सीएम धामी ने विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लोगों से बातचीत की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत जनपद चम्पावत के लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लोगों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े नौ साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनहित में बड़े निर्णय लिये गये हैं और समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई गई हैं। समाज के अन्तिम छोर के लोगों तक योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसके लिए लगातार प्रयास किये गये हैं। 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य भी समाज के गरीब और वंचित लोगों तक योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाना है। राज्य की 7795 ग्राम पंचायतों में विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा से केंद्र व राज्य सरकार की अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं का लोगों को तेजी से लाभ मिला है। केंद्र एवं राज्य सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में नई कार्य संस्कृति बनी है। लोगों को योजनाओं का लाभ उनके घरों पर जाकर दिया जा रहा हैं उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोगों से आह्वान किया कि अन्य पात्र लोगों को भी इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं। दिव्यांग पेंशन प्रतिमाह 1200 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये की है। अब प्रत्येक पात्र पति-पत्नी को वृद्धावस्था पेंशन भी बढ़ाकर प्रतिमाह 1500 रूपये की गई है। पहले यह धनराशि परिवार में केवल एक को मिलती थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का कार्य हुआ है। राज्य में भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में मातृशक्ति द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। राज्य की महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे अनेक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। हमें उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में और कार्य करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को लांच किया। इसके माध्यम से उत्तराखण्ड के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। आदर्श चंपावत से आदर्श उत्तराखण्ड का मॉडल बनेगा।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान चम्पावत के लक्ष्मी दत्त ने बताया कि उन्होंने पीएम स्वनिधि के तहत पहले 10 हजार और फिर 20 हजार का लोन लिया। वे इस लोन को पूरा कर चुके हैं, अब 50 हजार का लोन लेने वाले हैं। लक्ष्मी दत्त ने बताया कि वे विकलांग हैं, विकलांग पेंशन के साथ पी.एम स्वनिधी योजना का लाभ मिलने से उन्हें बहुत मदद मिली है। एनआरएलएम से जुड़ी श्रीमती कविता ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के जरिये वे पिरूल के गुलदस्ते, टोकरी, राखी तथा आवंले और अदरक की कैंडी बना रही हैं, जिससे उनको अच्छी आय प्राप्त हो रही है। रोहित सिंह मेहर ने बताया कि उनके द्वारा मत्स्य पालन के लिए 8 तालाबों को निर्माण किया जा रहा है, इसके लिए उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के बाद 60 हजार रूपये की सब्सिडी मिली है। इस अवसर पर उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना एवं केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाले लोगों ने मुख्यमंत्री से संवाद कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनन्द स्वरूप, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चम्पावत नवनीत पाण्डे और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

जनजाति समाज के विकास के प्रति मुख्यमंत्री ने जतायी प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य जनजाति शोध संस्थान में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित आदि गौरव महोत्सव को सम्बोधित करते हुए प्रदेश में जनजाति समाज की कला, संस्कृति संरक्षण हेतु कारपस फण्ड की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया जायेगा। जनजाति क्षेत्रों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों में जनजाति छात्रों की बेहतर शिक्षा व्यवस्था हेतु आवासीय विद्यालयों की स्थापना पर विचार किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनजाति कल्याण समिति को भवन हेतु भूमि उपलब्ध कराये जाने की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में भगवान बिरसा मुण्डा के आशीर्वाद से हमारा देश अपने अमृत संकल्पों को पूर्ण करने में अवश्य सफल होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जनजातीय समाज हमारे बटवृक्ष रूपी देश की मजबूत जड़ के समान है। जनजातीय समाज का मजबूत और आत्मनिर्भर बनना हमारे देश और प्रदेश की उन्नति के लिए आवश्यक है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज का उल्लेखनीय योगदान के कारण ही पिछले वर्ष आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक वर्ष की 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। इससे जहां एक ओर जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है, वहीं गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति की विशेषताओं से अवगत होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले की सरकारों में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी थी, उन्होंने आदिवासी समाज के व्यावसायिक हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया, ये सरकारें दिखावे तक ही आदिवासी समाज के विकास की बात किया करती थी, परंतु 2014 के बाद से देश में चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र हो आदिवासी समाज के हितों का ध्यान रखकर ही देश और प्रदेश की सरकारें अपनी समस्त योजनाएं बना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर सीमांत क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। राज्य के स्थानीय उत्पादों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के जनजाति बाहुल्य प्रथम गांव माणा में राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा तथा वोकल फॉर लोकर की अवधारणा को मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माणा में उनके द्वारा राज्य के सीमांत गांव माणा को अंतिम के स्थान पर प्रथम गांव संबोधित करने पर प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति जताते हुए देश के सभी सीमांत गांवों को अंतिम के बजाय प्रथम गांव कहा गया है। यह देश के सभी सीमांत क्षेत्रों के निवासियों के लिये भी सम्मान की बात है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक विनोद चमोली, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया, मूरत राम शर्मा, रामकृष्ण रावत, पूर्व मुख्य सचिव एन.एस. नपलच्याल सहित बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग एवं लोक कला एवं लोक संस्कृति से जुड़े कलाकार आदि उपस्थित थे।