सीएम के शासनादेश के बाद अब पवलगढ़ कहलाएगा सीतावनी कंजर्वेशन

उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व रख दिया है। सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व में माँ सीता का पौराणिक मंदिर और महा ऋषि वाल्मीकि आश्रम है जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है और यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है।

उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम माँ सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध हैं । यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ यात्री भी जाते है।

इस जंगल को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने की मांग, राम नगर और आसपास के कई छोटे बच्चो ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से की थी, जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सीएम धामी ने निर्देशित किया था, जिस पर आज शासनादेश जारी कर दिया गया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रभु राम का उत्तराखंड की देव भूमि से संबंध रहा है इसी क्रम में पवल गढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।

सीएम धामी की उपस्थिति में हुआ समग्र शिक्षा और स्विस एजुकेशन ग्रुप के मध्य एमओयू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सचिवालय में समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड और स्विस एजुकेशन ग्रुप, स्विटजरलैंण्ड के मध्य समझौता ज्ञापन किया गया। उत्तराखण्ड में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान के लिए राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं स्विस एजुकेशन ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हिराज आर्टिनियन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। स्विस एजुकेशन ग्रुप द्वारा राज्य में विद्यार्थियों के लिए व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने में भी सहयोग दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में 09वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा के तहत पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में बेहतर प्रशिक्षण के लिए यह समझौता आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में इन दोनों क्षेत्रों में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण से दक्षता हासिल कर हमारे विद्यार्थियों को रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन के साथ ही ईको टूरिज्म, वैलनेस को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में भी राज्य को काफी प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं। इस क्षेत्र में भी आने वाले समय में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में स्विट्जरलैंड के साथ हुए इस समझौते में अहम भूमिका निभाने पर अभय दास महाराज का आभार व्यक्त किया। लगभग 04 माह पूर्व इन क्षेत्रों में राज्य को सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री एवं अभय दास महाराज के बीच चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखण्ड आते हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि 12 माह श्रद्धालु एवं पर्यटक बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के धार्मिक और पर्यटक स्थलों में आयें, इसके लिए मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन पर तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। इसके तहत प्रथम चरण में 16 मन्दिर चिन्हित कर कार्य शुरू किये जा चुके हैं।

अभयदास महाराज ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र का मजबूत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आध्यात्म का केन्द्र है। विदेशों में उत्तराखण्ड आध्यात्म के केन्द्र खोलने की दिशा में कार्य करेगा, तो इसमें रोजगार की काफी संभावनाएं हैं।

सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन ने कहा कि 09वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए व्यावसायिक शिक्षा के तहत पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में बेहतर प्रशिक्षण के लिए यह समझौता हुआ है। स्विस एजुकेशन ग्रुप की फैकल्टी द्वारा स्कूली बच्चों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। स्विट्जरलैंड में भी स्विस एजुकेशन ग्रुप द्वारा राज्य के स्कूली बच्चों को इन क्षेत्रों में एक-एक माह का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, स्विस एजुकेशन ग्रुप से सूर्य प्रताप सिंह भाटी, अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड में आतिथ्य क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर सीएम ने निवेशकों से की चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राजपुर रोड स्थित होटल में उत्तराखण्ड में पर्यटन क्षेत्र के विकास और निवेशकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से उत्तराखण्ड में आतिथ्य क्षेत्र में निवेश की संभावना विषय पर चर्चा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथ प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन से संबंधित योजनाओं पर तेजी से क्रियान्वयन के लिए सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जायेगा। जिसमें वित्त, आवास, लोक निर्माण विभाग, पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं सबंधित विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड निवेशकों को सुरक्षित निवेश की गारंटी देता हैं। निवेशकों को हर संभव मदद देने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य आने वाले 5 साल में उत्तराखण्ड को पर्यटन क्षेत्र में सर्वाेपरि बनाने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन सुझावों को आगे की कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा। जो भी समस्याएं पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों द्वारा रखी गई, उनकी निदान के हर संभव प्रयास किये जायेंगे। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के भाव से कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य में हवाई, सड़क एवं रेल कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। राज्य में हवाई कनेक्टिविटी बढ़े इसके लिए ए.टी.एफ में 18 प्रतिशत की कमी की गई है। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को उत्तराखण्ड आने के लिए आकर्षित करता है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पर्यटन नीति लागू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में नई कार्य संस्कृति आई है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मूल मंत्र पर देश आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश को अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी विभागों को अगले 10 सालों का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 माह बाद भी पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों से संवाद किया जायेगा।
सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि निवेशकों के लिए सरकार की ओर से बनाई गई नीतियों का सरलीकरण किया जाएगा। जिससे निवेशकों को उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने में आसानी हो सके। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटन से उत्तराखण्ड का जहां राजस्व बढ़ता हैै वहीं बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार के साधन भी उपलब्ध होते हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद पर्यटन में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। कार्यक्रम में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों व निवेशकों ने पर्यटन और प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव भी दिए।
इस अवसर पर सचिव एस.एन. पाण्डेय, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हितधारक एवं विभिन्न राज्यों से आये पर्यटन व्यवसायी मौजूद रहे।

पर्यटकों की बढ़ती संख्या से कारोबारियों की जगी उम्मीद

देहरादून। कोरोना से प्रभावित उत्तराखंड की लाइफ लाइन कहे जाने वाला पर्यटन क्षेत्र फिर से पटरी पर लौटने लगा है। पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या से न केवल इन स्थलों की रौनक बड़ रही है बल्कि अच्छा कारोबार होने से कारोबारियों के चेहरों पर चमक देखने को मिल रही है। उधर पर्यटन क्षेत्र की रफ्तार को और तेज करने के लिए पर्यटन विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है।

राजधानी देहरादून के ऐतिहासिक पर्यटक स्थल रोब्बेर्स केव, सहस्त्रधारा, लच्छीवाला, देहरादून जू, एफआरआई समेत मसूरी की वादियों में देश-दुनिया से आ रहे पर्यटकों से रौनक लौटने लगी है। पर्यटन विभाग आर्थिकी को बढ़ाने के साथ ही प्रदेश के भीतर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने की कवायद में जुटा हुआ है। इसी क्रम में कोरोना से स्थिति सामान्य होने के बाद सभी पर्यटक स्थलों को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। ताकि पर्यटन कारोबार से जुड़े स्थानीय लोगों का जीवन-यापन ठीक से हो सके। इसके साथ ही सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटक स्थलों में सुरक्षा के तमाम इंतज़ाम किए गए हैं।

पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। अच्छा कारोबार होने से सभी कारोबारियों को आर्थिक लाभ मिलेगा। कोरोना से सामान्य होती स्थिति को देखते हुए सैलानी घूमने के लिए निकल रहे हैं।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के चलते उत्तराखंड की आर्थिकी का एक बड़ा जरिया भी पर्यटन ही है। सीजन शुरू होने के साथ पर्यटन स्थलों में सैलानियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा के तमाम इंतज़ाम किए गए हैं। कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रख पर्यटन गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।

होम स्टे, साहसिक और पर्यटन निवेश प्रोत्साहन के लिए उत्तराखंड पर्यटन को मिला सर्वश्रेष्ठ स्टाल पुरस्कार

देहरादून। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के सहयोग से अयोजित तीन दिवसीय इंडिया ट्रेवल मार्ट (आईटीएम) का शनिवार को समापन हो गया। इसमें यात्रियों को आकर्षक पैकेज और अनूठे पर्यटन स्थल की विस्तार से जानकारी दी गई। भारत प्रमुख बी2बी ट्रैवल एंड टूरिज्म शोकेस और कॉन्क्लेव के पहले दो दिन यात्रा व्यापार के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी। जबकि मार्ट के अंतिम दिन शनिवार को घरेलू व अन्य पर्यटन की संभावनाओं से रूबरू कराया गया। इस मौके पर ट्रैवल एजेंटों, पैन इंडिया के टूर संचालकों और उत्तराखण्ड पर्यटन व गुजरात पर्यटन के अधिकारियों के लिए विशेष सत्र का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के समापन के मौके पर उत्तराखण्ड पर्यटन को होम स्टे, साहसिक और पर्यटन निवेश प्रोत्साहन व गुजरात पर्यटन को धोलावीरा (विश्व यूनेस्को विरासत स्थल) और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्टाल पुरस्कार से नवाजा गया।

उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के उपनिदेश योगेन्द्र कुमार गंगवार ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन के लिए पहले से तय गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए उत्तराखण्ड लगातार काम कर रहा है। कार्यक्रम का उददेश्य यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक मनोरंजक तथा परेशानी मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से यात्रियों को विभिन्न आकर्षक पैकेज और अनूठे पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गई।

आईसीएम ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शोकेस और कॉन्क्लेव की निरंतर सफलता भारत में यात्रा सेवाओं की बढ़ती मांग और घरेलू और बाहर जाने वाले यात्रियों की खर्च करने की शक्ति को दर्शाती है। उन्होंने यह भी कहा, आईटीएम देहरादून ने उत्तराखण्ड और पैन इंडिया के ट्रैवल एजेंटों और टूर ऑपरेटरों के साथ बी2बी और नेटवर्किंग का अवसर प्रदान किया।

आईटीएम देहरादून के अवसर पर उत्तराखंड पर्यटन, गुजरात पर्यटन के अधिकारियों और भीमताल, हरिद्वार, देहरादून, मसूरी, दिल्ली के अन्य होटल व्यवसायियों और देहरादून से टूर ट्रैवल एसोसिएशन और मीडिया के बीच वीडियो प्रस्तुतियों के साथ बातचीत सत्र का आयोजन किया गया। सत्र के दौरान, राज्य पर्यटन अधिकारियों ने कम ज्ञात स्थलों (अहमदाबाद से पोलो वन दिवस यात्रा), वन्यजीव पर्यटन, विरासत पर्यटन, एडवेंचर और ईको टूरिज्म, धार्मिक और तीर्थ पर्यटन, समुद्र तट, रुचि के स्थान, व्यंजन, मेला और त्योहारों पर प्रकाश डाला गया।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ), ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई), एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया (एडीटीओआई), आउटबाउंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ओटीओएआई), एडवेंचर टूर जैसे ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन, ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एटीओएआई), इंडिया गोल्फ टूरिज्म एसोसिएशन (आईजीटीए), महाराष्ट्र टूर ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन (एमटीओए), द आईएएआई एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएआई), ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (टीटीएयूपी), एंटरप्रिंग ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन, (ईटीएए), ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीएएफआई), टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (टीओए), टूरिज्म लीडर्स क्लब (टीएलसी), और ट्रैवल मैगज़ीन- ट्रैवल मेल द्वारा प्रतिभाग किया गया।

पर्यटन गतिविधियों से रोजगार बढ़ाने को मुख्य सचिव ने की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि माउंटेनियर्स और ट्रैकर्स के लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए, ताकि उन्हें सैटेलाईट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। सर्च ऑपरेशन्स में इससे काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों एवं ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, परन्तु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक सम्भावनाएं है। इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए। हेलीपैड्स एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किया जाए। पर्यटन स्थलों में हेलीपैड्स विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, परन्तु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हर 20-30 किलोमीटर पर पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं, ताकि यात्रियों और आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए सुचारू संचालन के लिए छोटी-छोटी शॉप्स आदि की व्यवस्था की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर सभी उम्र के पर्यटकों के अनुसार सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। युवा वर्ग टेक्नोलॉजी का बहुत प्रयोग करता है। युवाओं को प्रत्येक जानकारी फोन पर चाहिए इसके लिए ऐसी ऐप और वेबसाईट तैयार की जाए जिस पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो, परन्तु वृद्धों के लिए ऑफलाईन जानकारियों की व्यवस्था भी रखी जाए। ऐप और वेबसाईट को सिटीजन फ्रेंडली एवं ईज़ी टू यूज बनाया जाए। पर्यटन स्थलों को बच्चों के सैर-सपाटे के अनुरूप भी विकसित किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की सम्भावना होने के बावजूद, सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब सम्भव नहीं हो पा रहा है, वहां रिसोर्ट विकसित किए जा सकते हैं, जिन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है और उस पैसे से नई जगह डेवेलप की जा सकती हैं। इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी कार्य योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाएं। प्रत्येक योजना को साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए, ताकि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सके। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत एवं सीईओ युकाडा स्वाति भदौरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड में फिल्म नीति के तहत कई आकर्षक सुविधाएं दी जा रही-सतपाल महाराज

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में फिल्म जगत से जुड़े निर्माता निर्देशकों से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड में फिल्म नीति के तहत कई आकर्षक सुविधाएं दी जा रही हैं। हम अपने राज्य में अपनी फिल्म परियोजनाओं के लिए आने के इच्छुक निर्माताओं और निदेशकों के लिए अधिक से अधिक बुनियादी ढांचे को सुविधाजनक बनाने और विकसित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री और उनकी टीम से मिलने के लिए करीब 33 प्रोडक्शन हाउस से जुड़े निर्माता निर्देशक मौजूद रहे। जिसमें धर्मा प्रोडक्शन, महेश कोठारे, नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम, बालाजी टेलीफिल्म्स, भंसाली प्रोडक्शन, एंडेमोल शाइन इंडिया, जियो स्टूडियो, सलमान खान वेंचर्स, एमएक्स प्लेयर, राजश्री प्रोडक्शन जैसे प्रसिद्ध प्रोडक्शन हाउस हैं। इस बैठक का उद्देश्य फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखंड को एक आदर्श गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना था। पर्यटन मंत्री ने बैठक के दौरान बताया कि मैन वर्सेज वाइल्ड की शूटिंग उत्तराखंड में हुई थी जहां प्रधानमंत्री बेयर ग्रिल्स के साथ नजर आए थे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सुंदर भव्य पर्वतों, नदियों, खूबसूरत नजारों, वास्तुशिल्प के कारण उत्तराखंड आकर्षक रचनात्मक स्थलों में सदैव शामिल रहा है। पहाड़ की विहंगम और खूबसूरत वादियों में शूटिंग के लिए फिल्मी सितारे लगातार उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं। उत्तराखंड को दुनिया का पसंदीदा फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रहे हैं। महाराज ने बताया कि पूर्व में प्रसिद्ध फिल्म मधुमती, भीगी रात, कटी पतंग, लक्ष्य, केदारनाथ, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, कोई मिल गया, लक्ष्य, दम लगा के हैय स्या, बत्ती गुल मीटर चालू सहित अनगिनत फिल्मों की शूटिंग कर चुके हैं।
शूटिंग के लिए देवभूमि का कॉर्बेट नेशनल पार्क, ऋषिकेश, रानीखेत और मसूरी के पर्यटक स्थल आकर्षण के केंद्र हैं। इतना ही नहीं उत्तराखंड के चार धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे तीर्थ स्थलों में श्रद्धलुओं की दिलचस्पी बढ़ रही है।
उत्तराखंड सरकार, पर्यटन खोजकर्ताओं और फिल्म बिरादरी के लिए उत्तराखंड में नए स्थानों को विकसित करने पर काम कर रही है। एक राज्य के रूप में उत्तराखंड में शूटिंग के अनुभव को एक सहज और निर्बाध प्रक्रिया बनाने के लिए पर्यटन विभाग का निरंतर प्रयास है, और उसी के लिए उनके पास फिल्म बिरादरी के सुझावों और इनपुट का स्वागत है। पहली फिल्म नीति 2015 में बनी, इसके बाद 2019 में संशोधित फिल्म नीति बनी। आगे भी इसमें फिल्म क्षेत्र से जुड़े लोगों के सुझावों के अनुरूप जरूरी सुधार किये जाएंगे।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग की अपार संभावनाएं हैं। हम निर्माताओं और निर्देशकों का स्वागत करते हैं और विशेष रूप से उत्तराखंड के ऑफबीट डेस्टिनेशनों में शूटिंग करें। बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं को अस्सी नब्बे के दशक से ही उत्तराखण्ड अपनी ओर आकर्षित करते हुए आया है। कोरोना संकट के चलते पटरी से उतरे पर्यटन और फिल्म उद्योग को धीरे धीरे गति मिलने लगी है। एक तरफ उत्तराखंड के पर्यटक स्थल टूरिस्ट से गुलजार हो रहे हैं, वहीं फिल्मकार भी यहां शूटिंग के लिए खासी रुचि दिखा रहे हैं। फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखंड नया हब बन रहा है। प्रदेश की लोकेशन में फिल्म निर्माताओं की बढ़ रही इस रुचि को प्रोत्साहित कर उत्तराखंड में शूटिंग को आसान बनाने पर लगातार काम किया जा रहा है। जिससे उत्तराखंड की लोकेशन में शूटिंग के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही प्राचीन भवनों का जीर्णाेद्धार कर हम उन्हें पर्यटन के लिए खोलने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर फिल्म प्रोड्यूसर गिल्ड के अध्यक्ष नितिन आहूजा, पर्यटन विभाग के अपर निदेशक विवेक चौहान, वरिष्ठ शोध अधिकारी सुरेंद्र सिंह सामंत, उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी/संयुक्त निदेशक के एस चौहान, अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, चित्रांशी रावत, रूप दुर्गापाल सहित फिल्म क्षेत्र से जुड़े लोग उपस्थित थे।

भाजपा सरकार ने जितने शिलान्यास किए, उन सभी का लोकार्पण करना हैः सीएम

मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी पहली बार अपने गृह जनपद पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं में सीएम को देखकर खासा उत्साह नजर आया। मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को विकास के नजरिए से देश में नंबर वन बनाएंगे। राज्य में तेजी से बिजली, उद्योग व पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राजस्व में भी इजाफा होगा। बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने को कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

सीएम ने कहा कि राज्य में 22 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इससे राज्य के हाईवे बनेगे और विकास कार्य होंगे। भाजपा सरकार ने जितने भी शिलान्यास हुए हैं, उन सभी का लोकार्पण करना है। टनकपुर से बागेश्वर तक नैनोगेज के लिए सर्वे किया गया था, उसे ब्राडगेज के लिए सर्वे कराया जाएगा। कहा कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कार्य सात साल में किए हैं, वह बाकी वर्षों में किए गए कार्यों पर भारी है। नजूल भूमि पर मालिकाना हक व बाजपुर में 20 गांव के मामले का सामधान किया जाएगा। जसपुर से सुल्तानपुरपट्टी तक सड़क निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये मिले हैं। 2340 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने युवाओं में जोश भरा कि मिशन 2022 फतह करने के लिए कार्यकर्ता अभी से एकजुट हो जाएं। सभी कार्यकर्ता सीएम हैं और सभी कार्यकर्ता को काम मिले। कहा कि जल्द वात्सल्य योजना लांच किया जाएगा। विधायक राजकुमार ठुकराल ने सीएम को तलवार भेंट किया।

इस मौके पर जिला प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल, किच्छा विधायक राजेश शुक्ला, नानकमत्ता विधायक प्रेम सिंह राणा, काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा, भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, राजेंद्र बिष्ट, काशीपुर की मेयर ऊषा चैधरी, आशीष गुप्ता, भारत भूषण चुघ, विपिन जल्होत्रा, पूर्व सांसद बलराज पासी, गुरविंदर सिंह चंडोक आदि मौजूद थे।

पर्यटन को पटरी पर लाने को 200 करोड़ की घोषणा को लेकर सीएम से मिले परिवहन व्यवसायी, जताया अभार

स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। स्पीकर ने राज्य में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन और चार धाम यात्रा से संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मौके पर परिवहन व्यवसाय से जुड़े विभिन्न संगठनो के लोगों ने भी स्पीकर के संग मुख्यमंत्री से भेंटकर फूलमाला पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया।

अवगत करा दें कि 9 जुलाई को स्पीकर ने मुख्यमंत्री से भेंट कर राज्य के परिवहन एवं पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों को राहत पहुंचाने के संबंध में चर्चा वार्ता की थी। स्पीकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए परिवहन व्यवसायियों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। भेंटवार्ता के दौरान परिवहन व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री एवं स्पीकर को पौधे भेंटकर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।

स्पीकर ने कहा कि 200 करोड़ के राहत पैकेज से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन, होटल, परिवहन, पोर्टर समेत पर्यटन की अन्य गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों के साथ ही सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को राहत मिलेगी। कहा कि तीर्थाटन एवं पर्यटन उत्तराखंड राज्य की आर्थिक रीढ़ है, इस राहत सहायता से राज्य के लगभग लाखों लोगों को उनके बैंक खाते के माध्यम से सीधे राहत मिल सकेगी। स्पीकर ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के उपरांत दिये जाने वाला अब तक का किसी भी सरकार द्वारा सर्वाधिक राहत पैकेज है।

इस अवसर पर स्पीकर ने मुख्यमंत्री से विभिन्न विषयों पर वार्ता करते हुए विशेषतौर पर उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से प्रारंभ किए जाने की अनुमति के लिए गंभीरता से विचार किये जाने की बात कही। कहा कि चारधाम के कपाट खुले हुए काफी समय हो चुका है परंतु चारधाम यात्रा की अनुमति न मिलने से जहॉ एक और लाखों श्रद्धालु गण दर्शन से वंचित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर तीर्थाटन से जुड़े लाखों कारोबारियों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

इस अवसर पर यातायात और पर्यटन विकास सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष मनोज ध्यानी, रूपकुंड पर्यटन कंपनी के अध्यक्ष भोपाल सिंह नेगी, टीजीएमओसी के उपाध्यक्ष यशपाल राणा, यातायात संघ के संचालक मनोहर सिंह रौतेला, जीएमओ के पर्यटन अधिकारी अनिल वरगली, मोटर मजदूर संघ के सदस्य जगदीश नौटियाल, ऋषिकेश टूर ट्रेवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा, यातायात संघ के संचालक योगेश उनियाल, अरुण बडोनी आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंडः पर्यटन से जुड़े 50 हजार लाभार्थियों को 200 करोड़ रूपए का राहत पैकेज की घोषणा


देहरादून। प्रदेश में कोविड-19 के कारण विभिन्न पर्यटक गतिविधियों एवं चारधाम यात्रा की व्यवस्था में कार्यरत व्यक्तियों एवं उनके व्यवसाय पर सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में चारधाम की यात्रा एवं अन्य पर्यटक स्थलों के बन्द होने की वजह से होटल व्यवसाय, परिवहन व्यवसाय पोटर एवं अन्य गतिविधियाँ लगभग ठप्प हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज घोषणा की कि विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ऐसे क्षेत्रों में कार्यरत व व्यवसायरत् व्यक्तियों के बैंक खाते में सीधे धनराशि हस्तान्तरित करेगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों हेतु लाईसेंस शुल्क आदि पर भी छूट प्रदान की जायेगी। इससे लगभग 01 लाख 64 हजार लाभार्थी व परिवार लाभान्वित होंगे। इसके लिए लगभग 200 करोड़ की व्यवस्था की गई हैं। इस पैकेज से पर्यटन क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को मदद मिलेगी एवं राज्य की आर्थिकी में भी तेजी आयेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राहत एवं सहायता के अंतर्गत पर्यटन विभाग एवं अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन व्यवसाय की विविध गतिविधियों के संचालन में संलग्न व्यक्तियों को 2000 रूपये प्रतिमाह की दर से 06 माह तक आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी, जिसके तहत 50,000 लाभार्थी लाभान्वित होंगे। उत्तराखण्ड पर्यटन यात्रा व्यवसाय नियमावली के अन्तर्गत पंजीकृत टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10,000 रूपये की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी, जिससे 655 लाभार्थियों को इसका लाभ प्राप्त होगा। वहीं पंजीकृत 630 रीवर गाईडस को 10,000 रूपये की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

टिहरी झील के अन्तर्गत पंजीकृत 93 बोट संचालकों को रूपये 10,000 की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। पर्यटन विभाग में पंजीकृत और लाईसेंस नवीनीकरण शुल्क से भी छूट प्रदान की जायेगी, जिसमें 600 लाभार्थी लाभान्वित होंगे। कुल 301 पंजीकृत राफ्टिंग एवं एयरों स्पोर्टस सेवा प्रदाताओं को लाईसेंस नवीनीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। वहीं टिहरी झील के अन्तर्गत कुल 98 बोट संचालकों को नवीनीकरण में वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु नवीनीकरण शुल्क से छूट प्रदान की जायेगी। परिवहन विभाग के अन्तर्गत सार्वजनिक सेवायानों के चालकध्परिचालकध्क्लीनर को रू० 2000 की मासिक दर से कुल 06 माह आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इससे 103235 लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त होगा।

शहरी विभाग के अन्तर्गत नैनीताल जनपद के अन्तर्गत नैनी, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एवं सडियाताल में पंजीकृत कुल 549 बोट संचालकों को रू० 10,000 की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। शहरी विभाग के अन्तर्गत नैनीताल जनपद में नैनी झील के अन्तर्गत बोट नवीनीकरण शुल्क में 671 लाभार्थियों हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में छूट प्रदान की जायेगी।

सांस्कृतिक दलों का रूपये 2000 प्रतिमाह की प्रोत्साहन धनराशि 05 माह तक दी जायेगी। इससे 6500 लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। वन विभाग के अन्तर्गत ट्रैकिंग एवं पीक फीस पर छूट प्रदान की जायेगी। नैनीताल जनपद के अन्तर्गत नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एवं सडियाताल के अन्तर्गत बोट नवीनीकरण हेतु कुल 329 लाभार्थियों को शुल्क में वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु छूट प्रदान की जायेगी। वित्त विभाग के अन्तर्गत वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली एवं दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना हेतु ऋण पर 06 माह के लिये ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता प्रदान की जायेगी।

कोरोनाकाल के चलते प्रदेश का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऐसे में संकट की इस घड़ी में 200 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देकर सरकार ने पर्यटन उद्योग से जुड़े होटल मालिकों, सड़क किनारे के ढाबों, यात्राओं पर ले जाने वाले संचालकों और इस क्षेत्र से जुड़े हजारों अन्य लोगों को बड़ी राहत देने का काम किया है। पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों और व्यापारियों की ओर से हम सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।

– सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

पर्यटन से प्रदेश भर के लाखों लोगों की रोजी रोटी जुड़ी है। सरकार का 200 करोड़ रुपये का यह राहत पैकेज संकट की इस घड़ी में पर्यटन उद्योग में जान फूंकने का काम करेगा। जिसका लाभ पर्यटन से जुड़े टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों, बोट संचालकों, राफ्टिंग एवं एयरों स्पोर्टस सेवा प्रदाताओं सहित लाखों लोगों को सीधे तौर पर मिलेगा और पर्यटन को गति मिलेगी।

– दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव