20 हजार कर्मचारियों को 20 प्रतिशत मानदेय में बढ़ोत्तरी की सौगात

त्रिवेन्द्र सरकार ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के मूल मानदेय में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे प्रदेश में 20 हजार से अधिक उपनल कर्मियों को लाभ मिलेगा। सैनिक कल्याण विभाग ने मानदेय वृद्धि के आदेश जारी कर दिए हैं। 
अपर सचिव सैनिक कल्याण विभाग प्रदीप सिंह रावत की ओर से जारी आदेश के अनुसार उपनल कर्मियों के मानेदय में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वर्ष 2018 में सरकार ने उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ाया था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2019 में मानेदय नहीं बढ़ाया गया।
सरकार ने वर्ष 2019 व 2020 के लिए उपनल कर्मियों के मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने से अकुशल कर्मचारी के मूल मानदेय में 1392 रुपये की वृद्धि हुई है।
इसी तरह अर्द्धकुशल के मानेदय में 1602 रुपये, कुशल के में 1778 रुपये, उच्च कुशल के में 1978 रुपये और अधिकारी श्रेणी में 5935 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अगले साल से उपनल कर्मियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। 
उपनल कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत रावत ने कहा कि उपनल कर्मचारी काफी समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे पर हमने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मुलाकात की। आखिरकार सरकार ने हजारों कर्मचारियों की बात सुनी है।
वहीं, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर पीसीएस पाहवा ने बताया कि कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी का मामला काफी समय से लंबित था। इस संबंध में हमने विभागीय अधिकारियों से लगातार पत्राचार किया। सभी श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अब उन्हें सम्मानजनक वेतन मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने विशेष सैक्टर चिन्हित करके रोजगार उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

(एनएन सर्विस)
कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विशेष सैक्टर चिन्हित किये जाएं, जिसमें लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार विभिन्न क्षेत्रों में उपनल के माध्यम से भर्ती की जा सकती है। स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं तकनीक के क्षेत्र में कार्मिकों की और तैनाती की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपनल के माध्यम से जो भी भर्ती की जायेगी, उसमें पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जायेगी। यदि किसी क्षेत्र में पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रित की उपलब्धता नहीं हो पाती है, तब ही अन्य लोगों को उपनल के माध्यम से भर्ती की जायेगी। नौकरी के लिए विभिन्न क्षेत्र चिन्हित होने के बाद उपनल द्वारा पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक अर्थात् 31 मार्च 2021 तक आवेदन किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जाय जिसमें समय की मांग एवं परिस्थितियों के अनुसार प्रदेशवासियों विशेषकर पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों एवं महिला समूहों को उपनल के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश के बड़े शहरों देहरादून एवं हल्द्वानी में वरिष्ठ नागरिकों, जो विभिन्न कारणों से अपने घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। उनके लिए उपनल के माध्यम से मल्टीसर्विस सेंटर स्थापित किये जाय। वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए उपनल के माध्यम से उचित दरों पर सेवाएं दी जा सकती हैं। उपनल के माध्यम से सेवाएं देने पर सेवाकर्ता का पूरा रिकॉर्ड रहेगा। इससे लोगों में विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव न्याय प्रेम सिंह खिमाल, सचिव वित्त अमित नेगी, अपर सचिव प्रदीप रावत, उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर पी.पी.एस. पहावा (से.नि), निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास ब्रिगेडियर के.वी चन्द (से.नि) आदि उपस्थित थे।