हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, देहरादून में देख सकेंगे गणतंत्र दिवस परेड में प्रथम पुरस्कार प्राप्त उत्तराखण्ड की झांकी ‘मानसखण्ड’

दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाली उत्तराखण्ड की झांकी ‘मानसखण्ड’ को सम्पूर्ण उत्तराखण्ड भ्रमण के पश्चात गढ़ी कैण्ट स्थित संस्कृति विभाग के हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र परिसर में स्थायी रुप से स्थापित कर दिया गया है। इस झांकी को प्रदेश की आम जनता के अवलोकनार्थ प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर डेढ़ माह तक पूरे प्रदेश में भ्रमण कराया गया था, जिसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री आवास से दिनांक 05 अप्रैल, 2023 को किया गया था।

मुख्यमंत्री ने इस झांकी को गढ़ी कैण्ट स्थित संस्कृति विभाग के हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र परिसर में संरक्षित रखने के निर्देश दिये थे। इस झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया गया था, साथ ही कुमांऊ की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी में समावेश किया गया था।

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2021 में गणतंत्र दिवस परेड में तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली उत्तराखण्ड की झांकी ‘केदारखण्ड’ को भी इसी परिसर में स्थापित किया गया है। भविष्य में प्रदेश की आम जनता द्वारा इन झांकियों का अवलोकन कभी भी किया जा सकता है।

गणतंत्र दिवस पर तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत उत्तराखण्ड की झांकी म्यूजियम में संरक्षित

इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत की गई उत्तराखण्ड की झांकी को गढ़ी कैंट स्थित संस्कृति विभाग के म्यूजियम-आडिटॉरियम में रखा गया है। राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड द्वारा अनेक बार प्रतिभाग किया गया परंतु यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड की झांकी को पुरस्कुत किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसे राज्य के लिए गौरव की बात बताते हुए झांकी को संस्कृति विभाग के म्यूजियम में संरक्षित किए जाने के निर्देश दिए थे। सचिव पर्यटन, संस्कृति व सूचना श्री दिलीप जावलकर ने गढ़ी कैंट में बन रहे संस्कृति विभाग के म्यूजियमध् आडिटॉरियम का निरीक्षण कर झांकी को रखे जाने के लिए स्थान निर्धारित किया। उन्होंने अधिकारियों को उक्त झांकी के उचित रखरखाव के निर्देश दिए।

राजपथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में सूचना विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “केदारखंड” की झांकी को प्रदर्शित किया गया था। इसे लोगों द्वारा काफी सराहा गया था। झांकी के अग्रभाग में उत्तराखण्ड का राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘ दर्शाया गया है जो कि उत्तराखण्ड के वनाच्छादित हिम शिखरों में 3600 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसी प्रकार से उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ दिखाया गया है जो केदारखण्ड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। झांकी के मध्य भाग में भगवान शिव के वाहन नंदी को दर्शाया गया है तथा साथ में केदारनाथ धाम में यात्रियों को यात्रा करते हुए तथा श्रद्वालु को भक्ति में लीन दर्शाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक बाबा केदार का भव्य मंदिर दर्शाया गया है जिसका जीर्णोद्धार आदिगुरू शंकराचार्य ने कराया था तथा मंदिर परिसर में श्रद्वालुओं को दर्शाया गया है साथ ही मंदिर को ठीक पीछे विशालकाय दिव्य शिला को दर्शाया गया है।

दिल्ली से झांकी को एक स्पेशल ट्रोला में तीन दिन में देहरादून लाया गया। गौरतलब है कि गढ़ी कैंट, देहरादून में संस्कृति विभाग का म्यूजियम-ऑडिटॉरियम निर्माणाधीन है। इसके बनने के बाद “केदारखंड” की झांकी, आम लोगो के लिए उपलब्ध रहेगी।