दो दिवसीय साहित्य सम्मेलन का परमार्थ में आयोजन

परमार्थ निकेतन के गंगा तट पर आयोजित रचना संसार अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में वक्ताओं ने मानव जीवन में साहित्य की उपयोगिता के बारे में बताया। कार्यक्रम में हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की सृजन, मनन एवं मूल्यांकन साहित्य का विमोचन हुआ।
रविवार को सम्मेलन का शुभारंभ हरिद्वार सांसद डा. निशंक ने किया। मौके पर लिखित सृजन, मनन एवं मूल्यांकन का विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि साहित्य की सार्थकता इसी में है कि उसमें मानवीय संवेदना के साथ सामाजिक अवयवों का भी उल्लेख किया गया हो। साहित्य संस्कृति का संरक्षक और भविष्य का पथ प्रदर्शक है। हिमालय और गंगा की गोद से सृजित साहित्य में मानव को श्रेष्ठ बनाने के साथ ही मानवीय एवं राष्ट्रीय हित समाहित है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि समाज के नवनिर्माण में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। साहित्य समाज की उन्नति और विकास की आधारशिला की नींव रखता है। साहित्य के माध्यम से समाज की विविधता और लोक संस्कृतियों का संरक्षण होता है। इस दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर डा. रमेश पोखरियाल को सम्मानित किया।

खाताधरकों के हितों का ध्यान रखें बैंक-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास से एचडीएफसी बैंक की आठ शाखाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया। उत्तराखण्ड में एचडीएफसी बैंक की जो नई आठ शाखाएं खोली गई हैं, उनमें जीएमएस रोड, देहरादून, राजेन्द्र नगर, देहरादून, मोथोरोवाला देहरादून, काशीपुर, ऊधमसिंह नगर, रामनगर, रूड़की, मंगलौर, लालकुआं, नैनीताल और ट्रांसपोर्ट नगर, नैनीताल शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एचडीएफसी बैंक की शाखाओं के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टिकरण के तहत दूर सुदूर गांवों में लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना। उत्तराखंड में एचडीएफसी बैंक की वर्तमान में 80 से अधिक शाखाएं संचालित हैं, जिसके माध्यम से प्रदेश के निवासियों को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बैंको को प्रयास करना चाहिए कि लोगों को बैंकिंग के क्षेत्र में सुविधाएं सुगमता से मिले। उन्होंने कहा कि जिस तरह रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण मास्टर कार्ड बंद होने से असुविधाओं का सामना करना पड़ा, वहीं भारत का रूपे कार्ड काम आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि परमार्थ आश्रम, ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में एचडीएफसी बैंक की ओर से 1.5 लाख पौधे उत्तराखंड में लगाने का निर्णय सराहनीय कार्य है।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री गणेश जोशी, परमार्थ आश्रम, ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, अरविन्द वोहरा, कन्ट्री हेड, रिटेल ब्रांच बैंकिंग, एचडीएफसी बैंक, अखिलेश कुमार रॉय, ब्रांच बैंकिंग हेड, एचडीएफसी बैंक आदि मौजूद रहे।

अमिताभ बच्चन ने माँ गंगा के पावन तट पर व्यतीत किये विश्रांति के क्षण

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती जी से मुलाकात की। उन्होंने स्वामी जी का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। इस मौके पर उन्होंने विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में भी सहभाग किया। अमिताभ बच्चन को स्वामी चिदानंद सरस्वती ने रूद्राक्ष का पौधा, रूद्राक्ष की माला और सद्साहित्य भी भेंट किया।

परमार्थ निकेतन में अमिताभ बच्चन ने बड़ी ही विनम्रता और सहजता से परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया। बता दें कि बीते 26 व 27 मार्च को परमार्थ निकेतन परिसर में मेगास्टार अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री रश्मिका मंदाना, सह अभिनेता सुनील ग्रोवर और अन्य कलाकारों ने निर्देशक विकास बहल द्वारा निर्देशित फिल्म गुडबाय के कुछ दृश्यों को परमार्थ निकेतन की यज्ञशाला, आश्रम परिसर और बगीचों में फिल्माया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारतीय फिल्म जगत बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता और प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन के सुपुत्र मेगास्टार अमिताभ बच्चन का परमार्थ निकेतन में अभिनन्दन करते हुये कहा कि अमिताभ बच्चन ने अपनी फिल्मों के माध्यम से अनेक कीर्तिमान स्थापित किये। बच्चन परिवार ने भारत और भारतीय संस्कृति को गौरवान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। हरिवंश राय बच्चन जीवन और यौवन, सत्य और सौन्दर्य तथा प्रेम के अप्रतिम कवि थे जिन्होंने भारतीय काव्य और साहित्य में उत्कृष्ट योगदान दिया।

स्वामी जी ने कहा कि हमारा उत्तराखंड फिल्मों के लिये बेस्ट डेस्टिनेशन है। यहां पर बेस्ट स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन, बेस्ट वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन, बेस्ट एडवेंचर डेस्टिनेशन और हिमालय की पवित्र वादियाँ व माँ गंगा जी का पावन तट अपने आप में एक बेस्ट डेस्टिनेशन है जो की अब दुनिया के सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन में से एक बनता जा रहा है। अब तक उत्तराखंड में अनेक फिल्मों की शूटिंग की जा चुकी है और आगे भी हमें अपने प्यारे प्रदेश को दुनिया का बेस्ट डेस्टिनेशन बनाये रखने के लिये हमें पहाड़ों की संस्कृति, संस्कारों के जीवंत बनाये रखने के साथ इस प्रदेश को हरित और स्वच्छ बनाये रखना होगा।

एनएसएस स्वयंसेवियों ने गंगा स्वच्छता का महत्व जाना

राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश के एनएसएस शिविर के छठे दिन की शुरुआत योग से हुई। सुबह स्वयंसेवियों ने योग की विभिन्न क्रियाओं का अभ्यास किया। उसके बाद स्वयं सेवी परमार्थ निकेतन पहुंचे। जहां परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने सभी स्वयंसेवियों को गंगा स्वच्छता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छता रखना हम सभी का कर्तव्य है। इस दौरान स्वयंसेवियों ने गंगा स्वच्छता का संकल्प लिया।

साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। इस दौरान सात हजार लोगों को स्वामी चिदानंद सरस्वती ने गंगा स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

मौके पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मेंदोला, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रीति खंडूरी, डॉ. पारूल मिश्रा, अमित रतूड़ी, निजाम आलम, नितेश चमोली, कोमल शर्मा, सृष्टि आर्य, प्रियांशी, अनामिका, अमन, यश गर्ग, प्रीति, भोले शंकर, सपना, आकांक्षा कुमारी, स्वाति बधानी, आस्था, शिक्षा राणाकोटी, अंजलि बिष्ट, संध्या, ज्योति मौर्य, सपना आदि उपस्थित रहे।

नारी शक्ति समस्या नहीं समाधानः स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज


अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर परमार्थ निकेतन की ओर से महिला सशक्तिकरण हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजित हुआ। ऋषिकेश के खारास्रोत और चन्द्रेश्वर नगर की महिलाओं और बालिकाओं के साथ ’’शिक्षा, स्वास्थ्य, गरिमा, सुरक्षा और सशक्तिकरण’’ विषयों पर विशेष चर्चा और जिज्ञासा समाधान सत्र का आयोजन किया।

डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी देहरादून में ’’मोटिवेशनल स्पीकर विशेष अतिथि’’ के रूप में आमंत्रित कर साध्वी जी को सम्मानित किया। तत्पश्चात मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, कोलकत्ता की अध्यक्ष स्निग्धा शाह ने बहुत ही सौहार्दपूर्वक डा साध्वी भगवती सरस्वती को ’’समकालीन दुनिया में आध्यात्मिकता के महत्व’’ विषय पर उद्बोधन देने हेतु आमंत्रित किया। साध्वी जी ने आनॅलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से सभी को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें देते हुये सम्बोधित किया। ’

स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने आनॅलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारत की मातृशक्तियों को शुभकामनायें दीं। ’’मातृशक्ति के बिना संसार की कल्पना नहीं की जा सकती। ‘‘मातृशक्ति के बिना तो संसार ही नहीं है। आप है तो संसार हैय बेटियाँ हैं तो सृष्टी है बाकी सब बाद में है। अपनी शक्ति का मातृशक्ति को अनुभव करना है और शक्ति को अपने भीतर जगाना है।

साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रहे सभी प्रकार के भेदभावों को हर जगह से समाप्त करना ही सही मायने में महिला सशक्तिकरण है। हम सभी को यह विचार करना जरूरी है कि जो नारी प्रति दिन अपने घरों, समुदायों और दुनिया में व्यापक स्तर पर प्रेम, सद्भाव, स्वास्थ्य और सुरक्षा लाने के लिए लगन से काम करती हैं उन सभी माताओं, बहनों, मित्रों शिक्षकों, कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, लेखकों आदि अनेक क्षेत्रों में कार्यरत सभी नारी शक्तियों की सेवा को नमन जो अपने से अधिक देखभाल दूसरों की करती है। आज का दिन उन सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। साध्वी जी ने नारियों को संदेश देते हुये कहा कि आप स्वयं से प्रेम करें और फिर प्रेममय समाज की नींव रखें।

32 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्वस के दूसरे दिन की शुरूआत आनॅलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से आध्यात्मिक व्याख्यान श्रृंखला में लॉस एंजिल्स में अगापे इंटरनेशनल स्पिरिचुअल सेंटर के संस्थापक डॉ माइकल बेकविथ ने ’जीवन का उद्देश्य, चेतना और आध्यात्मिक विकास’ विषय पर उद्बोधन दिया। तत्पश्चात योग और संगीत की कक्षाओं की शुरूआत हुई।

उच्च न्यायालय नैनीतालः कुनाऊ गांव में निर्माण कार्य को लेकर स्वामी चिदानंद को नोटिस दे राज्य सरकार

एक जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्वामी चिदानंद मुनि को नोटिस देने का आदेश दिया हैं। मामला हरिद्वार से 14 किलोमीटर आगे राजाजी नेशनल पार्क के भीतर कुनाऊ गांव में हो रहे भारी निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार के नोटिस का जवाब स्वामी चिदानंद दो सप्ताह के भीतर देंगे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई हुई। मामले में हरिद्वार निवासी अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि चिदानंद मुनि ने राजाजी पार्क के भीतर फॉरेस्ट की भूमि पर भारी निर्माण कार्य फॉरेस्ट चौकी के नाक के नीचे किया।

इसकी शिकायत के बाद भी वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता की ओर से निर्माण कार्य पर रोक लगाने के साथ ही इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे चिदानंद मुनि को तीन दिन के भीतर हाईकोर्ट के आदेश के साथ नोटिस दें, जिस पर चिदानंद दो सप्ताह में जवाब कोर्ट में पेश करें।

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।