प्रमुख विभागों को कार्यवृत अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को प्रेषित करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पेयजल, आपदा प्रबन्धन, सिंचाई, विद्यालयी शिक्षा एवं शहरी विकास विभाग को सचिव स्तर पर प्रत्येक माह समीक्षा बैठक करने के साथ ही कार्यवृत अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन आख्या घोषणा पोर्टल पर अपलोड नही किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने विभिन्न विभागों में घोषणा नोडल अधिकारियों को घोषणा पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागों को विलोपित अथवा हस्तान्तरित की जाने वाली घोषणाओं को अपने स्तर पर लम्बित न रख करके उनके सम्बन्ध में औचित्यपूर्ण प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को जल्द से जल्द प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस ने ऐसी घोषणाएं जो एक से अधिक विभागों से सम्बन्धित है, उनकों विभाग परस्पर समन्वय से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने निर्देश दिए कि घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय संसाधनों तथा उनकी फिजबिलटी आंकलन भी विभागों द्वारा अपने स्तर पर ही किया जाएगा।
एसीएस ने पेयजल विभाग को वर्तमान में हैण्डपम्प लगाने की योजनाओं के औचित्य के आधार पर पुनः समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पेयजल की लंबित योजनाओं की स्थिति को दो सप्ताह की टाइमलाइन के भीतर अद्यतन करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस ने शहरी विकास विभाग को प्रधानमंत्री आवास शहरी योजना पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी विभागों को मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के लिए मिशन मोड पर कार्य करने निर्देश दिए।
बैठक में सचिव डा. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, अरविन्द सिंह हयांकी, अपर सचिव सविन बंसल, रंजना राजगुरू, नितिन भदौरिया, उप सचिव हीरा सिंह बसेड़ा तथा सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

भू-कानून को लेकर कैबिनेट में लाई जाएगी रिपोर्टः सीएम

राज्य में सशक्त भू-कानून को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य में भू-कानून लागू करने को सरकार पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के लिए जन-भावनाओं का सम्मान सर्वाेपरि है।
मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भू-कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की भावना के अनुरूप सशक्त भू-कानून राज्य में लागू करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

सही पैरवी ना करने वाले विधि अधिकारियों पर गिरी गाज

उत्तराखण्ड शासन द्वारा उच्च न्यायालय, नैनीताल उत्तराखण्ड के समक्ष राज्य की ओर से पैरवी/बहस करने के लिए उत्तराखण्ड राज्य की ओर से विभिन्न पदों पर आबद्ध विधि अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा एवं सम्यक् विचारोपरांत पद से हटाया गया है। हटाए गए विधि अधिकारियों में अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अनिल कुमार बिष्ट, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अंजली भार्गव, स्थायी अधिवक्ता एन.पी.शाह, ब्रीफ होल्डर इंदु शर्मा, दीपक चुफाल, पंकज नेगी एवं हर्षित लखेड़ा शामिल है।

जनता से किये वादों को पूरा करने के लिए एक माह में लिये महत्वपूर्ण फैसले

उत्तराखण्ड की धामी-2 सरकार ने आज अपना एक माह का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस अवधि में मुख्यमंत्री धामी अटैकिंग मोड में रहे। उनका जोर प्रशासनिक सुधार और सुशासन पर रहा। जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को लेकर उन्होंने सख्त संदेश दिए। कई कड़े फैसलों से भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया। भ्रष्टाचारियों की सीधी शिकायत के लिए भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064’ भी लॉच किया गया। समान नागरिक संहिता को लागू करने और बाहरी नागरिकों के वैरिफिकेशन पर की गई ठोस पहल की गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवम्बर 2021 को केदारनाथ धाम में आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का होगा। मोदी जी की इस सोच को सूत्रवाक्य मानकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सधे कदमों से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अगले एक दशक में उन्हें मोदी जी के इस सपने को हकीकत में बदलना है लिहाजा, अपनी दूसरी पारी में सूझबूझ के साथ वह अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। अब तक कई ऐसी पहल कर चुके हैं जो आगे चलकर उत्तराखण्ड की तरक्की में मील का पत्थर साबित होंगे। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने पहली कैबिनेट में ही अपने इरादे साफ कर दिए। समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर चुनाव से पूर्व किए अपने वायदे को पूरा करने की दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाया। धामी 2.0 सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिये विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी। न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्ध जनों और अन्य स्टेकहाल्डर्स की एक कमेटी गठित की जाएगी जो कि उत्तराखण्ड राज्य के लिये यूनिफार्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री धामी जानते हैं कि देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिये जरूरी है कि अराजक तत्व राज्य में प्रवेश न कर पाए। इसके लिये उन्होंने प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर नागरिकों का सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, जिस पर अमल शुरु कर दिया गया है।
तीर्थाटन को बढ़ावा मिले इसके लिए चारधाम सर्किट में आने वाले सभी मंदिरों और गुरूद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई गई है। कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की शुरूआत जल्द होने वाली है। मिशन मायापुरी के अंतर्गत हरिद्वार को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी और विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन के लिये सबसे बड़े स्थलों के रूप में बदलने के लिये उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी जनहित से जुड़े कई कल्याणकारी फैसले भी ले चुके हैं। निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत अब पात्र पति व पत्नी दोनों को लाभ मिल सकेगा। इतना ही नहीं वृद्धावस्था, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान तथा दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत प्रदत्त दर 1200 रूपये प्रतिमाह में 300 रूपये की वृद्धि की गई है। अब इनमें प्रतिमाह 1500 रूपये पेंशन प्राप्त होगी।
बुनियादी सुविधाओं के विकास पर भी मुख्यमंत्री धामी लगातार ध्यान दे रहे हैं। उनकी मजबूत पहल पर केंद्र सरकार ने एन.एच. 72 के पांवटा साहिब-बल्लूपुर (देहरादून) खण्ड के उन्नयन और फोर लेन के निर्माण के लिये 1093.01 करोड़ रूपये के बजट की स्वीकृति दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिये पर्वत माला परियोजना का खाका तैयार कर लिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में ट्रेफिक समस्या को दूर करने के लिये पार्किंग सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। सर्फेस पार्किंग के साथ ही मल्टीस्टोरी पार्किंग, केविटी पार्किंग व टनल पार्किंग भी विकसित किये जाने की योजना है। महिला सशक्तीकरण धामी सरकार की प्राथमिकता में है। महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिये एक विशेष कोष गठित करने का निर्णय ले लिया गया है। चुनाव पूर्व जनता से किया गया तीन सिलेण्डर मुफ्त देने के वायदे को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखण्ड राज्य में संचार नेटवर्क की अहमियत धामी सरकार को पता है। लिहाजा, उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 जी/5 जी मोबाईल नेटवर्क एवं हाई स्पीड ब्राडबैंड व फाइबर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करायी जाने का प्रस्ताव बन चुका है। किसानों का सामाजिक स्तर उठाने और उनकी आय दोगुना करने के उद्देश्य से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर ’सीएम किसान प्रोत्साहन निधि’ की शुरूआत की जा रही है। साथ ही धामी सरकार उत्तराखण्ड को जैविक प्रदेश बनाना चाहती है, इसके लिए एक अखिल भारतीय बाजार बनाने को ’उत्तराखण्ड आर्गेनिक्स ब्रांड’ बनाया जा रहा है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि उत्तराखण्ड के सीमावर्ती गांवों के नागरिकों का देश की सुरक्षा में भी खासा महत्व है। उन्हें सेकेण्ड डिफेंस लाइन भी कहा जाता है। इस महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री धामी ने अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों से पलायन रोकने और सुविधायें मुहैया करवाने की जोरदार पहल की है। इसके तहत ’हिम प्रहरी योजना’ के जरिए राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के निकटवर्ती जिलों में बसने के लिये सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी सुशासन पर कड़ा संदेश दे चुके हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस उनकी सरकार की प्राथमिकता है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 का शुभारम्भ किया गया है।
स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दे रहे हजारों पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बढ़ाकर 500 रूपये कर दिया गया है। इसके अलावा, कारवां टूरिज्म द्वारा पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए पॉलिसी बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ जा रहा है। लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा मित्रों के मासिक मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया है। धामी जनता से सीधा संवाद बनाए हुए हैं, एक माह की अवधि में मुख्यमंत्री लगातार आमजन से मिलकर उनकी शिकायतों का निस्तारण कर रहे हैं।

धामी सरकार शपथ ग्रहण समारोह, पीएम, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा सहित कई सीएम शामिल होने जा रहे

देहरादून। उत्तराखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 23 मार्च को दोपहर ढाई बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, समेत कल 11 राज्यों के मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी संगठन के बड़े पदाधिकारी भी शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बनेंगे। इसके साथ ही साधु साधु संत व शहर के प्रबुद्ध जन, आम जनमानस समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए भाजपा मुख्यालय में प्रेसवार्ता का आयोयन किया गया। प्रेसवार्ता को उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रदेश प्रभारी रेखा बर्मा ने संयुक्त रूप से संबोधित किया।

भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया है। हमारी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के सपनो के अनुरूप राज्य को बनाने का काम किया है। राज्य आंदोलनकारियों का सपना भ्रस्टाचार मुक्त शासन का था, जिसे भाजपा ने पूरा किया है। इस बार महिलाओं का उत्साहवर्धन हुआ है, महिलाओं का वोट भाजपा को मिला है। उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को भव्य भव्य बनाने जा रही है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी ने बताया कि कल सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पार्टी के सभी विधायक, पदाधिकारी, कार्यकर्ता मंदिरों, मसभी गुरुद्वारों समेत अन्य धार्मिक स्थलों में पूजा अर्चना करते हुए दिन की शुरुआत की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, समेत कल 11 राज्यों के मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी संगठन के बड़े पदाधिकारी भी शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बनेंगे। इसके साथ ही साधु साधु संत व शहर के प्रबुद्ध जन, आम जनमानस समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। भारतीय जनता पार्टी कल के शपथ ग्रहण समारोह को पार्टी दिव्य और भव्य बनाने जा रही है। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु खंडूरी समेत अन्य पदाधिकारी प्रेस वार्ता में मौजूद रहे।

भाजपा प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कल होने जा रहे शपथ ग्रहण समारोह को लेकर संगठन ने पूरी तैयारी कर ली है। समारोह मे प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ता प्रतिभाग करेंगे। इसमें मंडल स्तर से लेकर शक्ति केंद्र के कर्यकर्ताओ को आमंत्रण भेजा गया है। जिलाध्यक्षों को आने वाले कार्यकर्ताओ की सूची देने को कहा गया है। शपथ ग्रहण में आने से पहले कार्यकर्ता शक्ति केंद्र स्तर पर कार्यकर्ता मंदिरो मे लोककल्याण के लिए पूजन के भी कार्यक्रम तय किए गए हैं। प्रमुख समाज सेवी,साहित्यकार, लेखक,प्रबुद्ध वर्ग, धार्मिक मठ मंदिरो के साधु शपथ ग्रहण में शरीक हो यह भी सुनिश्चित किया जाए। विस्तारक और प्रवासी कार्यकर्ता को शपथ ग्रहण समारोह मे शरीक होने की सुचना प्रदेश स्तर से दी जाएगी। जिलों में शपथ ग्रहण से सम्वन्धित सूचना जिलाध्यक्षों से ली जा सकेगी।

उत्तराखंड के 226 लोगों की सूची सरकार ने विदेश मंत्रालय को भेजी

उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे 226 राज्यवासियों की लिस्ट विदेश मंत्रालय को उपलब्ध करा दी है। हालांकि राज्य के विभिन्न जिलों से कुछ और लोगों के भी यूक्रेन में फंसे होने की सूचना आ रही है। लेकिन गृह विभाग प्रमाणित नामों को ही केंद्र सरकार के पास भेज रहा है। यह संख्या बढ़नी तय है।

गृह विभाग ने गुरुवार को हेल्पलाइन नंबर जारी करने के साथ ही सभी डीएम, एसएसपी को भी अपने- अपने जिलों से यूक्रेन में फंसे लोगों की जानकारी लेने को कहा था। इस कारण दिनभर जिलों के पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर व्यस्त रहे, सर्वाधिक व्यस्तता देहरादून में 112 के मुख्यालय में रही, यहां 83 कॉल दर्ज की गई।

अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऐसे 226 उत्तराखंडवासियों की लिस्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा और भी लोगों ने अपने परिजनों के युद्धग्रस्त देश में फंसे होने की जानकारी दी है।

हेल्पलाइन नंबर
पी रेणुका देवी (नोडल अधिकारी) : 7579278144
प्रमोद कुमार (सहायक नोडल अधिकारी): 9837788889
आपातकालीन नंबर: 112 (टोल फ्री)
उत्तराखंड सदन : 011-26875614-15

‘आप’ ने चलाया उत्तराखंड सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कार्यक्रम, 100 दिन के कार्यकाल पर किया कटाक्ष

मुख्यमंत्री के तौर पर तीरथ सिंह रावत के 100 दिन पूरे होने पर आम आदमी पार्टी ने कटाक्ष किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए इस कार्यकाल को निराशाजनक बताया।

संगठन मंत्री दिनेश असवाल के नेतृत्व में एकत्र हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने नेपाली फार्म तिराहे पर राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। प्रदशर्नकारियों ने कहा कि अनेकों गंभीर मुद्दों पर सरकार के मुखिया की जिस प्रकार जबान लड़खड़ाई है कुछ वही झलक सरकार के निर्णयों में भी दिखाई दे रही है। भाजपा ने प्रदेश में मुख्यमंत्री का मुखौटा बदलकर जनता को गुमराह करने की जो चाल चली है उसे प्रदेश की आवाम समझ चुकी है। तीरथ रावत सरकार के सौ दिन पर पार्टी के जिला मिडिया प्रभारी डा राजे सिंह नेगी ने कहा कि प्रचंड बहुमत के बाद भी मुख्यमंत्री को बदलना राज्य के लिए चिंता का विषय है। अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा ने मुख्यमंत्री का मुखौटा बदल दिया।

अब तीरथ सरकार की सौ दिन की गाथा ऐसे गाई जा रही है जैसे नया जनादेश मिला हो। तीरथ सरकार की बड़ी उपलब्धि राज्य की महंगाई दर को राष्ट्रीय महंगाई दर से भी आगे ले जाना है। प्रदशर्नकारियों में अमित बिश्नोई, धनपाल रावत, चंद्रमोहन भट्ट, नरेंद्र सिंह, सेम डिसूजा, सुनील कुमार, उत्तम सिंह पंवार, गणेश बिजल्वाण, दिनेश कुलियाल, विनायक गिरी, विक्रांत भारद्वाज आदि मौजूद रहे।

चार वर्ष पूर्ण होने से पूर्व उत्तराखंड सीएम ने दिया इस्तीफा, बोले मौका हर किसी को मिलना चाहिए

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को अपना मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद वह मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि सामूहिक से यह फैसला लिया गया कि अब सीएम के किसी ओर को भी मौका दिया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने भी सहमति दी।

प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि वह एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं, उनके पिता सैनिक थे। उन्होंने आरएसएस ज्वाइन की। इसके बाद वह प्रदेश संगठन मंत्री के पद पर भी रहे। फिर केंद्रीय नेतृत्व में उत्तराखंड में उन्हें सीएम पद की कमान सौंपी। कहा कि यह उनके लिए गर्व व सौभाग्य की बात है। उन्होंने आगे कहा कि सभी के सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया कि सीएम पद पर किसी ओर को भी मौका मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने भी सहमति दी है। इसके चलते उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है।

प्रेस वार्ता के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. धन सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत, दून मेयर सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं आदि मौजूद रहे।

त्रिवेन्द्र है तो मुमकिन हैः मुख्यमंत्री ने मौके पर जाकर संभाला मोर्चा तो सरकारी मशीनरी में हुआ ऊर्जा कां संचार

राजेंद्र जोशी (वरिष्ठ पत्रकार)
प्राकृतिक आपदाओं से लड़ा नहीं जा सकता है, लेकिन अगर समय रहते रेसक्यू आॅपरेशन चलाया जाये और जनहानि रोकने की दिशा में कार्य किया जाये तो बड़ी जनहानि को रोका जा सकता है। यह आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साबित किया है। जैसे ही सुबह न्युज फ्लैश हुई कि चमोली जिले में प्राकृतिक आपदा के चलते अलकनन्दा नदी विकराल रुप धारण कर चुकी है, तुरन्त मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हरकत में आ गये। उन्होंने तुरन्त अलकनन्दा नदी के पड़ाव के नदी किनारों को खाली कराने के आदेश दे दिये। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासन हरकत में आया और नदी किनारों को खाली कराने का कार्य शुरु हुआ।

मुख्यमंत्री केवल यहीं नहीं रुके। उन्होंने तुरन्त हैलीकाॅपटर से घटना स्थल का जायजा लेने की बात कही। जैसे ही यह न्युज फ्लैश हुई शासन से लेकर प्रशासन में हड़कप मच गया। सरकारी मशीनरी समझ गई कि आपदा के समय मुख्यमंत्री कोताही बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को स्वयं राज्य आपदा परिचालन केन्द्र में बैठकर माॅनीटिरिंग करने के निर्देश दिये और स्वयं घटना स्थल के लिए रवाना हुए। हैलीकाॅप्टर में ही मुख्यमंत्री ने श्रीनगर बांध को खाली कराने और टिहरी बांध का पानी रोकने के निर्देश दिये। जिससे मैदानी इलाकों में पानी का प्रवाह कम हो जाये। मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यों को अजंाम देने के लिए अधिकारियों को अधिकर देते हुए जनहानि रोकने के लिए हर संभव उपाय करने को कहा। जिसके फलस्वरुप आज उत्तराखंड में बड़ी जनहानि रोकने में मदद मिली।

दूरदर्शी और प्रशासनिक सोच से मिली मदद
अलकनन्दा नदी के प्रवाह को समेटने के लिए टिहरी बांध में पानी रोकना और श्रीनगर बांध के पानी को छोड़ना एक दूरदर्शी सोच औश्र प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री लगातार पानी के प्रवाह पर नजर रख रहे थे। ऐसे में उन्होंने यह निर्णय लेकर प्रशासनिक क्षमता को दर्शाया है। जिसकी आज पूरा देश का मीडिया प्रशंसा कर रहा है।

अफवाहों को रोकने में कामयाब रही सरकार
लोगों को पैनिक होने से बचाने के लिए सरकार एक तरफ राहत कार्य में जुटी रही। वहीं, मुख्यमंत्री सोशल मीडिया में लगातार अपने अकाउंट से लोगों को सही जानकारी देते रहे। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की। लगातार उनके द्वारा संपर्क स्थापित किया जाता रहा। जिससे लोगों को भी पल-पल की सही और सटीक जानकारी मिलती रही।

लगातार 24 से 48 घंटे चलेगा राहत कार्य
मुख्यमंत्री जैसे ही आपदा स्थल का जायजा लेकर देहरादून पहंुचे। उन्होंने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का दौरा किया। वहां उन्होंने राहत कार्यों की जानकारी ली। लगातार अधिकारियों से बात कर रहे मुख्यमंत्री ने अपने अगले आदेशों तक राहत कार्य 24 से 48 घंटे चलाने के निर्देश दिये है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने रात को भी सेना और एनडीआरफ की मदद से एसडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन को राहत कार्य करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमें अंतिम व्यक्ति तक को राहत देने की दिशा में कार्य करना है। ऐसे में हमें रेसक्यू आॅपरेशन में और तेजी लानी होगी।

संसाधनों की कमी नहीं
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों को लेकर साफ निर्देश दिये है कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में संासाधनों की कमी का हवाला देकर राहत कार्य बाधित नही होने चाहिए। उन्होंने बताया कि जरुरत महसूस हुई तो हैली सेवाओं के माध्यम से भी राहत कार्य किये जायेगे। रेसक्यू आॅपरेशन के दौरान मिल रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए डाॅक्टरों के टीम भी मौके पर तैनात की गई है। गंभीर लोगों को हायर सेन्टर भेजा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार नजर बनाये हुए है। उनका कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं से लड़ा नही जा सकता है। लेकिन हम राहत कार्य में और तेजी लाकर लोगों की जान बचा सकते है। प्रधानमंत्री भी मुख्यमंत्री से लगातार अपडेट ले रहे है। उन्होंने भी मुख्यमंत्री को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।

त्रिवेंद्र सरकार का बड़ा फैसला, उत्तराखंड में 108 सेवा को 132 नई एंबुलेंस से मिलेगी संजीवनी

राज्य में संचालित 108 इमरजेंसी सेवा की अहमियत को त्रिवेंद्र सरकार बखूबी समझ रही है। यही वजह रही कि 108 सेवा के बेड़े को विस्तार देने में राज्य सरकार ने देर नहीं लगाई। 108 सेवा के बेड़े में 132 नई एंबुलेंस शामिल करने पर राज्य कैबिनेट की मुहर इसी ओर इशारा कर रही है।
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में दशक भर पहले 108 इमरजेंसी सेवा का सफर शुरू हुआ था। अपनी शुरूआत से ही इस सेवा ने आम उत्तराखंडी के दिलों-दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी है। खासतौर से पर्वतीय जिलों के लिए यह सेवा किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई। बीते वर्षों में 108 इमरजेंसी सेवा की एंबुलेंसों में हजारों नौनिहालों की किलकारियां गूंजी तो हजारों-लाखों घायलों को अस्पतालों तक उपचार के लिए पहुंचाया गया। यहां तक की पहाड़ के दूरस्थ गांवों में अगर कोई गंभीर बीमार हो जाता तो उसे बस यही इंतजार रहता कि किसी तरह रोड हेड तक 108 पहुंच जाए। इसके बाद मरीजों को आसानी से नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया जाता रहा।
अब यह कहना कतई अतिश्योक्ति नहीं होगा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव से जूझते राज्य को इस सेवा ने हमेशा सहारा देने का काम किया है। यही कारण भी है कि त्रिवेंद्र सरकार शुरू दिन से इस सेवा के सुदढ़िकरण के लिए तत्पर रही है। राज्य सरकार ने अब 108 सेवा को और मजबूती प्रदान करते हुए इसके बेड़े में 132 नए वाहनों को जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जानकारों का कहना है कि निश्चित तौर से सरकार का यह निर्णय सराहनीय है। दरअसल, यह एक ऐसी इमरजेंसी सेवा है जिसके लिए कई बार जिलों में एबुलेंस कम पड़ जाती हैं। ऐसे में इसके बेड़े में वाहनों का इजाफा कर सरकार ने इसे मजबूती प्रदान करने का कार्य किया है। अधिक से अधिक वाहन होने का लाभ यह मिलेगा कि जिन इलाकों में अभी तक इस सेवा के वाहनों को लंबी दूरी तय करके पहुंचना पड़ता था, अब नए वाहन मिलने से इमरजेंसी प्वाइंट तक पहुंचने में आसानी होगी।