पौड़ी में कनेक्टिविटी बढ़ाकर पलायन रोका जा सकता हैः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में देवप्रयाग और ऋषिकेश के मध्य पौड़ी क्षेत्र से कनेक्टिविटी बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारी पौड़ी के साथ बैठक आयोजित की।

मुख्य सचिव ने कहा कि कनेक्टिविटी को बढ़ाकर इस क्षेत्र में पलायन को रोका जा सकता है, साथ ही, कनेक्टिविटी बढ़ने से इन क्षेत्रों का विकास हो सकेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से देवप्रयाग से ऋषिकेश के मध्य ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करने के निर्देश दिए जहां मोटर पुल बनाकर अधिक से अधिक जनसंख्या को लाभान्वित किया जा सकता है या ऋषिकेश – देहरादून से कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सकती है।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को भी निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में अपने स्तर पर भी प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पहले से झूला पुल हैं इन्हें विकसित कर मोटर पुल बनाकर अपग्रेड भी किया जा सकता है। इसके लिए संभावनाएं तलाशी जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान उपस्थित थे।

सीएम ने किया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग

हम उस संस्कृति के साधक हैं जहां पुरुष की परिकल्पना नारी के बिना अधूरी मानी जाती है। हमारे यहां जहां एक ओर अर्धनारीश्वर की पूजा की जाती है वहीं दूसरी ओर मां जगदम्बा को इस श्रृष्टि का मूल माना जाता है, यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ एवं ‘महिला भागीदारी को प्रोत्साहन’ में प्रतिभाग करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध होने वाली मानसिक और शारीरिक हिंसा की घटनाओं को सक्षम स्तर पर सूचित करते हुए रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को महिला सुरक्षा प्रहरी के रूप में जाना जाएगा तथा मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे व्यक्ति या समूह को विशेष अवसरों पर सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने दूसरी घोषणा की कि समाज की कुरीति बाल विवाह की पूर्व सूचना पुलिस को देने वाले या रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति या संस्था को दस हजार रूपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा तथा इन कार्यों में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के ई-पेपर ‘अपनी वाणी’ का शुभारंभ किया एवं महिलाओं की आत्मरक्षा पर बनी लघु फिल्म का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह को रोकने एवं सामाजिक सरोकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने देवभूमि उत्तराखण्ड की समस्त नारीशक्ति को नमन करते हुए महिला सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि किसी समाज या राज्य की रीढ़, उसकी सशक्त महिलाएं ही हैं। यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है तो उस राज्य का विकास सुनिश्चित है, उसे कोई रोक नहीं सकता। उत्तराखण्ड के निर्माण में महिलाओं ने अपना विशेष योगदान दिया है। एक ओर जहां प्रदेश की मातृशक्ति ने पूरे समाज को विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया, जूझना सिखाया, वहीं दूसरी ओर हर परिस्थिति में जीतना भी सिखाया है। राष्ट्र-निर्माण में महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में कहा गया है जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। परंतु कालांतर में आक्रांताओं के प्रभाव के कारण समाज का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल गया,इसका परिणाम महिलाओं के साथ किए जाने वाले अपराधों के रूप में सामने आया। परंतु अब समय आ गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के मन में भय पैदा किया जाय। ऐसे लोगों को ऐसा दंड मिले कि ऐसा घृणित अपराध करने से पहले इसके परिणाम के बारे में सोचकर उनकी रूह कांप जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र तथा राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए मिलकर सभी प्रकार के प्रयत्न कर रही हैं। महिलाओं को होम-मेकर के साथ – साथ नेशन-मेकर के रूप में आगे बढ़ना होगा, तभी सही अर्थों में राष्ट्र का विकास संभव हो पायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा निरंतर प्रयास है कि महिलाओं के जीवन स्तर को जितना अधिक हो सके उतना ऊपर उठाया जा सके। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना‘, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, लखपति दीदी योजना, महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूती प्रदान करने और पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का क्षेत्र हो या फिर सामाजिक न्याय की बात हो, हर क्षेत्र में महिलाओं को शक्ति संपन्न बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार द्वारा बनाई जाने वाली नीतियों में महिलाएं हमेशा प्राथमिकता पर रही हैं। प्रधानमंत्री द्वारा उज्ज्वला योजना चलाई जा रही है, इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 01 लाख 76 हजार अंत्योदय कार्डधारकों को साल में तीन गैस सिलिण्डर मुफ्त दिये जा रहे हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘ को लेकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है। हमारी बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ें, देश का नाम रोशन करें, यह हम सबका दायित्व है। पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं की राह को आसान करने के लिए सरकार ‘जल जीवन मिशन‘ योजना पर तेजी से काम कर रही है। हमारा लक्ष्य 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार को मातृ शक्ति का आशीर्वाद एवं समर्थन चाहिए।

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। बेटी के पैदा होने पर महालक्ष्मी किट दी जा रही है। 12वीं पास करने पर नंदा-गौरा योजना के तहत बेटियों को 51 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। विभाग द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह के तहत विभाग द्वारा पूरे सप्ताह कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत आज महिला सुरक्षा एवं भागीदारी प्रोत्साहन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। द्वितीय दिवस में महिलाओं एवं बालिकाओं, विशेषकर अकुशल श्रमिक महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग के साथ समन्वयन कर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जायेगा। तृतीय दिवस मानव तस्करी एवं बाल विवाह निषेध सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों पर गृह विभाग के साथ समन्वयन कर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा । चतुर्थ दिवस राज्य में संचालित सरकारी / निजी संस्थानों, प्रतिष्ठानों, उद्यमों, कार्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं विद्यालयों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में गृह विभाग द्वारा “गौरा शक्ति एप“ एवं “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न“ के कानूनी प्रावधानों से सम्बंधित जन-जागरूकता अभियान कार्यक्रम किया जायेगा। पंचम दिवस में परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक यातायात के साधनों, यथा-बसों, ऑटो, टैक्सियों पर आपातकालीन नम्बर-112, महिला हैल्पलाईन नम्बर-1090, के साथ-साथ “मैं महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूँ“ टैग लाईन का अंकन किया जायेगा। षष्ठम दिवस में महिला सशक्तिकरण हेतु अन्तर्विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान कर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में निराश्रित/एकल महिलाओं के उत्थान कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव एच.सी. सेमवाल, विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं मातृशक्ति मौजूद थे।

सरकारी भूमि पर भवनों की जानकारी पोर्टल में करें अपलोड

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने प्रदेश में लैंड बैंक के सम्बन्ध में शासन के उच्चाधिकारियों और सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सुनियोजित विकास के लिए प्रदेश में उपलब्ध सभी सरकारी भूमि और भवनों की जानकारी इसके लिए बनाए गए पोर्टल में अपलोड किया जाना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि लैंड बैंक बन जाने से प्रदेश का बेहतर तरीके से विकास किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विभागों की समीक्षाओं के दौरान यह प्रकाश में आया है कि विभिन्न विभाग अच्छे प्रस्ताव भी ला रहे हैं परन्तु विभाग सिर्फ अपने कब्जे की भूमि से बाहर अपनी योजनाओं को शुरू करने पर विचार नहीं करता। जबकि उसकी योजना के लिए बेस्ट सूटेबल स्थान किसी अन्य विभाग के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की सफलता उसकी लोकेशन और कनेक्टिविटी और अवसंरचनात्मक सुविधाओं पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के अंतर्गत भवन भी खाली पड़े हैं जो जानकारी के अभाव में अन्य विभागों द्वारा भी प्रयोग नहीं किए जा रहे हैं। पोर्टल पर इसकी जानकारी उपलब्ध होने से इन खाली पड़े भवनों का भी प्रयोग हो सकेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि एक पोर्टल में सभी भूमियों की जानकारी उपलब्ध रहने से किसी भी योजना को सफलतम तरीके से शुरू किया जा सकेगा। इसके लिए सभी विभाग अपने कब्जे के भूमि अथवा भवनों की जानकारी गूगल मैप नक्शे और लैटिट्यूड-लॉन्गिट्यूड के साथ इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड करें। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी भूमियों पर अतिक्रमण पर भी नजर रखी जा सकेगी। सभी शहरों के जो मास्टर प्लान बनाए जा रहे हैं, उसके लिए भी यह लाभप्रद होगा, साथ ही यह राज्य की तस्वीर को एक बेहतर रूप में पूरी तरह से बदल देगा। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को जनपद स्तर पर सेंट्रलाइज्ड ग्रीन बिल्डिंग बनाए जाने की दिशा में भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों कर्मचारियों के एक जगह उपलब्ध होने से कार्य क्षमता बढ़ेगी। इससे समय की बरबादी भी रुकेगी और शहरों का कंजेशन भी कम होगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, डॉ. बी. वी.आर. सी. पुरुषोत्तम, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं आयुक्त गढ़वाल एवं कुमायूं सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये निर्देश, आप भी जानिए…

नशीली एवं नकली दवाओं की रोकथाम के लिये प्रदेशभर में मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया जायेगा। इसके साथ ही प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर एक पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती का भी सत्यापन अभियान चलाया जायेगा। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में नकली एवं नशीली दवाओं की बिक्री को रोकने के लिये राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत प्रदेशभर में फुटकर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत 12500 से अधिक मेडिकल स्टोरों के निरीक्षण के साथ ही वहां पर तैनात फार्मासिस्टों का भी भौतिक सत्यापन किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को पूरे अप्रैल माह में विशेष अभियान के निर्देश दे दिये गये हैं। डा. रावत ने कहा कि औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम-1940 एवं 1945 की नियमावली के नियम 65(2) के अंतर्गत प्रत्येक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस होने के साथ ही स्टोर पर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी चाहिये। इसी प्रकार थोक दवा विक्रय के लिये भी नियम 64 के तहत अनुभवी व्यक्ति को ही लाइसेंस दिये जाने का प्राविधान है। इन्हीं नियमों का सख्ती से पालन करने के लिये खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को सभी पंजीकृत मेडिकल स्टोरों का मुआयना करने के निर्देश दिये गये हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 22 हजार फार्मासिस्ट पंजीकृत है, जिनमें से साढ़े बारह हजार से अधिक फार्मासिस्टों के नाम पर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस जारी किये गये हैं, जबकि एक हजार के करीब फार्मासिस्ट राजकीय सेवा में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर यह भी शिकायत मिलती रही है कि एक लाइसेंस पर एक से अधिक मेडिकल स्टोर संचालित किये जा रहे हैं तथा उन पर पंजीकृत फार्मासिस्ट तैनात नहीं किये गये हैं, जो कि नियमों का सीधा-सीधा उल्लंघन है। इन्हीं तथ्यों को मध्यनजर रखते हुये विभागीय अधिकारियों को प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोरों का भौतिक सत्यापन कर वहां पर पंजीकृत फार्मासिस्टों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि सूबे के बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्टों को मेडिकल स्टरों पर रोजगार मिल सके।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का सीएम ने किया उद्धाटन, यह मंत्री भी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश स्थित योग भरत घाट में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देश की सांस्कृतिक राजधानी ही नहीं अपितु योग और वेलनेस का उत्कृष्ट केंद्र भी है। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में योग व वेलनेस केंद्रों का विकास करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। योग हमारे प्रदेश की प्राचीनतम परंपरा है, योग के माध्यम से उत्तराखंड के लोगों को देश विदेश में नई पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा योग के क्षेत्र में काम कर रहे उत्तराखंड के लोगों को सम्मानित किया जाना समस्त प्रदेशवासियों के लिए सम्मान का विषय है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पद्मश्री से सम्मानित आदरणीय योगाचार्य स्वामी शिवानंद जी, रजनीकांत जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। योग महोत्सव में आगंतुकों को जहां एक ओर योग, ध्यान और प्राणायाम की बारीकियों को सीखने का मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर वे नाड़ी परीक्षण और आयुर्वेद शिविरों के माध्यम से अपनी समस्याओं का निःशुल्क समाधान भी पाते हैं।

उन्होंने कहा कि ऋषिकेश की आध्यात्मिक भूमि पर संध्या काल में गंगा आरती, भजन, संकीर्तन और आंचलिक लोक-संगीत की धुन योग महोत्सव में भाग लेने वालों को उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत से रूबरू कराने का कार्य करेगी। आज हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें आराम देता है, हमारी क्षमताओं को बढ़ा देता है। इसलिए, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है, हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है, हमें योग को पाना भी है और हमें योग को अपनाना भी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, विश्व को योग का संदेश दे रहा है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का महत्व और भी बढ़ जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा की ऋषिकेश की नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है कि लोग स्वयं यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आते हैं और योग महोत्सव के दौरान यह सौंदर्य और आनंद अपने चरम को छू लेता है। संपूर्ण विश्व में आज हमारे ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है, यह हम सभी के लिए बड़ी गौरव की बात है।

उन्होंने कहा की कुछ ही दिनों बाद यहां होने वाली जी20 बैठक के बाद तो ऋषिकेश की इस आध्यात्मिक भूमि से विश्व का कोना कोना परिचित हो जायेगा। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में घर-घर में योग का प्रचार हुआ है, आज योग ’पार्ट ऑफ लाइफ’ नहीं बल्कि अब ’वे ऑफ लाइफ’ बन चुका है। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों की तपस्थली ऋषिकेश जैसे भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वो योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग मानव मात्र को निरोगी जीवन का विश्वास दे रहा है, आज दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्याेदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कि इस महोत्सव में आयोजित होने वाले सत्रों की सार्थक चर्चा, हमारी सरकार को योग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में उत्तराखण्ड की हमारी डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है। आज जब पूरी दुनिया में हमारे प्रदेश की पहचान योग और आध्यात्म की जननी के रूप में है, तब हम सभी का दायित्व है कि इस पहचान को उत्कृष्टता प्रदान करने का कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा यहां आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को सुगम और सरल हो इसके लिये व्यापक तैयारियों की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बार की यात्रा में तमाम चुनौतियों के बावजूद 50 लाख से अधिक यात्री देवभूमि के दर्शन हेतु आये। इस बार अभी तक 1.51 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके है तथा जीएमवीएन को 4 करोड़ की बुकिंग प्राप्त हो चुकी है। होटल व्यवसायियों की भी बुकिंग यात्रियों द्वारा की जा रही है। इस अवसर मुख्यमंत्री ने आस्थापथ सेतु के विस्तार की भी घोषणा की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री स्वामी शिवानन्द को सम्मानित किया। जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा पद्मश्री रजनीकान्त को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए, उन्होंने गंगा पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने योग पर आधारित आकर्षक ड्रोन शो का भी अवलोकन किया।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को नये आयाम प्रदान करेगा। इससे हमारे परम्परागत उत्पादों को भी पहचान मिलेगी। देश व दुनिया के लोगों को यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा की यहां की बर्ड वाचिंग के साथ कई क्षेत्रों में पहचान बन रही है। राज्य के अन्य पर्यटन क्षेत्रों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है। वेडिंग डेस्टिनेशन को भी उत्तराखण्ड में प्रमोट करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे लोग यहां विवाह कर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करें। अनेक धार्मिक सर्किटों के माध्यम से प्रदेश को पहचान दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है। इससे पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि चारधाम के साथ लगे अन्य दर्शनीय स्थलों का भी भ्रमण करें।

सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने सभी आगन्तुको का स्वागत करते हुए अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। सचिव पर्यटन ने कहा कि यह योग महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने के हमारी अतिथि देवो भवः की परम्परा को और अधिक प्रभावी बनाने मे मददगार होगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 में 6 प्रतिष्ठित योग संस्थान भाग ले रहे हैं ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम तथा शिवानंद योग वेदांत सेंटर।

कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल ने भी सम्बोधित किया।

उत्तराखंडः केंद्र सरकार से राज्य को मिली 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति

केन्द्र सरकार से उत्तराखंड के लिए 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति दे दी गईं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह का आभार व्यक्त किया है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड को केन्द्र सरकार से आवंटित 300 मेगावाट बिजली की अवधि 28 फरवरी को पूरी हो गई थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का कोटा यथावत जारी रखने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। साथ ही फोन पर भी बात कर आग्रह किया था। इसी क्रम में केन्द्रीय सरकार ने 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति दे दी है।

मुख्यमंत्री ने की समूह ’ग’ परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामलीला मैदान, हल्द्वानी, में नकल विरोधी कानून लागू करने के उपलक्ष में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित आभार रैली में प्रतिभाग कर जनसभा को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि समूह ’ग’ की कोई भी परीक्षा चाहे वह लोक सेवा आयोग से बाहर की हो या लोक सेवा आयोग के द्वारा कराई जा रही हो। सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाय। इसमें तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी सम्मिलित होंगे अर्थात् जेई जैसे तकनीकी पदों में भी साक्षात्कार की व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त कर दी जाएगी। उच्च पदों में जहाँ साक्षात्कार आवश्यक हो, जैसे- पी०सी०एस० या अन्य उच्च पद वहां भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रखा जाएगा। साक्षात्कार के अकों को भी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा।

हजारों की संख्या में मौजूद युवाओं का अभिनंदन स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हल्द्वानी में युवाओं द्वारा किए गए इस भव्य स्वागत से मैं अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले नौजवान के हक पर कोई डाका न डाले सके। युवाओं के हिस्से की सफलता का कोई और लाभ न उठा सके इसके लिए राज्य सरकार कड़े से कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन्हीं कदमों के अंर्तगत प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है। ये कानून नकल माफिया को काल कोठरी के अंदर तक ले जायेगा। राज्य सरकार किसी भी युवा साथी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार के लिए राज्य की जनता सर्वाेपरि है और हमारा हर एक फैसला जन भावनाओं के आधार पर लिया जा रहा है। समाज के हर वर्ग के जीवन स्तर को ऊंचा उठाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष केदारनाथ की पुण्य भूमि से कहा था कि 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए आप और हम मिलकर काम कर रहे हैं। राज्य सरकार जनता के हित में सदैव कार्य करने का प्रयास करता रहेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि आने वाला बजट युवा और रोजगार केंद्रित बजट हो। हम ऐसा बजट लाने का प्रयास करेंगे जो प्रदेश के युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होगा। हम आने वाला बजट में प्रदेश की माताओं और बहनो को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेंगे और प्रदेश के किसानों को खुशहाली प्रदान करने का भी प्रयास करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार का निरंतर प्रयास है कि आम लोगों का जीवन सुगम बनाया जा सके। आम जन की प्रगति, विकास से ही उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड की सेवा करने का मुझे जितना भी अवसर मिला है, मैंने उसका एक- एक पल राज्य के लिए समर्पित करने का प्रयास किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का अपना फैसला, धरातल पर उतारा वहीं खेल कोटा भी पुनः प्रारंभ किया। सरकार ने उत्तराखंड में सबसे पहले नई शिक्षा नीति को लागू किया। नई खेल नीति लाकर युवा खिलाड़ियों से किए गए वादे को भी पूरा करने का प्रयास किया। इसी प्रकार से हम प्रदेश में पर्यटन नीति, ऊर्जा नीति सहित विभिन्न विभागों से संबंधित नीतियां लाने का कार्य कर रहे हैं, ये नीतियां भविष्य में रोजगार को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में लागू किए गए नकल विरोधी कानून का कठोर निर्णय नकल माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का काम करेगा। पहली बार नकल करने वालों ,कराने वालों और प्रक्रियाओं को सही प्रकार से लागू न करने वालों को जेल की काल कोठरी में डालने का काम किया है। उन्होंने कहा वर्तमान में भर्ती घोटाले की जो भी जाँच हमारी सरकार करवा रही है वह जाँच निष्पक्ष हो और किसी भी माफिया या अपराधी को छोड़ा न जाय यह सुनिश्चित करने के लिए मैं स्वयं निरन्तर जाँच और कार्यवाही का पर्यवेक्षण कर रहा हूँ। जाँच में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे, कोई पक्षपात न हो, कोई माफिया या अपराधी छूटे नहीं, इसके लिए सरकार ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति से पूरी जाँच की निगरानी करने का अनुरोध भी किया है। इस कानून में हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करवाने वाले और नकल करने वाले दोनों को ही कठोतम् सजा का प्रावधान किया है। जहाँ नकल में शामिल अपराधियों को आजीवन कारावास भी होगा, 10 करोड़ तक जुर्माना भी होगा और घोटाले से अर्जित सम्पत्ति को भी जब्त कर लिया जाएगा। सरकार ने हाल ही में पीसीएस परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने का कार्य किया है, इस परीक्षा में करीब एक लाख से अधिक युवाओं ने प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नकल विरोधी कानून केवल और केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए है न कि किसी स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं के लिए। केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए भविष्य में भी जो सुझाव आएंगे उन्हें भी हमारी सरकार आवश्यकतानुसार लागू करेगी। राज्य सरकार अंत्योदय के मंत्र पर कार्य करते हुए अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ रही है। विकसित उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा संकल्प है राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

इस दौरान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, केबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक अरविंद पांडे, दीवान सिंह, मोहन सिंह बिष्ट, सरिता आर्या, राम सिंह कैड़ा, शिव अरोड़ा, त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, भाजपा महामंत्री संगठन अजेय कुमार, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, भा.ज.यु.मो प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

सीएम ने किया आईआईटी रूड़की द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.आई.टी रूड़की में सौर ऊर्जा पर आधारित ‘पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया मीट-2023’ में खटीमा से वर्चुअल प्रतिभाग किया। उन्होंने आईआईटी रुड़की और पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया की टीम को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस सेमिनार के आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत में वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देकर ऊर्जा के क्षेत्र में पूर्ण सुरक्षा और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज रूड़की में ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की विकासवादी सोच पर आधारित सेमिनार का आयोजन हो रहा है। सौर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से देश की प्रगति में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा निरन्तर मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल मौसम होने के कारण उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा से संबंधित परियोजनाएं विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार सौर ऊर्जा के अपार संसाधनों के उचित प्रयोग से प्रदेश में “ऊर्जा क्रांति“ लाने के लिए प्रयासरत है। उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा अत्यंत प्रभावी साबित हो सकती है। सौर ऊर्जा का किफायती दरों पर उपलब्ध होना पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों के लिए अत्यंत फायदेमंद हो सकता है। यही वजह है कि दुर्गम क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के प्रत्येक घर तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो। इसे पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विज्ञान के क्षेत्र में रूचि रखने वाले महानुभाव सेमिनार के माध्यम से उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के कुशल संचालन हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार एक रोडमैप विकसित करने में मददगार साबित होगा। जिससे हम उत्तराखण्ड राज्य के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष में सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कर सकेंगे।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से विधायक रूड़की प्रदीप बत्रा, आई.आई.टी रूड़की के निदेशक प्रो. के.के. पन्त, सेमिनार के संयोजक प्रो. सौमित्र सतपति एवं विभिन्न प्रदेशों से आये वैज्ञानिक उपस्थित थे।

शिक्षक संगठनों के साथ बैठक में बनी सहमति, होगी पदोन्नति

शिक्षा विभाग के अंतर्गत पात्र एल.टी. शिक्षकों को प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर शीघ्र पदोन्नत किया जायेगा, इसके लिये अधिकारियों को विभागीय प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद से संबंधित पक्षों ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है, जबकि वरष्ठिता संबंधी मामलों पर बाद में निर्णय लिया जायेगा। बैठक में विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने पक्ष रखे, जिस पर विभागीय मंत्री ने छात्रहित एवं शिक्षकहित को ध्यान में रख कर कार्रवाही करने की बात कही।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद से संबंधित पक्षों के बीच मैराथन बैठक चली। जिसमें शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के विभिन्न पदों पर पदोन्नति को लेकर मैराथन चर्चा की गई। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एल.टी. (सहायक अध्यापक) से प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी, जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले पक्षों यथा तदर्थ विनियमति, सीधी भर्ती एवं प्रवक्ता (सीधी भर्ती) ने लिखित रूप से अपनी सहमति प्रदान कर दी है। बैठक में मौजूद सभी पक्षों की आपसी सहमति मिलने से अब प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति के रास्ते खुल गये हैं। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने कहा भविष्य में सभी शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले पक्षों के बीच आपसी सहमति बना कर प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के प्रकरणों को भी हल कर लिया जायेगा।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र कुमार, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, अपर निदेशक महावीर बिष्ट, आर.के. उनियाल, डा. मुकुल कुमार सती, राजकीय शिक्षक संघ के महासचिव सोहन सिंह माजिला, राजकीय शिक्षक संघ कुमाऊं के अध्यक्ष विजय गोस्वामी, तदर्थ विनियमित शिक्षक समिति के संयोजक विरेन्द्र दत्त विजल्वाण, राजेन्द्र कुलाश्री, माधो सिंह बिष्ट, प्रेमलता बौड़ाई, अंकित जोशी, जगमोहन सोनी, मुकेश बहुगुणा, धन सिंह चौहान सहित विभिन्न शिक्षक संगठन के पदाधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम से मिले कौथिग फाउंडेशन मुंबई के सदस्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कौथिग फाउंडेशन, मुंबई से आये प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के विकास में प्रवासी उत्तराखंडवासियों की भी अहम भूमिका है। उन्होंने उत्तराखंड / 25 मिशन में प्रवासी उत्तराखंड वासियों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी एवं आदर्श राज्य बनाया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बाहर हमारे प्रवासी राज्यवासी हमारे ब्राण्ड एंबेसडर भी है। देश में राज्य की बेहतर छवि बनाने में भी उन्होंने प्रवासियों से सहयोगी बनने को कहा है।

कौथिग फाउंडेशन के महासचिव केशर सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कौथिग फाउंडेशन मुंबई में प्रवासी उत्तराखंडवासियों का प्रमुख संगठन है। विगत 13 वर्षों से कौथिग फाउंडेशन द्वारा कौथिग का आयोजन किया जा रहा है। इस बार उत्तराखंड में सिनेमा थीम रखी गयी है। कौथिग फाउंडेशन द्वारा मुख्यमंत्री जी को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रित किया था, मुख्यमंत्री को भेंट स्वरूप अरसा भेंट किया।

इस अवसर पर चारधाम हॉस्पिटल के ड़ॉ के.पी.जोशी, सुरेंद्र बिष्ट, कांता प्रसाद, बलवंत सिंह पंवार आदि शामिल थे।