तीर्थनगरी की गौरांगी ने सीबीएसई 12वीं परीक्षा में देश में दूसरा व उत्तराखंड में किया टॉप

तीर्थ नगरी की गौरांगी चावला ने ऑल इंडिया सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 498 अंक प्राप्त कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है जबकि प्रदेश में टॉप किया है।

चंद्रेश्वर नगर निवासी श्वेता चावला और अनिल चावला की छोटी पुत्री गौरांगी चावला ने अंग्रेजी में 99, पॉलीटिकल साइंस में 99 और इतिहास, फिजिकल एजुकेशन तथा जियोग्राफी विषय में 100 अंक प्राप्त किए हैं। उत्तराखंड टॉपर गौरांगी के पिता अनिल चावला व्यवसाय तथा माता श्वेता चावला घरेलू महिला है। परिवार में दादी दर्शना देवी, बड़ी दीदी अर्पणा चावला भी है।

गौरांगी चावला ने बताया कि प्रतिदिन वह 05 घंटे पढ़ाई करती थी। परीक्षा के दौरान उन्होंने पढ़ाई का समय बढ़ाकर 09 घंटे कर दिया। गौरांगी ने दसवीं की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।

पढ़ाई को बोझ न समझे बल्कि रुचि लेः गौरांगी
बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए गौरांगी ने कहा कि हमेशा चिंता मुक्त रहें, पढ़ाई को कभी भी बोझ ना समझे। बल्कि इसमें रुचि लें। जब भी मन करे पढ़ाई को समय अवश्य दें।

आईएएस ऑफिसर बनकर देश सेवा करना चाहती है गौरांगी
सीबीएसई 12वीं की उत्तराखंड टॉपर गौरांगी चावला का सपना है कि वह आगे चलकर देश सेवा करें इसके लिए वह आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय या पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला लेंगी।

खाली समय में पालतू जानवर के साथ रहती है गौरांगी
पढ़ाई के अलावा जब भी गौरांगी खाली रहती है वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक्टिव रहती हैं। साथी अपने पालतू जानवर कुत्ते के साथ समय बिताती हैं।

दिवंगत दादा को मानती हैं अपना प्रेरणास्रोत
उत्तराखंड टॉपर गौरांगी चावला अपना प्रेरणास्रोत दिवंगत दादा स्व. केएल चावला को मानती है उनके दादा स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड थे जिनका पिछले वर्ष देहांत हो गया।

अपना बेस्ट दिया था सोचा नहीं था मेरिट पर आऊंगी
गौरांगी चावला का कहना है कि परीक्षा से पहले उन्होंने अपने सभी विषयों की करीब 5 बार अच्छे से तैयारी की थी। परीक्षा मैं भी उन्होंने अपना 100ः दिया था मगर यह उम्मीद नहीं थी कि मेरिट पर आएंगी।

सफलता का श्रेय माता को देती हैं गौरांगी
अपनी सफलता का श्रेय गौरांगी सभी को देना चाहती हैं मगर विशेषकर वह अपनी माता का शुक्रिया अदा करती हैं। उन्होंने बताया की माता ने उनकी पढ़ाई में साथ देने के लिए बहुत समझौते किए हैं। खान-पान से लेकर देखभाल तक किसी भी चीज में कोई कमी नहीं की है।