एसएसपी ने लापरवाही बरतने पर सीएम का आदेशानुसार चौकी इंचार्ज को किया सस्पेंड

विपिन रावत प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर देहरादून के एसएसपी ने लापरवाही बरतने वाले चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया है।

25 अक्टूबर को कोतवाली नगर देहरादून पर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 557/2022 धारा 307/323/504,506 भादवि की विवेचना में उ0नि0 प्रवीण सैनी चौकी प्रभारी लक्खीबाग द्वारा लापरवाही करने व अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी न करने के गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसएसपी देहरादून को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तत्काल प्रभाव से उपनिरीक्षक प्रवीण सैनी को निलंबित किया गया है।

2025 तक श्रेष्ठ राज्य की बात कहने से नहीं बनेगा, करके दिखाना होगाः मुख्यमंत्री

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी मसूरी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय सशक्त उत्तराखंड / 25 चिंतन शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस चिंतन शिविर के आयोजन को लेकर हम बहुत दिनों से सोच रहे थे। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों तक हमें चिंतन के साथ चिंता भी करनी है कि प्रदेश का विकास कैसे हो? मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ने आप सभी को बहुत विशिष्ट बनाया है। आईएएस हमारे देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा है और आप देश-प्रदेश की नीतियों को तय करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें चीजों को नोट करने की आदत डालनी चाहिए। एक दिन में हमारे अंदर हजारों विचार आते हैं। ऐसे में हर चीज याद नहीं रखी जा सकती। उन्होंने कहा कि आप के लिए कोई काम मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया है कि विभाग अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने की कोशिश करते हैं, इस प्रवृत्ति को हमें त्यागना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरलीकरण का मंत्र दिया है। हमें यहां सोचना होगा कि कितने विभागों ने कार्य का सरलीकरण किया। प्रक्रियाओं सरलीकरण कर के समाधान का रास्ता निकलना है। उन्होंने कहा कि आज पूरी सरकार यहां है। इन तीन दिनों में यहां मन से चिंतन करना होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी अधिकारी अच्छा काम करते हैं और फीडबैक भी आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच रहने की कोशिश करता हूं। अभी कुछ दिनों से आदत बनाई है कि जिलों में भ्रमण के दौरान सुबह 6 से 8 बजे तक लोगों से बात करता हूँ और फीडबैक लेता रहता हूं और इस दौरान सबके बारे में पता चलता रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देखने में आता है कि कई अधिकारी फ़ाइल को ठीक से आगे नहीं बढ़ाते। ये आदर्श स्थिति नहीं है। कई दफा हम अपने स्तर से फैसले नहीं लेते। फ़ाइल नीचे से चलते हुए कई बार मेरे पास तक आ जाती है जिस पर सभी की एक ही टिप्पणी होती है कि उच्च अनुमोदन हेतु प्रेषित। जबकि जरूरत यह है कि हम अपना निर्णय भी उस पर लिखें। उन्होंने कहा कि हमारी जो काम करने की प्रणाली है। इसमें बदलाव की जरूरत है। हमें बेस्ट प्रैक्टिस करने की आदत डालनी होगी और 10 से 5 वाले कल्चर से बाहर आना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सरलीकरण, समाधान और संतुष्टिकरण के मंत्र पर कार्य करना होगा। हमारा फ़ोकस समाधान पर होना चाहिए। एसीआर भरे जाने के समय यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो टास्क दिया गया था वो हुआ या नहीं। हम इस कार्य को इसी वर्ष से प्रारम्भ करेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी यह आम धारणा है कि जो योजना हम बनाते हैं वो योजनाएं देहरादून बेस्ड बन रही हैं। हमें पर्वतीय जिलों को विकास के खाके में शामिल करना ही होगा। राज्य की हकच में जिन ज़िलों योगदान कम है, उनके लिए योजनाएँ बनाई जानी चाहिए। वर्तमान में भारत सरकार-नीति आयोग आदि सब हमें सहयोग करने को तैयार हैं। हिमाचल और हमारी जलवायु बहुत मिलती जुलती है। लेकिन हमें यह मंथन करना होगा कि कैसे वे बागवानी के क्षेत्र में हमसे बेहतर कर रहे हैं । हमारी स्थिति हिमाचल से बेहतर है। हम बाग़वानी को कैसे बढ़ायें। इस पर कार्यवाही होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देहरादून और आसपास के इलाके पहले से कहीं ज्यादा कंजस्टेड हो जाएंगे। हमें उसके अनुरूप सुविधाओं को विकसित करना होगा।स्मार्ट सिटी को लेकर शिकायतें आती हैं।इसको ठीक करना है। हम यह नहीं कह सकते यह काम हमारे। समय का नहीं है।अच्छा ख़राब जो भी है अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है।इसको ठीक करना है।
उन्होंने कहा कि हमारा चिंतन व्यवहारिक होना चाहिए। प्रदेश के हित में होना चाहिए। वर्ष 2025 तक केवल श्रेष्ठ राज्य की बात कहकर कुछ नहीं होने वाला बल्कि इसे हमको करकर दिखाना है। हमें 2025 तक एक सशक्त उत्तराखंड बनाना है। हमें विकास की योजनाएं अपने भूगोल के अनुसार बनानी होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कहाँ जाना है?हम कहाँ पर हैं?रुकावटें क्या हैं? अगर हम यह समझ पाए तो समस्या का समाधान आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि घोषणाएँ सुनियोजित होनी चाहिए। यह धारणा बदलनी चाहिए कि सरकार में काम नहीं होते। काम करने का रास्ता निकाला जाना चाहिए। हम नहीं बल्कि हमारा काम बोलना चाहिए। हमें अपने काम को मन-वचन-कर्म से करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी का काल खंड उसके द्वारा किए गए कामों के लिए जाना जाएगा।

सरकारी नौकरियों का धंधा चलाने वालों पर चलेगा धामी सरकार का चाबुक

उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों के धंधेबाजों करने वालों पर धामी सरकार का सख्त एक्शन होने वाला है। आरोपियों पर एसटीएफ बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। युवाओं को सरकारी नौकरियां बेचने वाले आरोपियों की अकूत संपत्ति को एसटीएफ जब्त करेगी। एसटीएफ परीक्षा घपलों में गिरफ्तार आरोपियों की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है।

इनमें प्रमुख आरोपियों की संपत्तियों की जानकारी जुटा ली गई है। भर्ती घपले के एक प्रमुख आरोपी जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की मोरी में स्थित भू-संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया है। एसटीएफ जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के बाद अब कुछ संपत्तियां कब्जे में लेने की तैयारी कर रही है। हाकम की हरिद्वार में स्थित संपत्तियों की भी खोजबीन की जा रही है।

हाकम पर गैंगस्टर ऐक्ट लगाया गया है। इसलिए संपत्तियां जब्त करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं होगी। हाकम के बाद रामनगर के कारोबारी चंदन सिंह मनराल का नंबर बताया जा रहा है। भर्ती घपले में अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मनराल को सबसे ज्यादा मालदार बताया जा रहा है। एसटीएफ के सूत्रों का कहना है कि मनराल की संपत्तियों का भी पता लगा लिया गया है।

उत्तराखंड के आरोपियों पर पहले कार्रवाई
एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि परीक्षा घपलों में गिरफ्तार उत्तराखंड के आरोपियों की संपत्ति की जानकारी पहले जुटाई गई। इसमें चंदन मनराल, शशिकांत और गिरफ्तार सचिवालय व कोर्ट कर्मचारियों का नाम सबसे ऊपर हैं। इसके अलावा वीपीडीओ परीक्षा घपले में में गिरफ्तार आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डा. आरबीएस रावत, तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया की संपत्तियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।

राजेश चौहान समेत कई की संपत्ति भी जब्त होगी
एसटीएफ के मुताबिक लखनऊ की आरएमएस कंपनी के संचालक राजेश चौहान का नाम तीन परीक्षा घपलों में शामिल है। वहीं उसके करीबी सादिक मूसा, धामपुर के माफिया केंद्रपाल, कोर्ट कर्मचारी मनोज जोशी समेत दस से ज्यादा आरोपियों की संपत्तियों पर एसटीएफ ने फोकस किया है। कई जिलों के रजिस्ट्रार कार्यालयों से इनकी जमीनों का रिकार्ड निकाला गया है। वहीं गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर इनकी संपत्तियों का ब्योरा जुटाकर कार्रवाई की तैयारी है।

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने कहा परीक्षा घपले में गिरफ्तार प्रमुख आरोपियों का संपत्ति का रिकार्ड जुटाया जा रहा है। इसमें कुछ आरोपियों की संपत्तियों की जानकारी मिली है। इन्हें जब्त करने के लिए जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी।