श्रीमद्भागवत कथा कभी सम्पूर्ण नही होती, विश्राम के बाद दूसरे स्थान में शुरु हो जाती है-व्यास

गुमानीवाला कैनाल रोड़ गली नम्बर 6 में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ विधिविधान एवं शांति पूर्वक सम्पन्न हो गयी। इस अवसर पर कथा व्यास वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप आचार्य ने कहा कि प्रभु नाम संकीर्तन कथाएं कभी सम्पूर्ण नहीं होती बस स्थान परिवर्तन होता है। इसलिए कथा विश्राम लेती हैं। कथा विश्राम के अवसर पर ग्रामीणों ने कथा व्यास सहित कथा में सम्मिलि आचार्यों का अंग वस्त्र भेंटकर सम्मान किया।
कथा विश्राम के बाद भव्य भण्डारे का आयोजन किया गया। कथा के समापन पर ग्रामीणों ने राष्ट्रीय कथा वक्ता कथा व्यास वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप नौटियाल को सम्मानित कर राज्य के वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ के साथ विदाई दी।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान, आचार्य दिल मणि पैन्यूली, दर्शन लाल सेमवाल, दिनेश खण्डूरी, शिव प्रसाद सेमवाल, आचार्य महेश पन्त, उदय पैन्यूली, जगदीश नौटियाल, प्रमोद चौहान, धनी राम नौटियाल, नंद लाल यादव, रोशन लाल बेलवाल, विजय राम जोशी, पुष्कर सिंह रावत, मंगला देवी नौटियाल, अनुराधा, रेखा सिलस्वाल, शोभा नेगी, मंगसिरी रावत, सविता रतूड़ी, शिवि रतूड़ी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।