विंटर पर्यटन को बढ़ावा देगी राज्य सरकार-सतपाल महाराज

उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चार धाम की यात्रा के बाद अब हमारा ध्यान प्रदेश में विटंर टूरिज्म को प्रमोट करने पर है। हजारों लोग उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को देखने आते हैं इसलिए हम ऐसे डेस्टिनेशन को प्रचारित कर रहे हैं जो लोगों की आस्था से भी जुड़े हों। इसके साथ ही पर्यटक सर्दियों में उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। सतपाल महाराज ने प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शुक्रवार को उत्तराखंड डे का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कहा कि व्यापार मेले में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की छटा देखने को मिल रही है। लोगों का उत्साह देखकर लग रहा है ​कि उत्तराखंड के उत्पाद लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पाद, बाल मिठाई, पहाड़ी दालें, मसाले तथा जड़ी-बूटियां, शहद बैम्बू प्राकृतिक रेशा रामबॉस तथा भीमल से बने उत्पाद भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ​कोविड19 के पश्चात पहली बार आयोजित हो रहे भारतीय अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्य दिवस के अवसर पर सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन के लिए कृत संकल्प है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार कर अधिकाधिक निवेश आक​र्षित करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। एकल खिड़की व्यवस्था के अंतर्गत् उद्योगों को निर्धारित समय सीमा में सभी प्रकार की स्वीकृतियां तथा अनापत्तियां प्रदान किए जाने हेतु एकल खिड़की अधिनियम लागू किया गया है। इज आफ डुइंग बिजनेस कार्यक्रम में राज्य देश के अग्रणी औद्योगिकी राज्यों के साथ शीर्ष राज्यों में शामिल है। महाराज ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा मैया के प्रवास मुखबा और यमुना मैया के लिए खरसाली गांव को विशेष रूप से सजाया जाता है।
सतपाल महाराज ने कहा कि एक ओर जहां बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य के युवाओं विशेषकर कोविड 19 से प्रभावित राज्य के प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो स्वरोजगार योजना लागू की गई है। हरित प्रदेश की अवधारणा को मूर्त रूप देने में सरकार सतत प्रयत्नशील है और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लागू ​की गई है।
राज्य के समस्त जनपदों के पोटेंशियल को देखते हुए एक जनपद दो उत्पाद योजना लागू की गई है​ जिससे राज्य के विशिष्ट उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करने में सफल होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान है राज्य सरकार प्रसिद्व पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त 13 जनपद 13 डेस्टिनेशन के अंतर्गत तेजी से कार्य कर रही है।
बुनियादी ढांचे के अंतर्गत राज्य में रेल लाइन, वायुसेवा तथा राजमार्गों के निर्माण के क्षेत्र तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष मेले की थीम है आत्मनिर्भर भारत और राज्य सरकार इसी तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है।
भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रगति मैदान के हॉल नंबर 4 में उत्तराखंड पैवेलियन में इस वर्ष हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 34 स्टाल लगे हैं। इस वर्ष मेले का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के शिल्प आधारित सोवेनियर उत्पाद हैं, जिन्हें उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा विस्तृत स्तर पर शोध एवं भ्रमण कर राज्य के परंपरागत विभागों में पर्यटन, हिमाद्री, हिलांस, बैम्बू बोर्ड, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, ग्राम विकास एवं सिडकुल मुख्य रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन एस.एस संधू, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग रोहित मीणा निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल, उप निदेशक उद्योग शैली डबराल, उप निदेशक, राजेंद्र कुमार, मेलाधिकारी के.सी. चमोली, प्रदीप सिंह नेगी, गिरिश चंद्र आदि उपस्थित थे।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग की विकास पुस्तिका का विमोचन किया

राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (से.नि) ने मंगलवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।
राज्यपाल गुरमीत सिंह द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस के 12 अधिकारियों/कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, एवं पुलिस पदकों से अलंकृत किया। विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक पूरण सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड (स्वतंत्रता दिवस-2019), विमला गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी, प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड (स्वतंत्रता दिवस-2019), अनिल कुमार त्यागी, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, जनपद पौड़ी गढ़वाल (गणतन्त्र दिवस-2020)। सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक नारायण सिंह नपलच्याल पुलिस उपमहानिरीक्षक सीआईडी, सीआईडी मुख्यालय (स्वतंत्रता दिवस-2019) योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार (स्वतंत्रता दिवस-2019) वीरेन्द्र प्रसाद डबराल, सहायक सेनानायक (सेवानिवृत), 40 वीं वाहिनीं पीएसी, भगवान सिंह, प्लाटून कमाण्डर विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), 46 वीं वाहिनीं पीएसी श्याम सुन्दर पाण्ड उपनिरीक्षक विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), जनपद-अल्मोड़ा सुनील कुमार सिंह, फायर सर्विस चालक, जनपद-देहरादून (गणतन्त्र दिवस-2020), राकेश कुमार, लीडिंग फायरमैन, जनपद-देहरादून (गणतन्त्र दिवस-2020), वंश नारायण यादव, लीडिंग फायरमैन,जनपद-चम्पावत (स्वतंत्रता दिवस-2020), खजान सिंह तोमर, लीडिंग फायरमैन, जनपद-टिहरी गढ़वाल (स्वतंत्रता दिवस-2020), उत्कृष्ट थाना-पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मानकों के अनुरुप जनपद अल्मोड़ा के थाना सल्ट को उत्कृष्ट थाना-2021 चुना गया तथा सुशील कुमार, प्रभारी निरीक्षक सल्ट को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (से.नि) ने उपस्थित जनसमूह को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों को भी नमन किया। राज्यपाल ने अनुशासित और भव्य पुलिस परेड के लिए पुलिस परिवार को बधाई दी। अपने संबोधन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि राष्ट्र की कानून-व्यवस्था की नींव पुलिस है। समय के साथ पुलिस के कार्य एवं उत्तरदायित्व व्यापक होते जा रहे हैं। आज पुलिस केवल कानून व्यवस्था स्थापित करने तथा अपराधों पर नियंत्रण तक सीमित नही है। पुलिस की भूमिका रचनात्मक भी हो गई है। आज हमारी पुलिस युवाओं को उचित मार्गदर्शन देने, नशा-मुक्ति अभियान चलाने, असहाय लोगों की मदद करने, मानवीय सेवा तथा मुसीबत में पड़े लोगों तक सहायता पहुंचाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है, यह सराहनीय है। हमें अपनी संवेदनशीन पुलिस से ऐसी ही अपेक्षा है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर समन्यव आवश्यक है। आज ईफेक्टिव पुलिसिंग की आवश्यकता बढ़ गई है। पुलिस को नई परिस्थितियों के अनुसार अपनी क्षमता और ट्रेनिंग में निरन्तर सुधार की जरूरत है। आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया क्राइम भी पुलिस के समक्ष बड़ी चुनौती है। इसके लिये पुलिस विभाग में उच्च स्तरीय साइबर सेल के गठन की आवश्यकता है। समाज में अपराधों के नियंत्रण में टेक्नॉलाजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंफोर्ममेशन एण्ड क्युनिकेशन टेक्नॉलॉजी पुलिस के लिये वरदान सिद्ध हो सकती है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि वास्तव में लॉकडाउन के समय सबसे महत्वपूर्ण पक्ष था पुलिस द्वारा किये गये सामाजिक सेवा कार्य। पुलिस को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने के साथ ही लोगों को आवश्यक सूचनाएं देने तथा अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति का कार्य भी करना पड़ा। पुलिस के अधिकारी तथा जवान तत्काल मदद की गुहार लगाने वाले नागरिकों के सीधे सम्पर्क में आ गए। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पुलिस की भूमिका जरूरतमंदों की सहायता एवं सेवा पर केन्द्रित रही, यह अत्यन्त सराहनीय है। जरूरतमंदों को राशन, दवाईयां, मास्क, सेनेटाइजर, ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर आदि वितरित करके पुलिस अनेक असहाय लोगों के लिए आशा की किरण बनी। हमारे निष्ठावान पुलिस के जवानों ने अपने कर्तव्यों के पालन के साथ मानवता का धर्म भी निभाया तथा निराश्रितों का सहारा बनी, इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस परिवार को विशेष बधाई। राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष उत्तराखण्ड राज्य ने अपनी स्थापना के 21 वर्ष पूरे कर लिये हैं। आज हम पूरी तरह से युवा हो चुके हैं। एक युवा राज्य से जन अपेक्षाएं भी अधिक होंगी। निश्चित ही हमारी कार्यशैली, विजन और मिशन में और अधिक गम्भीरता की आवश्यकता होगी। हमें राज्य के विकास का रोडमैप उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, सुन्दर परम्पराओं, प्रकृति प्रेम की मान्यताओं एवं स्थानीय लोगों की भावनाओं के आधार पर बनाना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक सरंचना की रीढ़ हैं। हाल ही मैंने राज्य के कुछ पर्वतीय जिलों का दौरा किया। सच में, पहाड़ की महिलाएँ स्थानीय उत्पादों एवं हस्तशिल्पों के माध्यम से क्रान्ति कर रही हैं। महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उनकी आमदनी बढ़ रही हैं। यह किसी चमत्कार से कम नही है। मैं पहाड़ की परिश्रमी एवं स्वाभिमानी नारियों की प्रंशसा करता हूँ।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पर्वतीय जिलों में कुछ युवाओं ने रिवर्स माइग्रेशन की बड़ी अच्छी मिसाल पेश की है। बड़े महानगरों से लौटे प्रवासी युवाओं ने अपने गांव-घरों में मशरूम की खेती, मुर्गी पालन, फलों और सब्जियों के उत्पादन से स्वरोजगार के द्वार खोले हैं। कुछ युवा उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांण्ड के रूप में स्थापित करने के लिये प्रयासरत है। वे थिंक ग्लोबली एक्ट लोकली के वाक्य को समझ चुके हैं। बहुत से उच्च शिक्षित युवा मल्टीनेशनल कम्पनियों की नौकरियां छोड़ कर अपने गांवों को पुनः आबाद करने के मिशन में लगे है। आपकी हिम्मत और जुनून प्रंशसनीय है। उत्तराखण्ड के युवाओं का अपने गांव और मिट्टी से जुड़ने का यह जज्बा राज्य के विकास की नई इबारत लिखेगा।
राज्यपाल ने कहा कि देश और दुनियाभर में रहने वाले उत्तराखण्ड के प्रवासी युवाओं से अनुरोध है कि आपके गांव, घर और पहाड़ आपकी राह देख रहे हैं। आप अपनी योग्यता, प्रतिभा और क्षमता का लाभ अपने राज्य को देने का यथासंभव प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि युवा साथियों से यह भी आग्रह है कि वे ट्रांसफोर्मेशन, मॉर्डननाइजेशन, डिजिटलाइजेशन, इनोवेशन की इस यात्रा से जुड़कर देश के विकास में योगदान दें। राज्यपाल ने कहा कि वीरों की भूमि उत्तराखण्ड सैनिक राज्य है। लेकिन अब हमें अपने बेटों के साथ ही अधिक से अधिक बेटियों को भी सैन्य सेवाओं हेतु प्रोत्साहित करना होगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि अब एनडीए के प्रवेश द्वार भी बालिकाओं के लिये खुल गये हैं। भविष्य में हमारी बेटियां भी सेना के बड़े एवं निर्णायक पदों पर पहुंचेगी। वे राष्ट्र की एकता और अखण्डता की वीर प्रहरी होंगी। मुझे आशा है कि अधिक से अधिक पहाड़ की बेटियां भी सैन्य सेवाओं में आएंगी तथा देश तथा प्रदेश को गौरवान्वित करेंगी। मेरा राज्य में रह रहे भूतपूर्व सैनिकों से आग्रह है कि राज्य की प्रगति विशेषकर रिवर्स माइग्रेशन के लिये कार्य करें। अपनी सेना की टै्रनिंग व अनुभवों का लाभ राज्य को दे। आपके समाज और राज्य को आपसे बहुत सी अपेक्षाएं हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहां आत्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बडे़ स्तर पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इक्कीसवी सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। राज्यपाल ने कहा कि हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिये रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। अब दुनियाभर के सिक्ख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के दर्शन और अधिक सुविधापूर्वक कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में घोषणा की कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों, जिनको रू. 3100 पेंशन प्राप्त हो रही है, को बढ़ाकर रू. 4500 तथा जिनको रू. 5000 पेंशन प्राप्त हो रही है, को बढ़ाकर रू. 6000 किया जायेगा। राज्य के प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर अध्ययनरत छात्राओं के शिक्षा को सुगम एवं सुविधायुक्त बनाने हेतु एक-एक महिला छात्रावास का निर्माण किया जायेगा। राज्य में आवश्यकतानुसार जनपद मुख्यालयों पर कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण किया जायेगा। ईजा-बोई शगुन योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु अस्पतालों में 48 घण्टे रुकने वाली प्रसूता महिला को रू. 2000 उपहार धनराशि भेंट की जायेगी। जी रैया चेली-जागी रैया नौनी योजना के तहत 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को टी.एच.आर. सुविधा प्रदान की जायेगी। 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों में सेनेटरी नैपकीन वेण्डिंग मशीन की स्थापना की जायेगी। 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य परीक्षण यथाः हीमोग्लोबीन इत्यादि की जाँच निःशुल्क की जायेगी तथा हेल्प लाईन नं० 104 के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श भी उपलब्ध कराया जायेगा। आरोग्य उत्तराखण्ड क्रोनिक डीजीज (दीर्घकालिक एवं पुरानी बिमारियां) के उपचार में ली जाने वाली दवाइयों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। देहरादून एवं हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की जायेगी। राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन डेवलपमेंट की स्थापना की जायेगी। कोविड-19 में सराहनीय कार्य के दृष्टिगत एनएचएम के कर्मियों को रू. 10,000 एकमुश्त प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाएगी। राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने हेतु राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से संचालित 32 सेवाओं को अद्यतन करते हुए कुल 75 सेवाओं को ’’अपणि सरकार पोर्टल’’ के माध्यम से आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा। सेवा का अधिकार अधिनियिम में अधिसूचित अवशेष 190 सेवाओं को भी शीघ्र ही ’’अपणि सरकार पोर्टल’’ के माध्यम से संचालित कर आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में खेल को प्रोत्साहित करने तथा युवाओं को खेल की विभिन्न विधाओं से जोड़ने के लिए ’’खेल नीति-2021’’ तुरन्त लागू की जाएगी। उत्तराखंड में स्वास्थ्य, पर्यटन से राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने हेतु राज्य को आयुष वेलनैस का हब बनाया जाएगा। जिसके अन्तर्गंत गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक गृहों में आयुष वेलनैस सेन्टर खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों व आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए प्रदेश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई हैं। इनमें से बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी योजना है कि 2025 तक उत्तराखंड के प्रत्येक गांव को लिंक मार्गों के माध्यम से बड़े राजमार्गों और ऑल वेदर रोड से जोड़ सकें। जिससे पहाड़ों पर औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सके और पलायन की समस्या से उत्तराखंड को मुक्ति दिलाकर पहाड़ की जवानी को पहाड़ के काम लाया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धर्म स्थल हेमकुंड साहब को शीघ्र ही रोपवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इसी योजना के अन्तर्गत 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम तक केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकेगा। राज्य सरकार नैनीताल में स्थित कैंचीधाम के विकास के लिए भी काम कर रही है जिसके अंर्तगत 60 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्य किए जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाएं भी समय-समय पर हमारी परीक्षाएं लेती रही हैं। पिछले दिनों अतिवृष्टि के कारण आई आपदा इसका एक उदाहरण है, जिसमें कई लोगों ने जान गंवाईं, जो अत्यन्त दुखद है। मैं उन सभी मृत आत्माओं के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। राज्य सरकार आपदाओं का सामना त्वरित गति से करने के लिए संकल्पबद्ध है। इसी के परिणाम स्वरुप गत दिनों में आई आपदा का सामना हम सही प्रकार से कर सके और समय से राहत व बचाव कार्यों को संचालित कर कई लोगों की जान भी बचा सके। उन्होंने आपदा के समय हमेशा आगे रहकर लोगों की मदद करने के लिए पुलिस, एसडीआरएफ समेत सभी सम्बन्धित विभागों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन महाभियान संचालित किया जा रहा है। हाल ही में हमारे देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज का पड़ाव पार किया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड, 18 वर्ष से अधिक सभी नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। शत-प्रतिशत दूसरी डोज का लक्ष्य भी शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा कार्यकाल दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित रहा है। यह पहली सरकार है जिसने पलायन को गम्भीरता से लिया और रिवर्स पलायन को साकार करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है। सीमांत तहसीलों के लिए ’’मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना’’ शुरू की है तथा सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ’’एक जनपद दो उत्पाद’’ योजना द्वारा स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने कोशिश की है। सरकार द्वारा शुरू की गई होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुसार हम वर्ष 2025 तक जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा, तब हम उसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए हम ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र को ध्यान में रखकर दिन-रात कार्य कर रहे हैं। जिसके द्वारा हम अन्त्योदय के अपने अंतिम लक्ष्य को प्राप्त कर सकें और उत्तराखंड को सच्चे अर्थों में देवभूमि बना सकें।
डी.जी.पी अशोक कुमार ने अपने संबोधन में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘विकल्प रहित संकल्प, नये इरादे, युवा सरकार, उत्तराखण्ड विकास के स्वर्णिम पथ पर’’ का विमोचन किया। इसके साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस पत्रिका व उपवा की वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया।
रैतिक परेड का नेतृत्व जन्मेजय खण्डूरी, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा, द्वितीय कमाण्ड एवं परेड एडजूटेन्ट के साथ किया गया। परेड में उत्तराखण्ड पुलिस की विभिन्न शाखाओं जैसे ट्रैफिक पुलिस, नागरिक पुलिस, पीएसी, महिला पीएसी, पुलिस दूरसंचार, दंगा नियन्त्रण, डॉग स्क्वाड, कमाण्डो दस्ता, फायर सर्विस, एसडीआरएफ, सीपीयू आदि सम्मिलित थे। कार्यक्रम का संचालन उपनिरीक्षक पूनम प्रजापति एवं आरक्षी फायर मनीष पन्त द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव एस एस संधु , अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

सीएम धामी की प्रदेशवासियों को सौगात, कई घोषणाओं से जीता अवाम का दिल

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) मे राज्य स्थापना दिवस की 21वीं वर्षगांठ पूरी गरिमा के साथ ‘‘उत्तराखंड महोत्सव’’ के रूप में हर्षाेल्लास के साथ मनाई गई। आईटीबीपी, पुलिस, होमगार्ड के जवानों ने विधानसभा परिसर में भव्य सेरेमोनियल परेड का आयोजन किया गया। वही स्कूली बच्चों एवं सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन करते हुए विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास के साथ ही प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया और विधानसभा परिसर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के लिए विशेष दिन है। लंबे संघर्ष और बलिदान के बाद हमें यह दिन देखने को मिला है। इसके लिए असंख्य गुमनाम लोगों ने संघर्ष किया। बच्चे, युवा, महिला, बुजुर्ग सब सड़क पर उतरे थे। माताओं और बहनों ने अपमान सहा। ये राज्य हमें लाठी, गोली और दमन से मिला है। खटीमा, मसूरी और मुजफ्फरनगर के दमन को हम कभी भूल नहीं सकते। मैं खटीमा का निवासी हूं, मैंने अपनी आंखों से उस दमन को देखा है। मैं आज उन शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन करता हूं जिन्होंने इस राज्य के लिए अपने जीवन को, अपने परिवार की खुशियों को होम कर दिया। यह शांति की धरती है, यह क्रांति की धरती है। यह हीरों को जनने वाली धरती है, यह वीरों को जनने वाली धरती है। ये ज्ञान की धरती है, यह आन-बान-शान की धरती है। हमारा संकल्प है कि जिस ध्येय के लिए इस राज्य के लिए संघर्ष किया गया और राज्य की कल्पना की गई, उसके लिए हम कृत संकल्प हैं। हम उनके त्याग, बलिदान और संघर्ष को व्यर्थ जाने नहीं देंगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न परम श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को भी स्मरण करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री रहते उत्तराखंड राज्य का सपना साकार हुआ।
प्रदेश की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई हैं। इनमें से बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के लिये चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की जो सौगात दी है उससे आने वाले समय में उत्तराखंड में आवागमन सुगम हो सकेगा। इसके अतिरिक्त केन्द्र सरकार ने भौगोलिक एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 155 किलोमीटर के टनकपुर-बागेश्वर रेलमार्ग के अन्तिम सर्वें को भी मंजूरी दे दी है तथा इसके लिए बजट भी अवमुक्त कर दिया गया है। इस प्रकार केन्द्र सरकार के सहयोग से हम उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को भी विकास की धारा से जोड़ने में सफल हुए हैं। हमारी योजना है कि 2025 तक हम उत्तराखंड के प्रत्येक गांव को लिंक मार्गों के माध्यम से बड़े राजमार्गों और ऑल वेदर रोड से जोड़ सकें। जिससे पहाड़ों पर औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सके और पलायन की समस्या से उत्तराखंड को मुक्ति दिलाकर पहाड़ की जवानी को पहाड़ के काम लाया जा सके। ये डबल इंजन सरकार की उपलब्धि ही है कि देवभूमि के पहाड़ों में रेल पहुंचाने का स्वप्न साकार होने की कगार पर है। सड़क एवं रेलमार्गों के साथ-साथ उत्तराखंड में एयर कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हमारी सरकार विशेष रुप से कार्य कर रही है। जिसके अन्तर्गत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है तथा उधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया रहा है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरुआत की गई है। हमारा लक्ष्य है कि हम 2025 तक उत्तराखंड के प्रत्येक प्रमुख नगर को हेली सेवा से जोड़े। देहरादून से टिहरी के लिए डबल लेन टनल की भी स्वीकृति देकर केन्द्र सरकार ने दून से टिहरी की दूरी को कम करने का काम किया है। इस परियोजना के लिए अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपये आंकी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रस्तावित योजना के अनुसार विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धर्म स्थल हेमकुंड साहब को शीघ्र ही रोपवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इसी योजना के अन्तर्गत 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम तक केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकेगा। हमारी सरकार नैनीताल में स्थित कैंचीधाम के विकास के लिए भी काम कर रही है जिसके अंर्तगत 60 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे। इसके साथ-साथ केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड को भारत की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थली बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। जिसके अन्तर्गत केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए क्रमशः 20 करोड़ और 34 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके हैं। देवभूमि उत्तराखंड का विकास हमारी सर्वाेच प्राथमिकता रही है और इसी ध्यान में रखकर हमारी सरकार पिछले साढ़े चार सालों सें लगातार कार्य कर रही है। मुख्य सेवक के रुप में मेरी पहली प्राथमिकता युवाओं की समस्याओं को दूर करने की रही है। इसीलिए हमने उत्तराखंड में सरकारी विभागों में रिक्त पड़े 24 हजार पदों को शीघ्र भरने का बेड़ा उठाया है। इनमें से आधे पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, तथा शेष रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्ती पूर्ण कर ली जाएगी। साथ ही जहां राज्य की भर्ती परीक्षाओं में आवेदन शुल्क से राहत दी गई है वहीं समूह-ख व ग के पदों पर चयन में अभ्यर्थियों को आयु सीमा में एक वर्ष की छूट भी दी गई है। इसके अतिरिक्त संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए, सीडीएस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। हमारी सरकार अल्प वेतन भोगियों के वेतन तथा भत्तों में वृद्धि के प्रति संवेदनशील है। अतिथि शिक्षकों का वेतन 15,000 रूपए से बढ़ाकर 25,000 रूपए, मेडिकल कॉलेजों में ट्रेनी डाक्टरों के स्टाईपेंड को 7500 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 17,000 रूपए, ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 3500 रूपए किया है। साथ ही हमने उपनल कर्मियों, आशा एवं आंगनबाड़ी बहनों, लोक कलाकारों तथा ग्राम प्रहरियों के मानदेय में भी वृद्धि की है। प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर दो सीबीएसई पाठ्यक्रम के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना करने का कदम शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। नई शिक्षा नीति को समयबद्ध तरीके से स्कूलों में लागू करने के प्रति हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। क्वालिटी एजुकेशन के लिए हमने सभी सरकारी विद्यालयों में छब्म्त्ज् की पाठ्य पुस्तकें अनिवार्य करवायी हैं। कॉलेजों को स्मार्ट कैम्पस बनाया जा रहा है। बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट इको क्लब की स्थापना की गई है। प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है। ऐसे बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रुपये प्रति माह दिये जायेंगे। इसके साथ ही मैं हमारे प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र में एम्स के सेटेलाइट सेंटर को खोलने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री को देवभूमि की समस्त जनता की ओर से हार्दिक धन्यवाद भी प्रेषित करता हूं। अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत प्रदेश में लगभग 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड अब तक बनाए जा चुके हैं। हमारी सरकार अन्त्योदय की भावना के अनुरूप विकास का लाभ, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन के शुरूआती दौर से ही गैरसैंण को राजधानी बनाये जाने की संकल्पना हर आंदोलनकारी के मन में रही है। जनभावनाओं को सर्वाेच्च सम्मान देते हुए हमारी ही सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। अब हम गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं। पिछले साढ़े चार वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जिसके फलस्वरूप सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक में वर्ष 2018 में जहां हम देशभर में 10वें स्थान पर थे वहीं आज हम शीर्ष तीन में शामिल हैं। प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुसार हम वर्ष 2025 तक जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा, तब हम उसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए हम ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र को ध्यान में रखकर दिन-रात कार्य कर रहे हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के 31 राज्य आंदोलनकारियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही विगत आपदा में मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता चेक और आपदा में सराहनीय कार्य करने वालों को भी सम्मानित किया। वही मुख्यमंत्री ने विधानसभा परिसर में जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए विभिन्न विभागों के स्टॉलों का निरीक्षण किया। निर्वाचन विभाग के स्टॉल पर मतदाताओं को अपने मत के प्रयोग हेतु चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान और मेरा वोट मेरी ताकत के लिए बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पर फोटो भी खिचवाई। इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदेश वासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में राज्य आंदोलनकारियों के योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा, राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य को आगे बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास एवं पलायन को रोकने के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, सीडीओ वरूण चौधरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट डा. दीपक सैनी सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।

राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने की भराडीसैंण में निम्न घोषणाएं-
1.उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी पेंशन वृद्धि – उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों, जिनको रू0 3100.00 पेंशन प्राप्त हो रही है, को बढ़ाकर रू0 4500.00 तथा जिनको रू0 5000.00 पेंशन प्राप्त हो रही है, को बढ़ाकर रू0 6000.00 किया जायेगा।
2.महिला छात्रावास – राज्य के प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर अध्ययनरत छात्राओं के शिक्षा को सुगम एवं सुविधा युक्त बनाने हेतु एक-एक महिला छात्रावास का निर्माण किया जायेगा।
3 कामकाजी महिला छात्रावास – राज्य में आवश्यकतानुसार जनपद मुख्यालयों पर कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण किया जायेगा।
4.ईजा-बोई शगुन – सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु अस्पतालों में 48 घण्टे रुकने वाली प्रसूता महिला को रु० 2000.00 उपहार धनराशि भेंट की जायेगी। (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग )
5.जी रैया चेली-जागी रैया नौनी -11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को टीएचआर सुविधा प्रदान की जायेगी।
-11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों में सेनेटरी नैपकीन वेण्डिंग मशीन की स्थापना की जायेगी।
-11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य परीक्षण यथाः हीमोग्लोबिन इत्यादि की जाँच निशुल्क की जाएगी तथा हेल्प लाईन नं 104 के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श भी उपलब्ध कराया जायेगा।
6. आरोग्य उत्तराखण्ड क्रॉनिक डिजीज (दीर्घकालिक एवं पुरानी बिमारियां) के उपचार में ली जाने वाली दवाइयों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।
7. नशामुक्ति केंद्र- देहरादून एवं हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की जायेगी।
8. राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन डेवलपमेंट की स्थापना की जायेगी।
9. कोविड-19 में सराहनीय कार्य के दृष्टिगत एनएचएम के कर्मियों को रू0 10,000- को एकमुश्त प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाएगी।
10. राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने हेतु राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।
11. ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से संचालित 32 सेवाओं को अद्यतन करते हुए कुल 75 सेवाओं को ’’अपणि सरकार पोर्टल’’ के माध्यम से आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा।
12. सेवा का अधिकार अधिनियम में अधिसूचित अवशेष 190 सेवाओं को भी शीघ्र ही ’’अपणि सरकार पोर्टल’’ के माध्यम से संचालित कर आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा।
13. प्रदेश में खेल को प्रोत्साहित करने तथा युवाओं को खेल की विभिन्न विधाओं से जोड़ने के लिए ’’खेल नीति-2021’’ तुरन्त लागू की जाएगी।
14. उत्तराखंड में स्वास्थ्य, पर्यटन से राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने हेतु राज्य को आयुष वेलनैस का हब बनाया जाएगा। जिसके अन्तर्गंत गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक गृहों में आयुष वेलनैस सेन्टर खोले जाएंगे।
15. भराड़ीसैंण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान बनाया जाएगा।
16. गैरसैण नगर पंचायत की विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए 1.20 करोड़ की स्वीकृति की घोषणा की।
17. आदिबद्री और घाट क्षेत्र को नगर पंचायत बनाया जाएगा।
18 नारायणबगड़ ब्लाक में एलोपैथिक अस्पताल का उच्चीकरण किया जाएगा।

लोकार्पण/शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 12943.40 लाख की 36 योजनाओं का लोकार्पण एवं 9554.66 लाख की 33 योजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें विधानसभा बद्रीनाथ के अन्तर्गत 5110.90 लाख की 10 योजनाओं का लोकार्पण एवं 3506.43 लाख की 10 योजनाओं का शिलान्यास किया गया। कर्णप्रयाग विधानसभा के अन्तर्गत 3097.48 लाख की 9 योजनाओं का लोकार्पण एवं 2781.50 लाख की 11 योजनाओं का शिलान्यास हुआ। वही थराली विधानसभा के अन्तर्गत 4735.02 लाख की योजनाओं लोकार्पण एवं 3166.73 लाख की योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

लोकार्पण
गैरसैण में कल्यिणा ग्वाड़ बैण्ड से डिग्री कॉलेज फरकण्डे मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 126.74, गैरसैण में मैखोली-नलगांव-लखेड़ी-वासीसेम मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 187.15, उडामाण्डा-चोपड़ा मोटर मार्ग का पुनः निर्माण एवं सुधार कार्य लागत 222.23, गोविन्दघाट-घांघरिया पैदल मार्ग किमी.10 लक्ष्मण गंगा नदी के ऊपर 135 मी. स्पान पैदल झूला पुल का निर्माण लागत 2073.64, खेता से गुगलेश्वर तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य लागत 127.80, तपोवन-करछोई मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 382.50, पोखरी-काण्डई मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 1251.35, खन्ना कुजासू से पैणी मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 540.61, मालई से भटक्वाली मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 246.08, देवलधार से कण्डारीखोड मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 617.99, देवलधार से कण्डारीखोड मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 547.09, रोहिडा से पज्याणा मोटर मार्ग लागत 353.09, बगोली-चूला मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 458.39, नन्दप्रयाग घाट किमी0 11 से मंगरोली मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 198.35, तोली-कल्याणी तल्ली मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 362.60, मींग गधेरा से बैनोली तल्ली मोटर मार्ग, स्टेज-1 लागत 162.13, थराली कुराड मोटर मार्ग के किमी0 15 से गुडम लग्गा गेरूड़ मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 178.01, नन्दकेशरी ग्वालदम मोटर मार्ग से जौला मोटर मार्ग के किमी0 1 पर 24 मी0 स्टील गर्डर सेतु लागत 139.69, नन्दकेशरी ग्वालदम मोटर मार्ग किमी0 1 से जौला मोटर मार्ग के किमी0 3 पर 30 मी0 स्टील गर्डरसेतु लागत 170.06, कुलसारी आलकोट मोटर मार्ग के किमी0 04 से गैरवारम मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 283.72, नाराणबगड भगोती मोटर मार्ग से झिझोणी मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 609.60, लौहजंग से वॉक मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 356.42, खेता से तोरती मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 1048.80, परखाल से सिलोडी मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 631.05, नन्दप्रयाग घाट किमी0 11 से गंडासू मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 275.43, नन्दप्रयाग-भैरणी मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 370.69, राजबगठी पेयजल योजना लागत 48.62, बमोथ पेयजल योजना लागत 119.64, राइका बछेर में 4 कक्षा कक्ष का निर्माण कार्य लागत 83.26, राइका उर्गम का निर्माण कार्य लागत 187.87, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय त्रिशूला चमोली के चिकित्सालय भवन निर्माण लागत 49.80, सैनिक स्मृति केन्द्र सवाड़ का निर्माण लागत 100, लाटू देवता मन्दिर का सौन्दर्यीकरण कार्य लागत 61.59, राइका जैनबिष्ट में सुदृढ़ीकरण कार्य 96.26, राउमावि निलाड़ी में विज्ञान प्रयोगशाला, कम्प्यूटर, पुस्तकालय एव आर्ट क्राफ्ट भवन निर्माण लागत 75.15, ग्राम माणा में बहुमंजिला पार्किंग एवं पार्किंग सुदृढ़ीकरण का कार्य लागत 200 लाख शामिल है।

शिलान्यास
जिन विकास योजनाओं का शिलान्यास हुआ उसमें राज्य योजना के विकासखण्ड जोशीमठ में न्याय पंचायत मुख्य ग्राम द्वींग को मोटर मार्ग से जोड़े जाने का कार्य लागत 330.74 लाख, विकासखण्ड दशोली में बम्बूधार से मूल गांव छिनका होते हुये मल्ला-नौरी तक मोटर मार्ग नव निर्माण लागत 141.22, गैरसैण में खजूरखाल- निगलानी- तिमुलपानी-गोगनानी-दमदड मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 81.01, विकास खण्ड़ गैरसैण में मालकोट-कालीमाटी-सैरा तिवाखर्क मोटर मार्ग नव निर्माण कार्य द्वितीय चरण लागत 63.93, मींग गधेरे से गढ़कोट तक मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं बीएम/एसडीबीसी के डामरीकरण कार्य लागत 1258.19, विकासखण्ड पोखरी में चोपडा-हरिशंकर मोटर मार्ग से नखोलियाना-पोखरी तक सड़क का निर्माण कार्य लागत 74.18, पोखरी में गोगनापनी से भदूड़ा मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 49.80, हेलंग-डुमक मोटरमार्ग स्टेज-2 लागत 819.55, टंगनीतल्ली से टंगनीमल्ली मोटरमार्ग स्टेज-2 लागत 242.64, तपोवन रिंगी मोटर मार्ग से सुभई मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 851.39, कलसीर से गुडम-नेल-नौली-कुंजी मोटर मार्ग स्ेटज-2 लागत 639.23, बकरियाबैण्ड से छिमटा मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 794.82, लामबगड (नैलबैण्ड) से झूमाखेत मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 557.21, थराली कुराड मोटर मार्ग के किमी0 15 से गुडम लग्गा गेरूड़ मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 180.16, छुरागाड से सुतोल कनोल मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 603.14, तांगला पेयजल योजना 30.14, विकास खण्ड कर्णप्रयाग के अंतर्गत अलकनंदा नदी के बाएं तट पर स्थित शक्तिनगर में बाढ़ सुरक्षा योजना लागत 349.00, गैरसैण के अंतर्गत सरस्वती शिशु मंदिर माईथान की बाढ़ सुरक्षा योजना लागत 142.51, गैरसैण में 11 पर्वतीय नहरों की जीर्णाेद्धार योजना लागत 224.00, राजकीय आदर्श इण्टर कालेज बांजबगड में 3 प्रयोगशाला का निर्माण लागत लागत 93.77, राजकीय आदर्श इण्टर कालेज आदिबद्री में 3 प्रयोगशाला का निर्माण 68.26, राजकीय आदर्श इण्टर कालेज पैतोली में 3 प्रयोगशाला का निर्माण 77.46, राइका रैंस चोपता में 2 कक्षा कक्ष का निर्माण लागत 49.55, राइका मालसी में 3 कक्षा कक्षों का निर्माण लागत 67.39, राइका वाण के प्रशासनिक भवन एवं 4 कक्षों का निर्माण लागत 185.32, आदिबद्री में पार्किग का निर्माण लागत 137.38, लोहांजग में टैक्सी स्टैण्ड का निर्माण लागत 220.78, थराली के अन्तर्गत थराली विकासखण्ड़ भवन का निर्माण कार्य लागत 327.91, राइका बड़ागॉव में 6 कक्षा-कक्षों का निर्माण कार्य लागत 109.55, जोशीमठ में पार्किंग निर्माण लागत 248.13, भराड़ीसैंण गैरसैंण में पार्किंग निर्माण लागत 295.99 शामिल है।