राज्य के अधिकारियों को सीएम ने पीएम के सुझाव बताये

राज्य सरकार केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की तर्ज पर ही राज्य के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिये काम करेगी। सीएम आवास मे दीपावली की बधाई देने आए अधिकारियों के साथ राज्य के विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन के सुनियोजित विकास के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनका व्यापक विचार विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री से इस संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड दुनिया भर के करोङो लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। उत्तराखण्ड में केदारनाथ धाम व बदरीनाथ धाम की तरह ही प्रदेश के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों का सुनियोजित विकास करने के लिए राज्य सरकार मास्टर प्लान बनाए, केंद्र सरकार हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर है।
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अन्य पौराणिक मंदिरों के महत्व की भी जानकारी दी जाए और साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में भी बताया जाए। इससे प्रदेश में निश्चित तौर पर पर्यटन का विकास होगा। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका मिलेगी व आय में वृद्धि होगी। आज की बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श हुआ कि चार धाम यात्रा पर आए बहुत से श्रद्धालुओं को कई बार हेली सेवा के लिये दो तीन दिन प्रतीक्षा करनी होती है। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि इस दौरान यात्री आस पास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकें। इससे एक ओर इन यात्रियों के समय का सदुपयोग होगा, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा घूमने के दौरान खर्च किये जाने से स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को कुमाऊँ के मंदिरों के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। हमें उनके मार्गदर्शन और विजन के अनुरूप देव भूमि उत्तराखण्ड को आगे ले जाना है। उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार की जाए। कुमाऊँ क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्रारम्भ की गई मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के सम्बंध में भी प्रधानमंत्री से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। इस परियोजना में सम्मिलित मंदिरों के मास्टर प्लान बनाने का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ करने का निर्णय भी लिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी कहा कि राज्य के टॉपर छात्र छात्राओं को एलबीएसएनएए, आईआईटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाए। इससे हमारे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, सौजन्या, शैलेश बगोली, डॉ पंकज कुमार पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बीडीसी की बैठकों में डीएम, सीडीओ सहित उच्च अधिकारी अनिवार्य रूप से करें प्रतिभाग-धामी

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान देर शाम को रुद्रप्रयाग स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस बहुदेश्य भवन में विभागों के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा ली।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा बच्चों, वृद्धजन और दिव्यांगों के लिए तैयार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ’कवच’ भी लांच किया।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जनपद में संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। वहीं पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल द्वारा जनपद में यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मूल मंत्र पर काम कर रही है। सभी विभागों का दायित्व होना चाहिए कि जनता को किसी तरीके की परेशानी ना हो अगर किसी काम में कोई व्यावहारिक दिक्कत है तो उसका रास्ता निकाला जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तहसील दिवसों को नियमित आयोजित किया जाए। तहसील दिवसों को और अधिक प्रभावशाली बनाने के साथ-साथ बीडीसी की बैठकों में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य उच्च अधिकारी को अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम सभा में चौपाल की व्यवस्था भी की जाए इसके साथ ही हर गांव में साल में एक विशेष आयोजन कर स्थापना दिवस के तौर पर ग्राम दिवस के रूप में आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि हम सबका दायित्व है कि बेहतर कार्य संस्कृति के साथ काम किया जाए।
मुख्यमंत्री ने विभागों की जनपदीय समीक्षा में पौराणिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन करने, नेशनल हाईवे और अन्य मुख्य मार्गों के आसपास वृक्षारोपण करने के साथ ही चार धाम यात्रा मार्ग पर बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कीवी उत्पादन, हथकरघा व हस्तशिल्प के उत्पादों को और बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ धाम में न्यूनतम 15 से 20 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की जाए इसके साथ ही सरकार की योजनाओं एवं सरकारी अभियान में जनता को सहभागी बनाकर आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर भी आने वाले 25 वर्षों के रोड मैप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के बाद अब अमृत काल में हम सब प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए इस अमृत काल में विशेष कार्य योजना के साथ हम सब कार्य करें। उन्होंने कहा कि केदारनाथ तीर्थ यात्रियों को बाबा केदार के दर्शन हेतु पंक्तियों में खड़े होकर इंतजार ना करना पड़े इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार भारत सरकार में नीति आयोग थिंक टैंक के रूप में अहम भूमिका निभाता है उसी प्रकार जनपद स्तर पर विकास विभाग भी थिंक टैंक की भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान और निस्तारण को कार्यशैली में शामिल करते हुए जनता की समस्याओं के निराकरण की पहल शुरू करें।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सुमंत तिवारी, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ शैला रानी रावत, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, जिलाध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अपर जिला अधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, डीएफओ रुद्रप्रयाग अभिमन्यु, डीएफओ केदारनाथ इंद्र सिंह नेगी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, परियोजना निदेशक ग्राम विकास रमेश चंद्र, उप जिलाधिकारी परमानन्द राम, उप जिलाधिकारी अपर्णा ढोंडियाल, अधीक्षण अभियंता सिंचाई सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि जीत सिंह रावत, जिला बचत अधिकारी सूरत लाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखंड को पर्यटन पुरस्कार मिलने पर सीएम ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखंड को बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन एवार्ड तथा पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किये जाने पर प्रदेशवासियों को शुभकामना दी है। मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने वाला बताते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य एवं पर्यटन क्षेत्रों को देश व दुनिया में पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राज्य के पर्यटन को यह एक सौगात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। साहसिक पर्यटन के दृष्टिगत माउंटेनियरिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाइडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि गतिविधियों का भी राज्य में काफी विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम कॉरिडोर की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र में मानस खंड कॉरिडोर बनाने के लिये भी प्रयासरत है। इससे जहां एक ओर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पूरे कुमाऊं के आधारभूत ढ़ांचे को भी मजबूती मिलेगी।

पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश को मिला प्रथम पुरस्कार

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखंड राज्य को पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन और पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से यह पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे भी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड को ये पुरस्कार मिलने पर पर्यटन मंत्री महाराज ने समस्त प्रदेशवासियों और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बधाई दी। महाराज ने कहा कि यह सम्मान उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य देश-विदेश के सैलानियों को प्रदेश में आने का निमंत्रण देता है जहां पर्यटन की सभी श्रेणियों में हर प्रकार की सुविधाएं और अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को ही मसूरी में हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमालय दर्शन की सेवा का भी शुभारंभ किया गया है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा पर्यटन विभाग उत्तराखंड में पर्यटकों को आकर्षित करने वाली कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को मिले दोनों पुरस्कार यह सिद्ध करते हैं कि प्रदेश को लेकर पर्यटकों के बीच लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। श्री महाराज ने कहा कि हिमालय दर्शन सेवा शुरू होने से प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी। पर्यटक जॉर्ज एवरेस्ट से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों और उत्तराखंड के अलौकिक नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।

पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में उठाये गये नए कदमों की जानकारी देते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटकों की बढ़ती हुई रूचि को देखते हुए पर्यटन विभाग ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक बहुत ही आकर्षक फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कॉन्टेस्ट का भी शुभारंभ किया है। इसके अंतर्गत पांच विभिन्न श्रेणियों में फोटो एवं वीडियो ऑनलाइन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इस कॉन्टेस्ट के माध्यम से पर्यटन प्रेमियों को 25 लाख रुपए से भी अधिक के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

महाराज ने बताया उत्तराखंड पर्यटन द्वारा देशभर के ट्रैवल इनफ्लुएंसर के लिए भी एक आकर्षक योजना लांच की गई है जिसके अंतर्गत अंग्रेजी ही नहीं अपितु क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो बनाने वाले ट्रैवल इनफ्लुएंसर का इंपैनलमेंट पर्यटन विभाग में किया जाएगा। इसके पश्चात उन्हें उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर परिचयात्मक भ्रमण अर्थात फैमिलियराइजेशन टूर आयोजित करवाए जाएंगे, जो उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रायोजित होंगे। श्री महाराज ने कहा कि हमारी योजना है कि ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र के इनफ्लुएंसर्स के माध्यम से उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, यहां की लोक कलाएं, यहां की ग्रामीण संस्कृति, यहां की एडवेंचरस भू-पारिस्थितिकी, होमस्टे, अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव और पौष्टिक व्यंजन देश के कोने-कोने तक पहुंचें।

पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा, प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए इस बार कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक होने वाला ट्रैक ऑफ द ईयर-पिंडारी ग्लेशियर और बागची बुग्याल, मसूरी व नैनीताल में दिसंबर 2022 में आयोजित होने वाला विंटर लाइन कार्निवाल, दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक चंपावत में राफ्टिंग चौंपियनशिप, फरवरी 2023 में औली में आयोजित होने वाली नेशनल स्कीइंग चौंपियनशिप और मार्च 2023 में ऋषिकेश में होने वाला अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव जैसे आयोजन शामिल हैं।

खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने जंगल सफारी भी की। सुरई ईकोटूरिज्म जोन प्रदेश का पहला ऐसा ईकोटूरिज्म जोन है, जहां पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र में ऊंचा स्थान दिलाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। जैव विविधता और वन्य जीवों की मौजूदगी वाले तराई पूर्वी वन प्रभाग को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर उसके सुरई वन क्षेत्र को इको टूरिज्म जोन के रूप में तब्दील किया जाएगा, ताकि यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का उपयोग स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करवाने में किया जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन कानून की जटिलताओं के कारण वनों के आसपास रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उनकी खेती भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि इस कठिनाई को समझते हुए हमने निर्णय लिया है कि वन और वन्य जीवों को आर्थिकी से जोड़ते हुए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे। इसी सोच के साथ हमने बीते 1 अक्टूबर 2021 को सीएम यंग ईकोप्रिन्योर योजना देहरादून में लॉच की थी। इस योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। शुरुआत के तौर पर खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन विकसित कर उसमें जंगल सफारी प्रारम्भ की जा रही है। ग्राम समितियों के जरिए इस योजना का संचालन किया जाएगा। जंगल सफारी शुरू होने से जिप्सी मालिक, चालक और गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए वन विभाग ने 30 जिप्सी संचालकों के साथ करार किया है। गाइड की भूमिका का सही निर्वहन करने के लिए कई युवकों को वन विभाग इसका प्रशिक्षण दे चुका है। सुरई ईकोटूरिज्म जोन में पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। पूरे प्रदेश में इस योजना को विस्तार दिया जाएगा ताकि वनों, वन क्षेत्रों और वन्य जीवों को हम अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना सकें। उन्होंने कहा कि सीएम यंग ईको प्रिन्योर स्कीम के अंतर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज़्म, वन्यजीव टूरिज़्म आधारित कौशल को उद्यम में परिवर्तित किया जाएगा।

सुरई ईकोटूरिज्म जोन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सुरई वनों की समृद्ध जैव विविधता को देखते हुए इसे क्षेत्र को सुरई इको टूरिज्म जोन (सुरई पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र) का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके दो लाभ होंगे पहला यह कि जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए जैव विविधता के धनी इसे क्षेत्र को संरक्षित किया जाएगा और दूसरा, इसके वन मार्गों को जंगल सफारी के लिए विकसित किए जाने से यहां रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। वन विभाग ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर काम करते हुए सुरई वन क्षेत्र के वन मार्गों को जैव विविधता ट्रेल के रूप में विकसित कर दिया है। यह क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसके सीमा में पूर्व दिशा में शारदा सागर डैम, पश्चिम में खटीमा नगर, उत्तर में मेलाघाट रोड तथा दक्षिण में पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र सटा हुआ है। प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत इस वन क्षेत्र में साल के वृक्षों, चारागाह और पानी की प्रचुर मात्रा है। इन तमाम वजहों से यहां बाघों की आवाजाही बनी रहती है। इसके अलावा स्तनधारी जानवरों की लगभग 125, पक्षियों की 150 से अधिक और सरीसृपों को तकरीबन 20 प्रजातियां भी इस वन क्षेत्र में पाई जाती हैं। यहां के वन मार्गों को विकसित कर लगभग 40 किलोमीटर का ट्रेल जंगल सफारी के लिए तैयार कर लिया गया है, जिसमें जिप्सी में बैठकर पर्यटक दुर्लभ वन्य जीवों (रॉयल बंगाल टाइगर, भालू, चीतल, सांभर, काकड़, पैंगोलिन, कोरल सांप, पांडा आदि) का दीदार करने के साथ ही सुरम्य जंगलों, घास के मैदानों, प्राचीन शारदा नहर और सुन्दर तालाबों का लुत्फ उठा सकेंगे।

आइसलैंण्ड और उत्तराखंड के बीच पारस्परिक संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में आइसलैंण्ड के उच्चायुक्त महामहिम गुडनी ब्रैगसन ने भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं आइसलैंण्ड के उच्चायुक्त के बीच राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है। जिसमें दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और सांस्कृतिक प्रचार, शिक्षा, पर्यटन, फिशरीज, ग्रीन एनर्जी के रूप में भूतापीय ऊर्जा एवं अन्य संभावनाओं पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन एवं तीर्थाटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इस दिशा में राज्य सरकार का विशेष फोकस है। शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में शामिल है। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘‘एक जनपद दो उत्पाद’’ योजना चलाई जा रही है।
आइसलैंण्ड के उच्चायुक्त महामहिम गुडनी ब्रैगसन ने पर्यटन, शिक्षा, स्वरोजगार, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की सरहाना की।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, इंडो आइसलैंडिक बिजनेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसून दीवान, डिप्टी चीफ मिशन सिगथोर, दीप्ति रावत, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, एमडी सिडकुल रोहित मीणा आदि उपस्थित रहे।

सिनेमा है समाज का मार्गदर्शक तथा अभिनेता प्रेरणास्रोत-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सायं राजपुर रोड स्थित मॉल में छठे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सिनेमा में वो ताकत होती है जो कि किसी समाज के सोचने और समझने के तरीके को प्रभावित कर सकता है। फिल्म मात्र मनोरंजन का साधन नहीं होती, वह मनुष्य की व्यक्तिगत व समष्टिगत भावों को जागृत करने का सशक्त माध्यम भी होती हैं। फिल्में समाज का आईना होती हैं। सिनेमा समाज का मार्गदर्शक तथा अभिनेता प्रेरणास्रोत का कार्य करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति की गोद में बसे उत्तराखंड को प्रकृति ने तसल्ली से संवारा है। यहां के नदी, पहाड़, झरने इन सब की बात ही कुछ अलग हैं। हमारे प्रदेश में शूटिंग डेस्टिनेशन की अपार संभावनाएं हैं, हमारे पास देश दुनिया के सबसे बेस्ट शूटिंग डेस्टिनेशन हैं। नैनीताल, मसूरी, औली, चकराता, मुन्स्यारी, चोपता, हर्षिल, पौड़ी, धनोल्टी समते हमारे पास कई स्थान है जहां हमारे फिल्म निर्माताओं को दुनिया के अलग-अलग लोकेशन से बेहतर डेस्टिनेशन मिलेंगे। हमारे धार्मिक स्थान केदारनाथ बदरीनाथ गंगोत्री यमुनोत्री हरिद्वार-ऋषिकेश और बहुत सारे स्थान हैं जो शूटिंग के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन बने हैं और आगे भी बनते रहेंगे।हमारी सरकार प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिए बेहतर वातावरण कैसे तैयार हो, उसके लिए लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सभी उद्यमी हमारे राज्य के ब्राण्ड एम्बेसडर हैं। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने तथा अधिक से अधिक फिल्म निर्माण के प्रति निर्माताओं को आमंत्रित करने के लिये उन्हें सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों के साथ ही फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिये उनके अनुकूल नीतियों का निर्धारण भी किया जायेगा। उत्तराखण्ड देव भूमि है, इसे सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रदेश के रूप में देश व दूनिया में पहचान दिलाने में हमारे उद्यमियों की बड़ी भूमिका है। इससे राज्य का आर्थिक विकास भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, योग, आध्यात्म, शुद्ध पर्यावरण, शांत वातावरण रहने के लिये आदर्श स्थान है। उन्होंने प्रदेश में फिल्म निर्माण एवं फिल्मांकर को बढ़ावा देने के लिये सुझाव भी आमंत्रित किये।
फिल्म फेस्टिवल के निदेशक राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में इस फेस्टिवल को एक सप्ताह का किये जाने तथा उत्तराखण्ड पर आधारित अधिक से अधिक फिल्मों के प्रदर्शन का आश्वासन दिया। फिल्म अभिनेता एवं महाभारत के युधिष्ठिर के पात्र गजेन्द्र सिंह चौहान ने भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि युधिष्ठिर भी यहीं से ससरीर स्वर्ग गये थे। उन्होंने सिनेमा को फिल्म कलाकारों की मां के संज्ञा देते हुए कहा कि इससे समाज को भी प्रेरणा मिलती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अभिनेता गजेन्द्र सिंह चौहान, अखिलेश मिश्रा, मनजोत सिंह, परमजोत सिंह, मीता वशिष्ठ निर्देशक विनय पाठक, कावेरी बामजेयी, के.सी बुकारिया आदि के साथ ही बोस्निया, टोबाको, मैकाडोनिया, कोरिया आदि देशों के राजनयिकों को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक राजेश शुक्ला आदि उपस्थित थे।

सीएम त्रिवेंद्र ने दिया भरोसा, बोले कोविड की स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन में होगा सुधार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा वेबनार के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन तेजी से बढ़ा है। राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है, लेकिन स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में तेजी से सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढ़की पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव -जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है। सीमान्त क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड आगमन के लिए अब पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधा है। सर्दियों के समय उत्तराखण्ड का प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित करता है। अब उत्तराखण्ड में आवागमन के लिए अनेक साधन हैं।

समग्र प्रयास से बदलेगी उत्तराखंड की तस्वीरः सतपाल
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास है’। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।

सीएम बोले सरकार ने जो वायदे जनता से किए अधिकांश पूरे हुए, शेष पर तेजी से हो रहा कार्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़ के विकास कार्य के लिए 112 करोड़ 47 लाख 11 हजार की लागत के 27 विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें 32 करोड़, 30 लाख, 63 हजार रूपये की लागत से निर्मित 15 योजनाओं का लोकार्पण एवं 80 करोड़, 16 लाख, 48 हजार रूपये की लागत की कुल 12 विकास कार्यों का शिलान्यास शामिल है।

देवसिंह मैदान में स्थित नवनिर्मित बहुमंजिला कार पार्किंग के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के आज साढ़े तीन साल पूर्ण हो रहे हैं। सरकार द्वारा इन साढ़े तीन सालों में राज्य के विकास हेतु जो वादे किये गये थे उनमें से अधिकांश पूर्ण कर लिये गये हैं। शेष विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। सरकार द्वारा राज्य में इन्वेस्टर समिट का आयोजन कर पहाड़ों के लिए 40 हजार करोड़ के एमओयू साइन किये गये। इनमें से अनेक होटल व्यवसाय के क्षेत्र में भी कार्य हुए जिनसे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है जिसका सीधा लाभ स्थानीय जनता को मिल रहा है। वर्तमान में सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ाये जाने हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कार्य कराये जा रहे हैं जिसमें से 800 करोड़ की सोलर फार्मिंग का कार्य प्रारम्भ हो गया है।

25 हजार बंदरों के लिए 04 बंदरबाड़े बनाए जा रहे
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वरोजगार के क्षेत्र में राज्य में 10 हजार नौजवानों को मोटर बाईक टैक्सी दी जा रही है, इसके अतिरिक्त कैंपा के तहत 40 हजार लोगों को प्रत्येक गांव में ही कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों एवं काश्तकारों को बन्दरों से होने वाले नुकसान को रोके जाने हेतु सरकार द्वारा प्रदेश में 25 हजार बन्दरों की क्षमता वाले 04 बन्दरबाडे बनाये जा रहे हैं जिसका शिलान्यास आगामी 09 नवम्बर 2020 को किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में समय-समय पर सरकारी विभागों में नौकरी हेतु भर्तियां की गयी, वर्ष 2017 में राज्य में 1084 चिकित्सक तैनात थे जो आज 2500 तक हो गये हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से शीघ्र ही 4 हजार नयी भर्तियां की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य की कुल 86 प्रतिशत साक्षरता दर है इससे शत प्रतिशत करने के लिये एक पढ़े, एक को पढ़ायें के तहत राज्य की निरक्षरता को दूर कर उत्तराखंड को निरक्षरता से दूर किया जा सकता है।

कोरोना महामारी से नुकसान में चल रहे पर्यटन कारोबारियों के लिए सरकार की पहल, होटल और होम स्टे पर मिलेगी छूट

कोरोना महामारी से आर्थिक नुकसान पर चल रहे पर्यटन कारोबारियों को अब सरकार राहत देने जा रही है। सरकार ने राज्य में पर्यटन प्रोत्साहन कूपन योजना को अपनी मंजूरी दी है। होटलों और होम स्टे में तीन दिन तक ठहरने की बुकिंग करने पर सरकार की ओर से 25 प्रतिशत या अधिकतम एक हजार रुपये की छूट के लिए कूपन दिया जाएगा। इस कूपन पर होटल और होम स्टे में कमरे के बिल पर छूट मिलेगी।

देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पर्यटक श्रेणी में पंजीकरण करने वाले पर्यटकों को कम से कम तीन दिन ठहरने पर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के माध्यम से अधिकतम एक हजार और कम से कम 25 प्रतिशत प्रतिदिन छूट का कूपन जारी किया जाएगा।

बता दें कि छूट का लाभ ऑनलाइन बुकिंग पर ही मिलेगा। कूपन के माध्यम से गढ़वाल मंडल पर्यटन विकास निगम, कुमाऊं मंडल पर्यटन विकास निगम के साथ ही निजी होटल और होम स्टे में कमरे के बिल में छूट दी जाएगी। देहरादून जिले में मसूरी, चकराता, ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र, हरिद्वार जिले में नगर निगम क्षेत्र, पौड़ी जिले में कोटद्वार को छोड़ कर पूरा जिला, नैनीताल जिले में हल्द्वानी ओर काठगोदाम क्षेत्र को छोड़ कर पूरे जिले में योजना लागू होगी। ऊधमसिंह नगर जिले में यह योजना लागू नहीं होगी।