केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की अध्यक्षता में हुई किशाऊ बांध बहुउद्देशीय परियोजना बैठक, सीएम भी हुए शामिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में किशाऊ बांध बहुद्देशीय परियोजना पर आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।

बैठक में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परियोजना के संबंध में अपने-अपने राज्य का पक्ष रखा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि परियोजना डीपीआर की लागत बढ़ने की दशा में विद्युत घटक लागत को स्थिर रखा जाए अथवा बढ़ी हुई विद्युत घटक लागत को अन्य चार लाभार्थी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली द्वारा वहन किया जाए। ताकि राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर विद्युत आपूर्ति उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय परियोजना, उत्तराखण्ड के विकास हेतु मील का पत्थर साबित होगी क्योंकि परियोजना विकास की अवधि में स्थानीय निवासियों व ग्रामीणों को आय वृद्धि के विभिन्न संसाधन यथा स्थाई व अस्थाई रोजगार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध होंगे। क्षेत्र के विकास व जनकल्याण हेतु समय- समय पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से क्षेत्र विशेष हेतु लाभप्रद योजनाएं विकसित की जाएगी, जिससे पलायन की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकेगा।

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज की बैठक में उठाए गए बिंदुओ पर विचार विमर्श कर जल्द ही अगली बैठक आयोजित की जाएगी।

गौरतलब है कि किशाऊ बहुउद्देशीय बाँध परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम किशाऊ कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना को फरवरी 2008 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है। किशाऊ बाँध परियोजना एशिया का दूसरी सबसे बड़ी बाँध परियोजना होगी। जिसे इसकी ऊंचाई 236 मीटर एवं लम्बाई 680 मीटर होगी। किशाऊ परियोजना उत्तराखण्ड राज्य के जनपद देहरादून एवं हिमाचल प्रदेश के जनपद सिरमौर में टोंस नदी पर प्रस्तावित है, इसमें 1324 एम0सीए०एम० जीवत भण्डारण द्वारा 97076 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई, 617 एम०सी०एम० पेयजल एवं औद्योगिक उपयोग हेतु जल प्राप्त होगा, जिससे तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान की सिंचाई आवश्यकता तथा दिल्ली की पेयजल आवश्यकता की पूर्ति की जा सकेगी, साथ ही साथ 660 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन होगा, जिससे 1379 एम०यू० हरित विद्युत ऊर्जा प्राप्त होगी जो कि उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश को बराबर-बराबर प्राप्त होगी।

केन्द्रीय जल आयोग द्वारा परियोजना की कुल लागत मार्च, 2018 के मूल्य स्तर के अनुसार रू० 11550 करोड़, जिसमें जल घटक की लागत रु. 10013.96 करोड़ एवं विद्युत घटक की लागत रु. 1536.04 करोड़ आंकी गई है। वर्तमान में परियोजना की डीपीआर का कार्य प्रगति पर है, जिसमें परियोजना की लागत बढ़ने का अनुमान है।
राष्ट्रीय परियोजना होने के दृष्टिगत परियोजना के क्रियान्वयन हेतु जल घटक लागत (सिंचाई एवं पीने का पानी) का 90 प्रतिशत वित्तीय पोषण भारत सरकार द्वारा एवं 10 प्रतिशत वित्तीय पोषण लाभार्थी राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा तथा विद्युत घटक लागत को उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से बराबर-बराबर वहन किया जाना है।

बैठक में उत्तराखण्ड से सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, हरि चंद्र सेमवाल व जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से की शिष्टाचार भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से शिष्टाचार भेंट की।

मुख्यमंत्री ने जमरानी बाँध परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारम्भ कराये जाने के लिए प्रस्तावित परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहत सिंचाई) के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। साथ ही 300 मेगावाट की बावला नन्दप्रयाग जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन की शीघ्र स्वीकृति प्रदान किये जाने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने किसाऊ परियोजना के एमओयू में कुछ प्रावधानों को शामिल करने का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उत्तराखण्ड राज्य की महत्वाकांक्षी जमरानी बांध बहुउददेशीय परियोजना के तहत जनपद नैनीताल में गौला नदी पर हल्द्वानी शहर से 10 कि०मी० अपस्ट्रीम में नदी तल से 130.60 मी० ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बाँध निर्मित किया जाना है। बाँध के निर्माण से उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के 150027 हेक्टेयर कमाण्ड में 57065 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा तथा हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्र की पेयजल आवश्यकता की पूर्ति हेतु 117 मिलियन लीटर प्रतिदिन जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिनांक 10.06.2022 को सचिव जल शक्ति मंत्रालय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जमरानी बांध परियोजना का निवेश स्वीकृति हेतु संस्तुति की गयी है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारम्भ कराये जाने के लिए प्रस्तावित परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहत सिंचाई) के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के उपक्रम यूजेवीएन लि० की 300 मेगावाट की बावला नन्द प्रयाग जल विद्युत परियोजना हेतु भारत सरकार के केन्द्रीय जल आयोग एवं केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के विभिन्न निदेशालयों से स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है। इस परियोजना पर मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है तथा किसी भी अन्य संस्थान यथा राष्ट्रीय गंगा विकास प्राधिकरण (एन०जी०आर०बी०ए०), वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति -2 इत्यादि द्वारा भी परियोजना पर कोई भी विपरीत टिप्पणी नहीं की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत मंत्रालय, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के मध्य अक्टूबर 2021 में बैठक हुई थी जिसमें गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित 10 जल विद्युत परियोजनाओं (बावला नन्द प्रयाग एवं अन्य 9 परियोजनाएं) जिन पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है उनको परियोजनावार आधार पर स्वीकृति प्राप्त किये जाने के लिए विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यूजेवीएन लि० को जनवरी, 2022 में जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार से सम्पर्क किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से बावला नन्द प्रयाग जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने किसाऊ परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि उक्त परियोजना के क्रियान्वयन के लिए छः लाभार्थी राज्यों के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होना है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यान्वयन को गति प्रदान करने हेतु अंतर्राज्यीय समझौते में कुछ बिन्दुओं का समावेश करते हुए उक्त समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करवाने का अनुरोध किया।

लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय महत्व की परियोजना जल्द पूरी होगी। वर्षों से लम्बित परियोजना पर प्रधानमंत्री की इच्छा शक्ति से राष्ट्र हित में निर्णय लिया गया है। 90 प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषण की इस परियोजना से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान राज्य लाभान्वित होंगे। इससे इन राज्यों को जलापूर्ति होगी। परियोजना के जल घटक का लाभ 6 राज्यों को मिलेगा तथा विद्युत घटक का लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। जलघटक का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान सहायता के रूप में दिया जाएगा।

नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिले सीएम तीरथ सिंह रावत


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से उनके आवास पर भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 6 लाख 60 हजार से अधिक पेयजल के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। 15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी, तब राज्य में 08 प्रतिशत व्यक्तिगत घरेलू जल संजयोजन से आच्छादित था, जो अब बढ़कर 45 प्रतिशत हो गया है। राज्य में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को मात्र 01 रुपए में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों 96 प्रतिशत स्कूलों में पी. डबल्यू.एस के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था की गई है। इसे जल्द ही शत प्रतिशत किया जाएगा। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों 91 प्रतिशत आँगनबाड़ी/बालबाड़ी में पीडब्ल्यूएस के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था की गई है। शीघ्र ही शेष आंगनबाड़ी केंद्रों में भी जलापूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ग्राम पंचायत भवनों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पीडल्ब्यूएस माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था का कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से लखवाड़ परियोजना के लिए कैबिनेट कमेटी की अनुमति के लिए भी अनुरोध किया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि केंद सरकार द्वारा राज्य सरकार को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।