उत्तराखंड राज्य आंदोलन दुनिया के अन्य आंदोलन से अलग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल झूलाघर, मसूरी में 02 सितम्बर 1994 को मसूरी गोली कांड में शहीद हुए आन्दोलनकारियों स्व0 बेलमती चौहान, स्व0हंसा धनई, स्व0बलबीर सिंह नेगी, स्व0 धनपत सिंह, स्व0 मदन मोहन ममगाई एवं स्व0 राय सिंह बंगारी को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए इन जाबांजों के बलिदान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन दुनिया के अन्य आन्दोलनों से अलग रहा है। इस आन्दोलन में मातृशक्ति एवं सैनिक पृष्ठभूमि की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह एक ऐसा आन्दोलन था जो लगातार चलता रहा। आन्दोलन के दौरान इसमें कभी भी ब्रेक नहीं लगा। इस आन्दोलन में प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति की किसी न किसी रूप में भागीदारी रही। प्रेस ने भी समाचार पत्रों के माध्यम से इस आन्दोलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी की आबादी 50 हजार है जबकि प्रतिवर्ष यहां 30 लाख पर्यटक आते हैं। पार्किंग की छमता कम है इसके लिए पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ ही मोनो रेल पहुंचाने के लिए योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियो के सपनों को साकार करने के लिए जैसा राज्य वे चाहते थे उसके अनुरूप हमें राज्य के विकास को आगे बढ़ाना होगा। राज्य के विकास के लिए पलायन को रोकना, रोजगार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना होगा। पलायन को रोकने एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए 13 डिस्ट्रिक 13 न्यू डेस्टिनेशन पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है। कृषि और उद्योगों के विकास के लिए भी निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि देहरादून में एक संस्कृति ग्राम विकसित किया जा रहा है। जिसमें सम्पूर्ण उत्तराखण्ड की झलक एक साथ दिखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती हमारा आधार है इसके लिए चकबन्दी का कार्य शुरू किया जा रहा है। चकबंदी के लिए एक हजार पटवारियों की भर्ती की जायेगी तथा रिटायर तहसीलदारों की नियुक्ति की जायेगी। स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुगम बनाने के लिए आर्मी से डॉक्टरों की मांग की जा रही है। 71 डाक्टरों ने जिसमें सहमति भी जताई है। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल मसूरी के निकट हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की प्रतिमा का अनावरण भी किया।