बुद्धि शुद्धि यज्ञ कर जन विकास मंच ने नगर निगम की सदबुद्धि की कामना की

उत्तराखंड जन विकास मंच गुमानीवाला में नगर निगम ऋषिकेश के प्रस्तावित ट्रचिंग ग्राउंड के विरोध में आंदोलनरत है। आज मंच ने बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ किया।

बुधवार को नगर निगम के ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए चयनित भूमि पर एकत्रित हुए मंच से जुड़े लोगों ने नारेबाजी की। कहा कि आबादी के बीच ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़ा डंप होने से गांव का माहौल प्रदूषित होगा। साथ ही विभिन्न संक्रामक रोग फैलने की आशंका रहेगी।

यही वजह है कि जन विकास मंच ग्रामीण क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण का शुरू से विरोध कर रहा है। ट्रंचिंग ग्राउंड के खिलाफ चल रहे आंदोलन को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। मंच से जुड़े लोगों ने मौके पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया।

मौके पर मंच अध्यक्ष आशुतोष शर्मा, संयोजक सत्या कपरुवाण, सहसंयोजक मनोज गुसाईं, गजेंद्र गुसाईं, देवेंद्र बैलवाल, लालमणि रतूड़ी, वीर सिंह नेगी, बसंत बिष्ट, विनोद पोखरियाल, धर्मेंद्र , विकास, नत्थी प्रसाद सेमवाल, निशा, कमली, रामेश्वरी, मोहिनी, राजमती, शारदा, आशा, हर्षवती आदि मौजूद रहे।

नगर निगम प्रशासन पर स्थानीय लोगों की उपेक्षा का आरोप

उत्तराखंड जन विकास मंच ने लाल पानी बीट स्थित गुलरानी क्षेत्र में प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड का विरोध किया है। मंच सदस्यों ने नगर निगम प्रशासन पर स्थानीय लोगों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को ज्ञापन भेजकर प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड से होने वाली मुश्किलों को उठाया है।
सोमवार को उत्तराखंड जन विकास मंच के बैनर तले कई लोग ऋषिकेश तहसील में एकत्रित हुए। उन्होंने एसडीएम के माध्यम से उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन आरके सुधांशु को ज्ञापन प्रेषित किया। मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि लाल पानी बीट स्थित गुलरानी क्षेत्र में नगर निगम ऋषिकेश की ओर से ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया जाना प्रस्तावित है। यह प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड आबादी क्षेत्र से मात्र 10 मीटर की दूरी पर स्थित है। नगर निगम प्रशासन ने स्थानीय आबादी की उपेक्षा करते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के विपरीत एकपक्षीय फैसला लिया है। इसके चलते भविष्य में हवा, मिट्टी और पानी प्रदूषित होने की संभावना बनी हुई है।
समिति संयोजक सत्य कपरूवान ने कहा कि किसी भी दशा में प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड आबादी क्षेत्र में नहीं बनना चाहिए। सह संयोजक मनोज गुसाईं ने कहा कि पूर्व में भी इस ट्रंचिंग ग्राउंड को लेकर उन्होंने और सभी जनप्रतिनिधियों ने जन सुनवाई के दौरान अपना विरोध प्रकट किया था, लेकिन अचानक नगर निगम द्वारा प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए निविदाएं आमंत्रित करना ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों के साथ एक छलावा है। इसका हम सभी विरोध करते हैं। ज्ञापन देने वालों में जनार्दन नवानी, कोषाध्यक्ष विनोद पोखरियाल, धर्मेंद्र सिंह, लालमणि रतूड़ी, पूर्व बीडीसी सदस्य वीर सिंह नेगी, फतेह सिंह, राकेश थपलियाल, अजय कुमार वर्मा, यतेंद्र थपलियाल, भूपेंद्र भट्ट, कुंवर सिंह आदि उपस्थित रहे।

कैंप कार्यालय में मंत्री से मिले ट्रेचिंग ग्राउंड विरोध संघर्ष समिति के सदस्य

उत्तराखंड जन विकास मंच के बैनर अंतर्गत ट्रेचिंग ग्राउंड विरोध संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल कैबिनेट मंत्री नगर विकास एवं वित्त डॉ प्रेमचंद अग्रवाल से मिला।

संयोजक सत्य प्रकाश कपूरवान व सह संयोजक मनोज गुसाईं ने मंत्री को बताया कि प्रस्तावित चयनित स्थल पर बनने वाला ट्रेचिंग ग्राउंड केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन के प्रतिकूल है जोकि आबादी क्षेत्र से मात्र 10 मीटर की दूरी पर है। जिस पर मंत्री डा. अग्रवाल ने आश्वासन दिया कि वे इस ज्वलंत समस्या का शीघ्र निस्तारण करेंगे।

पूर्व ग्राम प्रधान भट्टटोवाला एवं सभा संचालक प्रमुख सतीश रावत एवं सह संयोजक गजेंद्र गोसाई ने बताया कि आबादी क्षेत्र में कचरा घर स्थापित होने से गुलरानी, मनसा देवी, अमित ग्राम, गुर्जर बस्ती, गुमानीवाला, भट्टटोवाला क्षेत्र के आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में मंच अध्यक्ष आशुतोष शर्मा, देवेंद्र दत्त बेलवाल, धर्मेंद्र सिंह, ऋषि पोसवाल, राजेंद्र पाल, विनोद पोखरियाल, सुंदर जीना, लाल सिंह बोरा, नत्थी लाल सेमवाल, विजय सकलानी, मोहिनी देवी, पारो देवी, अनीता नैथानी, नीलू बिष्ट, लता देवी, विमला देवी आदि उपस्थित रहे।

लालपानी बीट में कूड़ा निस्तारण का विरोध, ज्ञापन भेजा

उत्तराखंड जन विकास मंच ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उप जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया। मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा व संरक्षक महावीर उपाध्याय ने बताया कि नगर निगम ऋषिकेश द्वारा लाल पानी बीट में कचरा निस्तारण की कार्य योजना बनाई जा रही है। लेकिन उक्त स्थल के समीप बसी आबादी के नागरिकों द्वारा निरंतर विरोध दर्ज किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में उनके आसपास की हवा, मिट्टी तथा पानी प्रदूषित होना तय है। जिससे उनके व उनके बच्चों का भविष्य खराब होना तय है। नगर निगम द्वारा आम नागरिकों का पक्ष सुने बिना एकपक्षीय कार्यवाही की गई तथा उस समय उक्त जनसुनवाई का भारी विरोध हुआ था। जिसके संबंध में अखबारो में सूचना प्रमुखता से छपी थी।
देहरादून के शीशम बाड़ा प्लांट का उदाहरण अपने आप में सबके सामने दृष्टिगोचर है कि वहां पर कूड़ा निस्तारण नहीं किया गया तथा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया। जिससे आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। देहरादून जैसे नगर निगम द्वारा जब यह प्रक्रिया कुशलतापूर्वक प्रभावी रूप से लागू नहीं की जा सकी तो तृतीय श्रेणी के नगर निगम ऋषिकेश द्वारा उक्त कूड़ा निस्तारण को प्रभावी रूप से किया जाना अपने आप में संदेह जनक है। क्षेत्र के गरीब आम नागरिकों के भविष्य को देखते हुए नगर निगम के उक्त ट्रेंचिंग ग्राउंड को कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने का कष्ट करें। जिससे नागरिकों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके तथा ऋषिकेश जैसे पावन शहर को कूड़े के ढेर व वायु, जल प्रदूषण से मुक्त रखा जा सके।
अवगत कराना है कि ऋषिकेश से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर नगर निगम हरिद्वार के सराय स्थित प्लांट में बड़े पैमाने पर भूमि उपलब्ध है। तथा वहां कूड़ा निस्तारण प्लांट स्थापित किया गया है। यदि नगर निगम ऋषिकेश का कूड़ा कंपैक्ट मशीनों का प्लांट वहां लगाया जाता है तो वह एक उचित विकल्प होगा। ऋषिकेश चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार है इसके पूर्व में पतित पावनी मां गंगा पश्चिम में देहरादून का वन क्षेत्र उत्तर में टिहरी गढ़वाल जिला एवं दक्षिण में गुमानीवाला, रायवाला तथा हरिद्वार जिले की सीमा लगती है। अतः नगर निगम ऋषिकेश का विस्तार दक्षिणी सीमा में ही हो सकता है।
इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार द्वारा नगर निगम रुड़की में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट प्लांट लगाने का प्रयास किया जा रहा है। यदि इसी प्रकार प्लांट नगर निगम हरिद्वार के सराय प्लांट में स्थापित किया जाए तो आसपास के निकायों का समस्त कूड़ा उक्त वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को दिया जा सकता है। जिससे प्लांट को पर्याप्त कूड़ा ना मिलने के कारण होने वाले अवरोधों से बचा जा सकेगा तथा पर्याप्त कूड़ा प्राप्त होने से वेस्ट एनर्जी प्लांट प्रभावी रूप से कार्य कर सकेगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश द्वारा लाल पानी बीट में बनाए जाने वाले ट्रेचिंग ग्राउंड आदि की कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रोकते हुए वहां के नागरिकों के जीवन की रक्षा करने की जा सके। ऊपर बताए गए विकल्पों में से किसी पर विचार करते हुए कार्रवाई कराने की कृपा करें।
ज्ञापन प्रेषित करने वालों में विनोद पोखरियाल, देवेंद्र दत्त बेलवाल, चंदन सिंह राणा, धर्मेंद्र कुमार, धर्म सिंह छेत्री, सुंदर जीना, मनवीर भंडारी, लाल सिंह बोरा आदि मौजूद रहे।

राशन कार्ड धारकों की मासिक आय मानक में वृद्धि की जाए

उत्तराखंड जन विकास मंच के कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी ऋषिकेश के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राशन कार्ड धारकों की मासिक आय मानक में वृद्धि करने के संबंध में ज्ञापन दिया।

मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना 2013 मैं लागू की गई। जिसका उद्देश्य मानव को गरिमा पूर्ण व सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के उद्देश्य से उचित दरों पर गुणवत्ता पूर्ण आहार सुनिश्चित करते हुए खाद्य व पोषण सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना का लाभ देश की लगभग दो-तिहाई आबादी को प्राप्त हो रहा है। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए सितंबर 2021 से प्रवासी श्रमिकों हेतु एक राष्ट्र,एक राशन कार्ड योजना के अंतर्गतराष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा 34 राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों में निर्बाध रूप से चल रही है।

कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड सरकार द्वारा पात्र राशन कार्ड धारकों को जिनकी वार्षिक आय/ मासिक आय राशन कार्ड मानकों के अनुसार अधिक हो रही है उन्हें 31 मई,2022 तक अपना राशन कार्ड सरेंडर करने को कहा गया है, जो एक सराहनीय कदम है। परंतु इस संबंध में मंच का यह मानना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम जो कि 2013 में प्रभावी हुआ। जिसको लगभग 10 वर्ष का समय व्यतीत हो रहा है इस समयावधि में महंगाई दर में काफी बढ़ोतरी हुई है और मुद्रा की क्रय शक्ति बहुत घट गई है क्रय शक्ति समता नियम का पालन करते हुए राशन कार्ड धारकों की आय के मानकों में उनकी सूची के अनुसार परिवर्तन पर दोगुना किया जाए और प्राथमिक परिवार जिनकी मासिक आय 15000 से कम मानक वाली बाध्यता को समाप्त किया जाए। तभी जाकर सही अर्थों में समाज के सभी लक्षित समूह व वर्ग को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

ज्ञापन देने वालों में योगेश शर्मा, जतिन जाटव, चंदन सिंह राणा, राकेश थपलियाल, कुंवर सिंह, राजेंद्र पाल, आकाश, हरीश आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड जन विकास मंच ने कहा, लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही शुरू की जाए

उत्तराखंड जन विकास मंच के द्वारा लक्ष्मण झूला पुल प्रशासन द्वारा बंद कर दिए जाने के कारण स्थानीय व्यापारियों को आ रही समस्या के संबंध में चर्चा की।

मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि शासन व प्रशासन को यथाशीघ्र लक्ष्मण झूला पुल से सीमित संख्या मे आवागमन की सुविधा शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय व्यापारियों को भरोसा दिया कि उत्तराखंड जन विकास मंच हर परिस्थिति में आप लोगों के साथ है और मंच द्वारा उन्हें हर तरह का सहयोग दिया जाएगा।

इस अवसर पर देशराज भंडारी, जतिन जाटव, राजेंद्र, अभिषेक गुप्ता, रामकरण, अभिषेक गोस्वामी, ऋषभ आदि उपस्थित थे।

जन विकास मंच ने सीएम को भेजा ज्ञापन, यह रखी अहम मांग

उत्तराखंड जन विकास मंच के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जिलाधिकारी के माध्यम से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड में समूह ‘ग’ के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) के रिक्त पदों पर 2018 में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को भी वन टाइम रिलैक्सेशन दिए जाने हेतु ज्ञापन प्रेषित किया।

मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि सन 2018 में हजारों की संख्या में स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला आवेदन किया था परंतु उस पर परीक्षा ना हो पाई और विज्ञप्ति रद्द हो गई पुनः सन 2022 में नई विज्ञप्ति में 824 पद आए परंतु आयु सीमा अधिक होने के कारण पूर्व में आवेदन करे हुए अभ्यर्थी आवेदन करने योग्य नहीं रह गए हैं अतः आपसे निवेदन है कि जनहित में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एक अतिरिक्त अवसर प्रदान किया जाए

ज्ञापन देने वालों में अधिवक्ता राकेश थपलियाल, अधिवक्ता चंदन सिंह राणा, अधिवक्ता अजय ठाकुर आदि उपस्थित रहे।

पानी, बिजली के बिलों में वृद्धि को लेकर मंच का धरना 12वें दिन भी रहा जारी


उत्तराखंड जन विकास मंच ने पानी, बिजली के बिलों में अप्रत्याशित वृद्धि व नगर निगम ऋषिकेश द्वारा अतार्किक रूप से संपत्ति कर लगाए जाने के विरोध स्वरूप धरना 12 दिन भी लगातार जारी है

विभिन्न क्षेत्रों से समर्थन के क्रम में आज सोमेश्वर नगर के लोगों ने अपना समर्थन दिया इसके साथ ही मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा विद्युत उपखंड अधिकारी ऋषिकेश के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी को ज्ञापन प्रेषित किया गया जिसमें बिजली के बिलों में गैर जरूरी कर व चार्ज वापिस लेने का निवेदन किया गया

सोमेश्वर नगर क्षेत्र से समर्थन देने वाले पूर्ण सिंह पवार व शैलेंद्र चौहान ने बताया कि नगर निगम द्वारा संपत्ति कर में बढ़ोतरी ऋषिकेश की जनता के साथ अन्याय है कोई भी कर तार्किक दृष्टि से उचित होना चाहिए अतः संपत्ति कर कि दरों को संशोधित करके नए सिरे से लागू करना चाहिए
धरने को समर्थन देने वालों में आशुतोष शर्मा, विपिन शर्मा, प्रिंस सक्सेना, कुंवर सिंह, तनुज कुमार सिंह, धर्मपाल सिंह, विक्रम सिंह, अशोक कुमार सिंह, जगदीश प्रसाद गुप्ता, राहुल वर्मा, बेचन गुप्ता, राजेंद्र लांबा, दीपक कुमार, राहुल पांडे, दीपक तिवारी, प्रिंस तिवारी, आशीष कुमार शर्मा, रामकृपाल गौतम, आदेश कुमार आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड जन विकास मंच ने पानी और बिजली के बिलों में वृद्धि वापस लेने की मांग की

उत्तराखंड जन विकास मंच के द्वारा पानी के बिलों की अप्रत्याशित वृद्धि के विरोध स्वरूप व जल मूल्य को कम करवाने को लेकर जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली अग्रवाल धर्मशाला से शहर के मुख्य-मुख्य मार्गाे से होते हुए गांधी स्तंभ त्रिवेणी घाट पहुंची, जिसे शहर की आम जनता के साथ-साथ व्यापारियों ने भी अपना समर्थन दिया।
मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि पानी के बिलों में 15 प्रतिशत की अप्रत्याशित वृद्धि को कम करने हेतु व अन्य संबद्ध बिंदुओं पर उत्तराखंड जन विकास मंच आगामी आंदोलन की रणनीति बना रहा है। जन जागरूकता अभियान के दौरान जनता से संपर्क करते वक्त आम जनता की तरफ से बिजली के बिलों पर सर चार्ज खत्म करने, मीटर किराया समाप्त करने व मासिक बिल उपभोक्ताओं को दिए जाने की मांग मंच के सामने प्रमुखता से रखी गई। जिस पर मंच द्वारा पानी के मुद्दे के साथ बिजली का मुद्दा भी समाहित कर आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई गई। इसके साथ ही मंच अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कोविड काल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा बिजली व पानी के बिलों पर विलंब शुल्क माफ करने की घोषणा की सराहना की तथा इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जल संस्थान द्वारा सरकारी जीओ जारी ना होने का हवाला देते हुए उपभोक्ताओं से पूरा बिल लिया जा रहा है अतः शीघ्र ही जिओ जारी कर उपभोक्ताओं को राहत दी जाए।
इस अवसर पर नगर पंचायत चुनाव के अध्यक्ष माधव अग्रवाल, नगर उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, जतिन जाटव, राजेश व्यास, विपिन शर्मा, कनक धने, सुभाष शर्मा, विपिन पंत, पूजन अग्रवाल, सत्यवीर पाल, प्रवीण सिंह, बेचन गुप्ता, अंशुल पाल, चेतन चौहान, विजय जुगरान, अरुण कुमार, कुंवर सिंह, मनीष मौर्य, आकाश पांडे, रोहित राम, अशोक अवस्थी, छोटे लाल चौरसिया, विक्रम सिंह, कमल सिंह, प्रेमनाथ राजभर, मुरली शर्मा, गुरमुख सिंह, नरेंद्र रतूड़ी, राकेश सेमवाल, हेमंत कुमार, अशोक, आकाशदीप ठाकुर, जय सिंह, गजेंद्र बिष्ट, नागेंद्र पोखरियाल, हरेंद्र बडोनी आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के बजाए संघ लोक सेवा आयोग करे भर्ती


उत्तराखंड जन विकास मंच ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को समाप्त कर संघ लोक सेवा आयोग से भर्ती प्रक्रिया करवाने की मांग राज्यपाल से की है। उन्होंने इस बावत राज्यपाल को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा है।

मंच अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक कुल 6 परीक्षाएं ही संपन्न हुई है, जिसमें पीसीएस की अंतिम परीक्षा 2016 मैं संपन्न हुई। इसके पश्चात आयोग द्वारा ना तो कोई विज्ञप्ति प्रकाशित हुई और ना ही भविष्य में किसी प्रकार की विज्ञप्ति निकलने की उम्मीद नजर आ रही है। इस प्रकार परीक्षार्थियों की आयु निकल गई है, इसमें सारा दोष लोक सेवा आयोग का है और इसका खामियाजा प्रतियोगी परीक्षा दे रहे छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

इस अवसर पर अधिवक्त शैलेंद्र चैहान, चंदन सिंह राणा, सुनील नवानी, अनिल सक्सेना, भूपेंद्र कुकरेती आदि उपस्थित थे।