राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण

देहरादून।
राज्य सरकार, पेंशनों का दायरा अधिक से अधिक बढ़ाना चाहती है। राज्य सरकार द्वारा सामाजिक पेंशनों के प्रचार के कारण ही मात्र देहरादून में ही पेंशन लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 75 हजार तक पहुंच गई है जबकि सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में यह संख्या 7 लाख 13 हजार से अधिक हो गई है। महिला सशक्तिकरण ही राज्य विकास का मूलमंत्र है। राज्य सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार के प्रति अत्यन्त गम्भीर है। अब गर्भवती महिलाओं तथा कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ियों के माध्यम से सप्ताह में दो दिन दूध भी दिया जायेगा। गर्भवती महिलाओं में एनिमिया जांच तथा उनके स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधाएं दी जा रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य उत्तराखण्ड को तीन वर्ष के भीतर एनीमिया तथा ल्यूकोरिया रोग मुक्त बनाना है। हमे ‘‘वार अगेंस्ट एनिमिया एण्ड ल्यूकोरिया’’ चलाना है।
राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि 12 वर्ष से अधिक के बालिकाओं को निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन प्रदान किये जायेगे ताकि उन्हे स्वच्छतापूर्ण वातावरण दिया जा सके। राज्य सरकार चाहती है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति ऐसा न रहे जिसे किसी मजबूरी के कारण खुले में शौच को अपनाना पडे़। हमें जनकल्याणकारी विषयों पर राजनीति से ऊपर सोचने की आवश्यकता है। जनता की बुनियादी आवश्यकताओं पर हमें मतभेद भुलाकर सामूहिक प्रयास करना चाहिए। हमने लक्ष्य निर्धारित किया है कि राज्य में शिशु मृत्यु दर तथा मातृ मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से भी आधा करना है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को पी0आर0डी0 मैदान, रायपुर देहरादून में बहुउदेशीय शिविर का उद्घाटन तथा शिलान्यास की गई योजनाओं में विधानसभा क्षेत्र रायपुर के अन्र्तगत वन विभाग चैकी से बांगखाला होते हुए तुनवाला होते हुए मार्ग का निमार्ण कार्य जिसकी लागत 71.99 लाख एवं आपदा से क्षतिग्रस्त मार्गाे से मरम्मत का कार्य रूपये 290.20 लाख शामिल है। विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास/लोकापर्ण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के बहुउदेशीय शिविर अधिक से अधिक लगाये जाने चाहिए ताकि आम जन को उनके दैनिक जीवन की आवश्यक सुविधाएं एक ही स्थान पर प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में प्रतिभाओं की कमी नही है। जब प्रतिभा सम्मान की बात आती है तो हमारे पास प्रतिभाओं की एक लम्बी सूची है, यह गर्व की बात है। राज्य सरकार द्वारा दूध पर 45 रूपये बोनस दिया जा रहा है जिस कारण अनेक दुग्ध विकास संघ लाभ की स्थिति में आ गये है। हम दूरस्थ क्षेत्रों के विकास के लिए कलस्टर आधारित विकास पर बल दे रहे है। गरीब महिलाओं को गंगा गाय योजना के अन्र्तगत लाभान्वित किया जा रहा है। महिलाओं को चीज बनाने का प्रशिक्षण तथा सहकारी संघों द्वारा ऋण आदि की सुविधा प्रदान की जायेगी। इंदिरा अम्मा भोजनालयों की सफलता महिला स्वंय सहायता समूहों की प्रयासों को दर्शाता है। हर शहर में एक विक्रय केन्द्र खोला जायेगा जिसमें महिलाएं अपने बनाये उत्पाद बेच सकती है।
राज्य सरकार द्वारा राज्य में 1000 सड़कों पर कार्य आरम्भ किया गया है ताकि ग्रामीण उत्पाद बाजार तक पहुंच सके। रायपुर क्षेत्र के बारे में बात करते हुए रावत ने कहा कि इस क्षेत्र में हेल्थ केयर सुविधाओं, मेडिकल टूरिज्म तथा पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जायेगा। यह एक वेल्यूबल क्षेत्र के रूप में विकसित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सबसे अधिक तथा सबसे अधिक प्रकार की पेंशन देने वाला राज्य बन गया है। हमने पेंशन की राशि को 400 रूपए से बढ़ाकर 1000 रूपए किया है। अब हमने 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के लिए 500 रूपए आनुपातिक रूप से बढ़ाने का निर्णय लिया है। विधवा, वृद्धावस्था एवं विकलांग पेन्शन, अक्षम व परित्यकत्ता नारी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, बौने व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा दी जा रही है। हमने समाज के प्रत्येक वर्ग, और राज्य के प्रत्येक क्षेत्र को लाभांवित किया है। किसान, पुरोहित, कलाकार, पत्रकार, शिल्पकार, निर्माणकर्मी आदि के साथ बाजीगरों एवं जगरियों को पेंशन के दायरे में लाया गया है। ‘‘खिलती कलियां’’ योजना, बच्चों के कुपोषण उन्मूलन में सामूहिक उत्तरदायित्व का प्रसार है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक उम्र के हर पड़ाव पर हम अपनी माताओ व बहनों के साथ है। ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’, कन्याधन योजना, गौरा देवी कन्याधन योजना, शादी ब्याह आदि के लिए कई योजनाओं सहित गर्भवती महिलाओं के लिए पोष्टाहार योजना, 60 वर्ष से अधिक की माताओं के लिए टेकहोम राशन तथा मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना, बुजुर्ग माताआंे के लिए रोड़वेज में निशुल्क यात्रा, आदि योजनाएं माताओं व बहनों के लिए शुरू की गई हैं। हम महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का नया युग प्रारम्भ कर रहे हैं। ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना’’ प्रारम्भ की गई है। इस वर्ष 12 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने जा रहे हैं। प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह को, सीड केपिटल के तौर पर पांच हजार रूपये व सामुदायिक निवेश निधि के तहत 20 हजार रूपये की राशि, सहायता स्वरूप उपलब्ध करवाई जा रही है। सामूहिक खेती के लिए 1 लाख रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। इस अवसर पर विधायक एवं संसदीय सचिव राजकुमार, पृथ्वीराज चैहान, सुशील राठी, लाल चंद शर्मा आदि उपस्थित थे।