मोर्चा ने जम्मू और कश्मीर बनने से बचाने को आखिर क्यों दिया ज्ञापन

जन संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी नेतृत्व में तहसील घेराव/प्रदर्शन कर बेरोजगारों के आंदोलन को फंडिंग करने वाले व पत्थर बरसाने वाले पत्थरबाजों को चिन्हित कर इनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी, विकासनगर को सौंपा। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेगी ने कहा कि लगभग 20-25 दिन पहले एसएसपी/डीआईजी, देहरादून दिलीप सिंह कुंवर ने दावा किया था कि बेरोजगार आंदोलन को कुछ कोचिंग सेंटस व राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं द्वारा किसी खास मकसद से फंडिंग की गई, लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी पुलिस मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई, जोकि अपने आप में एक सवालिया निशान खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि उक्त फंडिंग मामले का पर्दाफाश होना देशहित में बहुत जरूरी है। अगर इसी प्रकार फंडिंग के माध्यम से आंदोलन हुए तो उत्तराखंड जैसे प्रदेश को जे एंड के जैसा प्रदेश बनने में देर नहीं लगेगी। अगर आंदोलन में कोई फंडिंग नहीं हुई है तो डीआईजी का बयान निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है।
नेगी ने कहा कि फंडिंग के माध्यम से आंदोलन करने को उकसाने वाले व पत्थरबाजों के आकाओं/साजिशकर्ताओं पर भी रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन की नाकामी के चलते बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की नौबत आई, जिसकी मोर्चा घोर निंदा करता है एवं पुलिस-प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से करता है।
घेराव/प्रदर्शन में विजय राम शर्मा, विनय कांत नौटियाल, हाजी असद, सलीम (मुजीब-उर-रहमान), बृजलाल टम्टा, के.सी. चंदेल, भजन सिंह नेगी, जयकृत नेगी, जयदेव नेगी, इदरीश, प्रवीण शर्मा पिन्नी, अमित जैन, रहबर अली, किशन पासवान, भगत सिंह नेगी, विक्रम पाल, मुकेश पसबोला, रूपचंद, शहजाद, राजेंद्र पंवार, नरेंद्र तोमर, आशीष सिंह, दीपांशु अग्रवाल, दिनेश राणा, इंतजार अली, अमित कुमार, गोविंद सिंह नेगी, सलीम मिर्जा, गुरविंदर सिंह, सुशील भारद्वाज, मनोज राय, संजय पटेल, कुंवर सिंह नेगी, संगीता चौधरी, प्रदीप सिंह, नीरज ठाकुर, प्रमोद शर्मा, देव सिंह चौधरी, चौधरी मामराज, प्रवीण कुमार, मो. आसिफ, जयपाल सिंह, फकीर चंद पाठक, विनोद रावत, सुरजीत सिंह, मदन सिंह, संध्या गुलेरिया आदि मौजूद रहे।