मुख्यमंत्री ने कनिष्ठ सहायक के पदों पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कनिष्ठ सहायक के पद पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इनमें महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के 12 तथा संस्कृति विभाग के 4 अभ्यर्थी शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से आपके जीवन का नया अध्याय प्रारम्भ हो रहा है। आप सबकी कड़ी मेहनत तथा माता पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से आपको यह सफलता मिली है। इस सफतला के बाद आपको नये जीवन में मानक तय करने होंगे। अपनी प्रतिभा, क्षमता तथा योग्यता के बल पर अपनी कार्य पद्धति में अपना सर्वाेत्तम देने का प्रयास करना होगा। अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ नये जीवन की शुरुआत आत्म अनुशासन और नियमित दिनचर्या के साथ करें। जन सेवा करने का आप सबको जो अवसर मिला है, इसमें अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य का जीवन अमूल्य है। कई जन्मों के बाद मनुष्य जीवन प्राप्त होता है। इसे ईश्वर का वरदान समझे तथा अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के साथ करें। इससे आप सभी को आत्म संतोष भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अच्छे एवं बुरे कार्यों का पूरा हिसाब ईश्वर रखते है इसलिये अपने कार्यक्षेत्र में भूलकर भी गलत कार्य न करें। आपके अच्छे कार्यों का लाभ आपको तो मिलेगा ही इससे समाज भी लाभान्वित होता है।

इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरिचन्द सेमवाल, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशान्त आर्य, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित अन्य अधिकारी एवं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी उपस्थित थे।

कनिष्ठ सहायकों को धामी ने सौंपे नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में परिवहन विभाग के अन्तर्गत कनिष्ठ सहायक के पद पर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 10 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके परिश्रम और ईश्वर की कृपा से सेवा के क्षेत्र में कार्य करने का जो अवसर मिल रहा है, अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ करें। कार्य क्षेत्र में नये जीवन की शुरुआत आत्म अनुशासन और नियमित दिनचर्या के साथ करें। जन सेवा करने का जो अवसर मिला है, इसमें अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग करें।
सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी ने कहा कि परिवहन विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत विगत 2 वर्षों में 1 सम्भागीय निरीक्षक और 59 परिवहन आरक्षियों को सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति प्रदान की गई। कनिष्ठ सहायक के 39 और सहायक लेखाकार के 17 पदों पर चयन प्रक्रिया गतिमान है। परिवहन विभाग के अंतर्गत सीधी भर्ती के विभिन्न पदों के लिए 147 पदों का अधियाचन आयोग के लिए भेजा गया है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

पेपर लीक मामले में यूपी का अधिकारी गिरफ्तार

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक (UKSSSC paper leak case) मामले में एसटीएफ ने बड़े दिनों बाद एक और गिरफ्तारी की है। मामले में मास्टरमाइंड माने जाने वाले केंद्रपाल के सहयोगी मनोज कुमार चौहान को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी मनोज सहारनपुर में पशुधन प्रसार अधिकारी के पद पर तैनात है। पेपर लीक मामले में एसटीएफ की 43वीं गिरफ्तारी है।

कुछ दिनों पहले पेपर लीक मामले में 19 आरोपियों ने जमानत ले ली थी, इससे केस के कमजोर होने की बात उठने लगी थी। लेकिन मंगलवार को एसटीएफ ने यूपी से एक और गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार पशुधन प्रसार अधिकारी मनोज चौहान पूर्व में अरेस्ट किए गए मास्टरमाइंड केंद्रपाल का सहयोगी है।

एसटीएफ द्वारा पेपर लीक मामले सभी अभियुक्तों की आगे की कड़ियों की लगातार तलाश जारी रखी हुई है। इस दौरान अभियुक्त केन्द्रपाल ने जिन अभ्यर्थियों को नकल करायी गयी है, उनका चिन्हीकरण किया जा रहा है। नकल करने वाले अभ्यर्थियों से पूछताछ में पता चला कि करीब 8 से 10 अभ्यर्थियों ने नकल करने बाद अपनी पेमेन्ट मनोज कुमार चौहान को दी थी। जिसने उन सभी को केन्द्रपाल व ललितराज शर्मा के नकल सेन्टर में परीक्षा कराने हेतु भेजा गया था। इस कड़ी में अभी अन्य अभ्यर्थियों को भी चिन्हित किया जा रहा है जिनके द्वारा परीक्षा में किसी न किसी के माध्यम से धांधली कर नकल की गयी है।

एक रावत का दूसरे रावत पर पलटवार, कहा-अपने कार्यकाल में की होती कार्रवाई तो आज धामी की नहीं रावतों की धूम होती

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग-यूकेएसएसएससी के गठन पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सवाल उठाने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने उनकी खिंचाई की। दो टूक सवाल किया कि क्यों गड़बड़ी सामने आने पर तत्काल कार्रवाई नहीं की? यदि उसी समय कार्रवाई कर दी होती, तो आज धामी की धूम नहीं हो रही होती। बल्कि रावतों की धूम हो रही होती।
सोशल मीडिया पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने त्रिवेंद्र रावत पर कटाक्ष किया। कहा कि उन्हें समझ आते आते बहुत देर हो गई है। जब कांग्रेस सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती की जांच की। इसके बाद आपकी सरकार आ गई। आपके मंत्री ने विधानसभा के पटल पर स्वीकार किया था कि जांच में गड़बड़ियां पाई गई हैं। जांच रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। यदि उसी समय इतना गुस्सा दिखाया होता तो आज फिर धामी की धूम नहीं होती। कहा कि दरवाजे की चौखट पर सर टकराने से घर नहीं गिराए जाते। विधानसभा में भर्तियों में धांधलियां हुई तो विधानसभा भवन ही गिरा देंगे क्या?

एसटीएफ ने सीएम के निर्देश मिलने पर की बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप

राज्य में भर्ती परीक्षाओं में हुई धाँधलियों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का पालन करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है।
यूकेएसएसएससी द्वारा 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जाँच में आज आरबीएस रावत पूर्व चेयरमैन, सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है। 2016 के मामले में लंबे समय से जाँच चल रही थी लेकिन मुख्यमंत्री के कड़े रुख़ के बाद जाँच एजेंसियों ने भी तेज़ी दिखाई। मुख्यमंत्री धामी पिछले कई अवसरों पर बार बार कह रहे हैं कि वो अपने युवा भाई बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, सरकारी नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार का जो दीमक लगा है उसे वे जड़ से मिटा देंगे।
इस क्रम में वीपीडीओ भर्ती में 6 वर्ष बाद विधिसम्मत कार्यवाही कर सीएम ने एक बड़ी लकीर खींच दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि “ जाँच एजेंसिया अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके “

क्रमवार विवरण-
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दिनांक 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई।
उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी
उक्त परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था
30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था
उक्त परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी।
जांच समिति द्वारा प्रेषित आख्या के आधार पर सम्यक विचारोपरांत , एवं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में उक्त परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया
वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में  जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई
वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा खुली जांच में पुष्टि होने पर उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं की पुष्टि होने पर  सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में मुकदमा अपराध संख्या 01/20 धारा 420/468/467/120 B ipc व धारा 13 (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग शासन की अनुमति उपरांत पंजीकृत कराया गया
अभियोग पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी
वर्ष 2022 माह अगस्त में माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार उक्त प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई
एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई
पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को  FSL भेजा गया था एवं FSL से उक्त OMR शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी
विवेचना के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था
विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए
विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है
विवेचना के दौरान पूर्व में तीन अभियुक्त 1 मुकेश कुमार शर्मा 2 मुकेश कुमार 3 राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है
एसटीएफ द्वारा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आज दिनांक 8 अक्टूबर 2022 को तत्कालीन अध्यक्ष  UKSSSC डॉ रघुवीर सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1 ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून
तत्कालीन सचिव UKSSSC मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी वन 169/2 वन  विहार शिमला बायपास देहरादून, वर्तमान पद- सँयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून
तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक UKSSSC राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र स्वर्गीय प्रेम सिंह पोखरिया निवासी 1/29 कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर देहरादून को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

एक्शन में धामी सरकार-समूह ग के 1500 पदों पर फिर निकलने जा रही भर्तियां

उत्तराखंड में विभिन्न विभागों के 1500 से अधिक समूह ग पदों पर भर्तियां होंगी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए इसी सप्ताह भर्तियों का विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा।
पिछले दो माह के भीतर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अलग-अलग विभागों के करीब ढाई हजार समूह ग के पदों पर भर्तियां निकाली हैं। इनकी आवेदन प्रक्रिया चल रही है। कुछ की आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस बीच विभागों से धड़ाधड़ सिफारिश (अधियाचन) आ रहे हैं।
आयोग ने इनमें से आईटीआई धारकों के लिए कर्मशाला अनुदेशक, ड्राईवर, फॉरेस्ट गार्ड और कृषि विभाग में उद्यान पर्यवेक्षक व सहायक कृषि अधिकारी की भर्तियों का नोटिफिकेशन तैयार कर लिया है। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि इन सभी पदों के लिए सप्ताहभर के भीतर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

इन पदों पर होगी भर्तियां
कर्मशाला अनुदेशक-120 पद
ड्राईवर-150 पद
फॉरेस्ट गार्ड-890 पद
कृषि उद्यान पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी-300 पद

500 से अधिक पदों के लिए अलग से भर्ती
आयोग के पास तमाम अधियाचन ऐसे आए हैं, जिनमें अलग-अलग विभागों में बेहद कम संख्या के पद हैं। पदवार भर्तियां निकालने में मुश्किल है। इसलिए आयोग ने सरकार से अपील की है कि बायलॉज में संशोधन किया जाए ताकि इन सभी पदों के लिए अलग से एक विज्ञापन प्रकाशित कर एक सामान्य अध्ययन की परीक्षा कराकर भर्ती की जा सके। आयोग सचिव संतोष बडोनी के मुताबिक, इन पदों की संख्या करीब 500 है।

प्रश्नों के चैलेंज, आयोग के लिए बन रहे मुसीबत
विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में आंसर की जारी करने के बाद आयोग उम्मीदवारों को प्रश्नों को चैलेंज करने का मौका देता है। चूंकि, इसका कोई शुल्क नहीं है, इसलिए यह चैलेंज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। उम्मीदवार जरा सा संदेह होने पर भी सीधे आयोग को अपनी चुनौती भेज रहे हैं। जबकि देश में तमाम ऐसी परीक्षाएं होती हैं, जिनमें सवाल को चैलेंज करने पर शुल्क देना होता है। चैलेंज सही होने पर यह शुल्क लौटा दिया जाता है। इसी तर्ज पर अब भर्ती परीक्षाओं की आंसर की चैलेंज करने पर आयोग भी शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है।

अब उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा होगीं ऑनलाइन परीक्षाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा राज्य में ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) के लिए प्रशिक्षण हेतु वीडियो-मॉकटेस्ट का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ऑनलाईन जो परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, अभ्यर्थी को इसके लिए व्यापक स्तर पर विभिन्न माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि ऑनलाइन परीक्षा होने से पूर्व अभ्यर्थियों को ऑनलाइन परीक्षा से संबंधित सभी नियमों की जानकारी हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऑनलाइन परीक्षाओं से संबंधित सभी जानकारियों एवं मॉकटेस्ट के लिए अभ्यर्थियों-छात्रों को महाविद्यालयों, जिन माध्यमिक स्कूलों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था है, विकासखण्ड, तहसील एवं जनपद स्तर पर भी वर्चुअल एवं अन्य माध्यमों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। अभ्यर्थियोंध्छात्रों के फीडबैक भी अवश्य लिये जाए।

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने जानकारी दी कि पिछले साढ़े तीन सालों में आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में में 5700 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई। पिछले चयन वर्ष में लगभग 5000 नये पदों पर चयन हेतु भर्ती विज्ञापन जारी किये गये हैं व 2500 पदों पर विज्ञापन जारी किये जाने हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षाएं (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) आयोग द्वारा प्रथम बार शुरू की जा रही हैं। 19 दिसम्बर 2020 से 03 ऑनलाइन परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं। ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल में ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश, परीक्षा पूर्व, परीक्षा के दौरान तथा परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को ध्यान में रखने की मुख्य बातों को दर्शाने वाला वीडियो एवं 30 प्रश्नों का मॉकटेस्ट जो वास्तविक परीक्षा देने के समान होगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा में सुचिता एवं पारदर्शिता लाने की दृष्टि से ऑनलाइन परीक्षाएं एक उचित विकल्प है। कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक बार में एक प्रश्न प्रदर्शित होगा, प्रत्येक अभ्यर्थी का अलग प्रश्न पत्र होगा एवं सम्पूर्ण परीक्षा व सभी अभ्यर्थी सीसीटीवी कैमरे से कवर्ड होंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा के उपरांत पूर्व की भांति उनका प्रश्न पत्र एवं उनका उत्तर उपलब्ध कराया जायेगा। अभ्यर्थियों को प्रश्नों पर चुनौती का अवसर भी दिया जायेगा।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, सदस्य उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग डा. प्रकाश थपलियाल, सचिव संतोष बडोनी, अनुसचिव राजन नैथानी, आशीष कौल आदि उपस्थित थे।

भर्ती परीक्षाओं का आयोजन समयबद्धता के साथ करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा की। उन्होंने भर्ती प्रक्रियाओं को निर्धारित टाईम टेबल में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के लिए जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भर्ती परीक्षाओं का आयोजन समयबद्धता से किया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता न की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि विभागों से चयन आयोगों को अधियाचन भेजने में विलम्ब न हो, इसके लिए एक ऑनलाईन व्यवस्था बनाई जाए।

समान प्रकृति के पदों की एक ही परीक्षा हो
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक जैसी प्रकृति के पदों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित की जाए। इससे परीक्षार्थियों के समय व धन की बचत होगी और भर्तियों में भी अनावश्यक विलम्ब नहीं होगा। राज्य लोक सेवा आयोग जब एक बार डीपीसी की तिथि निर्धारित कर देता है तो यह संबंधित अधिकारियों की अनुपलब्धता के कारण स्थगित नहीं होनी चाहिए।

अधियाचन पर चयन आयोग की आपत्तियों का जवाब अधिकतम तीन दिन में
चयन आयेग द्वारा की जाने वाली पृच्छाओं व आपत्तियों पर जवाब अधिकतम तीन दिनों में चला जाना चाहिए। कार्मिक विभाग प्रत्येक माह विभागों की भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा करे और विभागों व चयन आयोगों में समन्वय स्थापित करे।

लक्ष्य निर्धारित कर हो काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रियाओं में विलम्ब हुआ है। इसकी भरपाई अगले 6 माह में किस प्रकार की जा सकती है, इसकी कार्ययोजना बना ली जाए। टार्गेटेड तरीके से काम करते हुए चयन आयोगों के साथ ही शासन स्तर पर भी इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया जाए।

उत्तराखण्ड राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (से.नि.) श्री आनंद सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2017 से वर्तमान तक राज्य लोक सेवा आयोग से 3047 पदों पर चयन किया गया। जबकि 1145 पदों पर चयन प्रक्रिया गतिमान है जो कि इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर ली जाएगी। आयोग ने इस वर्ष विभिन्न पदों के लिए टाईम टैबल बना लिया है। इसके अनुसार चयन सुनिश्चित किया जा रहा है। वर्ष 2017 से वर्तमान तक डीपीसी द्वारा कुल 2647 पदों पर चयन किया गया है जबकि 219 पदों पर डीपीसी की प्रक्रिया गतिमान है।

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष श्री एस.राजू ने बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 6 हजार पदों पर चयन पूर्ण किया गया। जबकि 2014 से 2017 तक 801 पदों पर चयन किया गया था। वर्तमान में 9 परीक्षाएं कोविड-19 के संक्रमण के कारण लंबित हैं। इनमें से 7 परीक्षाएं अक्टूबर से दिसम्बर तक आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। चयन वर्ष 2019-20 व 2020-21 में लगभग 7200 पदों पर अधियाचन प्राप्त हुए हैं इनमें से लगभग 2500 पदों पर विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है जबकि 4 हजार पदों पर विज्ञापन की कार्यवाही प्रगति पर है।

उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा.डीएस रावत ने बताया कि 2017 से अभी तक कुल 1282 का चयन किया गया। बोर्ड को वर्तमान में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, चिकित्साधिकारी, एक्स-रे टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन, रेडियोग्राफिक्स, राजकीय मेडिकल कालेजों में विभिन्न तकनीशियन के पदों सहित कुल 1351 पदों के अधियाचन प्राप्त हैं। इन पर चयन प्रकियाएं निश्चित टाईमफ्रेम में पूरा कर लिया जाएगा।

कार्यों की पारदर्शिता के लिए कार्यों का ऑडिट होना जरूरीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रायपुर, देहरादून में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तराखण्ड के लोकार्पण के अवसर पर कहा कि 2017 में सरकार बनने के बाद से ही हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ हमने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी। सचिवालय एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को हमने भ्रष्ट व माफिया तत्वों से मुक्त किया है। कार्यों की पारदर्शिता के लिए कार्यों का ऑडिट होना जरूरी है। आवश्यकता पड़ने पर थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए। सरकार के प्रति जनता का विश्वास होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि चावल घोटाले का जो मसला है, वह वर्ष 2016-17 की तत्कालीन सरकार के समय का मामला है। भाजपा सरकार बनने के बाद हमने इस मामले की जांच करवाई। केवल कागजों में राशन दिखाई जा रही थी, जरूरतमंदों तक राशन पहुंचती नहीं थी। आज गरीबों को जो राशन मिल रही है, वह उच्च गुणवत्ता की राशन है। प्रधानमंत्री जी का आह्वाहन रहता है कि हमारी नजर गरीबों पर होनी चाहिए। जब तक गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा, तब तक देश का उत्थान नहीं हो सकता।

लोक सेवा आयोग से पीएस की भर्ती के लिए प्रक्रिया चल रही है। लोक सेवा आयोग में अधिक वर्कलोड होने के कारण भर्ती प्रक्रिया मे समय अधिक लगता है। लोक सेवा आयोग को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया है। कोविड-19 की वजह से भी भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन के उपायों को सुझाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ गठन किया गया।

समूह ग श्रेणी के 300 पदों पर आवेदन का मौका, करें ऑनलाइन आवेदन

सरकारी नौकरी की राह देख रहे हैं युवाओं के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने समूह ग श्रेणी के 300 पदों पर आवेदन का मौका दिया है। आयोग ने शहरी विकास विभाग और अन्य विभागों में लेखा लिपिक और वैयक्तिक सहायक व आशुलिपिक के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
युवा 31 जुलाई से इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तारीख 14 सितंबर निर्धारित की गई है। चयन आयोग की ओर से सोमवार को समूह ग श्रेेणी के 300 पदों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी गई है।
इन पदों में शहरी विकास विभाग के तहत स्थायी निकायों में लेखा लिपिक के 142 और अन्य विभिन्न विभागों में वैयक्तिक सहायक के 158 पद शामिल हैं। आयोग की वेबसाइट पर 31 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) करना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही वे आवेदन कर सकेंगे।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि वैयक्तिक सहायक व आशुलिपिक पदों के लिए पहली बार अलग से विज्ञप्ति जारी की गई है। अभी तक इन पदों को कनिष्ठ सहायक पदों के साथ ही निकाला जाता था। जिससे शार्टहैंड की अर्हता न रखने वाले उम्मीदवार भी संयुक्त रूप से आवेदन करते थे। 
वहीं, आयोग के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को समूह ग पदों की भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है। इस वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 150 रुपये तय है। इस आरक्षण का लाभ उन्हीं उम्मीदवारों को मिलेगा जो जिन्हें अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण का लाभ नहीं ले रहे हैं।