पेट्रोल की बोतल लेकर बुजुर्ग चढ़ा एम्स की छत, दी आत्मदाह की धमकी

पिछले 51 दिनों से एम्स से निष्कासित कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन ने सोमवार को नया मोड़ ले लिया। धरना का समर्थन कर रहे एक 56 वर्षीय बुजुर्ग एम्स की पांचवीं मंजिल की छत पर चढ़ गए और मांग पूरी न होने पर आत्महत्या की धमकी देने लगे। पुलिस ने किसी तरह उन्हें सात घंटे बाद नीचे उतारा। जहां 35 निष्कासित कर्मियों को पुनः आउटसोर्स में नियुक्ति देने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। वहीं पुलिस ने बुजुर्ग को शांतिभंग के आरोप में चालान काट कर एसडीएम के समक्ष पेश किया।

सोमवार को उस समय स्थानीय प्रशासन, एम्स प्रशासन और लोगों में हड़कंप मच गया। जब 56 वर्षीय दाताराम ममगाईं हाथ में पेट्रोल की बोतल लेकर एम्स की छत पर चढ़ गए। सुबह साढ़े छह बजे चढ़े बुजुर्ग दाताराम ने अपने पास किसी को फटकने तक नहींे दिया। इस बीच अनशनकारी कर्मचारी नीचे धरने पर बैठ गए। राज्यमंत्री भगतराम कोठारी के नेतृत्व में एम्स के उप निदेशक अंशुमन गुप्ता के साथ वार्ता हुई। मगर, वार्ता सफल नहीं हो सकी। इसके बाद मेयर अनिता ममगाई के नेतृत्व में पुनः बात करने की कोशिश की गई। मगर, वह भी बेनतीजा रही।

इसके बाद करीब डेढ़ बजे कोतवाल रितेश शाह पांचवी मंजिल की छत पर पहुंच गए और बड़ी ही चालाकी व सूझबूझ से काम लेते हुए बुजुर्ग दाताराम को पकड़ लिया। उन्होंने दाताराम के हाथ से पेट्रोल की बोतल छुड़ाई और नीचे ले आए। इसके बाद तीसरे वार्ता सुलेमान अहमद पद स्थापना एम्स के साथ की गई। इस बैठक में तहसीलदार रेखा आर्य भी मौजूद रही।

यहां निष्कासित 35 कर्मचारियों को पुनः आउटसोर्स से काम पर वापस रखने पर सहमति बन सकी। इसके बाद पुलिस दाताराम को करीब सवा दौ बजे कोतवाली ले गए। यहां दाताराम का शांतिभंग के आरोप में चालान कर एसडीएम प्रेमलाल के समक्ष पेश किया गया।