वित्त मंत्री अग्रवाल ने की वित्तीय वर्ष 2022-23 के संसाधन वृद्धि की समीक्षा

प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में वित्तीय वर्ष 2022-23 में संसाधन वृद्धि के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

मंत्री ने खनन, परिवहन, आबकारी तथा वन विभाग से प्राप्त होने वाले राजस्व की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को वित्तीय संसाधन बढ़ाने हेतु विभागीय स्तर पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागों को लंबित अवशेषों को प्राथमिकता के आधार जल्द से जल्द खत्म करने हेतु निर्देशित किया।

मंत्री ने खनन विभाग की समीक्षा करते हुए वन विकास निगम को आवंटित लॉट गोला, कोशी, दाबका आदि में चुगान कार्य प्रारम्भ न होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जल्द से जल्द इन प्रमुख लॉटों पर चुगान कार्य प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने जनपद देहरादून के सांग नदी लॉट को प्रारम्भ करने हेतु किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने खनन के लॉट में चोरी रोकने तथा अन्य लॉटों को बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में रेत, बजरी के खनन के अलावा खड़िया, सेलखड़ी आदि अन्य खनिजों के लिए प्रयास करना होगा।

मंत्री ने आबकारी विभाग के अधिकारियों से ट्रेस एण्ड ट्रैक के संबंध में अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी लेते हुए कहा कि जल्द से जल्द स्पॉटों को चिन्हित करते हुए कैमरे लगाने का कार्य पूर्ण किया जाए। उन्होंने प्रदेश में अवैध मदिरा की रोकथाम हेतु सरकार के प्रभावी प्रवर्तन की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि वन विभाग तथा आबकारी विभाग को आपसी सामंजस्य से अवैध मदिरा तथा राज्य में होने वाली अन्य तस्करी को रोकने का प्रयास करना होगा।

मंत्री ने परिवहन विभाग के अंतर्गत अन्य राज्यों से आने वाले व्यवसायिक वाहन एवं परिवहन निगम की बसों से कर वसूली के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने वाहनों के पंजीयन से पंजीकरण/फिटनेस शुल्क की वसूली को सुचारू रूप से जारी रखने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये।

वन विभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं इसके लिए विभागीय स्तर पर शुरूआत करनी होगी। उन्होंने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए स्पॉटों का चयन करने तथा उनके रखरखाव पर विशेष ध्यान देने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एक रवाने से गाड़ियों के पास होने संबंधित शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए।

मंत्री ने सभी प्रमुख विभागों से आने वाले समय में तेजी से काम करते हुए राजस्व बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने तथा निश्चित समयावधि में कार्य को संपन्न करने के लिए निर्देश दिये।

इस अवसर पर बैठक में अपर मुख्य सचिव शहरी विकास आनन्द वर्द्धन, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिव आबकारी हरि चन्द्र सेमवाल, सचिव वन विजय कुमार यादव, एमडी जीएमवीएन बंशीधर तिवारी तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सिटी फारेस्ट को विकसित करने को सीएम ने साधना जयराज को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड वन विभाग मुख्यालय में ई-ऑफिस कार्यप्रणाली का शुभारम्भ किया। उन्होंने घोषणा की कि चमोली एवं पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जायेगा। बंदरों के लिए चार रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। झाझरा में ‘आनंद वन’ सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने साधना जयराज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ई-ऑफिस प्रणाली को जल्द ही जिला एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में भी विस्तारित किया जाय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया की जो शुरूआत की उसके बेहतर परिणाम आज सबके सम्मुख हैं। राज्य में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। 37 ऑफिस, ई-ऑफिस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर हम जितने तेजी से बढ़ेंगे, उतनी तेजी से जन समस्याओं का निदान होगा।

अगले वर्ष हरेला पर लगेंगे एक करोड़ पौधे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष हरेला पर्व पर एक करोड़ फलदार पौधे लगाये जायेंगे। इसके लिए वन विभाग द्वारा अभी से तैयारियां शुरू की जाय। ये फलदार पौधे जंगलों में भी लगाये जायेंगे, जिससे जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में कम आयेंगे। जंगली जानवरों को आहार की उपलब्धता जंगलों में पूरी हो सके। राज्य में पिरूल पर जो कार्य हो रहा है, इसे और विस्तार देने की जरूरत है। पिरूल एकत्रीकरण पर राज्य सरकार द्वारा 02 रूपये प्रति किग्रा एवं विकासकर्ता द्वारा 1.5 रूपये प्रति किग्रा एकत्रकर्ता को दिया जा रहा है। इसका उपयोग ऊर्जा के लिए तो किया ही जायेगा, लेकिन इसका सबसे फायदा वन विभाग को होगा। वनाग्नि और जंगली जानवरों की क्षति को रोकने में यह नीति बहुत कारगर साबित होगी। स्थानीय स्तर पर गरीबों के लिए स्वरोजगार के लिए पिरूल एकत्रीकरण का कार्य एक अच्छा माध्यम बन रहा है।
मुख्य वन संरक्षक जयराज ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली गुड-गवर्नेंस की दिशा में एक अच्छी पहल है। वन विभाग द्वारा इस प्रणाली को जिला, क्षेत्रीय कार्यालयों एवं वन पंचायतों तक विस्तारित किया जायेगा। कॉर्बेट नेशनल पार्क में ऑनलाईन बुकिंग शुरू की गई है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। वन विभाग द्वारा रिजॉर्ट्स में भी ऑनलाईन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
मौके पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, वन विभाग के सलाहकार ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी, अध्यक्ष वन पंचायत सलाहकार समिति वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, पीसीसीएफ रंजना काला, विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन संरक्षक आईटी नरेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

उच्च न्यायालय नैनीतालः कुनाऊ गांव में निर्माण कार्य को लेकर स्वामी चिदानंद को नोटिस दे राज्य सरकार

एक जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्वामी चिदानंद मुनि को नोटिस देने का आदेश दिया हैं। मामला हरिद्वार से 14 किलोमीटर आगे राजाजी नेशनल पार्क के भीतर कुनाऊ गांव में हो रहे भारी निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार के नोटिस का जवाब स्वामी चिदानंद दो सप्ताह के भीतर देंगे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई हुई। मामले में हरिद्वार निवासी अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि चिदानंद मुनि ने राजाजी पार्क के भीतर फॉरेस्ट की भूमि पर भारी निर्माण कार्य फॉरेस्ट चौकी के नाक के नीचे किया।

इसकी शिकायत के बाद भी वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता की ओर से निर्माण कार्य पर रोक लगाने के साथ ही इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे चिदानंद मुनि को तीन दिन के भीतर हाईकोर्ट के आदेश के साथ नोटिस दें, जिस पर चिदानंद दो सप्ताह में जवाब कोर्ट में पेश करें।