गंगा तट पर आना, मेरे लिये सौभाग्यः उपराष्ट्रपति

अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडु तीर्थनगरी स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचे। योग फेस्टिवल को संबोधित करते हुये नायडु बोले इस पतितपावनी मां गंगा के तट पर आना मेरे लिये वाकई सुखद अनुभव है। मैं अपने को सौभाग्यशाली समझता हूं कि मैं यहां आया।

अपने संबोधन में कहा कि परमार्थ निकेतन ने दुनिया में योग को समझाने में अहम भूमिका निभाई है। योग तन, मन को संुदर बनाता है। इसके साथ ही लोगों को एकजुट होने का संदेश भी देता है।

उपराष्ट्रपति आगे बोले गंगा किनारे बसे ऋषिकेश में योग नदी, मन और हर जगह बसा हुआ है। भारत हमेशा से दुनिया को जानकारी देता है। दुनिया को शांति का सन्देश देता है। मोदी के प्रयास से पूरी दुनिया 21 जून को योग दिवस मनाती है। भगवान कृष्ण ने भी कर्म, भक्ति और ज्ञान योग की बात की। हमे भी इनका अनुसरण करना चाहिए।

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि योग के जरिये दुनिया मे शांति कायम की जा सकती है। आंतरिक शांति यानी मन की शांति योगा के जरिये ही मिल सकेती है। दुनिया में योग एक प्रकार से आपसी प्रेम को उजागर कर रहा है।

आज पूरा विश्व भारत को खासकर उत्तराखंड के ऋषिकेश को योग की राजधानी के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए भी योग करना जरूरी है। न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तनाव भी दूर होता है।

इस मौके पर राज्यपाल डा. केके पॉल, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, भगवती सरस्वती, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित भारी मात्रा में योग प्रशिक्षु, योगाचार्य, योग जिज्ञासु मौजूद रहे।