पीएम श्री स्कूल योजना के द्वितीय चरण में अधिक से अधिक स्कूल हों शामिल

भारत सरकार द्वारा संचालित पीएम-श्री योजना के अंतर्गत द्वितीय चरण के लिये विद्यालयों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिसमें सूबे के अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों दे दिये गये हैं। इस संबंध में सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों एवं खंड शिक्षा अधिकारियों को पीएम-श्री पोर्टल पर आवेदन कर विद्यालयों की सम्पूर्ण जानकारी अपलोड करने को कहा गया है साथ ही चिन्हित विद्यालयों के भौतिक निरीक्षण की रिपोर्ट निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि भारत सरकार की महत्वकांक्षी पीएम-श्री योजना के अंतर्गत द्वितीय चरण में विद्यालयों के चयन की ऑनलाइन प्रक्रिया एक अगस्त से शुरू हो चुकी है। जिसके तहत 21 अगस्त तक विद्यालयों द्वारा चयन हेतु आवेदन किया जाना है। जिनका 31 अगस्त तक जनपद स्तर सत्यापन तथा 5 सितम्बर तक राज्य स्तर सत्यापन एवं चयन का कार्य पूरा किया जायेगा। इसके उपरांत 15 सितम्बर तक भारत सरकार द्वारा चयनित विद्यालयों की सूची जारी कर दी जायेगी। डॉ. रावत ने बताया कि इस योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत राज्य से 232 स्कूलों का चिन्हिकरण कर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिनमें से भारत सरकार ने 142 विद्यालयों को अपनी स्वीकृत प्रदान की। उन्होंने बताया कि योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के अधिक से अधिक विद्यालयों को शामिल करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। जिसके तहत अपने अपने जनपदों में चिन्हित विद्यालयों की सम्पूर्ण सूचनाएं विद्यालय स्तर से नियत समय में पीएम-श्री पोर्टल पर अपलोड कराना होगा। साथ ही विकासखंड एवं जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा चिन्हित विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण कर प्रामणीकरण रिपोर्ट राज्य स्तरीय अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।

नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर मुख्य सचिव ने की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने नई शिक्षा नीति लागू किए जाने हेतु सभी प्रकार की तैयारियां सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम का कैलेंडर तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि सुधार एवं सुझावों के लिए लगातार हितधारकों से तालमेल बनाकर सुझाव लिए जाएं। इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को प्रारंभिक अवस्था में पहचान किए जाने की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने इसके लिए व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनवाड़ी में बालवाटिकाओं हेतु पाठ्यक्रम लगातार अपडेट किए जाने के भी निर्देश दिए।

बैठक के दौरान बताया गया कि आधारभूत पठन कौशल एवं गणितीय ज्ञान के मूल्यांकन हेतु ‘प्रगति‘ ऐप तैयार कर लिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले छात्रों हेतु स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम ‘‘आरोही‘‘ तैयार कर प्रदेश के समस्त राजकीय विद्यालयों में प्रारम्भ कर ली गई है। ‘बालवाटिका‘ शिक्षक हस्तपुस्तिका एवं ‘बालवाटिका‘ अभ्यास पुस्तिका ( स्वास्थ, संवाद, एवं सृजन) तैयार कर विद्यालय स्तर पर वितरित की जा चुकी हैं। प्रथम चरण में एक ही विद्यालय परिसर में स्थित 4457 आंगनवाडी केन्द्रों में बाल वाटिका प्रारम्भ की जा चुकी है।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, हरिचंद्र सेमवाल, अपर सचिव योगेन्द्र यादव एवं महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने ग्राफिक एरा के छात्रों से मेहनत करते हुए सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने की अपील

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के रजत जयंती समारोह ग्राफेस्ट में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान बालीवुड की जानीमानी गायिका और अनेक अवार्ड से नवाजी गयी नेहा कक्कड द्वारा गानों की प्रस्तुति दी गयी।

कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अपने भविष्य के लिये मेहनत करते हुए अपने सर्वाेत्तम को प्राप्त करें, ऐसी मेरी कामना है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतवर्ष नई-नई ऊँचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी-20 की अध्यक्षता का सौभाग्य हमारे देश को प्राप्त हुआ है, यह हम सभी के लिये गर्व की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी जिसके तीन परिसर देहरादून, हल्द्वानी एवं भीमताल में हैं यह सभी संस्थान आज उच्च टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग के श्रेष्ठ केंद्रों के रूप में जाने जाते हैं। आज 30,000 विद्यार्थियों के साथ ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय अपने 25 वर्ष पूर्ण कर चुका है। यह सभी संस्थान अपने शोध, नवाचार एवं अपने उच्च स्तरीय शिक्षण के लिए जाने जाते हैं और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्होंने अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष के प्रथम शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में इसका नाम शामिल होना अपने आप में इस बात का परिचायक है कि ग्राफिक एरा ने पिछले 25 वर्षों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

मुख्यमंत्री ने डॉ0 कमल घनशाला को इन उपलब्धियों के लिये बधाई देते हुए कहा कि यह प्रदेश के लिये बहुत ही गर्व की बात है कि उनके द्वारा ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज एवं ग्राफिक एरा हॉस्पिटल को विकसित करके हजारों व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान किये गये।

मंत्री ने सचिव को लिखा पत्र, कार्रवाई के दिए निर्देश

सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सड़को की समीक्षा बैठक ली। जिसमें नए मोटर मार्गों की प्रगति के साथ ही पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की। यही नहीं उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बैठक से वापस भेजते हुए सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश भी दिये।

विधानसभा सत्र के भोजनावकाश के दौरान डाॅ. रावत ने अपने कार्यालय कक्ष में लोक निर्माण विभाग एवं पीएमजेएसवाई के अंतर्गत निर्माणाधीन एवं पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी प्रगति को लेकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। बैठक के दौरान डाॅ. रावत द्वारा लोनिवि के अधिकारियों से देघाट-समैया-जगतपुरी-बूंगीधार मोटर मार्ग, बूंगीधार-बीरू की धुनी-नक्चुलाखाल मोटर मार्ग, उफरैंखाल-सराईखेत मोटर मार्ग एवं चैखाल-उफरैंखाल मोटर मार्गों के मरम्मत एवं डामरीकरण की प्रगति रिपोर्ट जाननी चाही तो विभागीय अधिकारी बगलें झांकने लगे। जिस पर डा. रावत ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए बैठक से चले जाने के निर्देश दिये।

उनका कहना था कि उक्त सड़कों के संदर्भ में इससे पूर्व भी दो बैठकें हो चुकी है जिसमें स्वयं विभागीय सचिव आर.के. सुधांशु भी मौजूद थे। इसके बावजूद उक्त सड़कों के मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया। जिस पर उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अंतर्गत आने वाले पुलों एवं मोटर मार्गों की भी समीक्षा की गई। जिनमें ईडा-नौगांव मोटर मार्ग सौंठी बैंड तक मिलाने एवं थलीसैण-जखोला मोटर मार्ग पर आ रहे राजकीय महाविद्यालय थलीसैण के खेल मैदान की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार लगाने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने चाकीसैण-जाख मोटर मार्ग को पीएमजेएसवाई से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। वहीं माजरामहादेव -नौलीसैण मोटर मार्ग, समैया-बसोला मोटर मार्ग के डामरीकरण एवं सौन्दर-ऐंठी मोटर मार्ग पर पुल के डीपीआर बनाने निर्देश भी अधिकारियों को दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास सड़कों के मरम्मत हेतु बजट की भारी कमी है जिसके लिए राज्य सरकार को अलग से व्यवस्था करनी होगी।

बैठक में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग हरिओम शर्मा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी अयाज अहमद, मुख्य अभियंता पीएमजेएसवाई के.पी. उप्रेती, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी राजेश चंद्र शर्मा, अधिशासी अभियंता पाबौं दिनेश मोहन गुप्ता, अधिशासी अभियंता श्रीनगर प्रत्यूष कुमार, अधिशासी अभियंता बैजरों आदर्श गोपाल सिंह, अधिशासी अभियंता पीएमजेएसवाई महेन्द्र सिंह, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी श्रीनगर मुकेश सकलानी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

बिना विलंब शुल्क के 10 दिसंबर तक करे आवेदन

उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। अब संस्थागत छात्र-छात्राएं बिना विलंब शुल्क के 10 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। जबकि व्यक्तिगत छात्र-छात्राओं से इस तिथि तक आवेदन जमा करने के लिए विलंब शुल्क लिया जाएगा।
शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम की ओर से इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व रोकथाम को देखते हुए स्कूल बंद होने की वजह से बोर्ड के छात्र-छात्राओं के आवेदन की तिथि में बदलाव किया गया है। 
शिक्षा सचिव ने कहा कि उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद, रामनगर की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव पर परीक्षा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को 25 नवंबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं अब 10 दिसंबर तक स्कूलों में आवेदन जमा कर सकते हैं। जबकि स्कूल खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 15 दिसंबर तक आवेदन जमा करा सकते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 19 दिसंबर तक आवेदन जमा कराए जा सकते हैं। वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बोर्ड कार्यालय को 24 दिसंबर तक आवेदन जमा कराने होंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह व्यवस्था केवल 2021 की बोर्ड परीक्षा के लिए लागू है।

सिलेबस में 30 फीसदी कटौती के साथ परीक्षा देंगे छात्रः मीनाक्षी सुंदरम

कोरोना महामारी के बीच छात्रों के लिए राहत देने वाली खबर है। संक्रमण के चलते विद्यालयों के बंद रहने की वजह से उत्तराखंड सरकार ने सिलेबस में 30 फीसदी कटौती करने का निश्चय कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए है। इस आदेश के अनुसार राज्य में एनसीईआरटी के स्तर से सिलेबस इस वर्ष 70 फीसदी ही रहेगा।

इस क्रम में वर्ष 2020-21 शैक्षिक सत्र में गृह और बोर्ड परीक्षाएं करवाई जाएंगी। यह फैसला शिक्षा विभाग की ओर से संचालित सरकारी, अशासकीय सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि पहली से आठवीं तक एनसीईआरटी से तय सिलेबस लागू किया जाएगा। नौवीं से 12वीं तक का सिलेबस विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से तय होगा।

उत्तराखंड में पहली से 12वीं तक एनसीईआरटी किताबें लागू हैं। लेकिन राज्यस्तर से भी कुछ किताब पढ़ाई जातीं हैं। इन किताबों में भी तीस फीसदी की कटौती होनी है। सचिव ने कहा, परीक्षा को देखते हुए जरूर सिलेबस में कटौती हो गई है।