सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब उत्तराखंड सरकार सुभारती मेडिकल कॉलेज को चलायेगी। गुरूवार को प्रशासन और पुलिस ने कॉलेज को सील कर दिया।
विदित हो कि दो साल पूर्व मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने सुभारती मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर तमाम खामियां पाई थी। इस पर एमसीआई ने कॉलेज की मान्यता का आवेदन स्वीकार नहीं किया था। 30 अगस्त 2017 को कॉलेज प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एमबीबीएस में दाखिले कराने की अर्जी दायर की। इस पर कोर्ट ने एक सितंबर 2017 में दाखिले के आदेश जारी किये थे।
मगर, इसके बाद मनीष वर्मा नाम के व्यक्ति ने खुद को सपंत्ति का मालिक बताकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। वहीं, कॉलेज के छात्रों ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यह सभी छात्र कॉलेज की मान्यता को लेकर आशंकित थे। छात्रों ने स्वयं को अन्य कॉलेज में भेजने की याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और मेडिकल कांउसिल आफ इंडिया का पक्ष जाना।
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि उक्त संपत्ति श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज की है ही नहीं। कॉलेज संचालकों ने कोर्ट में गलत तथ्यों को पेश किया। इसके बाद न्यायधीश रोहिंटन फली नरीमन व एमआर साह की पीठ ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को आदेश दिए कि कॉलेज को तत्काल सील किया जाये। साथ ही एमसीआई के नियमों के अनुरूप एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाए। फैकल्टी व अन्य आवश्यक संसाधन की पूर्ति भी राज्य सरकार के स्तर पर की जाएगी।