मुख्यमंत्री धामी ने 57 एपीओ को दिया ज्वाइनिंग लेटर, की उज्जवल भविष्य की कामना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग से चयनित 57 सहायक अभियोजन अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
मुख्यमंत्री ने चयनित सभी सहायक अभियोजन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर ने आपको ऐसा कार्यक्षेत्र दिया है, जिसमें कार्य करने की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की सभी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ करेंगे। कार्यक्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना जिम्मेदारी पूर्वक करेंगे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों में अभिभावकों, गुरुजनों और मार्गदर्शकों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की सफलता के लिए इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी चयनित अभ्यर्थियों पर जन सेवा की अहम जिम्मेदारी है। अपने कार्यक्षेत्र में मन में पूर्णतः जिम्मेदारी का भाव होना जरूरी है। सच्चे और अच्छे मन से कार्य हों, तो इससे बड़ी आत्म संतुष्टि मिलती है। उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों को अपने कार्य क्षेत्र में नवाचार एवं तकनीकि के बेहतर उपयोग के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हम सबको अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सराहनीय कार्य कर प्रदेश के समग्र विकास के लिए अपना योगदान देना है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूलिस महानिदेशक अशोक कुमार, निदेशक अभियोजन पी.वी.के प्रसाद, सचिव एस.एन पाण्डेय, डीआईजी जन्मेजय खण्डूड़ी, अपर सचिव अतर सिंह एवं चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों के परिवारजन उपस्थित थे।

देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद सकुशल संपन्न हो चुकी हैं तीन परीक्षाएं

देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून उत्तराखंड में धामी सरकार लागू कर चुकी है और इसके लागू होने के बाद से राज्य में तीन परीक्षाएं निर्विघ्न रूप से सम्पन्न भी हो गई हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों को भरमाने वालों को सरकार के लगातार छात्र हितैषी कदम रास नहीं आ रहे। यही वजह है कि छात्रों पर अपना बस न चलता देख विघ्नसंतोषियों ने परीक्षाओं को लेकर तमाम तरह के भ्रम फिर से फैलाने शुरू कर दिए हैं।
ये पुष्कर सिंह धामी ही हैं जिन्होंने परीक्षाओं में विगत कई वर्षों से चल रही धांधलियों का न केवल खुलासा करने की हिम्मत जुटाई बल्कि किसी के दबाव में न आते हुए बड़े से बड़े को जेल के अंदर डाल दिया। अब तक 60 से ज्यादा लोगों को विभिन्न परीक्षाओं में जेल भेजने वाले धामी यहीं नहीं रुके उन्होंने राज्य के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करते हुए देश का सबसे कड़ा कानून भी लागू करने में देर नहीं लगाई। जब विघ्नसंतोषियों और विरोधियों को लगने लगा कि यहां उनकी अब दाल नहीं गल रही तो उन्होंने पहले तो छात्रों को सीबीआई जांच के लिए बरगलाने का काम शुरू किया लेकिन राज्य के समझदार छात्र इस बात को समझ गए कि उन्हें केवल सीबीआई जांच के नाम पर मोहरा बनाया जा रहा है। जब छात्रों को भरमाने वालों को लगा कि अब तो उनकी राजनीति नहीं चल पा रही तो अबकी बार कनिष्ट सहायक भर्ती परीक्षा को लेकर ये फैला दिया कि परीक्षा के चारों सेट एक ही थे। यहां समझने की जरूरत है कि केवल सेट ही एक से आए। इससे कहीं ये साबित नहीं हो रहा कि परीक्षा में किसी तरह की कोई नकल हुई या फिर पेपर लीक हुआ लेकिन इस मामले को बेवजह अपना उल्लू सीधा करने के लिए कल से ही हवा देने के कुप्रयास किये जा रहे हैं। बता दें कि नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद पीसीएस, कनिष्ठ सहायक व एक अन्य जो परीक्षा हुई उसमें कहीं भी कोई पेपर लीक, नकल होने जैसी बातें सामने नहीं आई। अब यही बात विघ्नसंतोषियों को हजम नहीं हो पा रही। छात्रों के बीच बैठे बेहरुपीये किसी भी तरह से अपने चेहरे को चमकाने और खुद को राजनीति में फिट करने के लिए कुछ भी करने को तैयार बैठे हैं जबकि युवा अब इनकी सारी बात समझ रहा है। वह समझ रहा है कि कौन चुनाव लड़ने की फिराक में उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है।

परीक्षा को लेकर सीएम ने दिये ये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कल रविवार को उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली कनिष्ठ सहायक परीक्षा हेतु सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य पुलिस अधीक्षकों को कड़े निर्देश दिये हैं कि कनिष्ठ सहायक परीक्षा हेतु सम्पूर्ण व्यवस्था का निरीक्षण कर लें। परीक्षा शांतिपूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से हो इसका पूर्ण ख्याल रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने परीक्षा में प्रतिभाग करने वाले सभी परिक्षार्थियों को शुभकामना देते हुए कहा कि वह सभी को विश्वास दिलाते हैं कि राज्य सरकार द्वारा नकल रोकने हेतु कड़े से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिये देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है। किसी भी युवा साथी के भविष्य से खिलवाड़ नही होने दिया जायेगा।

पीसीएस मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों को निःशुल्क बस सेवा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा 23 फरवरी से 26 फरवरी 2023 को आयोजित की जाने वाली सम्मिलित राज्य सिविल-प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यर्थियों को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में किराये में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।

सचिव परिवहन निगम अरविन्द सिंह ह्यांकी ने जानकारी दी कि अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र के आधार पर परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु प्रदेश के अन्दर और बाहर (परीक्षार्थी के गृह के स्थान से परीक्षा स्थान तक) उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में आवागमन हेतु निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है।

सीबीआई जांच हुई तो भर्ती प्रक्रिया पर लग सकता है लंबा ब्रेक, युवाओं को भ्रमित कर रही कांग्रेस

प्रदेश में पुष्कर सिंह धामी सरकार लगातार जनहित के कार्य कर रही है। भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का मामला सामने आने पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है। एक ओर जहां दोषियों को गिरफ्तार किया गया वहीं, उनकी संपत्ति तक कुर्क की हैं। इन 22 सालों में सत्ताधीशों के द्वारा एक ठोस कानून ना होने के चलते आरोपितों को जमानत भी मिली लेकिन सरकार ने मामले को ठंडे बस्ते में ना डालकर नकलरोधी सख्त कानून का ड्राफ्ट तैयार किया। एक दिन पहले ही राज्यपाल ने इस अध्यादेश को मंजूरी भी दे दी है। इसके बावजूद कांग्रेस युवाओं को बरगला कर सरकार पर निशाना साधने का प्रयास कर रही है। परीक्षा धांधली की सीबीआई जांच का तर्क औचित्यहीन है और इससे युवाओं को ही नुकसान होने का अंदेशा लगाया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि कांग्रेस युवाओं के आंदोलन को हाईजैक करना चाहती है। उनका कहना है कि पुलिस ने पटवारी और लेखपाल परीक्षा के पेपर लीक करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की। सीएम धामी ने संदेश दिया है कि गुनाहगार चाहे पार्टी का ही क्यों न हो, उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। परीक्षा की जांच को लेकर जब हाईकोर्ट ने एक याचिका निस्तारित करते हुए माना है कि जांच सही दिशा में हो रही है। रोज मामले में नया अपडेट आ रहा है और अधिकतम गिरफ्तारियां हो रही है। तो सीबीआई जांच की ही मांग करना कितना सही है। अब सवाल ये भी है कि ऐसे में कांग्रेस बेवजह मामले को तूल क्यो दे रही है। कांग्रेस बेरोजगार युवाओं को बरगला कर उनका आंदोलन हड़पने की कोशिश में जुटी है।

’’सीबीआई जांच का असर’’
जानकारों की मानें तो अगर मुख्यमंत्री पेपर लीक कांड की जांच सीबीआई को दे देते है तो जांच प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में भर्ती परीक्षा प्रक्रिया भी प्रभावित होगी क्योकि सीबीआई जांच नही तो परीक्षा नही जैसे विचार के साथ बेरोजगारों को भ्रमित किया जा रहा है। ऐसा भी माना जा रहा है भर्ती प्रक्रिया लंबे समय तक बाधित रहे। ऐसे में सिर्फ सीबीआई जांच की मांग पर ही अड़े रहना युवाओं के साथ एक छलावा है। जबकि पुलिस ने तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। क्या जनता या युवा चाहते हैं कि राज्य में भर्ती प्रक्रिया बाधित हो। जांच पूरी होने तक प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित ना हो इस षडयंत्र का अब खुलासा होने लगा है।

’’कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर’’
कांग्रेस अक्सर कहती है कि सीबीआई केंद्र सरकार का तोता है। सीबीआई पर विश्वास नहीं किया जा सकता। तो ऐसे में कांग्रेस किस आधार पर सीबीआई जांच की मांग कर रही है, यह बड़ा सवाल है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की है कि वह राजनीतिक दलों के बहकावे में न आए। अब स्पष्ट हो गया है कि यह सिंडिकेट पिछले 10 वर्षों से राज्य में सक्रिय रहा। इन 10 वर्षों में 5 साल कांग्रेस की सरकार भी रही है। लेकिन किसी भी सरकार ने इतनी गहराई तक जाकर कोई कार्यवाही नहीं की। यहां गौर करने वाली बात है कि धामी सरकार के संज्ञान में आने के बाद सरकार इस सिंडिकेट की जड़ तक जा रही है जिससे कि आने वाली कई पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके। आज के युवाओं को समझना होगा जांच भी जारी रहनी चाहिए और प्रतियोगी परीक्षाएं भी गतिमान रहनी चाहिए।

’’आयोग की भी सुनिए’’
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार स्पष्ट कर चुका है कि उन्होंने नए सिरे से सारे पेपर बना दिए हैं और आगामी परीक्षाओं के लिए सारे नए पेपर बन रहे हैं। व्यवस्थाओं में काफी सुधार भी किया गया है। युवाओं की बात मानते हुए परीक्षा नियंत्रक को भी तत्काल हटा दिया गया है। तो ऐसे में सिर्फ सीबीआई जांच की मांग करना राज्य के युवाओं के साथ धोखा नही है। अभी हाल ही में पटवारी परीक्षा में धांधली की जांच भी सिटिंग जज की निगरानी में करने की मांग भी धामी सरकार ने मान ली है। ऐसे में युवाओं को समझना होगा कि पिछले 10 सालों का सिंडिकेट की कमर टूट चुकी है और यह उत्तराखंड में अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। ऐसे में सीबीआई जांच की ही मांग करना और परीक्षाओं को लंबे समय तक रुकवाये रखना क्या राज्य के युवाओं के हित में होगा?

’’एसटीएफ के खुलासे में कई संगठन भी’’
यह गिरोह कितना मजबूत है इस बात का अंदाजा आप इसी से लगाइए कि जांच में पता चल रहा है कि नकल माफिया, कोचिंग सेंटर और अब कई संगठन के भी नामों का खुलासा हो रहा है। ऐसे में जो साहस युवा मुख्यमंत्री ने युवाओं को लेकर दिखाया है कि इन परीक्षाओं में धांधली की जांच का, उस पर विश्वास करना आज बहतु जरुरी हो गया है।

’’कांग्रेस का सत्ता वापसी का सपना और युवा धामी से खतरा’’
उत्तराखंड में सरकार की वापसी कांग्रेस को पच नही पा रही है। देशभर में अपनी राजनीतिक साख खो चुकी कांग्रेस को बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को हाईजैक कर रही है। इसके पीछे षड्यंत्र है कि नौकरियों का पिटारा खोलने वाली धामी सरकार युवाओं की लोकप्रिय है। 30 प्रतिशत महिला आरक्षण जैसे मजबूत और ठोस निर्णय लेकर राज्य की भावनाओं के अनुरुप लगातार कार्य किया जा रहा है और अपने प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया जा रहा है। ऐसे में इस आंदोलन को हाईजैक कर अपने कार्यकर्ताओं के द्वारा माहौल बिगाड़ने का प्रयास हो रहा।

आयोग ने परीक्षार्थियों को दिलाया विश्वास, नए पेपर बनेंगे

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार द्वारा आयोग की विशेष बैठक आहूत की गई, जिसमें समस्त सदस्यगण एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में परीक्षाओं के सम्बन्ध में विस्तृत एवं गहन विचार-विमर्श किया गया।
आयोग की विशेष बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराते हुए डॉ० कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि लेखपाल/राजस्व उप निरीक्षक परीक्षा-2022 वन आरक्षी परीक्षा-2022 एवं पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 की शुचिता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत इन परीक्षाओं को अब नये प्रश्न-पत्रों का निर्माण कराते हुए आयोजित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत दिनांक 22 जनवरी, 2023 को आयोजित की जाने वाली वन आरक्षी परीक्षा-2022 को दिनांक 09 अप्रैल, 2023 एवं दिनांक 28 से 31 जनवरी, 2023 के दौरान होने वाली पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 को दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
आयोग द्वारा जारी वार्षिक परीक्षा कलेण्डर में इस हेतु आवश्यक संशोधन करते हुए अग्रेतर कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। डॉ० कुमार द्वारा अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया है कि आयोग के लिए अभ्यर्थियों का हित सर्वाेपरि है। इस हेतु परीक्षाओं को निष्पक्षता एवं उत्कृष्टता के साथ एवं उनके समग्र संचालन से सम्बन्धित विभिन्न प्रक्रियाओं को निर्विघ्नतापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु सुरक्षा के कड़े इन्तजाम किये जा रहे हैं।

सख्त नकल विरोधी कानून की ओर बढ़ रहे सरकार के कदम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये प्रदेश में शीघ्र सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोचे भी नहीं। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच करने वाली एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाए स्वच्छ और पारदर्शी हो। अब भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके। नकल विरोधी कानून के प्रविधानों से यह व्यवस्था बन जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का मनोबल बनाये रखने के लिये राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिये सरकार कृत संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब यह भी व्यवस्था बनायी गई है कि लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अभि सूचना इकाई को भी सक्रिय किया जायेगा, ताकि इन परीक्षाओं की कड़ी निगरानी हो सके। उन्होंने कहा कि नकल माफियाओं के लगातार सक्रिय रूप से तैनात होने तथा परीक्षा पेपर को लीक आउट कराये जाने से परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी, जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार तथा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं से पूर्व अभिसूचना इकाई को सक्रियता से तैनात किया जाय, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो पाये। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के स्तर पर आदेश भी निर्गत किये जा चुके हैं।

प्रश्न पत्रों को डबल लॉक और सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाए-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित की जाने वाली चयन परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता के साथ कराए जाने के सम्बन्ध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक आयोजित हुयी।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित परीक्षाओं में से दिसम्बर माह में पुलिस आरक्षी, आईआरबी एवं अग्निशामक की परीक्षा सम्पन्न होनी है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस परीक्षा एवं आगे होने वाली अन्य परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता से कराने हेतु फुल प्रूफ प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को प्रश्न प़त्रों को रखने हेतु डबल लॉक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि परीक्षा केन्द्रों के लिए भी वीडियोग्राफी हेतु सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि परीक्षा केन्द्रों में किसी भी प्रकार की कलाई में पहनने वाली घड़ी (स्मार्ट वॉच सहित), मोबाईल फोन एवं गैजेट्स को पूर्णतः प्रतिबन्धित रखा जाए। समय देखने हेतु परीक्षा केन्द्रों में घड़ी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों मोबाईल एवं घड़ी रखने हेतु उचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि परीक्षा का आयोजन जनपद स्तर पर समग्र तौर पर जिलाधिकारी की देखरेख में सम्पादित किया जाए। आयोग के सहयोग के लिए प्रत्येक जनपद में नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। उन्होंने आयोग द्वारा भी भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्रों में अलाउड और नॉट अलाउड की पूरी लिस्ट का प्रचार-प्रसार किए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा परीक्षाओं में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों हेतु ऑनलाईन ट्रेनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों के चयन के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आने वाले समय में लगातार परीक्षाएं होनी हैं और आगे भी होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि दिसम्बर माह में होने वाली परीक्षा में स्नो फॉल और मार्ग अवरूद्ध होने के कारण कोई भी परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित न रहे इसके लिए परीक्षा केन्द्रों के चयन में विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसे परीक्षा केन्द्रों का चयन किया जाए जिनमें पर्याप्त वांछित व्यवस्थाएं परिपूर्ण हों। परीक्षार्थी समय से परीक्षा देने पहुंच सकें इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की भी उचित व्यवस्था हो। उन्होंने परीक्षा के समय में परिवर्तन कर परीक्षा का समय 10 बजे से 12 बजे को बढ़ाकर प्रातः 11 बजे से 1 बजे किए जाने के निर्देश दिए ताकि दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों को कोई समस्या न हो।
मुख्य सचिव ने पुलिस विभाग को कोचिंग सेंटर्स की गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए। उनके साथ बैठक कर जानकारी दी जाए कि नकल आदि की गतिविधियों में संलिप्तता पाए जाने पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने परीक्षाओं के शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता पूर्ण संचालन के लिए सभी जिलाधिकारियों से भी सुझाव भी मांगे।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। किसी भी प्रकार का लूपहोल नहीं छोड़ा जाएगा। अधिकारियों कर्मचारियों के लिए ऑनलाईन ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं सचिव शैलेश बगोली सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

23 परीक्षाओं हेतु अतिरिक्त परीक्षा कलेण्डर जारी

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार ने कार्यालय में अधिकारियों के साथ परीक्षा कैलेंडर को लेकर बैठक ली और शासन द्वारा हाल ही में आयोग को प्रेषित समूह ग की 23 परीक्षाओं हेतु अतिरिक्त परीक्षा कलेण्डर जारी कर दिया गया है। इस प्रकार संलग्न लिस्ट में उल्लेखित 16 परिक्षाओ की प्रस्तावित विज्ञापन तिथि और परीक्षा तिथि निर्धारित की गई हैं।
आयोग ने यह संकल्प दोहराया है कि उपर्युक्त समस्त परीक्षाएं समयबद्ध तरीके से वर्ष 2022 एवं 2023 के दौरान आयोजित की जाएंगी।
अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2022 के प्रारंभ में निर्गत यूकेपीएससी के मुख्य वार्षिक परीक्षा कलेण्डर के बारे में अवगत कराया गया है कि आयोग के उक्त परीक्षा कलेण्डर में उल्लिखित 23 परीक्षाएं निर्धारित की गयी थी, जिनमें से अब तक 18 परीक्षाएं सफलतापूर्वक सम्पन्न की जा चुकी हैं तथा 4 परीक्षाओं का आयोजन इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
इनमें पीसीएस मुख्य परीक्षा-2021 का आयोजन दिनांक 12 से 15 नवम्बर, 2022 के दौरान किया जाना सम्मिलित है तथा शेष एक वन क्षेत्राधिकारी परीक्षा को स्थगित किया गया है।
सिविल जज जू.डि. परीक्षा, एई परीक्षा, सहायक अभियोजन अधिकारी परीक्षा, असिस्टेंट प्रोफेसर, वन क्षेत्राधिकारी एवं सहायक भूवैज्ञानिक परीक्षा के संदर्भ में आयोग द्वारा अग्रेतर कार्यवाही तभी की जा सकेगी जब क्षैतिज आरक्षण के संदर्भ में उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा हाल ही में पारित आदेश के आलोक में शासन द्वारा आरक्षण प्रक्रिया सुनिश्चित करते हुए आयोग को अवगत कराया जाएगा।
आयोग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि आरक्षण से सम्बन्धित उत्पन्न कतिपय विसंगतियों के निस्तारण हेतु आयोग द्वारा प्राप्त लगभग 29 अधियाचनों को शासन को प्रत्यावर्तित कर दिया गया है तथा शासन से संशोधित अधियाचन प्राप्त होने के पश्चात् आयोग द्वारा उनके लिए पृथक से एक परीक्षा कलेण्डर जारी करते हुए समानान्तर ढंग से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। वर्तमान में उक्त 29 अधियाचनों को संशोधित किये जाने की कार्यवाही शासन स्तर पर गतिमान है।

पारदर्शिता के साथ परीक्षाओं के जल्द आयोजन के लिए उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की युद्धस्तर पर तैयारियांः डॉ राकेश कुमार

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार की अध्यक्षता में दिनांक 20 सितम्बर, 2022 को आयोग की बैठक में शासन द्वारा सन्दर्भित की गई। विभिन्न समूह ग की परीक्षाओं के विज्ञापन प्रकाशन एवं प्रस्तावित परीक्षा तिथि निर्धारित की गयी है।

निर्धारित कैलेण्डर के अनुसार पुलिस आरक्षी-पीएसी/आई.आर.बी/अग्निशामक की विज्ञापन प्रकाश तिथि 07 अक्टूबर, 2022 और परीक्षा तिथि 18 दिसम्बर, 2022 निर्धारित की गई है।

राजस्व उप निरीक्षक/लेखपाल की विज्ञापन प्रकाश तिथि 14 अक्टूबर, 2022 और परीक्षा तिथि 08 जनवरी, 2023 निर्धारित की गई है।

वन आरक्षी की विज्ञापन प्रकाशन तिथि 21 अक्टूबर, 2022 तथा परीक्षा तिथि 22 जनवरी, 2023 निर्धारित की गई है।

सहायक लेखाकार/लेखा परीक्षक की विज्ञापन प्रकाश तिथि 28 अक्टूबर, 2022 एवं परीक्षा तिथि 12 फरवरी, 2023 निर्धारित की गई है।

बैठक में सदस्यगण प्रो. (डॉ) जगमोहन सिंह राणा, डॉ० रवि दत्त गोदियाल, अनिल कुमार राणा, नन्दी राजू श्रीवास्तव, डॉ० ऋचा गौड़ एवं आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत, परीक्षा नियंत्रक एस०एल० सेमवाल, विधि सलाहकार सविता चमोली तथा उपसचिव डॉ० प्रशान्त उपस्थित रहे। उक्त बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ-साथ शासन द्वारा सन्दर्भित की गई विभिन्न समूह ग की परीक्षाओं के विज्ञापन प्रकाशन एवं प्रस्तावित परीक्षा तिथि निम्न प्रकार निर्धारित की गयी है।

आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु से भेंट की। डॉ कुमार ने कहा कि शासन और विभागीय नियमावलियो के अनुसार पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षाओं के आयोजन के लिए आयोग युद्धस्तर पर पुख्ता तैयारियां कर रहा है। अभी प्रथम चरण की परीक्षाओं की तिथियों का निर्धारण किया गया है। जल्द ही अन्य परीक्षाओं की तिथियां भी निर्धारित की जाएंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि शासन द्वारा आयोग को हर प्रकार से सहयोग किया जाएगा।