सीएम ने लांच की अटल उत्कृष्ट विद्यालय की वेबसाइट लांच


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश के शिक्षकों से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य एसडीजीएस सूची में शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को चैथी रैंकिंग प्राप्त होने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई दी। इस वर्चुअल संवाद में 500 स्कूलों से शिक्षक जुड़े थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अटल उत्कृष्ट विद्यालय की वेबसाइट लाँच की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य एसडीजीएस सूची में चैथा स्थान प्राप्त हुआ है। 17 विभिन्न आयामों को लेकर सूची का निर्धारण किया गया। 2015-16 में जहां राज्य को 19वां स्थान मिला था, आज राज्य ने चैथा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान पर लाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षकों को इसी मनोयोग से कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल में पठन-पाठन का कार्य एक नई चुनौती है। सीमित संसाधन होने के बावजूद भी ऑनलाईन शैक्षणिक गतिविधियों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सराहनीय प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों की व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। स्कूलों में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए जिला प्लान के माध्यम से व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक नेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के स्तर में और सुधार करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में 190 अटल उत्कृष्ट विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अनेक स्कूलों के शिक्षकों के साथ वर्चुअल संवाद किया।

शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड की चैथी रैंकिंग प्राप्त होने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि के रूप में विश्व में अलग पहचान है। शिक्षकों के कठिन परिश्रम के परिणामस्वरूप उत्तराखण्ड ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य एसडीजीएस सूची में चैथा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में सभी के लिए एक जैसा पाठ्यक्रम लागू किया गया है। 90 प्रतिशत स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था है। इसे जल्द ही शत प्रतिशत किया जायेगा। 500 स्कूलों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था की गई है। जल्द ही 600 और स्कूलों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था की जायेगी।

इस अवसर पर सचिव शिक्षा आर.मीनाक्षी सुदंरम, महानिदेशक शिक्षा विनय शंकर पाण्डेय आदि उपस्थित थे।

बीस बीघा में दुर्घटना का पर्याय बने ढलान को दुरस्त करने की मांग पार्षद ने स्पीकर के समक्ष रखी

वार्ड संख्या 30 मीरानगर के बीघा बीघा मार्ग पर एक ऐसा ढलान जो दुर्घटना के कारणों से चर्चा में है। इस ढलान में कई दफा बड़े व मालवाहक वाहन आवागमन करते है, जबकि यह मार्ग बड़े वाहनों के उपयुक्त नहीं है। इसके बावजूद यहां बड़े वाहनों का आवागमन होता है और ढलान पर यह पलट जाता है, यहीं नहीं कई बार ढलान पर स्थित मकान क्षतिग्रस्त हो चुके है। स्थानीय पार्षद सुंदरी कंडवाल ने अनेक बार नगर निगम, एसडीएम स्तर से इसके निराकरण का प्रयास किया। मगर, रंग न चढ़ सका।

आज पार्षद सुंदरी कंडवाल ने स्पीकर प्रेमंचद अग्रवाल के समक्ष क्षेत्र के लोगों के साथ जाकर समस्या रखी और इस बावत ज्ञापन भी सौंपा। बताया कि इस मार्ग पर ढलान होने से वाहन पलट जाते है, वहीं क्षतिगस्त मार्ग होने से दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है। समस्या गंभीर पाते हुए स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने लोक निर्माण विभाग को त्वरित कार्रवाई करने के संबंध में निर्देश जारी किए।

इस मोके पर माया घले, आदित्य वर्मा, प्रमोद, राकेश बलोदी, अभिषेक आदि लोग मौजूद थे।

एम्स के विशेषज्ञों की राय, लाॅकडाउन में स्वास्थ्य के प्रति नहीं बरतें लापरवाही

यदि आप कई दिनों तक एक ही मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइये। आपकी यह लापरवाही म्यूकर माइकोसिस से ग्रसित होने की वजह बन सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने इस बाबत सलाह दी है कि कोविड19 से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सूती कपड़े के मास्क को दोबारा पहनने से पहले दैनिकतौर से अवश्य धो लें, यह बेहद जरूरी है।

जून और जुलाई के महीने वातावरण में आर्द्रता बहुत कम हो जाती है। ऐसे में जब हम नाक से सांस लेते हैं तो उसके आगे मास्क लगे होने से मास्क के अन्दर की ओर नमी बनी रहती है। मास्क को लगातार पहने रहने से इस नमी में कीटाणु पनपने लगते हैं और जिससे फंगस के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो जाता है। फिर नाक और मुंह से होता हुआ यह फंगस धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को संक्रमित कर देता है।

एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कान्त ने बताया कि सूती मास्क हमेशा धुले हुए और साफ-सुथरे पहनने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि जिसे कोविड नहीं हुआ हो उसे म्यूकर माइकोसिस नहीं हो सकता। नाॅन डिस्पोजल मास्क को दैनिकतौर से साफ नहीं करने वाले लोगों को भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि कोविड और म्यूकर माइकोसिस दोनों ही बीमारियों से तभी बचाव संभव है, जब कोविड गाइडलाइनों का पूर्ण पालन करने के साथ साथ मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। खासतौर से जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की नितांत आवश्यकता है।

कोविड के नोडल अधिकारी डाॅ. पीके पण्डा ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण अधिकांश नाॅन कोविड रोगी अपने स्वास्थ्य संबंधी जांचों के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। ऐसे में नियमित जांच नहीं कराए जाने से उन्हें अपनी इम्युनिटी और ब्लड में शुगर लेवल की मात्रा का पता नहीं चल पाता। उन्होंने कहा कि म्यूकर माइकोसिस से बचाव के लिए ब्लड में शुगर की मात्रा की रेगुलर जांच कराना जरुरी है। म्यूकर रोगियों के उपचार की सुविधा के बारे में उन्होंने बताया कि ऐसे रोगियों के लिए एम्स में 7 वार्ड बनाए गए हैं। इनमें कुल 185 बेड हैं, जिनमें 65 आईसीयू सुविधा वाले बेड हैं।

म्यूकर माइकोसिस फंगस अक्सर कोविड के लक्षण उभरने के 3 सप्ताह बाद से पनपना शुरू होता है। कमजोर इम्युनिटी और शुगर पेशेंट के लिए यह फंगस सबसे अधिक घातक है। म्यूकर माइकोसिस ट्रीटमेंट टीम के हेड और ईएनटी सर्जन डाॅ. अमित त्यागी का कहना है कि कोविड की दूसरी लहर का पीक टाईम मई का दूसरा सप्ताह था। इस लिहाज से मई अंतिम सप्ताह और जून के पहले सप्ताह तक म्यूकर के मरीजों का ग्राफ तेज गति से बढ़ा था। लेकिन अब इसमें कमी आनी शुरू हो गई है। मई महीने में एम्स में दैनिकतौर पर म्यूकर ग्रसित 7 से 12 पेशेंट आ रहे थे। जबकि अब यह संख्या 4 से 7 प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने बताया कि एम्स में अभी तक म्यूकर के कुल 208 पेशेंट आ चुके हैं।

700 करोड की धनराशि मसूरी टनल के लिए हुई स्वीकृत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मसूरी शहर की यातायात व्यवस्था की सुगमता एवं आवागमन की सुविधा के लिये माल रोड से लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के मध्य 2.74 कि0मी0 लम्बी टनल निर्माण के लिये 700 करोड़ की स्वीकृति के लिये केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का आभार व्यक्त किया है।

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी द्वारा इस सम्बन्ध में ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 707 ए पर मसूरी में माल रोड से लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी तक 2.74 कि0मी0 लम्बी सुरंग के निर्माण के लिये 700 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री गड़करी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे मसूरी शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार तथा आवागमन में सुविधा होगी।

मानव कंकाल मिलने से श्यामपुर में सनसनी, पुलिस तहकीकात में जुटी

कोतवाली ऋषिकेश की अंतर्गत श्यामपुर क्षेत्र में खंडहर में तब्दील एक मकान के अंदर से नर कंकाल मिला है। यह कंकाल पुरूष का है या महिला का। यह कह पाना अभी पुलिस के लिए भी मुश्किल है, पुलिस के मुताबिक कंकाल बक्से के अंदर मिला है, पुलिस की प्राथमिकता में कंकाल की शिनाख्त करना है। वहीं, देहरादून से पहुंची फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। कंकाल कितना पुराना है, यह फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग सकेगा। कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी के अनुसार यह मकान बिल्डर गंगाराम आडवाणी का है। उधर, एसएसपी डा. योगेन्द्र रावत ने इस मामले में एसओजी देहात एवं थाना स्तर पर टीम का गठन कर लिया है।

पवन कुमार नरवानी पुत्र दीवान चंद नरवानी ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि उनकी श्यामपुर बाईपास भट्टोवाला रोड पर मोबाइल की दुकान व रेस्टारेंट है। इसी के पीछे कई खाली कमरे है। बताया कि उनके यहां कार्यरत दो युवक को कमरों के अंदर से दुर्गंध आई। वहां जाकर देखा तो बक्सा पड़ा हुआ था। बक्से को खोलकर देखने पर उसके अंदर नर कंकाल मिला। इसके बाद वह घबरा गए। पुलिस सूचना पाकर मौके पर पहुंची और फोरेंसिक टीम को जानकारी दी। फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाएं।

पुलिस की प्राथमिकता शिनाख्त
कोतवाल शिशुपाल सिंह रावत ने बताया कि पुलिस की प्राथमिकता शव की शिनाख्त है, अभी यह कहा नहीं जा सकता है कि यह कंकाल पुरूष का है अथवा महिला का। बताया कि यह जानना सर्वप्रथम आवश्यक है। इसके बाद अन्य जानकारी जैसे यह कंकाल यहां तक कैसे पहुंचा और हत्या का एंगल भी देखा जाएगा। आसपास के सीसीटीवी रिकाॅर्ड भी खंगाले जाएंगे।

खंडहर में तब्दील व्यापारी का मकान
कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी के अनुसार, व्यापारी गंगाराम अडवाणी का यह पुराना मकान है, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। पांच साल पूर्व तक उनका यहां निवास था। कुछ माह पूर्व तक यहां मजदूर रहा करते थे। मगर, वर्तमान में यह पूरी तरह से बंद था।

शासन से स्वीकृति के बाद नरेंद्रनगर विस के दुर्गम इलाकों को सड़कों से जोड़ा जाएगा

टिहरी गढ़वाल के नरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र में दुर्गम इलाकों को मोटर मार्गो से जोड़ने की योजनाएं परवान चढ़ती दिख रही है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अथक प्रयासों के बाद यहां चार मोटर मार्गों के निर्माण को शासन की ओर से वित्तीय स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके तहत 18 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाना है। कैबिनेट मंत्री के इस प्रयास पर विधानसभा वासियों ने आभार व्यक्त किया है।

संयुक्त सचिव श्याम सिंह ने जारी पत्र में बताया कि राज्य योजना के अंतर्गत नरेंद्र नगर विधानसभा दोगी पट्टी क्षेत्र में चार किलोमीटर बेरनी-रौंदेली मोटर मार्ग के अंतिम बिंदु से शिवपुरी-जाजल मोटर मार्ग, चार किलोमीटर गूलर नाई मठियाणी मोटर मार्ग से भांगला मोटर मार्ग, चार किलोमीटर ग्रामसभा बांसकाटल मोटर मार्ग, छह किलोमीटर हिंडोला से मुंडाला भरवाणी मोटर मार्ग का नवनिर्माण किया जाना है। सभी कार्यों के प्रथम चरण की निर्माण धनराशि 98.84 लाख रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैैं।

वहीं विधानसभा के लोगों ने कैबिनेट मंत्री के इस प्रयास की जमकर सराहना की है। मुनि की रेती पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने कहा कि कैबिनेट मंत्री कि विकासपरक सोच से ही यह कार्य संभव हो पाया है। नरेंद्र नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के अथक प्रयासों से ही इस विधानसभा के अति दुर्गम इलाकों को सड़कों से जोड़ा जा सका है। ब्लाक प्रमुख राजेंद्र भंडारी ने कहा कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के प्रयासों से दिनों दिन नरेंद्र नगर विधानसभा में विकास कार्य हो रहे हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष राकेश भट्ट महामंत्री भगवती काला, पूर्व मंडल अध्यक्ष राकेश सेंगर, दोगी पट्टी के गजेंद्र राणा, विशाल राणा, केदार सिंह चैहान, कान सिंह ढिकोला, धीरेंद्र चैहान, सचेंद्र चैहान, रामेश्वरी चैहान, तेजपाल राणा, अर्जुन धवांण, रमेश पुंडीर आदि ने भी सड़क निर्माण कार्यों को स्वीकृति मिलने पर कैबिनेट मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

पीएम मोदी से मिले सीएम, ग्रामीण इलाकों में समय पर वैक्सीन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त कोटे की भी मांग


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। आधा घंटे चली मुलाकात में मुख्यमंत्री ने देश में 18 वर्ष की आयु से ऊपर वाले समस्त भारतीयों का कोरोना टीकाकरण मुफ्त किए जाने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। साथ ही 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने के लिए भी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया, राज्य को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल-लाईन की सौगात देने हेतु आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के अभूतपूर्व वीजन के तहत राज्य के चारधामों में सड़कों का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के वित्तीय संसाधन अत्यन्त सीमित है, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कंडाली की जैकेट भी भेंट की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से लड़ने हेतु राज्य को भारत सरकार की ओर से हर प्रकार की सहायता मिली है, इसके तहत प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में डी0आर0डी0ओ0 के द्वारा निर्मित अस्पताल, जो क्रमशः ऋषिकेश एवं हल्द्वानी में बनाये गये हैं, जिससे समस्त जनमानस को अत्यधिक लाभ मिला है, इसके लिए भी उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का नतीजा है कि श्री केदारनाथ धाम का भव्य रूप विकसित हो गया है एवं श्री बद्रीनाथ धाम के सम्बन्ध में भी रूपरेखा तैयार हो रही है। मुख्यमंत्री ने स्थिति सामान्य होने पर प्रधानमंत्री को बद्री-केदार डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लोकार्पण के लिए न्यौता दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य को भारत सरकार द्वारा तीन डॉप्लर रडार की स्वीकृति देने के प्रति आभार व्यक्त करते हुए वैली हेतु 10 छोटे डाप्लर रडार उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में ‘एम्स’ की स्थापना या ऋषिकेश ऐम्स की शाखा स्थापित करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक हिमालयी पर्वतीय राज्य हैं। इसको सम्पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक प्रदेश के रूप में विकसित किये जाने हेतु भारत सरकार से विशेष अनुदान का अनुरोध है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्यावरण अत्यन्त संवेदनशील है, अतः सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र में हिमनद का अध्ययन तथा जल सो्रतों को किस प्रकार सुरक्षित रखना है, इसके सम्बन्ध में सम्पूर्ण अध्ययन करने हेतु उत्तराखण्ड में ‘हिमनद एवं जल संसाधन शोध केन्द्र’ की स्थापना की जाए।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य में मानसून व आपदा के दौरान सड़के बंद होने की स्थिति में ग्रामीण इलाकों में समय पर वैक्सीन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त कोटे की भी मांग की।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में की केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मुलाकात


केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अन्तर्गत 615.48 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी देने तथा राज्य के 06 राज्य मार्गों के साथ ही ऋषिकेश-भानियावाला राज्य मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने का अनुरोध किया।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग नितिन गडकरी से भेंट की। भेंट के दौरान दोनों के मध्य राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गडकरी से केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि (सी.आर.आई.एफ.) के अन्तर्गत भारत सरकार में लम्बित 615.48 करोड़ रुपए के 42 प्रस्तावों पर स्वीकृति का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 06 राज्य मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने की सैद्वान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है। भारत सरकार की अपेक्षानुसार राज्य सरकार द्वारा ससमय वांछित प्रस्ताव भारत सरकार को उपलब्ध करा दिया गया। उन्होंने इन 06 राज्य मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में जल्द अधिसूचित करने का अनुरोध किया। इनमें खैरना-रानीखेत, 34 किमी.,बुआखाल-देवप्रयाग, 49 किमी., देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, 70 किमी.पाण्डुखाल-नागचुलाखाल-उफरीखाल-बैजरों, 64 किमी. बिहारीगढ़-रोशनाबाद, 33 किमी. लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडांडा-मोहन-रानीखेत, 274 किमी. शामिल हैं।

सीएम ने कहा कि राज्य के विश्व प्रसिद्ध चार धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री) तक जाने वाले श्रद्वालुओंध्पर्यटकों के लिए ऋषिकेश-भानियावाला, मोटर मार्ग शार्ट लिंक मार्ग होने के कारण महत्वपूर्ण है। राज्य का महत्वपूर्ण जौलीग्रांट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश-भानियावाला के मध्य स्थित है। देहरादून-ऋषिकेश के मध्य राज्य मार्ग संख्या-24 के द्वारा आवागमन होता है। यह मार्ग 02 लेन का होने के कारण भारी यातायात घनत्व की दृष्टि से पर्याप्त नहीं है। इस भाग के चैड़ीकरण से चारों धामों की जौलीग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंच अत्यन्त सुगम हो जायेगी। यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित न होने से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार की योजनाओं में सम्मिलित नहीं हो पा रहा है। इसके व्यापक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने का उन्होंने केन्द्रीय मंत्री गडकरी से अनुरोध किया।

केन्द्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की सभी मांगों पर गहनता से विचार कर उचित समाधान निकाला जाएगा। देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत केन्द्र सरकार द्वारा हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जिन समस्याओं से अवगत किया गया, उनका राज्य हित में शीघ्र समाधान किया जाएगा।

न्यूज पोर्टल्स के पत्रकारों के साथ अन्याय किसी सूरत में नहीं होगाः डीजी सूचना


देहरादून। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग उत्तराखंड द्वारा हाल ही में सोशल मीडिया के न्यूज पोर्टल्स की वित्तीय निविदा खोलने के बाद विज्ञापन दरों को देखकर हतप्रभ व आक्रोशित न्यूज पोर्टल्स पत्रकारों के प्रतिनिधियों द्वारा महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चैहान से मुलाकात कर एक 10 बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा गया । जिसमें पत्रकारों द्वारा न्यूज पोर्टल्स के समूह क, ख और ग में जारी की गई विज्ञापन दर को अब तक की सबसे कमतर दर बताते हुए अपनी शिकायत दर्ज की है।

महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चैहान ने तत्काल सभी बिंदुओं का संज्ञान लेते हुए आश्चर्य व्यक्त करते हुए पत्रकारों को आश्वासन भरे शब्दों में कहा कि ष्मैं भी कभी यह नहीं चाहूंगा कि मैं डीजी सूचना रहते हुए इतिहास बन जाऊंष्। उन्होंने सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि विभाग इस प्रकरण पर समीक्षा कर इन सारी जानकारियों पर बिंदुवार काम करेगा व जल्दी ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इसका समाधान किया जाएगा।

’मनोज इष्टवाल बोले यह एक सोची समझी साजिश’

इस दौरान उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष व हिमालयन डिस्कवर के सम्पादक मनोज इष्टवाल ने कहा कि चुनावी बर्ष होने के कारण व कोरोना संक्रमण के कारण सभी मीडिया संगठन यही सोच रहे थे कि इस बार सूचना विभाग हमारी रोजी रोटी की दिशा में कुछ बेहतर करेगा, लेकिन जो विज्ञापन दरें सामने आई हैं उससे स्पष्ट हो गया है कि कुछ न्यूज पोर्टल्स ने जानबूझकर ऐसे रेट डाले हैं ताकि सभी पत्रकार भड़क उठें व सरकार के विरूद्ध हल्ला बोल शुरू कर दें। यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया कार्य है।

’अविकल थपलियाल बोले पत्रकार हित में उठाए जाएं प्रभावी कदम’

वहीं वरिष्ठ पत्रकार ष्अविकल उत्तराखण्डष् के सम्पादक अविकल थपलियाल ने कहा कि हम इस रेट पर भी कार्य करने को तैयार हैं लेकिन क्या हम अपनी अन्तर्रात्मा से सरकार को कार्यों पर कलम चला पाएंगे। उन्होंने कहा कि इतनी कम दर एक साजिश के तहत किया गया कार्य हो सकता है। क्या विभाग के पास अगर यही दर लाखों में आई होती तब क्या विभाग हमें प्रति विज्ञापन पांच या तीन लाख दे पाता? ऐसे में महानिदेशक अपने अधिकारों का प्रयोग कर इस पर सामजंस्य बैठाते। हम उम्मीद करते हैं कि आप जरूर पत्रकार हित में कोई प्रभावी कदम उठाएंगे।

’पंकज पँवार बोले सरकार को अस्थिर करने के लिए जानबूझकर भरे गए कम रेट’

न्यूज हाइट के सम्पादक पंकज पंवार ने कहा कि यह खबर तो तभी से पत्रकारों के बीच कुछ पत्रकार मित्र बड़ी बेबाकी से रख रहे थे कि इस बार जो विज्ञापन दरें आएंगी वह सबको चैंका देंगी। तब हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी हमें इस तरह चैंकाया जाएगा। इस से यह साफ जाहिर होता है कि ये विज्ञापन दरें वर्तमान सरकार को अस्थिर करने के लिए एक बिशेष योजना के तहत किया जा रहा कार्य है।

इस दौरान विचार एक नई सोच के सम्पादक राकेश बिजल्वाण, राज्य समीक्षा के सम्पादक शैलेश नौटियाल, हिंदी न्यूज के सम्पादक अजित काम्बोज ने बैठक में अपन्स महत्वपूर्ण विचार रखे।

आपको बता दें कि विभिन्न न्यूज पोर्टल संगठन ने बिंदुवार निम्न 10 बिंदु महानिदेशक सूचना के समक्ष रखें हैं।

’एक नजर न्यूज पोर्टल्स प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे गए 10 सूत्रीय मांग पत्र पर।’

1- महोदय, कोरोना काल में न्यूज पोर्टल पत्रकारों के आर्थिक संकट को देखते हुए इस पूरे वर्ष हर माह सम्मानजनक राशि (वर्ग क के लिए 50 हजार, वर्ग ख के लिए 35 हजार और वर्ग ग के लिए 20 हजार के विज्ञापन) जारी किए जायें। ताकि न्यूज पोटल्स की पूरी टीम पूरे मनोयोग व ईमानदारी से सरकार के विकास कार्यों से जुड़ी खबरों को प्राथमिकता से लिखे व सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से उनका प्रचार-प्रसार कर सके।

2- समूह क, ख, ग की विगत बर्ष निर्धारित दरों से 20 प्रतिशत अधिक निर्धारित करने के लिए अपने सर्वाधिकार का प्रयोग करें।

3- समूह क और ख वर्ग के न्यूज पोर्टल्स की विज्ञापन दरों के रेट एक जैसे हैं। यह निर्धारित ई-टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, अतः अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए इसमें सुधार करने की कृपा करें।

4- समूह ग के न्यूज पोर्टल्स के रेट भी पिछले साल की तरह ही हैं। यह निर्धारित ई-टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, अतः अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए इसमें सुधार करने की कृपा करें।

5- जिस भी न्यूज पोर्टल संस्थान द्वारा सबसे न्यूनतम दर डाली है, उन्हें चिन्हित कर अपना सर्वाधिकार का प्रयोग कर उन्हें मात्र उस राशि का विज्ञापन जारी हो, न कि उसे अन्य पत्रकारों की भांति अन्य लाभ श्रेणियों में रखा जाय।

6- महोदय, इस बांत की भी जांच कराई जाये कि क्या स्क्रूटनी करते समय राज्य से बाहर के न्यूज पोर्टल्स के दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई थी। अगर हां तो इस बात का ध्यान क्यों नहीं रखा गया कि कतिपय न्यूज पोर्टल प्रदेश से बाहर के हैं जबकि निविदा में यह नियम पहले से है कि बाहरी न्यूज पोर्टल्स का कार्यालय प्रदेश में होना चाहिये।

7-राज्य से बाहर के कुछ न्यूज पोर्टल्स को सूचीबद्व किया गया है, जिनका कार्य क्षेत्र उत्तराखंड नहीं है, और न ही उत्त्तराखण्ड से इनका कोई लेना देना है। इनके द्वारा दिए गये कार्यालयों के पतों पर हमें संदेह है। इसलिए राज्य से बाहर के पत्रकारों की एलआईयू जांच कराई जाए। इसमें इनके स्थानीय पते व आधार कार्ड समेत अन्यत दस्तावेजों का गहनता से अध्ययन किया जाये कि कहीं इनमें से कोई सरकार विरोधी गतिविधियों में संलिप्त तो नहीं है।

8- इस शर्त का कठोरता से पालन हो कि न्यूज पोर्टल्स चलाने वाले पत्रकार व उनके कार्यालय उत्तराखण्ड मूल के ही हों, क्योंकि अपुष्ट जानकारियों के हिसाब से पता चला है कि साजिश के तहत अन्य राज्यों से न्यूज पोर्टल्स की उत्तराखंड मीडिया में घूसपैठ करवाई जा रही है। इसमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनका पत्रकारिता से सीधा कोई वास्ता नहीं है, अपितु समय आने पर इन्हें राजनीतिक पार्टियां अपने निजी स्वार्थों के हिसाब से उत्तराखंड में इस्तेमाल करेंगी।

9- महोदय, सबसे महत्वपूर्ण सुझाव यह है कि भविष्य में न्यूज पोर्टल्स सूचीबद्धता की ई टेंडर या टेंडर प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाये। इसकी जगह जल्द से जल्द नीति बनाकर न्यूज चैनल्स व अखबारों की भांति न्यूज पोर्टल्स को भी सूचीबद्ध किया जाये और विभाग द्वारा विज्ञापन की दरें तय की जायें। ऐसा करने से न्यूज पोर्टल्स की भेड़ चाल समाप्त हो सकती है।

10- महोदय, इस जून में सभी न्यूज पोर्टल्स को विज्ञापन जारी कर दिए जाएं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल्स सूचीबद्वता की प्रक्रिया के लिए भी नीति निर्धारण पर काम प्रारम्भ कर दिया जाए। नीति में उत्तराखंड में रहकर कार्य कर रहे स्थानीय न्यूज पोर्टल्स को ही विज्ञापन में प्राथमिकता दी जाये।

महानिदेशक सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग रणवीर सिंह चैहान ने सभी बिंदुओं का संज्ञान लेते हुए कहा है कि मुझे कुछ समय दें। बहुत जल्दी ही आपको इस सब पर साकारात्मक परिणाम दिखने को मिलेंगे। वे कभी नहीं चाहेंगे कि वे सूचना विभाग में सबसे कम विज्ञापन रेट देने वाले महानिदेशक के रूप में गिने जाएं। बहरहाल महानिदेशक सूचना से हुई मुलाकात को सभी पत्रकारों ने बेहद साकारात्मक बताया व उनके द्वारा दिये गए आश्ववासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि महानिदेेेेशक चैहान ने हमारा विश्वास बढ़ाया है और हम सभी को उम्मीद है कि सभी 345 न्यूज पोर्टल्स केे हक में जल्दी ही फैसला आएगा

सभी राज्‍यों को फ्री वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराएगी केंद्र सरकार, पीएम मोदी का ऐलान


कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्‍होंने भारत के वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम की तारीफ की। साथ ही इसे और रफ्तार देने की बात कही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्‍होंने कहा है कि देश के सभी नागरिकों को भारत सरकार मुफ्त वैक्‍सीन लगाएगी। 21 जून से इसकी शुरुआत होगी। इसके लिए राज्‍यों को फ्री वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराई जाएगी। सोमवार को देश को संबोधित करते हुए पीएम ने यह घोषणा की। कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीएम ने यह संबोधन किया।

पीएम ने कहा कि भारत कोरोना की लहर के दौरान बहुत बड़ी पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपनों को खोया है। ऐसे परिवारों के प्रति उन्‍होंने संवेदना जताई। पीएम ने बीते 100 सालों में इसे सबसे बड़ी महामारी बताया। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने कभी नहीं देखी थी।

पिछले सवा साल में नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड से लड़ने के लिए पिछले सवा साल में देश में नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सि‍जन की मांग बढ़ गई थी। इसे पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम हुआ। ऑक्सि‍जन सप्‍लाई को पूरा करने के लिए सरकार के सभी तंत्र काम में लग गए।

नेजल वैक्‍सीन पर रिसर्च जारी
उन्‍होंने बताया कि नेजल वैक्‍सीन पर भी रिसर्च हो रही है। इसके चलते वैक्‍सीन को सिरिंज से न लेकर नाक में स्प्रे किया जाएगा। अगर टेस्‍ट में कामयाबी मिली तो वैक्सीनेशन की मुह‍िम में और तेजी आएगी।

बंद शब्‍दों में कांग्रेस पर हमला

मोदी ने बंद शब्‍दों में कांग्रेस की पिछली सरकारों पर भी हमला किया। पीएम बोले कि कोरोना से लड़ाई में वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है। आज अगर हमारे पास वैक्सीन नहीं होती तो भारत जैसे विशाल देश की क्या स्थिति होती? कई दशक पहले भारत को विदेश से वैक्सीन लेने के लिए दशकों लग जाते थे। भारत ने आज एक साल के अंदर श्मेड इन इंडियाश् वैक्सीन लॉन्‍च कर दी।

23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज

पीएम ने कहा कि देश में अब तक 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। आने वाले दिनों में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई बढ़ने वाली है। देश में 7 विभिन्न कंपनियां वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं। अन्य 3 वैक्सीन का ट्रायल भी चल रहा है। बच्चों के लिए भी दो वैक्सीन का ट्रायल जारी है।

फ्री वैक्‍सीनेशन करेगी केंद्र सरकार

पीएम ने कहा कि सरकार ने फैसला लिया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 फीसदी काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी। इन 2 सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी। 21 जून से देश के हर राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी।

केंद्र-राज्‍य की रस्‍साकशी खत्‍म
पीएम बोले कि वैक्सीन

निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 फीसदी हिस्सा भारत सरकार खुद खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। यह ऐलान ऐसे समय हुआ है जब कई राज्‍य अपने-अपने यहां वैक्‍सीन की किल्‍लत की बात कह रहे हैं। इसके लिए वे केंद्र सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।

प्राइवेट अस्‍पताल खरीद सकेंगे 25ः वैक्‍सीन

अभी देश में बन रही वैक्सीन में से 25 फीसदी प्राइवेट हॉस्पिटल सीधे खरीद सकते हैं। यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। ऐसे अस्पताल वैक्सीन की तय कीमत के ऊपर एक डोज पर अधिकतम 150 रुपये ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के पास ही रहेगा।

दिवाली तक जारी रहेगी पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना

पीएम ने बताया कि सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। इस स्‍कीम के तहत नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने राशनकार्ड धारकों को मई और जून महीने में प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त अन्न (चावल/गेहूं) मुफ्त में उपलब्ध कराया। पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान मार्च में लॉकडाउन के वक्‍त इस योजना का ऐलान हुआ था।