उत्तराखंड में फिल्म निर्माताओं ने रुचि दिखाई, नोडल अधिकारी ने विस्तार से दी जानकारी

गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के अंतर्गत फ़िल्म बाजार-2023 में उत्तराखंड पवेलियन में डेस्टिनेशन उत्तराखंड के तहत विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म निमार्ताओं द्वारा राज्य में फ़िल्म शूटिंग एवं निवेश के प्रति रुचि दिखाई है।
उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार राज्य में फ़िल्म शूटिंग एवं फ़िल्म उद्योग में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य में आगामी दिसम्बर 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार द्वारा निवेश के दृष्टिकोण से नई फिल्म नीति भी प्रस्तावित की गई है। गोवा में आयोजित फ़िल्म बाजार 2023 में उत्तराखंड पवेलियन द्वारा फ़िल्म शूटिंग एवं निवेश सम्बंधी जानकारी दी गईं है।
नोडल अधिकारी डॉ नितिन उपाध्याय द्वारा बताया गया कि 20 नवम्बर से 22 नवम्बर 2023 तक विभिन्न फ़िल्म निर्माताओ एवं प्रोडक्शन हाउस द्वारा जानकारी प्राप्त की गई है, जिसमे पेरिस से आयी अभिनेत्री एवं निर्देशक मैरियन बोरगा ने उत्तराखंड की फ़िल्म नीति की सराहना की। उन्होंने कहा वह उत्तराखंड में 10 वर्ष पहले आयी थी। यहां के नैसर्गिक एवं धार्मिक स्थल काफी सुंदर है। उन्होंने कहा वे फ्रांस के फ़िल्म निर्माताओं को उत्तराखंड में निवेश व शूटिंग के लिए प्रयास करेंगी।
आस्ट्रेलिया से आये उत्तराखंड मूल के निर्देशक अनुपम शर्मा ने कहा कि वह आस्ट्रेलिया में रहकर उत्तराखंड की संस्कृति के प्रचार प्रसार का कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि वह आस्ट्रेलिया के फ़िल्म निर्माताओं के साथ मिलकर राज्य में फ़िल्म शूटिंग एव निवेश की योजना बना रहे है।
विस्तास मीडिया कैपिटल के ग्रुप सीओओ पीयूष सिंह ने बताया कि कंपनी फ़िल्म प्रोडक्शन एवं अन्य विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करती है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी के आबू धाबी, कनाडा, दुबई, लंदन, मुम्बई, न्यू यॉर्क, सिंगापुर आदि स्थानों पर संचालित है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी उत्तराखंड राज्य में फ़िल्म प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करना चाहती है। डॉ. नितिन उपाध्याय ने श्री पीयूष सिंह को राज्य में आयोजित होने वाले निवेश सम्मेलन में प्रतिभाग करने का अनुरोध किया।
फ़िल्म निर्माता शाहनाब आलम ने कहा कि उत्तराखंड में फ़िल्म लोकेशन बेहतरीन है। महाराष्ट्र सरकार में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री विकास खरगे द्वारा भी उत्तराखंड पवेलियन का भ्रमण किया गया, जिसमें उनके द्वारा उत्तराखंड सरकार की फ़िल्म नीति एव योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। उनके द्वारा कहा गया कि उत्तराखंड और महाराष्ट्र सरकार आपस मे कोई कार्ययोजना तैयार करेंगे, जिससे दोनों राज्यो के मध्य फ़िल्म, कला एवं संस्कृति का आदान प्रदान किया जा सके। फ़िल्म निर्माता व अभिनेता सतीश शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा फ़िल्म निर्माता व निर्देशक के अनुकूल फ़िल्म नीति तैयार की जा रही है, जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बधाई के पात्र हैं।
उत्तराखंड पवेलियन में शौम्य फ़िल्म के चरणप्रीत सिंह, हकनित ब्लॉग्स, एन.एफ.डी.सी.के अनुभव खंडूड़ी, सिविक स्टूडियो मुम्बई, लोटस डस्ट पिक्चर के अंकित गाँधी, वेव मल्टीमिडिया के विनोद गुप्ता, एबीना ग्रुप के नीतू जोशी, संजय मित्तल, पी.एच. डी. चैंबर ऑफ कॉमर्स के डिप्टी सेक्रेटरी संचित प्रभाकर, मीडिया मैजिक के विक्रम राज़दान आदि द्वारा भ्रमण किया गया। उत्तराखंड पवेलियन में फ़िल्म निर्माता व निर्देशकों का स्वागत स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर किया गया।

उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माता-निर्देशकों को राज्य सरकार से मिला प्रोत्साहन- बंशीधर तिवारी

विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा उत्तराखण्ड को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film Friendly State (Special Mention) पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार महानिदेशक, सूचना एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद बंशीधर तिवारी द्वारा प्राप्त किया गया है।
महानिदेशक, सूचना एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद बंशीधर तिवारी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार मिलने से प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। महानिदेशक, सूचना ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है। राज्य सरकार में फिल्म निर्माता-निर्देशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया है, जिसका परिणाम है कि आज उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा प्रदेश की फिल्म नीति को और अधिक आकर्षक बनाया जा रहा है। फिल्म नीति को और अधिक आकर्षक और व्यावहारिक बनाया जा रहा है। इससे राज्य में फिल्म निर्माण क्षेत्र को और अधिक प्रोत्साहित किया जा सकेगा। राज्य में अधिक से अधिक फिल्म निर्माता आ सकेंगे और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति को आकर्षक बनाया गया है, जिसमें सिंगल विंडो शूटिंग अनुमति प्रदान किया जाना। अब राज्य में शूटिंग हेतु कोई भी शुल्क नही लिया जा रहा है। नई फिल्म नीति में रुपये 1.5 करोड़ तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। इसके साथ ही शूटिंग अवधि में पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना शामिल है। क्षेत्रीय फिल्मों को स्थानीय सिनेमाघरों द्वारा सप्ताह में एक शो अनिवार्य रूप से दिखाया जाना है।
महानिदेशक, सूचना एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद बंशीधर तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के इस पुरस्कार के लिए उत्तराखण्ड राज्य का चयन हम सभी के लिए गौरव की बात है। अल्प कार्यकाल में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखण्ड राज्य का इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। उन्होंने कहा की आगे भी सुविधा और सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा ताकि अधिक से अधिक फ़िल्मों की शूटिंग उत्तराखंड में हो सके और उत्तराखंड विश्व पटल पर अपनी उपस्थिति और बेहतर तरीक़े से दर्ज करा सके।
उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film Friendly State (Special Mention) का पुरस्कार प्रदान किया गया है। भारत सरकार द्वारा यह पुरस्कार फिल्म उद्योग को आगे बढ़ाने, जिसमें राज्य में फिल्म निर्माण के लिए अनुकूल वातवारण तैयार करना शामिल है। इसके साथ ही फिल्म और कला क्षेत्र को प्रोत्साहन देना एवं बंद पड़े सिनेमा हॉल को फिर से खोलने के लिए प्रोत्साहित करना है। उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार राज्य में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया गया है।राज्य में उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्वारा फिल्म निर्माताओं की सुविधाओं के दृष्टिगत आकर्षक फिल्म नीति लागू की गई है। विगत एक वर्ष में राज्य में 150 से अधिक फिल्मों, धारावाहिक, डाक्यूमेंट्री आदि की शूटिंग की गई है। इनमें द कश्मीर फ़ाइल, मीटर चालू, बत्ती गुल, परमाणु, बाटला हाउस, कबीर सिंह, केदारनाथ, नरेन्द्र मोदी, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, परमाणु, रागदेश, तड़प, वार, डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम Man vs Wild आदि कई बड़े नाम भी शामिल है। वर्ष 2017 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Special Mention Certificate for Film Friendly Environment पुरस्कार प्रदान किया गया था।
वर्ष 2017 में पर्यटन पुरस्कार के अर्न्तगत उत्तराखण्ड राज्य को “राष्ट्रीय फिल्म संवर्धन हितैषी राज्य” का पुरस्कार प्रदान किया गया है। वर्ष-2018 के तहत सर्वश्रेष्ठ फिल्म प्रमोशन फ्रेण्डली स्टेट पुरस्कार-2018, वर्ष-2019 में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का प्रथम पुरस्कार-2019 मिला है। इन पुरस्कारों हेतु राष्ट्रीय स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा निर्धारित मानकों का परीक्षण कर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। पुरस्कार हेतु निर्धारितों मानकों के अनुसार विवरण भारत सरकार को प्रेषित की किया जाता है, जिसमें Ease of filming, Infrastructure, सब्सिडी, Database, Marketing and Promotion एवं विगत वर्षो में राज्य में शूटिंग की गई फिल्मों की संख्या का विवरण प्रदान करना होता है।

नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से मांगे गए हैं सुझाव, जानिए सरकार की ये खास पहल

उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए नई फिल्म नीति-2022 में सरकार कई प्रोत्साहन व वित्तीय सहायता देने जा रही है। नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। नीति में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके अलावा राज्य की गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी बोलियों में बनने वाली फिल्मों पर 40 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम दो करोड़ का अनुदान दिया जाएगा।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड फिल्म नीति-2022 का ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए विभागीय वेबसाइट http://www.uttarainformation.gov.in पर प्रकाशित किया गया।
उक्त प्रस्तावित फिल्म नीति-2022 पर यदि अभी भी कोई व्यक्ति सुझाव देने के इच्छुक हो तो दिनांक 15 सितम्बर, 2022 तक विभागीय Email- ufdc2015@gmail.com पर प्रेषित कर सकते हैं। 15 सितम्बर, 2022 तक प्राप्त सुझावों पर विचार करते हुए फिल्म नीति के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की कार्यवाही की जायेगी।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया राज्य के नैसर्गिक सौंदर्य व लोक संस्कृति को विश्व पटल पर लाने के उद्देश्य से देश-विदेश से फिल्म निर्माताओं व निदेशक को शूटिंग के लिए नई नीति में प्रोत्साहन व वित्तीय लाभ देने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार व पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। नीति में फिल्मों को अनुदान, फिल्म पुरस्कार-सम्मान, उत्तराखंड की बोलियों में बनने वाली फिल्मों एवं कलाकारों को प्रोत्साहन के अलावा शूटिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है।

सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तराखण्ड के अधीन गठित उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2022’’ का ड्राफ्ट तैयार कर लोगों के सुझाव प्राप्त करने हेतु दिनांक 20 जुलाई, 2022 का विभागीय वैबसाईट लिंकः
http:// www.uttarainformation.gov.in/images/download/filmpolicydraft2022.pdf पर अपलोड किया गया था। उक्त के क्रम में फिल्म पॉलिसी को लेकर कतिपय व्यक्तियों एवं संस्थाओं के सुझाव प्राप्त हुए है।

नीति में ये मिलेंगे लाभ
– पर्वतीय क्षेत्रों में सिनेमाघरों व स्टूडियो में उपकरण खरीदने पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 25 लाख का अनुदान।
– पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाइल थियेटर वाहन खरीदने पर 15 लाख का अनुदान।
– फिल्म प्रशिक्षण संस्थान के लिए 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख का अनुदान।
– स्थानीय बोली में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग के दौरान किए गए व्यय पर 40 प्रतिशत अनुदान।
– स्थानीय व हिंदी में सर्वोत्तम फिल्म को 10 लाख का पुरस्कार
– शूटिंग के दौरान फिल्म यूनिटों को जीएमवीएन व केएमवीएन के रेस्ट हाउस में ठहरने पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

शिवतंत्र डाॅक्यूमेंट्री की शूटिंग को सीएम त्रिवेन्द्र ने दी हरी झंडी, पंचकेदार में से किसी एक पर शूटिंग जल्द

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्देशक एवं लेखक करण राजदान ने मुकालात की। उन्होंने कहा सीएम त्रिवेन्द्र से राज्य में बाॅलीवुड फिल्म ‘हिन्दुत्व’ की शूटिंग करने की इच्छा जताई। उन्होंने बताया कि फिल्म की 90 प्रतिशत शूटिंग वे उत्तराखण्ड में करना चाहते हैं। इस फिल्म की शूटिंग जनवरी-फरवरी 2021 में होगी। इसके अलावा उन्होंने उत्तराखण्ड में एक डॉक्यूमेंट्री ‘शिवतंत्र’ की शूटिंग करने की इच्छा जताई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के लिए सरल फिल्म नीति बनाई गई है। अब एक दिन में भी फिल्म शूटिंग की ऑनलाईन अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य एवं प्राकृतिक वातावारण फिल्म की शूटिंग के लिए अनुकूल है। इसलिए फिल्मकारों का रूझान उत्तराखण्ड के प्रति बढ़ा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने फिल्म निर्देशक करण राजदान को उत्तराखण्ड में फिल्म की शूटिंग की इच्छा पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री ‘शिवतंत्र’ पर पंच केदार में से किसी भी स्थान पर शूटिंग की जा सकती है।

उत्कृष्ट सेवा और ईमानदारी के लिए केएस चैहान को मिलेगा पुरस्कार

उत्तराखंड सरकार द्वारा शासकीय सेवा में उत्कृष्ट और ईमानदारी पूर्वक कार्य करने के लिए सूचना व लोक संपर्क विभाग के उपनिदेशक एवं उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल ऑफिसर के.एस. चैहान को मुख्यमंत्री सुशासन एवं उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। सचिव सूचना दिलीप जावलकर, महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर निदेशक डॉ अनिल चंदोला सहित सूचना विभाग के आला अधिकारियों और कर्मचारियों ने के.एस. चैहान को बधाई देते हुए इसे सूचना विभाग के लिए गौरवपूर्ण बताया है।
गौरतलब है कि के.एस. चैहान द्वारा अपने सेवाकाल में शासकीय सेवा में उत्कृष्ट एवं इमानदारी पूर्वक कार्य करने के कारण इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनके आउटस्टैंडिंग कार्य को देखते हुए इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। के.एस. चैहान ने गत 2 वर्ष में उत्तराखंड राज्य में विभिन्न फिल्म निर्माताओं के साथ समन्वय स्थापित कर उत्तराखंड राज्य को एक विशिष्ट पहचान दिलाई। साथ ही राज्य को आर्थिक रूप से काफी फायदा हुआ। पर्यटन की दृष्टिकोण से भी राज्य में बहुत अधिक फायदा हुआ इसके अतिरिक्त के.एस. चैहान द्वारा विगत कई वर्षों में राजपथ पर उत्तराखंड राज्य की झांकी का नेतृत्व किया गया जिसमें अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तराखंड राज्य को विगत 11 वर्षों में राजपथ पर उत्तराखंड की कला और संस्कृति पर आधारित झांकी का प्रदर्शन कर राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर ही नही बल्कि विश्व स्तर पर उत्तराखंड राज्य को एक विषय पहचान बनी।

उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्थाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता विनोद बच्चन ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में इस माह 10 दिनों तक मसूरी, देहरादून एवं ऋषिकेश में ‘गिन्नी वेड्स सन्नी’ फिल्म की शूटिंग की जायेगी।

इस फिल्म के निर्देशक पुनीत खन्ना, प्रमुख कलाकार विक्रान्त मासी एवं यामी गौतम हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों के फिल्मांकन के लिए अच्छा प्राकृतिक सौन्दर्य है। स्विटजरलैण्ड में कुछ ही स्थान फिल्मों की शूटिंग के लिए अच्छे हैं, लेकिन उत्तराखण्ड में ऐसे अनेक स्थान हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड में फिल्मों के फिल्मांकन में भी अच्छा सहयोग मिलता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था की गई है। पिछले ढ़ाई साल में प्रदेश में कई फिल्मों का फिल्मांकन किया गया है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक दर्शनीय स्थल हैं। ऑल वेदर रोड का कार्य पूर्ण होने के बाद फिल्मों की शूटिंग के लिए और सुगमता होगी।

इस अवसर पर कोरियोग्राफर राजीव सूर्ति, विकास सिंह, उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद् के नोडल अधिकारी केएस चौहान, लोकल लाईन प्राड्यूसर पूरन थापा, अभिषेक मैन्दोला, फिल्म एक्सपर्ट सुमित अद्लखा आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को लेकर असीम संभावनाएं

सूचना महानिदेशक दीपेन्द्र कुमार चौधरी से शनिवार को सूचना महानिदेशालय में एफ.टी.आई.आई. के प्रबंध निदेशक भूपेन्द्र कैन्थोला ने भेंट की। उन्होंने बताया फिल्म एजुकेशन के लिये ‘एडमिशन-2019’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सूचना निदेशालय देहरादून में किया जा रहा है। कैन्थोला ने कहा कि फिल्म जगत में युवाओं के लिये अनेक अवसर है। जिसके लिये एफ.टी.आई.आई. द्वारा फिल्म एवं टेलीविजन एजुकेशन, सिनेमैटोग्राफी, फिल्म एप्रिसिएशन, स्क्रीन एक्टिंग, फोटोग्राफी आदि अनेक कोर्स किये जा रहे हैं। इन प्रशिक्षणों से युवाओं के रोजगार के अवसर बढेंगे। उन्होंने कहा कि यदि फिल्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में दक्ष मानव संसाधन होगा तो यहां जिन फिल्मों की सूटिंग होगी, स्थानीय युवाओं को उनमें कार्य करने का मौका मिलेगा। कैन्थोला ने इस तरह के कोर्स समय-समय पर उत्तराखण्ड में कराने के लिये सहयोग मांगा है। 
महानिदेशक सूचना दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं में प्रतिभा है। उनकी प्रतिभाओं को उभारने के लिये इस तरह के कोर्स के लिये एफ.टी.आई.आई. को पूरा सहयोग दिया जायेगा। महानिदेशक सूचना ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में फिल्मों को बढावा देने के लिये अनेक प्रभावी कदम उठाये है। 
देहरादून में एफ.टी.आई.आई. पुणे द्वारा उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के सहयोग से ‘‘एडमिशन-2019’’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में लगभग 35 से 40 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया है। इस अवसर पर अपर निदेशक सूचना डाॅ. अनिल चन्दोला, संयुक्त निदेशक आशिष त्रिपाठी, फिल्म मेकर सुश्री शालिनी शाह व सिनेमैटोग्राफर राजेश शाह उपस्थित थे।