प्रधानमंत्री मोदी ने बदरीनाथ व केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे वर्चुअल माध्यम से सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविन्द मोहन, संयुक्त सचिव भारत सरकार रोहित यादव, उप सचिव भारत सरकार मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। श्री केदारनाथ के निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए आस-पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने होंगे। रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने एवं कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, इस ओर भी ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वासुकीताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस-पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है, इसका पूरा प्लान तैयार किया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्री बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए। माणा गांव एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। इनमें स्थानीय कल्चर एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ईकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सेवकों एवं डॉक्टरों से भी अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। दिसम्बर 2023 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल अभी तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आ चुके हैं।
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण में 188 करोड़ रूपये के 21 कार्य किये जा रहे हैं। जिनमें से 03 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, 06 कार्य दिसम्बर 2022 तक पूर्ण हो जायेंगे। अवशेष 12 कार्यों को जुलाई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। गौरीकुण्ड में गेट का निर्माण किया जा चुका है। संगम घाट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जायेगा। ईशानेश्वर टेम्पल का कार्य भी एक माह में पूर्ण हो जायेगा। मास्टर प्लान के अनुसार सभी कार्य दिसम्बर 2023 तक पूर्ण किये जायेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि श्री बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से कार्य हो रहे हैं। शीश नेत्र लेक एवं बद्रीश लेक का कार्य 03 माह में पूर्ण हो जायेगा। रिवर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण हो जायेगा।
सचिव संस्कृति, भारत सरकार गोविन्द मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि श्री केदारनाथ के लिए संस्कृति मंत्रालय के तहत चार प्रकार के कार्य होने हैं। जो जल्द शुरू किये जायेंगे। सोनप्रयाग में ओरिएंटेशन सेंटर की स्थापना, रामबाड़ा, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली एवं चन्नी कैंप में चिन्तन स्थल (ध्यान स्थल), श्री केदारनाथ में शिव उद्यान एवं श्री केदारनाथ में श्री केदार गाथा म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा। इन सभी कार्यों की पूरी योजना बनाकर तैयारी कर ली गई है।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान की समीक्षा कर सीएस ने दिए आवश्यक निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक के दौरान केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य पूर्ण किए जाएं। उन्होंने नाइट शिफ्ट करते हुए प्रोडक्टिव आवर्स को बढ़ाए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मजदूरों की संख्या भी बढ़ाए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने मजदूरों के रहने और खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून सीजन समाप्त होते ही चारधाम यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है, इसके चलते निर्माण सामग्री केदारनाथ पहुंचाने में थोड़ा दिक्कतें आ सकती हैं, इसको देखते हुए निर्माण सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने फ्यूचर स्पेसिफिक निर्माण अथवा अन्य सभी प्रकार की सामग्री का स्टॉक पहले से तैयार कर लिया जाए, साथ ही, निर्माण सामग्री की उपलब्धता के लिए लोकल सिस्टम भी विकसित किया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां से निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान कार्यों पर भी निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन और तीर्थाटन स्थलों के आसपास पार्किंग स्थलों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खूबसूरत पर्यटन स्थलों में बड़ी – बड़ी पार्किंग बना कर उस क्षेत्र की खूबसूरती को बर्बाद कर देते हैं। उन्होंने पार्किंग स्थलों के लिए अलग – अलग स्थानों पर सड़कों के किनारे छोटी – छोटी पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव श्री सचिन कुर्वे द्वारा केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आपदा के बाद पुनर्निमाण के कार्य अब अंतिम चरण मेंः तीरथ सिहं रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट व तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पब्लिक सेक्टर कंपनियों के मध्य श्री बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित करने को लेकर लगभग 100 करोड़ के कार्यों के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। समझौता पत्र पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर व उत्तराखंड की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए।

सचिवालय में वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्य शुरू हुए थे जो कि अब अपने अंतिम चरणों में हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का भी निर्णय लिया। यहां आगामी 100 वर्षों की आवश्यकताओं के मद्देनजर सुविधाओं का विकास कुल 85 हेक्टेयर भूमि में चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने हैं। बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

इसी के साथ यहां पर व्यास गुफा, गणेश गुफा व चरण पादुका आदि का भी पुनर्विकास किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास में तेल कंपनियों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का फोकस क्षेत्र में होमस्टे को बढ़ावा देने पर है ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बदरीनाथ धाम में किये जा रहे कार्यों के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री जी व पेट्रोलियम मंत्री का विशेष आभार जताया।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड के चार धामों का विशेष महत्त्व है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प को लेकर तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बदरीनाथ व केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमनोत्री धामों के लिए भी कुछ कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा प्लाजा, जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, शौचालय, पुल आदि के सौंदर्यीकरण व पुनर्निर्माण के कार्य होने प्रस्तावित हैं।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहां से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो के दौरान हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि यहां पर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। प्रथम चरण में यहां पर अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, तटबंधों में सुदृढ़ीकरण, लैंड सकेपिंग, भीड़ होने पर होल्डिंग एरिया, पुलों की रेट्रोफिटिंग आदि कार्य होने हैं। मौके पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें यहां होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में बताया गया।