महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए 55.75 करोड़ रूपये की स्वीकृति

राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लगातार प्रयास कर रही है। राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों को कोरोना के प्रतिकूल प्रभाव से उबारने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तकरीबन 55.75 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की है।
असंगठित ग्रामीण महिलाओं को संगठित करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से राज्य में ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’ संचालित की जा रही है। सरकार महिलाओं को समूह में छोटी-छोटी बचत करने तथा अपनी छोटी-मोटी जरूरतों की पूर्ति के लिए समूह में ही न्यूनतम दर पर लेन-देन हेतु सक्षम बनाने में सहयोग प्रदान कर रही है। लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना महामारी का प्रभाव इन समूहों की व्यवसायिक गतिविधियों पर भी पड़ा है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ 35 लाख रुपये की राशि का राहत पैकेज घोषित किया था। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसमें से महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिए 55.75 करोड़ का बजट जारी कर दिया है। उनका कहना है कि सूबे की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में स्वयं सहायता समूहों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इनसे मुख्यरूप से पहाड़ की लाखों महिलाएं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर हाल में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करती रहेगी। आयुक्त ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राहत पैकेज से 42989 महिला स्वयं सहायता समूहों को छह माह के लिए दो-दो हजार रुपये की दर से सहायता राशि दिया जाना, 30365 महिला स्वयं सहायता समूहों को पिछले वित्तीय वर्ष में लिये गए बैंक ऋण के ब्याज की प्रतिपूर्ति करना और 159 क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) को एकमुश्त 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देना शामिल है। इसके लिए कुल 84 करोड़ का बजट चाहिए जिसमें से मुख्यमंत्री ने फिलहाल 55.75 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

नारी शक्ति के मन में जो इच्छा होती है वह साकार करती है-पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से देश के विभिन्न प्रान्तो से जुड़ी महिला स्वंय सहायता समूह के साथ मन की बात में आत्म निर्भर नारी शक्ति से सीधे संवाद कर उनके द्वारा चलाये जा रहे ग्रोथ सेन्टर एवं अन्य क्षेत्र में किये जा रहे उत्पादों व उससे होने वाली आमदनी के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होने सभी महिलाओं को आगामी रक्षाबंधन की शुभकामनाऐं व बधाई दी।
उन्होने कहा कि इस योजना से देश के 8 करोड़ बहनो को जोड़ा गया है ताकि हमारी माता-बहने आत्म निर्भर बन सकें। प्रधानमंत्री ने ग्रोथ सेन्टरो से जुड़ी महिलाओं से अपने उत्पादो को ऑनलाईन के माध्यम से कम्पनियों के साथ तालमेल बनाये ताकि उत्पादित किये गये उत्पादों को अच्छा बजार मिल सकें। उन्होने कहा कि महिलाऐं अपने-अपने क्षेत्र में जो काम कर रही है उससे अलग भी समाज के लिये कोई नया कार्य करें जैसे स्वच्छता, कुपोषण, शिक्षा, आजीविका आदि के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करें ताकि अधिक से अधिक महिलाऐं स्वरोजगार से जुड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति के मन में कुछ करने का इच्छाशक्ति है तो वे कर सकती है। आप लोगों के सहयोग से आने वाले समय में भारत को पूर्ण आत्म निर्भर बनाया जा सकता है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने आत्म निर्भर नारी शक्ति के अन्तर्गत जनपद के उदय स्वंय सहायता समूह की संचालिका चन्द्रमणी दास से बात की। संचालिका द्वारा प्रधानमंत्री से बात करते हुये बताया कि समूह में 35 महिलाएं द्वारा बेकरी में खाद्य उत्पादो को बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत अभी तक 10 लाख से अधिक का समूह को लाभ हुआ है साथ ही कोविड-19 के दौरान महिलाओं द्वारा 08 माह में मंडुऐं से निर्मित 88 हजार बिस्कुट का पैकिट तैयार कर 89 लाख 32 हजार का टर्नओवर किया है। हर्ष जताते हुये समूह की संचालिका ने कहा कि आज समूह में काम करने के कारण प्रधानमंत्री से बात करने का सौभाग्य मिला है।
इस मौके पर जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू ने उपस्थित समूह की महिलाओं को बधाई दी। उन्होने कहा कि हमे यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री ने जनपद की महिला स्वंय सहायता समूह की महिलाओं से सीधे बात कर उन्हे बधाई व शुभकामना देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होने कहा कि इस संवाद से महिलाओं को एक अत्मबल एवं प्रेरणा मिलेगी और वे अपना काम और अधिक उत्साह के साथ करेंगी।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल, मेयर रामपाल सिंह, ब्लाक प्रमुख ममता जल्होत्रा, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगई, पीडी हिमाशु जोशी, डीडीओ डा. महेश कुमार सहित समूह की महिलायें आदि उपस्थित थे।

सरकार की कोशिश ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रूकेः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल में राजकीय इण्टर कॉलेज देवीखेत के हीरक जयन्ती समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के सम्मान में उनका स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने वाले हैं। प्रदेश की जनता से हमने वायदा किया था कि हम राज्य के विकास एवं भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलायेंगे। पीएमजीएसवाई में सबसे अधिक दस अवार्ड उत्तराखण्ड को मिले हैं। गांवों को सड़को से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने गंभीरता से प्रयास किये। देश में सड़कों के ग्रामीण संयोजन में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। जन सहयोग एवं सरकार की मंशा से विकास में तेजी आती है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में 17 विद्यार्थियों पर औसतन एक अध्यापक है, देश में छात्र-शिक्षक अनुपात में सबसे अच्छी स्थिति उत्तराखण्ड की है। आज रोजगार परक एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। दुनिया की डिमाण्ड के हिसाब से शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर बल देना होगा। उत्तराखण्ड में लगभग एक हजार विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 10 से कम है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को क्लब किया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इन तीन वर्षो में राज्य सरकार की कोशिश रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रूके। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पर्वतीय क्षेत्रों पलायन रूकना जरूरी है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को बिना ब्याज के एक लाख रूपये तक का ऋण तथा स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 05 लाख रूपये का ऋण दिया जा रहा है। गौचर मेले में सात दिन में साढ़े छः करोड़ रूपये का कारोबार हुआ, जिसमें से 61 लाख का कारोबार स्थानीय महिलाओं ने किया। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है, इस दिशा में उत्तराखण्ड में महिला स्वयं सहायता समूह अच्छा कार्य कर रहे हैं।