एक कार्यक्रम में सीएम ने रखा 2025 का रोडमैप

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होटल में आयोजित राइजिंग उत्तराखण्ड कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने प्रदेश के विकास एवं जनता से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवम्बरए 2021 को बाबा केदार की भूमि से 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था इसी का प्रतिफल है कि इस बार चारधाम यात्रा में लगभग 50 लाख से अधिक रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किएए जबकि 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कांवड यात्रा में शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिये रोड मैप पर तैयार कर कार्य किया जा रहा है। रोजगार और आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन कृषि बागवानी के क्षेत्र में योजनायें बनायी गयी है। प्रदेश में भूमि बैंक बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक निवेशक राज्य में उद्योगों की स्थापना के प्रति आकर्षित हों। स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी को भी मजबूती देने के प्रयास किये जा रहे हैं। लखपति दीदी योजना में 2025 तक 1ण्25 लाख मातृशक्ति बहनों को लखपति बनाने की योजना बनायी गयी है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को गति प्रदान करने के लिए हमारी सरकार द्वारा विगत वर्ष श्रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्सश् की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के हवालबाग में और जनपद पौड़ी के कोटद्वार में की गई। वर्तमान में इन श्रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्सश् के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इससे हमारे युवा रोजगार मांगने वाले नहीं रोजगार देने वाले बनेंगे तथा पलायन रोकने में भी हम सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए मसूरी में आयोजित चिंतन शिविर एवं बोधिसत्व विचार श्रृंखला में जो सुझाव सामने आये हैंए उन सभी सुझावों को धरातल पर लाने के साथ जन समस्याओं के समाधान के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर काफी चिंतित है और जिन लोगों ने भी नकल कराई हैए उनके खिलाफ कड़ा एक्शन तत्काल लिया गया है साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2014 व 15 से भर्ती घोटाले चल रहे थे। हमेशा जांच की बात होती थी लेकिन जांच नहीं होती थी। हमने इसमें प्रारंभिक जांच कराई। आज अभी तक 55 लोग जेल जा चुके हैं। भर्ती प्रक्रिया में नकल रोकने के लिए नकल विरोधी कानून लाया जा रहा है ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार की हरकत कर नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने की सोच भी न सके।
समान नागरिक संहिता को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी के खिलाफ नहीं है। 12 फरवरी 2022 को हमने इसे लेकर संकल्प जताया था और सरकार बनने पर कमेटी बनाई। उन्होंने कहा कि हमारे बाद तमाम राज्य इस पर आगे आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में चुनाव से 6 माह पहले ही उन्हें मुख्यमंत्री का दायित्व मिला था। पार्टी ने मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को यह जिम्मा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड जघन्य और घिनौना कृत्य था। इसको लेकर हमने तत्काल कार्रवाई की। सारे आरोपी तत्काल गिरफ्तार किए गए तथा एसआईटी का गठन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है।
जोशीमठ भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालयए श्री बद्रीनाथ जी का शीतकालीन निवास स्थान हैए तथा सामरिकए सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। वे स्वयं वहां 03 दिन रहेए सरकार का सबसे पहला प्रयास प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना था। अंतरिमए तत्काल मदद के रूप में डेढ़ लाख रूपयेए 200 से भी ज्यादा परिवारों को दिया जा चुका है। प्रभावितों के पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैंए प्रधानमंत्रीए गृह मंत्री भी लगातार इस नजर बनाये हुए हैं। 8 एजेंसियां यहां काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी आंकलन किया जायेगा अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पूर्णतः सुरक्षित है। यह भ्रम अनावश्यक रूप से फैलाया जा रहा है उत्तराखण्ड असुरक्षित है। केवल जोशीमठ का कुछ ही क्षेत्र भूधंसाव से प्रभावित है। हमारा प्रयास आगामी चारधाम यात्रा को और बेहतर ढंग से संचालित करने का है। इसके लिये तैयारियां की जा रही हैं। उत्तराखण्ड पूर्णतः सुरक्षित है। यह संदेश देश दुनिया में जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार पर ध्यान दिया जा रहा है। जौलीग्रांट के साथ पंतनगर को अंतराष्ट्रीय स्तर कर हवाई अड्डा बनाया जा रहा है। नैनी सैनीए चिन्यालीसौड एवं गौचर हवाई पट्टियों को उड़ान योजना के तहत विकसित किये जा रहे हैं। हेलीपोर्टों को भी आवश्यक संसाधनों से सुविधायुक्त बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जो भी प्रस्ताव रखे जाते हैंए उन पर गम्भीरता से फैसले भी लिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस वर्ष जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। जी 20 की 02 महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी प्रस्तावित हैं। भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष भी घोषित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर से धारा 370 हटाकर एक राष्ट्रए एक विधानए एक निशान को लागू किया है। वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा तेजी से बढ़ी है। भारत दुनिया की पांचवी सबसे बढ़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन चुका है। आज भारत डिजिटल टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में ग्लोबल मैप पर अपने पहचान बना रहा है। आज दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जबरदस्ती धर्मांतरण नहीं होने दिया जायेगा। इस प्रकार का कृत्य राज्य के किसी भी क्षेत्र में न हो इसके लिये कानून बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हल्द्वानी जैसे मामले में सतर्कता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। इस मामले में राज्य सरकार न्यायालय में पार्टी नहीं है। यह रेलवे का मामला है। राज्य सरकार द्वारा माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड गंगा का उद्गम क्षेत्र है। गंगा स्वच्छता के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि नमामि गंगे एवं अर्थ गंगा को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व के 10 इनिशिएटिव में से एक माना है। हमारा प्रयास राज्य की सीमा तक गंगा जल को पूर्णतः स्वच्छ बनाना है। इसके लिये गोमुख से हरिद्वार तक 132 नालों को टेप किया गया है और अतिरिक्त 11 एसटीपी बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाने में उत्तराखण्ड देश का मॉडल राज्य बनेगा।

2025 तक श्रेष्ठ राज्य की बात कहने से नहीं बनेगा, करके दिखाना होगाः मुख्यमंत्री

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी मसूरी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय सशक्त उत्तराखंड / 25 चिंतन शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस चिंतन शिविर के आयोजन को लेकर हम बहुत दिनों से सोच रहे थे। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों तक हमें चिंतन के साथ चिंता भी करनी है कि प्रदेश का विकास कैसे हो? मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ने आप सभी को बहुत विशिष्ट बनाया है। आईएएस हमारे देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा है और आप देश-प्रदेश की नीतियों को तय करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें चीजों को नोट करने की आदत डालनी चाहिए। एक दिन में हमारे अंदर हजारों विचार आते हैं। ऐसे में हर चीज याद नहीं रखी जा सकती। उन्होंने कहा कि आप के लिए कोई काम मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया है कि विभाग अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने की कोशिश करते हैं, इस प्रवृत्ति को हमें त्यागना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरलीकरण का मंत्र दिया है। हमें यहां सोचना होगा कि कितने विभागों ने कार्य का सरलीकरण किया। प्रक्रियाओं सरलीकरण कर के समाधान का रास्ता निकलना है। उन्होंने कहा कि आज पूरी सरकार यहां है। इन तीन दिनों में यहां मन से चिंतन करना होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी अधिकारी अच्छा काम करते हैं और फीडबैक भी आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच रहने की कोशिश करता हूं। अभी कुछ दिनों से आदत बनाई है कि जिलों में भ्रमण के दौरान सुबह 6 से 8 बजे तक लोगों से बात करता हूँ और फीडबैक लेता रहता हूं और इस दौरान सबके बारे में पता चलता रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देखने में आता है कि कई अधिकारी फ़ाइल को ठीक से आगे नहीं बढ़ाते। ये आदर्श स्थिति नहीं है। कई दफा हम अपने स्तर से फैसले नहीं लेते। फ़ाइल नीचे से चलते हुए कई बार मेरे पास तक आ जाती है जिस पर सभी की एक ही टिप्पणी होती है कि उच्च अनुमोदन हेतु प्रेषित। जबकि जरूरत यह है कि हम अपना निर्णय भी उस पर लिखें। उन्होंने कहा कि हमारी जो काम करने की प्रणाली है। इसमें बदलाव की जरूरत है। हमें बेस्ट प्रैक्टिस करने की आदत डालनी होगी और 10 से 5 वाले कल्चर से बाहर आना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सरलीकरण, समाधान और संतुष्टिकरण के मंत्र पर कार्य करना होगा। हमारा फ़ोकस समाधान पर होना चाहिए। एसीआर भरे जाने के समय यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो टास्क दिया गया था वो हुआ या नहीं। हम इस कार्य को इसी वर्ष से प्रारम्भ करेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी यह आम धारणा है कि जो योजना हम बनाते हैं वो योजनाएं देहरादून बेस्ड बन रही हैं। हमें पर्वतीय जिलों को विकास के खाके में शामिल करना ही होगा। राज्य की हकच में जिन ज़िलों योगदान कम है, उनके लिए योजनाएँ बनाई जानी चाहिए। वर्तमान में भारत सरकार-नीति आयोग आदि सब हमें सहयोग करने को तैयार हैं। हिमाचल और हमारी जलवायु बहुत मिलती जुलती है। लेकिन हमें यह मंथन करना होगा कि कैसे वे बागवानी के क्षेत्र में हमसे बेहतर कर रहे हैं । हमारी स्थिति हिमाचल से बेहतर है। हम बाग़वानी को कैसे बढ़ायें। इस पर कार्यवाही होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देहरादून और आसपास के इलाके पहले से कहीं ज्यादा कंजस्टेड हो जाएंगे। हमें उसके अनुरूप सुविधाओं को विकसित करना होगा।स्मार्ट सिटी को लेकर शिकायतें आती हैं।इसको ठीक करना है। हम यह नहीं कह सकते यह काम हमारे। समय का नहीं है।अच्छा ख़राब जो भी है अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है।इसको ठीक करना है।
उन्होंने कहा कि हमारा चिंतन व्यवहारिक होना चाहिए। प्रदेश के हित में होना चाहिए। वर्ष 2025 तक केवल श्रेष्ठ राज्य की बात कहकर कुछ नहीं होने वाला बल्कि इसे हमको करकर दिखाना है। हमें 2025 तक एक सशक्त उत्तराखंड बनाना है। हमें विकास की योजनाएं अपने भूगोल के अनुसार बनानी होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कहाँ जाना है?हम कहाँ पर हैं?रुकावटें क्या हैं? अगर हम यह समझ पाए तो समस्या का समाधान आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि घोषणाएँ सुनियोजित होनी चाहिए। यह धारणा बदलनी चाहिए कि सरकार में काम नहीं होते। काम करने का रास्ता निकाला जाना चाहिए। हम नहीं बल्कि हमारा काम बोलना चाहिए। हमें अपने काम को मन-वचन-कर्म से करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी का काल खंड उसके द्वारा किए गए कामों के लिए जाना जाएगा।