गैरसैंण का सर्वागीण विकास सरकार की प्राथमिकता-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को राजकीय इंटर कॉलेज भराड़ीसैंण में सुदृढ़ीकरण, आर्ट-क्राफ्ट कक्ष एवं पुस्तकालय कक्ष का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं देते हुए विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण में इस अवसर पर आने के लिए बच्चों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आपके विधानसभा परिसर में आने से वहां एक एक अलग प्रकार की ऊर्जा आ गईं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ होने पर भी बच्चों को शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी छात्र अच्छे अंको से उत्तीर्ण हों ऐसी उनकी शुभकामनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम जो छात्र देखने से रह गए अगर वह अभी भी उसे देखेंगे तो उनका बहुत अच्छा मार्ग-दर्शन होगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में ये बच्चे देश-प्रदेश का नाम रोशन करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी इतिहास बनाया वे सब सामान्य स्थिति में पले बढ़े हैं। नई शिक्षा नीति में आज बहुत सारे काम हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति लागू करने वाले उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल की निधि से विद्यालय के सामान हेतु 5 लाख रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर हम इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।

समावेशी प्रबंधन-राज्य की जनता पर कोई नया कर नहीं, फिर भी आय बढ़ने का अनुमान

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सरकार ने कोई कर नहीं लगाया। बजट में सरकार ने 76592.54 राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया है।
राजस्व खाते में 52747.71 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जबकि पूंजीगत कार्यों पर सरकार 24659.37 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पिछले वर्ष की तुलना में यह 21.16 फीसदी अधिक है। बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। वित्तीय वर्ष में 4309.55 करोड़ रुपये का राजस्व सरप्लस संभावित है। गत वर्ष से अधिक 9046.91 करोड़ में राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है।
उत्तराखंड का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में सरकार का यह बजट अहम भूमिका निभाएगा। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए उत्तराखंड के बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सश्क्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में बजट को तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नंबर वन बनाएंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के निर्यात को सरकार की पहली प्राथमिकता बताई। उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई।

उत्तराखंड के युवा नौकरी देने वाले बनेंगे-वित्त मंत्री
वित्त मंत्री प्रेमचंद ने कहा कि बजट में युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब प्रदेश का युवा नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। बजट में स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट के मुख्य अंश-
लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार।
बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान
भर्तियों में घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़े कानून।
एनसीसी कैडेट का भत्ता बढ़ाया।
पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिए एक करोड़ 90 लाख छात्रवृत्ति का प्रावधान।
2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम।
जी-20 के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
बालिका साइकिल योजना के लिए 15 करोड़ का प्रवाधान।
उत्तराखंड का युवा नौकरी करेगा नहीं बल्कि देगा।
स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान।
चिकित्सा शिक्षा पर विशेष फोकस

इन बिंदुओं पर विशेष जोर-
मानव पूंजी में निवेश पर जोर दिया गया।
समावेशी विकास के तहत अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाना और नए अवसर का उपयोग करने के लिए प्लेटफॉर्म देना।
स्वास्थ्य सुविधाओं की सुविधा।
पूंजीगत व्यय में सार्वजनिक संपत्ति का संवर्धन एव संरक्षण।
निर्बाध एवं सुरक्षित संयोजकता।
प्रोद्योगिक एवं आधुनिक विकास।
इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में संतुलन।
जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान।
स्वरोजगार, शिक्षा, कनेक्टिविटी, हेली कनेक्टिवटी, सौर ऊर्जा, युवा, खेती किसानी, पर्यटन पर जोर।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलेंगी फ्री किताबें
नवंबर माह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा।

पांच पुलिस मुख्यालयों के उच्चीकरण किए जाने पर सीएम त्रिवेंद्र ने दी सहमति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित पुलिस वार्षिक सम्मेलन में प्रतिभाग किया। बैठक के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यां एवं भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गैरसैंण में इंडियन रिजर्व बटालियन की तीसरी यूनिट खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को मजबूती प्रदान करने के लिए इसका मॉर्डनाईजेशन अति आवश्यक है। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 05 पुलिस लाईनों के उच्चीकरण किए जाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एंटी ड्रग पॉलिसी लाए जाने की आवश्यकता है। ड्रग्स में अंकुश लगाते हुए जो क्षेत्र अभी इससे अछूते हैं, उन क्षेत्रों में इसे फैलने से रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए जनजागरूकता आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र पुलिस कैडेट के लिए भी वर्दी की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने पैट्रॉलिंग बढ़ाने हेतु वाहनों की संख्या बढ़ाए जाने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा, दुर्घटना एवं अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिस विभाग को हैली सर्विस भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस को अपग्रेड करने हेतु हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की बैठकें समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिए। इससे पुलिस विभाग की चुनौतियों और समस्याओं को समझे जाने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि अभी सबसे बड़ी चुनौती कुम्भ-2021 है। इसकी सफलता के लिए हमारा सिस्टम पूरी तरह से तैयार है। पुलिस विभाग के मॉर्डनाईजेशन के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। सीमिति संसाधनों के बावजूद कोविड-19 जैसी परिस्थितियों में पुलिस विभाग एवं अन्य फ्रंटलाईन वर्कर ने अतिमहत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

सचिव गृह नितेश झा ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने पिछले 20 वर्षों में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए एक अच्छा मुकाम हासिल किया है। पुलिस विभाग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बहुत सी नियमावलियां बनायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध को रोकना चुनौतीपूर्ण कार्य है, इसके लिए पुलिस सिस्टम को मॉर्डनाईज किया जा रहा है। आधुनिक उपकरणों की सहायता ली जा रही है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में अनेक पहल की गयी हैं। समाज सुधार के क्षेत्र में ऑपरेशन मुक्ति जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप 717 भीख मांगने वाले बच्चों को विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया है एवं उनकी निगरानी भी की जा रही है। भीख मांगने वाले बच्चों के माता-पिता को जागरूक करने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। क्राईम और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम के क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड का देश में 5वाँ और पर्वतीय राज्यों में प्रथम स्थान है।

पुलिस उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि ऑपरेशन स्माईल के तहत पिछले 05 साल में 2300 बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवारजनों से मिलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश, सी.पी.यू. के गठन के लिए वर्ष 2017 में एवं ई-सुरक्षा चक्र के लिए वर्ष 2018 में पुरस्कार प्राप्त कर चुका है, इसके साथ ही विगत 03 वर्षों में प्रदेश के 03 थानों ने देश के टॉप-10 थानों में अपना स्थान बनाया है।

इस अवसर पर सचिव राधिका झा, सौजन्या एवं निदेशक सतर्कता वी.विनय कुमार सहित पुलिस विभाग के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

हमारे स्थानीय उत्पादों को ज्यादा डिजीटल प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराना होगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण में स्थापित होने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। कहा कि यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभायेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्वरोजगार सृजन के क्षेत्र में अह्म योगदान देगा। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्रों को भी विशेष तौर पर शामिल किया जाए। प्रदेश के युवा परिश्रमी एवं ईमानदार है, इनके हुनर को कौशल विकास से और अधिक निखारा जा सकता है। हमें क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी।

कृषि में मंडूआ, झंगोरा, मसूर, चैलाई के साथ ही अन्य क्षेत्रीय उत्पादों को ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के माध्यम से राजस्व सृजन का बेहतर श्रोत बनाना होगा। हमारे स्थानीय उत्पादों को और अधिक डिजीटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराना होगा। कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड-बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग आदि की आधुनिक तकनीकि दक्षता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त होने से लोगो को इन व्यवसायों से जुड़ने में मदद मिलेगी तथा अधिक से अधिक लोग इन क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिये आगे आयेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं लोगों की आर्थिकी में सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में स्थापित किये जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव झरना कमठान आदि उपस्थित थे।

गैरसैंण के विकास की प्लानिंग को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई कमेटी गठितः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि गैरसैंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। अतः ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप गैरसैंण में हमें समानान्तर व्यवस्थायें करनी होती है, इस दृष्टि से आगामी 10 वर्षों में गैरसैंण में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास की प्लानिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। राज्य सरकार द्वारा किये जाने वाले निवेश के अतिरिक्त इसमें प्राईवेट इन्वेस्टर भी आयेंगे। गैरसैंण क्षेत्र की तमाम अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, सीवरेज आदि की तमाम व्यवस्थायें की जानी होगी। गैरसैंण में अच्छे विद्यालय, खेल मैदान मनोरंजन के तमाम संसाधनों के विकास आदि के लिये 25 हजार करोड़ रूपए की घोषणा उनके द्वारा की गई है। इस दिशा में पहला कार्य इस क्षेत्र में पर्याप्त भूमि की व्यवस्था तथा बेहतर कनेक्टिविटी पर ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवालीखाल से भराड़ीसैंण तक डबललेन सड़क निर्माण के लिए 09 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गई है। चार हेलीकाप्टरों के उतरने लायक हेलीपैड के निर्माण हेतु भी धनराशि उपलब्ध करायी गई है। गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी को समानान्तर व्यवस्थाओं के लिये बड़े इन्वेस्टमेंट की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बतायी।

आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से घर से बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करने तथा पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हमारा पर्यावरण स्वस्थ रहेगा तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। त्यौहारों के अवसर पर अधिक भीड़-भाड़ से भी बचने की उन्होंने सभी से अपील की है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार चुनाव में निर्णायक मतदान के लिये बिहार की जनता को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मार्गदर्शन एवं मोटिवेशन हमें ताकत देता है। देश की जनता का उनपर पूरा विश्वास है।

ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित गैरसैण में स्थापित होगी ई-विधानसभा

भराड़ीसैण (गैरसैण) को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भराड़ीसैण को आदर्श पर्वतीय राजधानी का रूप दिया जाएगा। आने वाले समय में भराड़ीसैण सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाएगी। भराड़ीसैण (गैरसैण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए चार मार्च 2020 को की गई घोषणा सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान है। अब अधिसूचना लागू करने से भराड़ीसैण, गैरसैण आधिकारिक रूप से ग्रीष्मकालीन राजधानी हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के विजन डाक्यूमेंट में गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कही गई थी। क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें प्लानर और विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है। भराड़ीसैण (गैरसैण) में राजधानी के अनुरूप वहां आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। बड़े स्तर पर फाइलें न ले जानी पड़ी, इसके लिए ई-विधानसभा पर कार्य किया जा रहा है। इससे पेपरलैस कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए रामगंगा पर चौरड़ा झील का निर्माण किया जा रहा है। इसके बनने के बाद भराड़ीसैण, गैरसैण और आसपास के क्षेत्र में ग्रेविटी पर जल उपलब्ध हो सकेगा।

गैरसैण की कनेक्टिविटी पर भी काम किया जा रहा है। भराड़ीसैण, गैरसैण को जोड़ने वाली सड़कों को आवश्यकतानुसार चौड़ा किया जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इसके पूरा होने पर रेल गैरसैण के काफी निकट तक पहुंच जाएगी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश, गैरसैंण ई-विधानसभा बनने की ओर

ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। पर्यावरण का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति एवं जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमें जनभागीदारी से प्रयास करने होंगे। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और मानव के बीच कैसे संतुलन बना रहे, इस दिशा में अनुसंधान की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य की पर्यावरण रिपोर्ट की बुक का विमोचन भी किया।

गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने ई-कैबिनेट की शुरूआत की है। हमने अपने ऑफिसों को ई-ऑफिस बनाने का निर्णय लिया। अभी 17 कार्यालय, ई-ऑफिस हो गये हैं। प्रयास है कि राज्य के ब्लॉक स्तर तक जितने भी कार्यालय हैं, इनको ई-ऑफिस बनाया जाय।

हरेला पर्व पर फिजीकल डिस्टेंस रखते हुए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व पर फिजीकल डिस्टेंस का पालन करते हुए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर वृक्षारोपण के लिए जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने जनपदों में नदियों, नौलों, एवं जल के स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में कार्य करें। राज्य सरकार ने मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा एवं कोसी के पुनर्जीवन का लक्ष्य रखा है। रिस्पना नदी के लिए आईआईटी रूड़की ने प्रोजक्ट रिपोर्ट तैयार की है। इस अभियान के तहत मिशन मोड में कार्य किया जायेगा।

भारत में जैव विविधता को बनाये रखने में उत्तराखण्ड का अहम योगदान
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि भारत में जैव विविधता को बनाये रखने में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तराखण्ड में देश की 28 प्रतिशत जैव विविधता पायी जाती है। यहां की जैव विविधता का प्रभाव भारत ही नहीं अपितू सम्पूर्ण विश्व पर पड़ता है। प्रकृति हमें सब कुछ देती है। मानव को प्रकृति के साथ पूरा संतुलन बनाकर आगे बढ़ना होगा। पर्यावरण संतुलन के लिए लोगों में सजगता होना बहुत जरूरी है। हम छोटे-छोटे प्रयासों से भी इस दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं। हम भावी पीढ़ी को कैसा पर्यावरण देना चाहते हैं, यह हम पर निर्भर है।

बैठक में जानकारी दी गई कि झाझरा, देहरादून में ‘आनंद वन’ के नाम से सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रत्येक जनपद के लिए जनपद स्तरीय प्रदूषण नियंत्रण मैनेजमेंट प्लान बनाया जा रहा है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम जैव विविधता है। बैठक में मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, प्रमुख सचिव वन आनन्द वर्द्धन, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस.नेगी, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, निदेशक उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस.पी. सुबुद्धि आदि उपस्थित थे।