बीआरओ द्वारा पुलों के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम तीरथ

मुख्यमंत्री तीरथ सिह रावत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लेह से देश मे बीआरओ द्वारा दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में बनाये गये पुलों (ब्रिजों) का लोकार्पण कार्यक्रम में वचुर्वल प्रतिभाग किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह से बीआरओ द्वारा देश मे बनाये गये 63 पुलों एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सडकों का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किये। जिसमें उत्तराखण्ड में 1928.74 लाख की लागत से कुल 06 पुलों का लोकार्पण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सम्बोधित करते हुये कहा कि देश के दुर्गम क्षेत्रों में पुल, सडक निर्माण कर कनेक्टीविटी देना सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने बीआरओ को दुर्गम क्षेत्रों मे पुल, सडक निर्माण करने पर बधाई दी व कार्यो की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि पुल व सडकें देश के विकास की गति बढाते हैं तथा सडकें विकास, पर्यटन के साथ ही देश रक्षा की दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि हम समृद्व-सशक्त देश निर्माण मे तेजी से आगे बढ रहे है।

लोकार्पण कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रामनगर से वचुर्वल प्रतिभाग किया। उन्होने कहा कि प्रदेश मे 06 पुलों का लोकार्पण किया गया है। उत्तराखण्ड में जोशीमठ -मलार रोड पर रानी पुल लागत 348.12 लाख, ऋषिकेश- धरासू सडक पर खादी पुल लागत 513.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी रोड पर कुरकुटिया ब्रिज लागत 142.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी सडक पर जुनालीगढ ब्रिज लागत 649.62 लाख, तवाघाट-घाटियाबागढ सडक पर जुंटीगढ ब्रिज लागत 156.00 लाख तथा मुनस्यारी- बगडियार-मिलन सडक पर लास्पा पुल लागत 120.00 लाख के पुलों का लोकापर्ण किया।

उन्होने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों मे पुल सडक निर्माण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। बीआरओ ने दुर्गम क्षेत्रों मे दिन-रात ठंड व बर्फबारी मे भी लगातार काम कर पुलों का निर्माण किया यह बहुत ही सराहनीय व साहसिक कार्य है। उन्होने कहा इन पुलों के निर्माण से क्षेत्रीय जनता के साथ ही सैन्य गतिविधियों के लिये बहुत सुविधा मिलेगी।

वर्चुवल लोकार्पण मे सांसद अजय टम्टा ने भी प्रतिभाग किया।

वर्चुअल तरीके से सीएम ने आक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल माध्यम से राज्य के 05 अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण एवं एक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने जिन पांच ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया। उनमें जिला चिकित्सालय बागेश्वर में 250 एल.पी.एम., जिला चिकित्सालय चम्पावत में 100 एल.पी.एम., जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में 200 एल.पी.एम., हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट एवं कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में 1000-1000 एल.पी.एम.के प्लांट शामिल हैं। इन पांच संयत्रों द्वारा प्रतिदिन 4.76 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। पिथौरागढ़ में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन की मदद से 600 एल.पी.एम. का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया जा रहा है, जिसका मुख्यमंत्री ने वर्चुअल शुभारम्भ किया। उन्होंने अजीम प्रेमजी का आभार भी व्यक्त किया।

बागेश्वर में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए समाजसेवी गोपाल गोस्वामी ने सी.एस.आर के तहत प्रदान किया है। चम्पावत, पिथौरागढ़ एवं देहरादून में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भारत सरकार द्वारा पीएम केयर फण्ड के तहत राज्य को मिले हैं।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पिछले तीन माह में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए तेजी से कार्य हुआ है। कोविड की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड की संख्या में काफी वृद्धि की गई है। सीएचसी स्तर तक भी कोविड केयर सेंटर बनाये जा रहे हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग से ऋषिकेश एवं हल्द्वानी में 500-500 बेड के आधुनिक कोविड केयर सेंटर बनाये गये हैं। इनमें सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन कोविड केयर सेंटरों में बच्चों के वार्ड के सामने उनके माता और पिता के लिए भी रहने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएचसी स्तर तक ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। अभी राज्य में 17 ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील हैं, जबकि 17 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्य चल रहा है। इसके अलावा 11 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। राज्य के अस्पतालों में 5675 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर तथा 14349 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। 2494 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर तथा 6231 ऑक्सीजन सिलेंडर जल्द राज्य को मिलने वाले हैं।

शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से सुधार लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना से कोविड की संभावित तीसरी लहर में लोगों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण एवं सवंर्द्धन के लिए हम सबको अपना योगदान देना होगा। उन्होंने अपील की कि हरेला पर्व पर अधिक से अधिक लोग वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।

इस अवसर पर बागेश्वर विधायक चन्दन राम दास, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, सबंधित जनपदों के जिलाधिकारी, सीएमओ एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

कोविड की तीसरी लहर के लिए व्यवस्थाएं पूर्ण रखी जाएंः तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोविड -19 के नियंत्रण एवं कोविड वैक्सीनेशन की प्रगति के संबंध में जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर निर्देश दिए कि टेस्टिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन, कोविड अप्रोप्रियेट बिहेवियर और इंफोर्समेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोविड की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं पूर्ण रखी जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में तैयारियां अच्छी हैं, लेकिन इन व्यवस्थाओं को कैसे और आगे बढ़ाया जा सकता है, इस पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि लेने और अटल आयुष्मान कार्ड का लाभ न दिए जाने की शिकायतें आ रही हैं। ऐसा करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाय। समय समय पर अस्पतालों का निरीक्षण भी किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग और वैक्सीनेशन को और बढ़ाया जाए। इसके लिए नियमित शिविर लगाए जाएं। मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए पर्वतीय क्षेत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर, आवश्यक दवाओं एवं सभी प्रकार की आवश्यक सामग्री की पूर्ण व्यवस्था रखी जाय।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। ऑक्सीजन, आईसीयू बेड, वेंटिलटर की पर्याप्त व्यवस्था है। जिलों के अलावा सीएचसी स्तर तक भी ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड से लड़ाई के लिए किसी भी प्रकार की चुनौती के लिए तैयार रहें। डीआरडीओ के सहयोग से ऋषिकेश एवं हल्द्वानी में स्थापित कोविड केयर सेंटर से भी राज्य को काफी मदद मिलेगी।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी तहर के दृष्टिगत अगले दो माह विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 40 हजार टेस्टिंग का लक्ष्य जरूर पूरा किया जाय। कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए लिए जागरूकता अभियान निरंतर चलता रहे। प्रचार के लिए नये माध्यमों पर ध्यान दिया जाय। इसके लिए रंगमंच कर्मियों का सहयोग लिया जाय, इससे जागरूकता भी अच्छी होगी। मुख्य सचिव ने कहा कि इन्फोर्समेंट पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसके लिए डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाय।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज पाण्डेय, डीजी स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति बहुगुणा, वर्चुअल माध्यम से सभी कमिश्नर, जिलाधिकारी, एसएसपी, सीएमओ आदि उपस्थित थे।

सीएम ने दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को 90 लाख रूपए की आर्थिक सहायता को दी स्वीकृती

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पत्रकार हित मे बड़ा निर्णय लेते हुए 18 दिवंगत पत्रकारगणों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। इनमे से कुछ पत्रकारों की मृत्यु कोविड संक्रमण से हुई है। मुख्यमंत्री रावत ने यह निर्णय पत्रकार कल्याण कोष के अन्तर्गत आपदाग्रस्त पत्रकारों एवं उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता दिये जाने हेतु गठित समिति की संस्तुति पर लिया है। मुख्यमंत्री इस समिति के अध्यक्ष हैं। पत्रकार कल्याण कोष के गठन के उपरांत यह एक मुश्त सबसे बड़ी सहायता राशि 90 लाख रुपए है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार पत्रकार हितों के प्रति सदैव सजग रही है। राज्य सरकार कोविड काल मे दिवंगत हुए पत्रकारगणों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष से 18 दिवंगत पत्रकारगणों के आश्रितों को पांच- पांच लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। महानिदेशक सूचना को निर्देश दिए गए है कि जिन मामलों में आवेदन प्राप्त नहीं है या अभिलेख पूर्ण नही है, उनको भी आर्थिक सहायता दिए जाने हेतु सभी औपचारिकताएँ शीघ्र पूरी कर ली जाय।

महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चैहान ने बताया कि पत्रकार कल्याण कोष हेतु गठित समिति की बैठक विगत 01 जून 2021 को आहूत की गई थी, जिस पर आज मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। महानिदेशक ने बताया कि समिति के समक्ष राज्यभर से 18 प्रस्ताव आये थे, जिन्हें आर्थिक सहायता दिये जाने की संस्तुति समिति द्वारा की गई है। समिति के सम्मुख 08 प्रस्ताव ऐसे भी आये थे, जिनके अभिलेख पूर्ण नही पाये गये। इसके लिए सभी जिला सूचना अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि अपूर्ण आवेदन पत्रों को पूर्ण करते हुए 15 दिनों में मुख्यालय को प्रेषित करे, ताकि अगली बैठक में आर्थिक सहायता दिये जाने पर विचार किया जा सके।

महानिदेशक सूचना ने बताया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर पत्रकारों के हित में कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इस बैठक में गैर सरकारी सदस्यगण भी उपस्थित थे, जिनकी सहमति से आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।

बैठक में गैर सरकारी सदस्य के रूप में पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधि बीना उपाध्याय, योगेश भट्ट, त्रिलोक चन्द्र भट्ट उपस्थित थे, जबकि रमेश पहाड़ी द्वारा वर्चुअल-दूरभाष के माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया गया। इस अवसर पर अपर निदेशक डॉ. अनिल चन्दोला, उप निदेशक नितिन उपाध्याय आदि उपस्थित थे।

हल्द्वानी कोविड केयर सेंटर में 375 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था, सीएम ने किया वर्चुअल उद्धाटन


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हल्द्वानी में डी.आर.डी.ओ द्वारा स्थापित 500 बेड के अस्स्थाई कोविड केयर सेंटर (जनरल विपिन चन्द्र जोशी) का वर्चुअल उद्घाटन किया।

10 हजार वर्गफीट में बनाये गये इस आधुनिक सुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर में 375 ऑक्सीजन बेड, 125 आईसीयू एवं वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। बच्चों के लिए अलग वार्ड के साथ ही उनके अभिभावकों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। इसमें ब्लैक फंगस (म्यूकरमायोसिस) के मरीजों के लिए भी अलग वार्ड बनाया गया है। डीआरडीओ द्वारा यह कोविड केयर सेंटर मात्र तीन सप्ताह में तैयार किया गया है। अब इसका क्लीनिकल मैनेजमेंट डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल द्वारा किया जायेगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य के समन्वित प्रयासों से यह कोविड केयर सेंटर जल्द बनकर तैयार हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस कोविड केयर सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में इस कोविड केयर सेंटर के बनने से कुमायूं मण्डल के लोगों को ईलाज कराने में काफी सुविधा होगी। देवभूमि उत्तराखण्ड की परम्परा हमेशा सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की रही है। जो भी मरीज यहां ईलाज के लिए आयेंगे, उन्हें उचित ईलाज दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर एवं अन्य आवश्यक दवाओं की पूर्ण उपलब्धता है। कोविड की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी पुख्ता व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हल्द्वानी में यह एक महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि कुमायूं क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी सौगात है। कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत भी यह कोविड केयर सेंटर बहुत मददगार साबित होगा।

सांसद अजय भट्ट ने कहा कि सीएम तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं। राज्य के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में भी ऑक्सीजन, कन्संट्रेटर आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कोविड केयर सेंटर की बहुत कम समय में स्थापना करने पर डी.आर.डी.ओ के अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया।

नेता प्रतिपक्षध्विधायक डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हल्द्वानी में इस कोविड केयर सेंटर के बनने से मरीजों को ईलाज करने में काफी सुविधा होगी। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। हल्द्वानी में कुमांयू एवं उत्तर प्रदेश से अनेक मरीज ईलाज के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है। उन्होंने कहा कि कोविड लड़ने के लिए सबको मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मेयर हल्द्वानी डॉ. जोगेन्द्रपाल सिंह रौतेला, नैनीताल के भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी जे. सुंद्रियाल, कुमायूं कमश्निर अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी नैनीताल धीराज गर्ब्याल, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, डॉ सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ. सी.पी. भैंसोड़ा एवं सीएमएस सुशीला तिवारी मेडिकल अस्पताल डॉ. अरूण जोशी आदि उपस्थित थे।

सेवाही संगठन पार्ट-2ः मुख्यमंत्री ने पौड़ी व अल्मोड़ा के कार्यकर्ताओं से किया वर्चुअली संवाद

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोविड की स्थितियों के बारे में वर्चुअली जानकारियां ली। इस मौके पर उन्होंने सेवाहि संगठन पार्ट 2 कार्यक्रम के अंतर्गत महामारी में मदद कर रहे पौड़ी व अल्मोड़ा के कार्यकर्ताओं व क्षेत्रवासियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में चहुंमुखी विकास हुआ है और कोरोना के हालात भी नियंत्रित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी है। इसके खिलाफ सभी संगठित हो कर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में पिछले दिनों के अपेक्षा अब स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। प्रदेश में चल रहे कोविड कर्फ्यू के साथ ही गाइड लाइन का भी लोगों ने पालन किया। इसी का नतीजा है कि आज हम बेहतर स्थिति में आए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेढ गुना से अधिक टेस्टिंग हो रही है ताकि बीमारी का समय रहते पता चल सके। इसके लिए शहरों से लेकर गांवों तक किसी को भी कोई परेशानी ना हो सरकार ने इसके लिए पूरी व्यवस्थाएं की हैं। गांवों में चिकित्सकीय टीमें काम कर रही हैं। वहां दवा से लेकर राशन तक की व्यवस्था की गई है। प्रयास रहेगा के प्रदेश में जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक आक्सीजन प्लांट लगाए जाएं, ताकि कहीं भी आक्सीजन संबंधी दिक्कत ना हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में अधिकांश का टीकाकरण किया जा चुका है। बच्चों की सुरक्षा के लिए भी प्रदेश में समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं। किसी भी स्थिति में परेशानी वाली कोई बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोविड की विकट स्थितियों का हम सबने डटकर मुकाबला किया है। कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही आमजनमानस ने भी एक दूसरे सहयोग व मदद में जिस मनोयोग से काम किया है, उसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं।

जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में भवन नहीं, पेयजल और विद्युत नहीं, वहां त्वरित सभी कार्य पूरें होंः सीएम

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को समय पर मिले। जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के अभी भवन नहीं बने हैं, उनके निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल एवं विद्युत की सुचारू आपूर्ति हो। जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की समस्या है, उनमें जल जीवन मिशन के तहत पेयजल की व्यवस्था की जायेगी। महिलाओं एवं बच्चों को जो अतिरिक्त पोषाहार दिया जा रहा है, यह सुनिश्चित किया जाय कि पोषाहार ससमय पहुंच जाय। योजनाओं का जनता को समय पर लाभ मिल सके, इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की उपस्थिति की भी नियमित मोनेटरिंग की जाय।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आई.सी.डी.एस के अन्तर्गत दिये जाने वाले बजट का शत प्रतिशत सदुपयोग हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि टेक होम राशन का वितरण समय पर हो। महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया की समस्या को नियंत्रित करने के लिए क्या प्रयास हो सकते हैं, इसके लिए योजना बनाई जाय। यह सुनिश्चित हो कि राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास से संबधित जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका लाभ लाभिर्थियों को उनके आवेदन के बाद शीघ्र मिल जाय। विभिन्न योजनाओं के लिए बजट शीघ्र आंवटित किया जायेगा।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 20 हजार 33 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। बाल पोषाहार योजना के तहत कोविड-19 के कारण अभी हॉट कुक्ड मील के स्थान पर टेक होम राशन का वितरण किया जा रहा है। 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रत्येक माह की 05 तारीख को टेक होम राशन का वितरण किया जाता है। मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान के तहत 03 से 06 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में दो दिन केला व 02 दिन अण्डा दिया जा रहा है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को आईसीडीएस के अन्तर्गत प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषाहार दिया जा रहा है। नंदा-गौरा योजना के तहत जिन परिवारों की वार्षिक आय 72 हजार रूपये से कम है, उनको बालिका के जन्म पर 11 हजार रूपये एवं 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। यह लाभ परिवार की प्रथम दो बालिकाओं को दिया जा रहा है।

बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, सचिवध्निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग एच. सी सेमवाल एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन की व्यवस्था ग्राम स्तर तक करने के दिए निर्देश दिए

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड, शतप्रतिशत कोविड वैक्सीनेशन करने वाला राज्य बने। इसके लिए फूलप्रूफ प्लान तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने गांवों में रह रहे वृद्धजनों की विशेष चिंता करते हुए कहा कि ग्राम स्तर तक वैक्सीनेशन की पूरी व्यवस्था की जाए। इसमें किसी तरह की ढ़िलाई न बरती जाए।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रिटमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोरोना के बढ़ रहे मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने आदि बातों के प्रति जनजागरूकता के लिए फिर से अभियान चलाए जाएं।
डेथ रेट कम करने के लिए बेस्ट ट्रीटमेंट प्रोटोकोल का पालन हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों और पर्यटकों को शालीन व्यवहार में समझाया जाए कि कोविड के प्रोटोकोल का पालन करें। अधिक से अधिक टेस्ट करने हैं और डेथ रेट को कम करना है। इसके लिए बेस्ट ट्रीटमेंट प्रोटोकोल का पालन किया जाए। कोविड से होने वाली हर डेथ की आडिट की जाए। समाज के प्रतिष्ठित लोगों के माध्यम से लोगों से कोविड के नियमों का पालन करने की अपील की जाए।
सबको मास्क पहनाना है, सबका वैक्सीनेशन कराना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो बातों पर विशेष ध्यान दिया जाए। सबको मास्क पहनाना है और सबका वैक्सीनेशन कराना है। वैक्सीनेशन के काम में तेजी लाने के साथ ही इसे ग्राम स्तर तक ले जाना है। विशेषतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों में बुजुर्ग रहते हैं। वे टीका के लिए आ नहीं सकते है। हमें ही उनके पास जाना है। इसके लिए सारी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्हें सूचित किया जाए कि किस दिनांक को उनके यहां वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके लिए प्रचार प्रसार किया जाए। यह एक बड़ी चुनौति है, परंतु हमें इसे करना है।

कुम्भ के दृष्टिगत हों विशेष प्रबंध
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के दृष्टिगत हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिले विशेष तैयारी करें। अधिक से अधिक टैस्टिंग की जाए। बोर्डर पर स्थापित किए जाने वाले चेकिंग स्थलों पर रूकने, पानी, शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था हो। टेस्टिंग खास तौर पर आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाने हैं। इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। हरिद्वार को 20 करोड़ रूपए जबकि अन्य जिलों को 5-5 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। जो लोग मास्क न लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग न रखें, उनका चालान किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आईसोलेशन में रहने वाले कोविड संक्रमित व्यक्ति सारे नियमों का पालन करें। होम आईसोलेशन में रहने वाले लोग, इधर उधर घूमते हुए पाए जाएं तो कड़ी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने 60 वर्ष से अधिक उम्र के 88 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन करने पर उत्तरकाशी जिला प्रशासन की प्रशंसा की और अन्य जिलों से इससे सीख लेने को कहा। उन्होंने कहा कि सेम्पिलिंग के लिए प्राईवेट लेब का भी सहयोग लिया जाए।
यात्रा सीजन को देखते हुए भी की जाएं तैयारियां
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि आगामी यात्रा सीजन को देखते हुए विशेष तैयारी करनी होगी। यात्रा मार्गों और पर्यटक स्थलों में विशेष ध्यान दिया जाए। यहां कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन कराया जाए। हरिद्वार में टेस्टिंग के लिए टीमें बढ़ाई जाएं। जहां तक हो सके माइक्रों कन्टेंनमेंट जोन बनाए जाएं। जरूरी होने पर ही बड़े कन्टेंन्टमेंट जोन बनाए जाएं।
सचिव अमित नेगी ने बताया कि पूरे देश में कोविड के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उत्तराखण्ड में भी मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। हमें कोविड संक्रमण को भी रोकना है और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित नहीं होने देना है। इसके लिए बहुत ऐहतियात से काम करना होगा। उत्तराखण्ड में वर्तमान में जनसंख्या का 24.75 प्रतिशत टैस्टिंग दर है जबकि भारत के लिए 18.41 प्रतिशत है। पॉजिटीवीटी दर उत्तराखण्ड में 3.66 प्रतिशत है जबकि भारत में यह 4.99 प्रतिशत है। परंतु हमारी मृत्यु दर भारत के औसत से कुछ अधिक है। हमें इस ओर विशेष ध्यान देना है। आक्सीजन सप्लाई पर विशेष ध्यान देना है। हालांकि हमारे यहां यह पर्याप्त है। राज्य में वेंटीलेटर, आईसीयू बेड आदि पर्याप्त मात्रा में हैं। 60 वर्ष से अधिक उम्र के 40 प्रतिशत से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है।
इस अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार, आयुक्त कुमायूं अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन आदि उपस्थित थे।

रात्रि चौपाल में सीएम ने वर्चुअल माध्यम से सुनी आम जन की समस्या

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोबीघाट, दुगड्डा में आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअल तरीके से प्रतिभाग किया। चैपाल में आई 21 समस्याओं से 17 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया।

मुख्यमंत्री तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता की समस्याओं को दिन रात एक करके समाधान करना है। सभी जिलाधिकारी-मुख्य विकास अधिकारी और अन्य अधिकारी दुरस्थ क्षेत्र में रात्रि विश्राम कर चैपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करें। कोई भी समस्या समाधान हेतु 01 माह से उपर का समय नही लगना चाहिए। राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए गये हैं।

रात्रि चैपाल में ब्लॉक प्रमुख रूची कैन्तुरा की दुग्गड्डा में आ रही मोबाईल कनेक्टीविटी प्राब्लम की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह के अन्दर सर्वे कराकर उक्त समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिये। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मुख्यमंत्री को सब्जी उत्पादन एवं विक्रय में आ रही समस्याओं से अवगत कराया गया, मुख्यमंत्री तीरथ द्वारा उद्यान विभाग के अधिकारियों को कैम्प लगाकर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से रूबरू कराकर जनता में जागरूकता लाने के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार एवं स्वयं सहायता समूहों हेतु कई योजनायें चला रही है। बीज एवं कृषि यन्त्रों में सब्सीडी दी जा रही है, बिना ब्याज के ऋण मुहैया कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री तीरथ ने दुगड्डा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं सहित महिला चिकित्सक की कमी की शिकायत का संज्ञान लेते हुए तुरन्त इस पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिये है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये किये जाने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों के लिए शीघ्र अधियाचन भेजे जाय।

मुख्यमंत्री तीरथ ने चौपाल में आई सभी समस्याओं को अधिकारियों से गंभीरता से लेने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को किसी भी कार्य हेतु सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जायेगी।

कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट साथ होने पर ही मिलेगी उत्तराखंड में एंट्री

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिए की कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट एवं वैक्सीनेशन में तेजी लाई जाए। हरिद्वार कुंभ स्नानों के दृष्टिगत हरिद्वार में वैक्सीनेशन और आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य में जिन स्थानों पर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उन स्थानों पर कंटेनमेंट एवं माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं एवं टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाय।

जिन राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे राज्यों के जिन स्थानों पर अधिक मामले मिल रहे हैं, जो भी लोग उत्तराखंड आ रहे हैं, उनको कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाने पर ही प्रवेश दिया जाए। इसके लिए शीघ्र गाइडलाइन जारी की जाए।

बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, एसए मुरुगेशन आदि उपस्थित थे।

एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश में खराब व्यवस्थाओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए की व्यवस्थाओं को जल्द सुधारा जाए एवं कार्य के प्रति लापरवाही दिखाने वालों पर सख्त कारवाई की जाय। हरिद्वार कुंभ एवं आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय। कुंभ स्नान के दृष्टिगत पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।