उच्चतम व एडवांस मेडिकल केयर के लिए एम्स ऋषिकेश को मिला बेस्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी अवार्ड

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश को उच्चतम एवं एडवांस मेडिकल केयर, उच्च गुणवत्तायुक्त अनुसंधान के उत्कृष्ट कार्यों के ​लिए बेस्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी 2020 अवार्ड से नवाजा गया है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने संस्थान की ओर से मरीजों को वल्र्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का संकल्प दोहराया।
देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल में एम्स ऋषिकेश को उत्तराखंड साइंस और टेक्नोलॉजी की ओर से बेस्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी अवार्ड 2020 प्रदान किया गया। एम्स ऋषिकेश को इस सम्मान से नवाजे जाने पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश अपनी उत्कृष्ट सेवाओं को 2021 व निकट भविष्य में भी विशेषरूप से समाज कल्याण एवं जन कल्याण के लिए सततरूप से जारी रखते हुए और आगे बढ़ाएगा।

निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार एवं साइंस एंड टेक्नोलॉजी संस्थान की ओर से एम्स संस्थान को दिया गया यह सम्मान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा शुरू की गई समस्त सेवाएं उत्तराखंड ही नहीं देश के कई अन्य राज्यों में जन-जन तक पहुंच रही हैं, साथ ही हमारा सतत प्रयास रहेगा कि प्रत्येक जनमानस हमारी सेवाओं से लाभान्वित हो, ऐसे में चाहे वह एडवांस उपचार हो या फिर गांव- गांव एवं घर- घर तक पहुंचने वाला आउटरीच प्रोग्राम हो, एम्स ऋषिकेश मरीजों की उच्चतम गुणवत्ता की केयर के लिए प्रतिबद्ध है।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में एक ओर उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च और शोध कार्य किए जा रहे हैं, वहीं मरीजों के हितों का ध्यान रखते हुए उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा भी प्रदान की जा रही है, इसके साथ ही उत्तराखंड की भौगोलिक पस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें एम्स परिसर में हेलीपैड सेवाएं एवं ट्रॉमा सेंटर, डायलिसिस यूनिट एवं कई मल्टी स्पेशलिटी यूनिट्स स्थापित कर दी गई हैं, जिसका सीधा उद्देश्य मरीजों को उच्च सुविधा एवं गुणवत्ता के साथ उपचार का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने इस सम्मान के लिए उत्तराखंड की समस्त जनता, सरकार एवं जनप्रतिनिधि का आभार व्यक्त किया है।

आयोजित अवॉर्ड सेरिमनी में वर्चुअल माध्यम से जुड़े संस्थान के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने इस पुरस्कार को प्राप्त कर हर्ष व्यक्त किया।
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि एम्स ऋषिकेश उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और शोध के साथ-साथ उच्च तकनीक द्वारा जनता के स्वास्थ्यहित का भी संपूर्ण ध्यान रखता है। उन्होंने बताया कि संस्थान ने वर्ष 2020 में कई ऐसे कार्य किए हैं, जो कि एम्स ऋषिकेश की प्रतिबद्धताओं को साबित करते हैं। उन्होंने आगे बताया कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए एम्स ऋषिकेश में अत्याधुनिक मशीन एवं उच्च गुणवत्ता का उपचार आदि उपलब्ध कराया गया है। इस अवसर पर संस्थान के आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार आदि मौजूद थे।

इमरजेंसी में उपचार को लाभकारी साबित हो रहा एम्स का हैलीपेड

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के हैलीपेड का आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों के मरीजों को सीधा लाभ मिलने लगा है। राज्य के सीमांत क्षेत्रों से पिछले 3 दिनों के भीतर ही आपात स्थिति के 4 मरीज उपचार के लिए एम्स अस्पताल पहुंच चुके हैं। जबकि इससे पूर्व भी एक मरीज को इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर एम्स लाया गया था।
आज दोपहर करीब एक बजे एयर एंबुलैंस के माध्यम से जनपद चमोली के लंगासू क्षेत्र से ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और अन्य बीमारियों से ग्रसित 55 वर्षीय एक कोविड पाॅजिटिव मरीज को एयरलिफ्ट कर एम्स लाया गया। जबकि दो दिन पूर्व बीते सोमवार को भी राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी, उनकी पत्नी रजनी भंडारी को भी हैली एंबुलैंस सेवा के माध्यम से दूरस्थ चमोली गढ़वाल से इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स लाया गया था।

इस बाबत एम्स ऋषिकेश के एविएशन एंड एयर रेस्क्यू इंचार्ज डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि दो महीने पहले पौड़ी जिला मुख्यालय से एक चिकित्सक को हैली एंबुलैंस से एम्स लाया गया था। जो कि स्ट्रोक की वजह से गंभीर स्थिति में थे। लिहाजा एयर एंबुलैंस सेवा के चलते उन्हें समय पर उपचार मिल पाया और स्वास्थ्य होने पर कुछ ही दिनों में उन्हें एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया था। डाॅ. उनियाल ने बताया कि हैली एंबुलैंस सुविधा को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने के लिए एम्स की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जिससे उत्तराखंड के गरीब से गरीब परिवारों को भी इस सुविधा का लाभ मिल सके।

एम्स ऋषिकेश को एयर एंबुलैंस सुविधा से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 अगस्त-2020 को एम्स के हैलीपेड का उद्घाटन किया था। भौतिक और तकनीकी तौर पर यहां हैलीपेड संचालन की अनुमति प्रदान करने से पूर्व 28 जुलाई को डीजीसीए की टीम द्वारा 6 सीटर हैलीकाॅप्टर की ट्राॅयल लैंडिंग भी की गई थी। अब एम्स ऋषिकेश में हैलीपेड की सुविधा होने से इमरजेंसी उपचार की आवश्यकता वाले मरीजों को इसका सीधा लाभ होने लगा है। इससे खासतौर से उन गंभीर मरीजों को त्वरित उपचार मिल पा रहा है जिन्हें सीमांत अथवा सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों से एयर लिफ्ट कर एम्स पहुंचाए जा रहे हैं।