लखनऊ में उत्तराखंड महापरिषद द्वारा आयोजित महोत्सव का सीएम धामी ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ में उत्तराखंड महापरिषद द्वारा आयोजित उत्तराखंड महोत्सव का शुभारंभ करते हुए ऐसे आयोजनों को अपनी संस्कृति को जानने तथा इसे देश व दुनिया तक पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड महोत्सव जैसे आयोजन हमारी लोक विरासत को संरक्षण प्रदान करने के साथ ही आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य कर रही है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह उत्तराखंड महोत्सव, निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का भी कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे महोत्सवों के आयोजनों के माध्यम से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड का ही नहीं बल्कि पूरे देश का भी सांस्कृतिक वैभव बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने हाल ही में लंदन, दुबई, अबू धाबी के दौरे के दौरान उन्होंने देखा कि हमारे भारतीय और विशेष रूप से उत्तराखंडी लोग आज भी अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता को नहीं भूले हैं। वे लोग विदेशी जमीन पर रहकर भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। लंदन और दुबई में उत्तराखंडी भाई-बहनों से मिलकर एक पल के लिए लगा कि वे उत्तराखंड में ही हैं। ऐसा ही अनुभव उन्हें लखनऊ आकर भी हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में अपनी संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि अपनी माटी, अपनी संस्कृति और अपनी परंपरा से कटा व्यक्ति त्रिशंकु की भांति न इधर का रहता है और न ऊधर का। इसलिए यदि हमें आगे बढ़ना है तो अपनी परंपराओं और संस्कृति से जुड़े रहना होगा। उन्होंने लखनऊ में निवासरत उत्तराखंडवासियों से अपील की कि वे अपने-अपने गांव में वर्ष में एक या दो बार अवश्य आएं। इससे हमारी भावी पीढ़ी उत्तराखंड की परंपराओं से परिचित तो होगी ही, उत्तराखंड की संस्कृति और लोक परंपराओं को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास को सार्थक करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प की पूर्ति हेतु हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में विकास कार्यों की एक नई श्रृंखला स्थापित करने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा पाकर और उनके ही मार्गदर्शन में, उत्तराखंड में विकास के एक नए युग का सूत्रपात हो चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हम पर दिखाए गए इस विश्वास को हम अवश्य ही साकार करेंगे। इसके लिए हमारी सरकार निरंतर, पूर्ण मनोयोग के साथ कार्य कर रही है। हमने ऐसे मुद्दों का निस्तारण करने का प्रयास किया है, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने दरकिनार कर दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उत्तराखंड में सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए लगभग 33 सौ एकड़ सरकारी जमीन मुक्त करवाई है। इसके साथ-साथ जहां एक ओर हम ’’धर्मांतरण और लव जेहाद’’ के खिलाफ कठोर कानून लेकर आए वहीं हम ’’समान नागरिक संहिता’’ भी प्रदेश में जल्द ही लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। उत्तराखंड में हमने देश का सबसे सख्त ’’नकल विरोधी कानून’’ भी लागू किया है, जिसके लागू होने के बाद आज हमारे युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्साह के साथ प्रतिभाग कर रहे हैं और अपनी योग्यता के अनुसार सफलता अर्जित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार समाज के अंतिम छोर में रहने वाले हर व्यक्ति के हित में कार्य कर रही है। यह हमारा ’’विकल्प रहित संकल्प’’ भी है। उन्होंने इस अवसर पर सभी से अपील भी की कि आप जहां भी जाएं, जहां भी रहें, अपनी लोक संस्कृति का प्रचार-प्रसार अवश्य करें और देवभूमि की महानता के बारें में लोगों को अवगत कराएं, क्योंकि आप सभी उत्तराखंड के ’’ब्रांड एंबेसडर’’ हैं। उन्होंने सभी से उत्तराखण्ड के समग्र विकास के पावन पुनीत लक्ष्य को पूरा करने में अपना सहयोग प्रदान करने की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्तराखंड से लखनऊ के लिए अतिरिक्त रेल सेवा संचालित किये जाने के लिए शीघ्र ही रेल मंत्री से वार्ता करने का भी आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में उन्होंने अपना छात्र जीवन गुजारा है, जब भी वे लखनऊ आते है तो ऐसा लगता है कि अपने ही शहर में दोबारा आए हैं। उन्होंने इस अवसर पर उत्तराखंड महापरिषद (पूर्व कुमाऊँ परिषद) के संस्थापक अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे भारत रत्न प. गोविन्द बल्लभ पंत, स्व. दयाकृष्ण जोशी, स्व. श्री मेजर हयात सिंह, स्व. श्री नारायण दत्त तिवारी को भी नमन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पूरन सिंह जीना की पुस्तक सतरंगी का विमोचन करते हुए चन्दन सिंह मेहरा एवं सत्यप्रकाश जोशी को उत्तराखण्ड महापरिषद के हीरक जयंती सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री ब्रिजेश सिंह, महापौर लखनऊ सुषमा खर्कवाल, उत्तराखंड महापरिषद के पदाधिकारी दीवान सिंह अधिकारी, देवेन्द्र सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के प्रवासी जन उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के निर्माण और विकास कार्यों की निगरानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से देवप्रयाग स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में स्वामी करपात्री जी महाराज के स्मृति में वेद शास्त्र अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देवभूमि के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है कि संस्कृत के क्षेत्र में श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर बहुत कम समय में बड़ा नाम बन गया है। यह परिसर केंद्र सरकार की उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात है। देव वाणी संस्कृत के प्रचार और प्रसार के लिए ऐसे विश्व विद्यालय महत्वपूर्ण हैं। आशा है क़ि यहां अध्ययन करने वाले छात्र स्वामी करपात्री जी महाराज की तरह ही दृढ़संकल्पी, एवं त्यागी बनेंगे। युवाओं को स्वामी करपात्री महाराज से त्याग, संकल्पबद्धता और धर्म रक्षा की प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्राचीन ज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्ध उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक भूमि अपने वैभव को पुनः प्राप्त करे और हमारी संस्कृति और संस्कृत का प्रचार प्रसार हो। इसके लिए यह विश्वविद्यालय उत्तराखंड ही नहीं वरन देश की महत्त्वपूर्ण धरोहर है। पहले उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को संस्कृत की उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए वाराणसी, जयपुर, केरल, हरिद्वार इत्यादि जैसे शहरों में जाना पड़ता था, इससे उनका समय और धन बहुत व्यय होता था। इस परिसर के खुलने से यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस परिसर पर विशेष फोकस है। प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार इस परिसर के निर्माण और विकास कार्यों की निगरानी करता है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संस्कृत और उत्तराखंड के प्रति प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि संस्कृत के माध्यम से रोजगार भी मिले। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वेदभूमि भी है। भारत ने विश्वभर में वेदों का ज्ञान दिया, इसी कारण हम विश्वगुरु कहलाये। वेद हमारी पहचान हैं। इस पहचान को हम तभी कायम रख पाएंगे जब संस्कृत का प्रचार और प्रसार पूरे भारत वर्ष में होगा। हम उत्तराखंड की शिक्षा में संस्कृत का समावेश करना चाहते हैं। संस्कृत का संरक्षण और प्रचार-प्रसार तभी हो सकता है, जब उसे रोजगार से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम संस्कृत को जानेंगे तो अपनी संस्कृति को भी जान पाएंगे और अपनी संस्कृति को प्रेम करने तथा अपनाने वाला व्यक्ति ही जीवन में प्रगति कर पाता है। सरकार उत्तराखंड की संस्कृति के साथ साथ देववाणी संस्कृति के प्रचार और प्रसार के लिए “विकल्प रहित संकल्प“ के साथ निरंतर कार्य करती रहेगी।
इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर विधायक विनोद कंडारी, स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वाराखेड़ी, परिसर के निदेशक डा. पीवीबी सुब्रह्मण्यम एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

होली मिलन समारोह में होल्यारों ने खेली होली

श्यामपुर स्थित होटल नंदा में कुमाऊंनी सभा द्वारा होली मिलन कार्यक्रम आयोजन किया गया। इसमें होली कार्यक्रम में बैठकी और खड़ी होली का आयोजन किया गया है।

इस दौरान होल्यार होली के गीतों और गुलाल में झूमते नजर आए। कुमाऊं में शास्त्रीय रागों पर आधारित बैठकी और कदमताल के साथ खड़ी होली में समूहबद्ध होकर होली गायन हुआ। शास्त्रीय रागों में काफी, जंगला काफी, विहाग, देश, जैजैवंती, परन, बागेश्वरी, श्याम कल्याण, परज, झिंझोटी, जोगिया, भैरवी, खम्माज, पीलू, बहार आदि रागों में होली गायन होता है। खड़ी होली में समूहबद्ध होकर गायन किया गया इसमें दो पक्ष बनाए गये एक पक्ष होली गायन शुरू करता है तो दूसरा पक्ष उन स्वरों को दोहराता है। होली गायन में हारमोनियम, तबला, ढोलक, ढोल, दमाऊं, मजीरा, हुड़का समेत तमाम स्थानीय वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया।

इस मौके पर नंदन जोशी. गिरीश चंद्र सोठा, चंद्र शेखर पांडे, जगदीश पांडे, महेश पाठक, संजय बोरा, मुकुल दुर्गापाल, तारादत्त चंदोला, बाला दत्त पांडे, भुवन चंद्र फुलारा, भावेश जोशी, ललित चंदोला, कृष्णा तिवारी, इंदु जोशी, बसंती सोता, शोभा उप्रेती, प्रेम सिंह रागी, प्रभा जोशी, गीता रावत, विमला बोरा, हरीश उप्रेती, दिनेश भट्ट, चंद्र बल्लभ कर्नाटक, विजय कर्नाटक, पुष्पा पांडे, बसंती चंदोला, मनोहर पांडे, मारकंडे आदि उपस्थित रहे।

युवा हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के संवाहक बने, इस दिशा में प्रयास जरूरीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ संस्कृति साहित्य एवं कला की भूमि बताते हुए राज्य में इन विधाओं को विस्तार दिये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म सिटी खोलने के विचार को भी आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य में साहित्य एवं ललित कला केंद्रों की सम्भावनाओं पर ध्यान देने को कहा है ताकि राज्य के युवाओं को फिल्मों के साथ ही साहित्य एवं लोक संस्कृति एवं लोक कला की विभिन्न विधाओं से जुड़ने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा सकारात्मक सोच के साथ राज्य की लोक परम्पराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें, यह हमारा प्रयास होना चाहिए।

सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रशून जोशी ने भेंट की। प्रदेश में फिल्म निर्माण, गीत संगीत नाट्य संस्कृति एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा देने से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राज्य है। हमारे युवा हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं के संवाहक बने, इस दिशा में भी प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि निर्माणाधीन कल्चरल सेन्टर एवं म्यूजियम को शीघ्र अन्तिम रूप देने के साथ इसके प्रभावी उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे आयोजनों की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाये जिससे देश व दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की पहचान बनाने वाले सहभागी बन सके। हमारे यहां आने वाले करोड़ो लोग भी हमारे इन प्रयासों से प्रदेश की संस्कृति, कला एवं लोक विधा से जुड़ सकेंगे।

केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी ने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के साथ सांस्कृतिक पहचान की संभावनाओं वाला प्रदेश है। भविष्य के दृष्टिगत यहा फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना पर ध्यान दिये जाने से राज्य के युवा फिल्म निर्माण की विभिन्न विधाओं से जुड़ सकेंगे तथा इस क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से भी परिचित हो सकेंगे। उन्होंने राज्य में लोक सस्कृति संगीत नाट्य एवं साहित्य से जुड़े विषयों को व्यापकता प्रदान करने के लिये तीन दिवसीय फेस्टिवल आयोजित करने का भी सुझाव मुख्यमंत्री को दिया।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश व विदेशो में रह रहे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भागीदारी से इसे और अधिक व्यापकता मिलेगी तथा लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, उप निदेशक नितिन उपाध्याय के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

संस्कृति और पहाड़ी उत्पादों का संरक्षण करने की मुख्यमंत्री ने की अपेक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज मुख्यमंत्री आवास स्थित केम्प कार्यालय में बेडू ग्रूप के सदस्यों ने स्थानीय उत्पादों की सामग्री के साथ भेंट की। उन्होंने इगास पर्व पर राजकीय अवकाश घोषित किये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने बेडू ग्रुप के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वोकल फ़ॉर लोकल मुहिम की सार्थकता बताया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में इगास को लेकर इस बार कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसका स्वागत है, उन्होंने कहा कि इगास पर्व की सार्थकता तभी है जब हम इस पर्व को अपनी संस्कृति, प्रकृति और उत्पादकता से जोड़ें। हमें इगास पर्व को उत्पादकता से जोड़ना होगा। इससे हमारे पारम्परिक व्यंजनों को प्रचार एवं पहचान भी मिलेगी और नई पीढ़ी का इन व्यंजनों से भी परिचय हो सकेगी। इसके साथ ही पारंपरिक बाल मिठाई, सिंगोरी सहित अन्य मिठाइयों से एक-दूसरे का मुंह मीठा करें तो इससे अच्छी बात कुछ और नहीं हो सकती। इससे ना सिर्फ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे जुड़े लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।

बेडू ग्रुप से जुड़े दया शंकर पांडेय, अवधेश नौटियाल एवं अमित अमोली ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनके द्वारा उत्तराखंड के लोकपर्व इगास पर समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोगों को बेडू के शुद्ध हर्बल उत्पादों के साथ ही रोट, अरसे और सिंगोरी मिठाई की कंडी बनाकर समूण के तौर पर देने का अभियान चलाया है।

पोखरी में आयोजित सात दिवसीय हिमवंत कवि कुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग पर्यटन मेले का हुआ शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पोखरी में आयोजित सात दिवसीय 16वां हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद भट्ट भी उनके साथ मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पोखरी नगर में सीसी व टाइल्स मार्गाे के निर्माण, पोखरी नगर में नालों का निर्माण, नगर पंचायत पोखरी में सोलर लाइट स्थापित करने, पोखरी में मिनी स्टेडियम के अवशेष निर्माण कार्य हेतु धनराशि की स्वीकृति, पुष्करेश्वर महादेव मंदिर पोखरी गांव तक सिंचाई विभाग के नाला निर्माण कार्य और राजकीय पोखरी मेले को 5 लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा भी की।

प्रकृति के चितेरे कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रख्यात कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल ने मात्र 28 साल की उम्र में हिंदी साहित्य को अनमोल कविताओं का समृद्ध खजाना दे दिया था। उनकी कविताओं में अटूट प्रकृति प्रेम झलकता है। जीवन के इस छोटे सफर में उन्होंने सात सौ से भी अधिक कविताएं, गीत, मुक्तक, निबंध आदि लिखकर एक इतिहास रचा है। हिमपण्डित शैल शिखर, सदानीरा कल कल करती नदियां, लंबे चौडे लहलहाते चारागाह, दूर दूर तक फैले चीड़, बांज, बुरांश, देवदार के घने जंगल, रंग बिरंगे फूलों से लदालद भरी घाटियां, पशु पक्षी, ऋतुओं का पट-परिवर्तन, घन गर्जन सभी का चमत्कारिक चित्रण उनकी कविताओं में मिलता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य का विकास सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और हर क्षेत्र के विकास के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जो भी संकल्प लिए है उनको पूरा किया जा रहा है। हमारे संकल्प, विकल्प रहित हैं और हम हर संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का काम कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामोदय से भारत उदय मिशन के साथ लगातार काम कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार के माध्यम से गरीब कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे राज्य के साथ ही पूरे देश में अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दुनिया को संदेश दिया कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। राज्य जब 25 वॉ स्थापना दिवस मना रहा होगा, तब राज्य सभी क्षेत्रों में देश का अग्रणी एवं आदर्श राज्य होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नंबर वन बनेगा। कहा हमारी सरकार हर समय जनता की सेवा में समर्पित है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। दोषी और भ्रष्टाचारियों को कड़ी सजा दी जाएगी। युवाओं का समय खराब न हो इसके लिए लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र अतिशीघ्र सात हजार पदों की परीक्षाएं संपन्न करने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही सरकार 12 हजार रिक्त पदों को भरने के लिए भी विज्ञप्ति जारी करने जा रही है।

नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए शॉल, मोमेंटों एवं चन्द्र कुंवर बर्त्वाल का चित्र भेंट किया।

इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, पूर्व थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुशीला तिवारी, कॉपरेटिव बैंक अध्यक्ष गजेंद्र सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, एडीएम डा.अभिषेक त्रिपाठी, मेलाधिकारी/एसडीएम कमलेश मेहता, एसडीएम संतोष कुमार पांडेय एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

माँ कुंजापुरी के मेले के लिए धन की नहीं आयेगी कमीः सुबोध उनियाल

गढ़वाल का सुप्रसिद्ध नरेन्द्रनगर में आयोजित होने वाला 46 वाँ सिद्धपीठ माँ कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के आयोजन को लेकर आज नगर पालिका परिषद् नरेन्द्रनगर के टाउन हॉल में मा. वन एवं तकनीकी शिक्षा, भाषा एवं निर्वाचन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुबोध उनियाल की अध्यक्षता तथा जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई। 08 दिवसीय इस मेले का उदघाटन दिनाँक 26 सितम्बर, 2022 को होगा, जबकि समापन 03 अक्टूबर, 2022 को किया जाएगा। मेले के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न समितियों का गठन किया गया।

मंत्री उनियाल ने कहा कि गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी नरेन्द्रनगर में आगामी शरदकालीन नवरात्रों के शुभ अवसर पर 46 वाँ सिद्धपीठ माँ कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले का आयोजन किया जाएगा। मंत्री उनियाल ने कहा कि मां कुजांपुरी पर्यटन एवम् विकास मेला उत्तराखण्ड का सुप्रसिद्ध व काफी पुराना मेला है। यह मेला धार्मिक मेले के रूप में प्रारम्भ हुआ था, जो काफी वर्षाे से पर्यटन के क्षेत्र में भी इस मेले ने अपना स्थान बनाया है। उन्होंने आश्वासन दिया गया कि किसी भी स्तर पर भी माँ कुंजापुरी के इस मेले हेतु धन की कोई कमी आड़े नही आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जिला इस मेले में जिला प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

उन्होंने कहा कि यह प्रदेश का पहला मेला है जिसकी निरंतरता आज भी बनी हुई है मेले का उद्देश्य लोगों का मनोरंजन करने के साथ ही खेलों को बढ़ावा देना तथा यहां की स्थानीय संस्कृति सभ्यता के संरक्षण के साथ-साथ विकास की निरंतरता को भी बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि मेले की गुणवत्ता पर ध्यान रखना जरूरी है सभी को सकारात्मक सोच एवं रचनात्मकता के साथ अपना योगदान देना आवश्यक है। साथ ही मेले में जन कल्याणकारी योजनाओं के विभागीय प्रदर्शनी/ स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि समितियों की बैठक तीन चार दिन के अंदर करना सुनिश्चित करें। खेल प्रतियोगिताएं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों से संबंधित समितियां पहले ही अपनी तैयारियां पूर्ण कर ले। सभी विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभागों की योजनाओं से संबंधित स्टॉल लगाना सुनिश्चित करेंगे। पार्किंग व्यवस्था एसडीएम सीओ औऱ पीडब्ल्यूडी देखना सुनिश्चित करेंगे ईओ नगरपालिका साफ-सफाई और वेस्ट मैनेजमेंट का ध्यान रखेंगे तथा सफाई हेतु समय निर्धारित कर सफाई करवाएंगे। विद्युत विभाग द्वारा विद्युत आपूर्ति, जल संस्थान द्वारा पेयजल व पानी निकासी व्यवस्था, खाद्य अभिहित अधिकारी द्वारा खाद्य पदार्थों को खुले में ना रखने संबंधी व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंबुलेंस एवं स्वास्थ्य टीम की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही जिलाधिकारी द्वारा मेले का लोगो बनाने का भी सुझाव दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष मां कुंजापुरी मेले को और बेहतर तरीके से किए जाने का प्रयास किया जाएगा और इसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है।
मेले के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न समितियां यथा वित्त समिति, पुरस्कार एवं स्वागत समिति, भोजन एवं आवास व्यवस्था समिति खेलकूद व्यवस्था समिति, प्रचार-प्रसार समिति, स्टाल निर्माण समिति, संस्कृति एवं एच संचालन एवं रख-रखाव समिति, परिवहन एवं शक्ति व्यवस्था समिति तथा स्वास्थ्य एवं सफाई/ विद्युत व्यवस्था समिति एक दर्जन के अधिक समितियों का गठन किया गया।

बैठक में अध्यक्ष मेला समिति/अध्यक्ष नगर पालिका नरेंद्रनगर राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार, अध्यक्ष नगर पालिका मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी जिला अध्यक्ष भाजपा विनोद रतूड़ी ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र भंडारी, सचिव मेला समिति/एसडीएम नरेंद्रनगर देवेंद्र सिंह, अध्यक्ष मंडी समिति श्री रावत, सीएमओ संजय जैन, कोषाधिकारी नरेंद्रनगर शुभम तोमर सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

हमारो पहाड़ धारावाहिक के टाइटल सॉंग का सीएम ने किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के 100 दिन पूर्ण होने के अवसर पर ‘सर्वश्रेष्ठ बने उत्तराखण्ड अपना’ पर आधारित ‘हमारो पहाड़’ धारावाहिक के टाइटल सॉग का लोकार्पण किया।

इस टाइटल सांग में उत्तराखण्ड की विकास यात्रा से संबंधित विभिन्न पहलुओं एवं राज्य सरकार द्वारा जनहित के लिए उठाये गये महत्वपूर्ण कार्यों को दिखाया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ‘हमारो पहाड़’ धारावाहिक के टाइटल सॉग के गीतकार नरेन्द्र रौथाण, अमित खरे, भूपेन्द्र बसेड़ा आदि उपस्थित थे।

गढ़़वाल महासभा ने किया लोकगीत ढोल दमाऊ रांसो मंडाण का लोकार्पण

चखुलि फिल्मस के बैनर तले लोकगीत ढोल दमाऊ रांसो मंडाण का लोकार्पण आज देहरादून रोड़ स्थित अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के कार्यालय पर किया गया।

महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी, महामंत्री उत्तम असवाल एवं गीत को अपने सुरों से सजाने वाली प्रसिद्ध लोक गायक धूम सिंह रावत ने संयुक्त रूप इसका लोकार्पण किया।

मौके पर डा. राजे सिंह नेगी ने कहा कि निश्चित ही यह लोकगीत देवभूमि उत्तराखण्ड की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत एवं पारम्परिक पौराणिक वाद्य यंत्रों को जीवंत बनाये रखने में कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि समाज में छिपी प्रतिभाओं को निखारने तथा उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए।

गीत को अपनी सुमधुर आवाज से सजाने वाले लोक गायक धूूूम सिंह रावत ने बताया कि उनके साथ इस गीत को लोक गायिका ममता शाह ने गाया है। गीत के निर्माता जलम सिंह नेगी, रिकॉर्डिंग वीरेंद्र पंवार, एडिटिंग विकास उनियाल ने की है, सहयोग समाजसेवी हंसराज बडोनी, अंकित बिरमानी, प्रिया सिंह, राजेश रमोला, उदयराज कठैत, राकेश सिंह राणा ने किया।

बागेश्वर में सीएम ने किया 27331.13 लाख की लागत की 89 योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काण्डा में आयोजित काण्डा महोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित एवं पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया। तत्पश्चात जनपद बागेश्वर के विधानसभा कपकोट के केदारेश्वर मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा कपकोट एवं बागेश्वर क्षेत्र की 27331.13 लाख की लागत की 89 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। जिसमें विधानसभा कपकोट की 6843.03 लाख की लागत की 33 योजनाओं का लोकार्पण तथा 15632.94 लाख की 36 योजनाओं का शिलान्यास किया गया तथा विधानसभा बागेश्वर की 531.40 लाख की चार योजनाओं का लोकार्पण तथा 4323.76 लाख की 16 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें जब प्रदेश के मुख्य सेवक का दायित्व मिला, उसके बाद राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक फैसले लिए गए हैं। राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे पदों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण वितरित किए जा रहे है। लंबे समय से चली आ रही आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों सहित उपनल कर्मियों के मांग पर मानदेय बढाने के साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों का भी मानदेय बढ़ाया गया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 1734 पदों पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत गौरवशाली, शक्तिशाली, आत्मनिर्भर एवं विश्व गुरु के रूप में उभर रहा है। उत्तराखंड जैसे युवा राज्य को आने वाले समय में शिक्षा ,स्वास्थ्य , पर्यटन , व्यापार , उद्योग जैसे तमाम क्षेत्रों में हिंदुस्तान का नम्बर वन राज्य बनाएंगे। सरकार समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचे इस पर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा राज्य का विकास सबकी सामूहिक यात्रा है जिसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। सरकार एक-एक पल आम जनता के हित के लिये कार्य कर रही है व आम जनता के लिये सरकार के द्वार हर वक्त खुले है। उन्होने कहा कि सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्र में निवासरत व्यक्ति तक विकास की योजनाओं को पहुंचाना है तथा उन्हे आत्मनिर्भर बनाते हुए विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि जनपद में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं जिसके लिए कार्य किया जा रहा हैं। कपकोट क्षेत्र में जड़ी बूटी की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए इस क्षेत्र को जड़ी बूटी केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आठ हजार लोगों को होम स्टे योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कपकोट मे पॉलिटेक्निक के भवन निर्माण तथा सीएसडी कैंटीन के लिए आंकलन कर समाधान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इसके पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट में पांच सौ एमपीएल क्षमता वाले ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण तथा बीस बैड के चिकित्सालय भवन व मीटिंग हॉल का शिलान्यास किया गया। काण्डा महोत्सव में मुख्यमंत्री द्वारा मेला समिति को 02 लाख, काण्डा में सामुदायिक भवन के लिए 25 लाख रूपये देने की घोषणा की गयी, तथा ससोला में स्वीकृति एएनएम सेंटर के लिए धनराशि स्वीकृति करने तथा राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काण्डा में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने के लिए अल्ट्रासाउंड एवं डायलिसिस की व्यवस्था की जायेगी।
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत, ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वानन्द, विधायक कपकोट बलवंत सिंह भौर्याल, बागेश्वर विधायक चंदन राम दास, अध्यक्ष जिला पंचायत बसंती देवी, पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया, जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।