनमें गैरसैंण शहर एव एडजवांइनिंग आबादी में पेयजल आपूर्ति हेतु रामगंगा नदी पर बांध निर्माण कार्य लागत 6535.64 लाख, विकास खण्ड दशोली में बछेरधार से बछेर गांव तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 204.17 लाख, कुण्ड कॉलोनी गोपेश्वर में राजस्व विभाग के टाईप 1 के चार आवासों का निर्माण लागत 52 लाख, श्री बद्रीनाथ में चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य विभागीय स्टाफ हेतु हॉस्टल का निर्माण लागत 100 लाख, श्री बद्रीनाथ में यात्रियों की सुविधा हेतु चार कक्षों का निर्माण लागत 50 लाख, सिरोपाणी गंजेड मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 117.43 लाख, राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद चमोली के विधान सभा क्षेत्र कर्णप्रयाग के विकास खण्ड गैरसैंण में बूंगीधार-मेहलचोरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी-51 में डामरीकरण एवं सुधारीकरण(द्वितीय चरण) कार्य लागत 60 लाख, जनपद चमोली के अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र कर्णप्रयाग के विकासखण्ड गैरसैंण में पुनगांव-विषौणा मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण कार्य लागत 312.93 लाख, पंयाताल-त्युखर-चिरबटिया मोटर मार्ग का निर्माण लागत 133.63 लाख, मरघट- बाराकोट से सिंगोण गांव सिल्ला तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 215.71 लाख, चैमासी निवत्तर तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 134.51 लाख, मुख्यालय गोपेश्वर में वन स्टाप सेन्टर का निर्माण लागत 48.06 लाख, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में तीरमदारों हेतु भवन निर्माण लागत 31.76 लाख, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में आक्सीजन जनरेशन प्लान्ट का निर्माण लागत 45.90, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नन्दप्रयाग का निर्माण लागत 418.44 लाख, गोपेश्वर(नैग्वाड)में बैडमिन्टन हॉल का निर्माण लागत 47.87 लाख, प्रा0स्वास्थ्य केन्द्र गैरसैंण में 50 बैड के सब-जिला चिकित्सालय भवन एवं आवासीय भवन निर्माण लागत 1150 लाख, पुलिस चैकी ग्वालदम में टाईप 2 के दो आवासीय भवन निर्माण लागत 31.80 लाख, ग्राम हरनी में ग्रामीण मोटर मार्ग का निर्माण लागत 523.60 लाख, देवर खडोरा पेयजल योजना निर्माण लागत 93.71 लाख, बमोथ पेयजल योजना निर्माण लागत 119.64 लाख, सलना पेयजल योजना निर्माण लागत 52.03 लाख, ग्वाड जसपुर डुंग्री पेयजल योजना निर्माण लागत 52.61 लाख, पैणी से कुजासू मोटर मार्ग का अपग्रेडेशन लागत 186.23 लाख, सेमी पनाई से उत्तरों मोटर मार्ग स्टेज 2 और स्टेज 1 का अवशेष कार्य लागत 909.12 लाख, सैंजी लगा मैकोट-बेमरु मोटर मार्ग स्टेज 2 कार्य लागत 1714.89 लाख, देवलधार से कलचुना मोटर मार्ग स्टेज 2 कार्य लागत 314.31 लाख, जंगलचट्टी सिराणा मोटर मार्ग स्टेज 2 कार्य लागत 435.14 लाख, बूंगीधार मैहलचोरी बछुवाबाण मोटर मार्ग से देवपुरी मोटर मार्ग स्टेज 1 कार्य लागत 627.50 लाख, बूंगीधार मैहलचोरी बछुवावाण मोटर मार्ग किमी0 25 से स्यूणी तल्ली मोटर मार्ग स्टेज 2 से देवपुरी मोटर मार्ग स्टेज 1 कार्य लागत 198.67 लाख, पाण्डुवाखाल से गोगना मल्ला मोटर मोटर मार्ग स्टेज 2 लागत 311.10 लाख, लंगासू से मैखुरा मोटर मार्ग स्टेज 1 लागत 725.95 लाख, हाटकल्याणी से सवाड़ मोटर मार्ग अपग्रेडेशन लागत 680.39 लाख, थराली से घाट(डुंग्री) मोटर मार्ग अपग्रेडेशन लागत 678.96 लाख, नारायणबगड से चोपता मोटर मार्ग अपग्रेडेशन लागत 1672.73 लाख,सांसद आदर्श ग्राम लामबगड का बाढ़ सुरक्षा कार्य लागत 170.29 लाख, रा.इ.का. गैरसैंण में प्रेक्षागृह का निर्माण लागत 437.86 लाख, रा0उ0मा0वि0 गोगना में दो अतिरिक्त कक्षा-कक्ष का निर्माण लागत 21.58 लाख, रा0बा0इ0का0 गैरसैंण में चार अतिरिक्त कक्षा-कक्ष का निर्माण लागत 79.36 लाख, राजकीय महाविद्यालय गैरसैंण में चारदीवारी फेंसिंग तथा गैट निर्माण कार्य लागत 59.01 लाख, राजकीय महाविद्यालय गैरसैंण में खेल मैदान का निर्माण लागत 76.03 लाख, वी0सी स्व0 दरवान सिंह नेगी खेल मैदान सैंज खैतोली का विस्तारीकरण लागत 66.22 लाख, दुर्मीताल में पर्यटन की दृष्टि से अवस्थापना सुविधाओं का विकास लागत 20.00 लाख, द्रोणगिरी में संजीवनी गार्डन की स्थापना लागत 15 लाख, भराड़ीसैंण से परवाड़ी मोटर मार्ग निर्माणध्मरम्मत कार्य स्टेज 1 लागत 504.95 लाख रूपए शामिल हैं।

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने सदैव पहाड़ की पीड़ा को समझाः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दूधातोली में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एक महान देशभक्त के साथ दूरदृष्टा भी थे। उन्होंने पहाड़ की पीड़ा को समझा था। वे दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की बात उठाते रहे। दृढ़ निश्चय के धनी थे। वे हम सभी को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।

राज्य निर्माण आंदोलन के शुरूआती दौर से ही गैरसैण को राजधानी बनाने की संकल्पना हर आंदोलनकारी के मन में रही। गैरसैंण भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का नाम भी चंद्र सिंह गढ़वाली जी के नाम पर ही है। हमने प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। केवल घोषणा ही नहीं की बल्कि अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए से गैरसैंण परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने जा रहे हैं। गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। अल्पकालीन और दीर्घकालिक विकास योजनाएं तैयार की गई है। सचिवालय भी बनाने जा रहे हैं। बड़ी पेयजल योजना पर भी काम कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को क्षेत्र का हाईड्रोलोजिकल सर्वे करवाकर वाटर रिचार्जिंग के लिये वृहद पौधारोपण करवाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक महेन्द्र भट्ट, सुरेन्द्र सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।

गैरसैंण में सीएम ने किया 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्रों का उद्धाटन

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्माकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में राज्य की 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्र का उद्घाटन किया। उन्होंने ई-पंचायत सेवा केन्द्र के लाभार्थियों से ई-संवाद भी किया। मुख्यमंत्री के प्रयासों से सभी न्याय पंचायतों में ई सेवा का शुभारम्भ किया गया है। इस सेवा के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर तक 12 प्रकार की सेवाएं लोगों को आसानी से मिल जायेंगी। कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से उपलब्ध होने वाली सभी सेवाएं भी ई-पंचायत सेवा केन्द्र के माध्यम से भी उपलब्ध रहेंगी। आने वाले कुछ माह में ई-पंचायत सेवा केन्द्रों को ‘अपणि सरकार’ पोर्टल से भी जोड़ा जायेगा।

पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उत्तराखण्ड देश का ऐसा तीसरा राज्य है, जहां पर सभी न्याय पंचायतों में ई-पंचायत सेवा केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ई-पचांयत सेवा केन्द्र में और सेवाएं जोड़ी जायेंगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक रूप से सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्हें डिजिटल माध्यम से घर से ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हो।

इस अवसर पर विधायक महेन्द्र भट्ट, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे एवं केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली से सीएससी के अधिकारी जुड़े थे।