मुख्यमंत्री ने बच्चों को दी नई ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ने की सीख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय परामर्श बैठक एवं चिल्ड्रन चैंपियन अवार्ड कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण एवं बाल विकास के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली संस्थाओं एवं व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि निराश्रितों एवं बेसहारा बच्चों को सहायता एवं सहयोग हेतु अपनी व्यस्तता के बावजूद समय निकालना वास्तव में मानवता की बड़ी सेवा है। अपने सिवा दूसरों की चिंता करने वालों पर ईश्वर की भी कृपा रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग समाज को प्रेरणा के साथ दिशा देने का भी कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने समाज हित में कार्यों में संलग्न अनाम लोगों को भी समाज पहचान दिलाये जाने की जरूरत बतायी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने माता पिता व अभिभावकों को खोने वाले बच्चों के लिये राज्य सरकार द्वारा वात्सल्य योजना की घोषणा इसी स्थान से की थी। तब हमने प्रार्थना की थी कि यह योजना लम्बी न चले, प्रदेश में कोई बच्चा अनाथ न हो। वह समय बहुत ही दुःखदायी रहा है। मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना से आच्छादित बच्चों से भी भेंट की। बच्चों ने मुख्यमंत्री को मामा कह कर सम्बोधित किया।मुख्यमंत्री ने बच्चों का आह्वान किया कि वे जीवन में हर समय उत्साह व उमंग में रहें। शिक्षा व संस्कार देने वाले शिक्षक का सम्मान करें, जो काम करें पूरे मनोयोग से करें। हर क्षेत्र में सदैव आगे रहने का प्रयास करें। नई ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश के अंदर लोकहित के कार्यों को सर्वाधिक महत्व दिया जा रहा है। कोरोना की दो दो वैक्सीन एक साल के अंदर तैयार कर देशवासियों को ही नहीं विश्व के कई देशों को उपलब्ध करायी। इस वैक्सीन ने हमें जीवनदान दिया है। पोलियो का टीका बनाने में देश में 15 साल लगे। पिछले आठ वर्षों के कालखण्ड में समर्थ, समरस एवं शक्तिशाली भारत का निर्माण प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश तेजी से विकास की राह पर चल रहा है। हमारी इकोनामी 5 वें नम्बर पर है। 2047 तक भारत नम्बर वन इकोनॉमी वाला देश बनने की राह पर अग्रसर है। आज दुनिया के देश भारत की ओर देख रहे हैं। यूक्रेन युद्ध इसका उदाहरण है। इस युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों के साथ कई अन्य देशों के छात्र भी भारतीय तिरंगे के साथ वहां से सुरक्षित निकले हैं। आजादी व अमृत काल में भारत दुनिया का नेतृत्व करने वालों के रूप में जाना जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश व प्रदेश के विकास में हम सबको सहयोगी बनना होगा। हम जिस क्षेत्र में कार्य करते हैं हमें अधिक मेहनत व इमानदारी से कार्य करना होगा। क्षमता से अधिक कार्य करने में हमें अपना रिकार्ड खुद तोड़ने होंगे। अथक परिश्रम के बल पर ही हम अपने प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने में सफल होंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से गोरखपुर से आये बच्चों के दल ने भी भेंट की।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा गीता खन्ना, विधायक फकीर राम टम्टा, महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल, अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष डॉ. आर. के जैन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, आयोग के सदस्य विजय कपरवाण, डी.आई.जी. पी रेणुका देवी, से.नि. जस्टिस वी.के माहेश्वरी सहित आयोग के पूर्व व वर्तमान सचिव व सदस्यगण, शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।

पोक्सो अधिनियम पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग द्वारा पोक्सो अधिनियम पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पोक्सो ऐक्ट पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया और पोक्सो वोरियर्स को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज बच्चों में रचनात्मकता एवं सृजनात्मकता बढ़ाने की जरूरत है। बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में उनके माता, पिता और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नोनिहालों से जुड़ी इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन नियमित होने चाहिए। जिन बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छी परवरिश नहीं मिलती, उनके लिए समाज को आगे आना चाहिए। सरकार सबके जीवन स्तर में सुधार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को भयमुक्त वातावरण मिलेगा तो उनका भविष्य सकारात्मक दिशा में जाएगा। राज्य सरकार द्वारा बाल कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। बच्चों के अधिकारों के लिए जो कानून बने हैं, उनका सख़्ती से पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से जहां जागरूकता बढ़ेगी वहीं विशेषज्ञों के मंथन से हमारे भविष्य हमारे बच्चों को रचनात्मक बनाने में कारगर सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सेना और बच्चों से जुड़े कार्यक्रम में अवश्य प्रतिभाग करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के ध्येय वाक्य से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाएँ। बाल अधिकारों की आम जन तक जागरूकता के लिए इस संबंध में समय-समय पर विधिक शिविर भी आयोजित किए जाए।

कार्यशाला में महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश के नौनिहालों के साथ सरकार हर तरीके से खड़ी है कोरोना काल में अपने परिजनों को गवा चुके बच्चों को वात्सल्य योजना के ज़रिए सरकार सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि वात्सल्य योजना देश में सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है।

डीजीपी अशोक कुमार ने पोक्सो एक्ट संबंधित विस्तृत जानकारी दी। बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉक्टर गीता खन्ना ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यशाला में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि, पुलिस प्रशासन, विधि विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।