चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सीएम के निर्देश पर हुई बैठक

उत्तराखण्ड में आगामी माह से शुरू होने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा से जुड़े होटल व्यवसायियों, तीर्थपुरोहित समाज व टूर ऑपरेटर्स के साथ बैठक आयोजित की गई।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में जितनी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे थे, इस बार उससे अधिक आने की संभावना है, लिहाज़ा सरकार हर स्तर पर तैयारियों की समीक्षा कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने से पहले बिजली- पानी की व्यवस्था को सुचारू कर दिया जाए। अपर मुख्य सचिव ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और भी सुलभ बनाए जाने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाए उस दिशा में हम सबको सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में हमारे प्रदेश की छवि पर्यटन प्रदेश कि रूप में है ऐसे में हम सबको को इस बात को ध्यान रखना होगा कि जो भी यात्री प्रदेश में आए वह एक अच्छा अनुभव लेकर वापस जाए।

बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए गुरुवार तक 2 लाख 12 हज़ार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। चारधाम यात्रियों को पंजीकरण के लिए 65 दिनों का समय दिया गया है, इसके अलावा यात्रियों की सुविधा हेतु ऑन कॉल पंजीकरण और व्हास्ट्सएप्प के माध्यम से पंजीकरण की व्यवस्था भी लागू की गई है।

सचिव पर्यटन ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा के पंजीकरण के लिए और भी बेहतर और पारदर्शी व्यवस्था इस वर्ष लागू की जा रही है।

बैठक के दौरान गंगा सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल ने गंगोत्री धाम में नए घाट निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार का आभार प्रकट किया। उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने पार्किंग संबंधी सुझाव दिए। इस दौरान उत्तराखण्ड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के अभिषेक आहलूवालिया, चारधाम महापंचायत से डॉ बृजेश सती, गंगोत्री तीर्थपुरोहित समाज से रजनीकांत सेमवाल ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बैठक में विभिन्न धामों से आये प्रतिनिधियों द्वारा जो भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये हैं उन्हें माननीय मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता समेत चारों धामों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

गंगा किनारे बसे शहरों में सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय गंगा समिति की 14वीं बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने गंगा के किनारे बसे शहरों में भी सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गंगा में ड्रेनेज का अशोधित जल न जाए यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी एसटीपी का सोशल ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट में स्थानीय लोगों से भी उनके विचार लिए जाएं। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थानों में जमा पुराने कूड़े (लीगेसी वेस्ट) को प्रोसेस कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित नगर निकायों को दिये। साथ ही, समस्त जिला विकास समितियों को एनजीटी की गाइड लाइन के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चत करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में भूजल के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पूरे प्रदेश को छोटे चेक डैम बनाए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में चेक डैम के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को भी प्रदेश के अंतर्गत सभी फ्लड प्लेन जोन में वृक्षारोपण कार्य सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही नदियों के किनारे पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार नए निर्माण कार्यों को अनुमति न दी जाए। साथ ही जो पूर्व में निर्मित हो चुके हैं, नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नए निर्माण न हों इसके लिए प्रत्येक माह ड्रॉन आदि से वीडियोग्राफी की जाए ताकि नए निर्माण का पता चल सके, वीडियोग्राफी का डाटा, डाटा सेंटर में संकलित किया जाए।
बैठक के दौरान बताया गया कि मनरेगा के तहत 689735 ग्रामीण परिवारों को 120182.07 लाख रुपये का प्रत्यक्ष मजदूरी रोजगार प्रदान किया गया। व्यक्तिगत स्वरोजगार, कृषि और कृषि संबद्ध क्षेत्र और स्वयं सहायता समूहों से संबंधित वृद्धि गतिविधियों पर 110201.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए। कृषि गतिविधियों के तहत जैविक खेती के अन्तर्गत 1182 गांव के 74522 किसान जैविक खेती के लिए लगे हुए हैं।
बताया गया कि गंगा के किनारे ऋषिकेश में पर्यटन सर्किट के विकास के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है। हर की पौड़ी, हरिद्वार में गंगा आरती के लिए ऑडियो वीडियो सुविधा विकसित की जा रही है। ग्रामीणों को अपने घरों को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है और पर्यटन वेबसाइट और अन्य लोकप्रिय ओटीए पर प्रचारित किया जाता है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट और हरिद्वार में चंडी घाट पर गंगा पर एक संग्रहालय स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर पीसीसीएफ (हॉफ) विनोद कुमार, अपर सचिव पर्यटन सी. रविशंकर, उदयराज सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने किया लच्छीवाला नेचर पार्क रिडेवलपमेंट कार्यों का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने डोईवाला क्षेत्र का भ्रमण कर विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने लच्छीवाला नेचर पार्क के रिडवलपमेंट कार्यों का निरीक्षण करते हुए इसे प्रकृति से जुडा अपनी विशिष्टता वाला नेचर पार्क बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक वातावरण एवं जलश्रोत से परिपूर्ण यह स्थल सभी आयु वर्ग के लोगों को प्राकृतिक सौन्दर्य की अनुमति कराने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि इसके सौन्दर्यीकरण आदि के लिये 5 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है। शीघ्र यह नेचर पार्क अपने भव्य स्वरूप में देश के पर्यटकों के सामने आये इसके लिए पार्क के अधीन विकसित की जाने वाले सभी गतिविधियों को भव्यता के साथ अन्तिम रूप दिया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्क बच्चों के लिये प्रकृति से जुड़ने में भी मददगार होगा। उन्होंने कहा कि पार्क के अन्दर विकसित की जाने वाली नेचर ट्रेल, केनोपी वाक, मल्टीमीडिया फाउन्टेन पार्क देश की अपनी तरह की होगी। चिल्ड्रन जिम, टाय ट्रेन, म्यूजियम पार्क, हर्बल एवं एरोमेटिक गार्डन आदि गतिविधियां लोगो के आकर्षण का केन्द्र बनेगी। पार्क के रिडेवलपमेंट के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को कन्जरवेटर शिवालिक एवं निदेशक देहरादून जू पी पात्रो ने विस्तृत रूप से अवगत कराया।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डोईवाला में निर्मित होने वाले तहसील भवन एवं डोईवाला, डिग्री कॉलेज परिसर में निर्मित किये जा रहे गल्र्स हास्टल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्यो में गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए इन्हें पर्वतीय शैली में निर्मित किये जाने की बात कही। उन्होंने 04 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले तहसील भवन को ग्रीन बिल्डिंग के रूप में भी विकसित करने को कहा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव, अपर सचिव सुरेश चन्द्र जोशी आदि उपस्थित थे।

देश का सबसे लंबा डोभरा चांठी पुल का डीएम टिहरी ने किया निरीक्षण

नई टिहरी। जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने डोभरा-चांठी पहुंचकर देश के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सुरेंद्र सिंह मखलोगा को निर्देश दिए कि पुल के अंतिम चरण के फिनिशिंग कार्यो लाइट, प्रवेश द्वार पर चेक पोस्ट, सफाई, अप्रोच मार्ग सहित पूरे ब्रिज पर साफ-सफाई इत्यादि को समय से पूरा करने के निर्देश दिए है। वहीं डोभरा में आवंटित दुकानों को व्यवस्थित ढंग से एकरूपता के साथ निर्माण करने के निर्देश दिए है। स्पष्ट किया कि डोभरा- चांठी पुल के आसपास की सरकारी भूमि पर प्लानिंग के तहत व्यवस्थाएं स्थापित की जाएगी इसलिए इस भूमि पर अतिक्रमण न होने पाए। उन्होंने कहा कि पुल के उद्धघाटन के उपरांत यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।

वहीं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए डोभरा में एक बोटिंग पॉइंट बनाया जाना प्रस्तावित है। ताकि डोभरा-चांठी ब्रिज को देखने हेतु आने वाले पर्यटकों को नोकायन की सुविधा मिल सके। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने ओलणी-मल्ला उप्पू मोटर मार्ग के उप्पू खाला में स्लाइडिंग जोन पर लोनिवि चम्बा द्वारा किये जा रहे कार्यो का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

टिहरी झील में पर्यटकों के बढ़ते आवागमन से स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए तिवाड गांव में होम स्टे एवं अन्य संभावित पर्यटन गतिविधियों के संचालन की संभावनाओं का भी जायजा लिया। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने बौराड़ी पहुंचकर बसअड्डे व रेन बसेरा का का भी निरीक्षण किया। रेन बसेरे में सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई। गणेश चैक पर वाहनों के आड़े-तिरछे खड़े किए गए वाहनों के कारण जान की स्थिति उत्त्पन्न होने के कारण जिलाधिकारी ने एसडीएम टिहरी व ईओ नगर पालिका नई टिहरी को नई टिहरी एवं बौराड़ी में पीली-सफेद पट्टी के अंदर के क्षेत्र में दुपहिया व चैपहिया वाहनों के लिए पार्किंग एरिया चिन्हित करते हुई एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। मौके पर एसडीएम टिहरी एफआर चैहान, अधिशासी अभियंता एसएस मखलोगा आदि उपस्थित थे।