मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र भारत का पहला प्रशिक्षण केंद्र हैं। पॉलीटेक्निक कॉलेजों का सेलेक्शन कर उनमें भी ड्रोन एप्लीकेशन प्रोग्राम द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा। साईबर सुरक्षा केंद्र की स्थापना से प्रदेश में साईबर क्राइम पर नजर रखने एवं अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी। यह बात मुख्यमंत्री ने देश के पहले ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन समारोह के दौरान कही।
एनटीआरओ के अध्यक्ष आलोक जोशी ने कहा कि साईबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन एप्लिकेशन स्मार्ट पुलिस का एक कान्सेप्ट है। देहरादून में साईबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर बनाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि साईबर सिक्योरिटी किसी एक संस्था के भरोसे नहीं चल सकता है। इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। एनटीआरओ हमेशा पुलिस को सहयोग करने के लिए तैयार है। यह सेंटर आने वाले समय में ड्रोन एक्टिविटी एवं रिसर्च के लिए हब बनेगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि साईबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है। साईबर क्राइम से बचने के लिए उत्तराखण्ड के सामने अनेक चुनौतियां हैं। ड्रोन एप्लिकेशन अनुसंधान केन्द्र एवं साईबर सुरक्षा केन्द्र की स्थापना से उत्तराखण्ड को इस क्षेत्र में अच्छा अवसर मिला है।
ड्रोन अनुसंधान प्रयोगशाला एवं प्रशिक्षण केन्द्र के लिए उत्तराखण्ड सरकार एवं एनटीआरओ के बीच दिसम्बर, 2017 में एमओयू हस्ताक्षर किया गया। जिसमें ड्रोन अनुप्रयोग एवं अनुसंधान के लिये अत्याधुतिक केन्द्र की स्थापना ड्रोन संचालन हेतु उच्च तकनीकी के प्रशिक्षण सुविधा केन्द्र की स्थापना, वन सर्वेक्षण, आपदा राहत एवं बचाव संचालन क्षेत्र में ड्रोन अनुप्रयोग को विकसित कर सामर्थ्य बनाने में तकनीकी सुविधा प्रदान करना है। ड्रोन अनुसंधान प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से सरकार, छात्रों, पुलिस, वन, आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जायेगा। ड्रोन प्रयोगशाला के माध्यम से कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षा बल संचालन हेतु रियलटाइम सैटलाइट सूचना एकत्रित करने, वनों पर नजर रखने, वन तस्करों पर निगरानी रखने तथा आपदा प्रबन्धन इत्यादि में मदद प्राप्त होगी।
साईबर सिक्योरिटी प्रशिक्षण केन्द्र के लिये उत्तराखण्ड सरकार एवं राष्ट्रीय क्रिटिकल इनफॉरमेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर, भारत सरकार के मध्य दिसम्बर-2017 में एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। महत्वपूर्ण सूचना अवस्थापना एवं कार्यस्थल पर साईबर स्वच्छता को बेहतर करने में सहयोग प्रदान करना है। इसके अन्तर्गत पुलिस, सूचना प्रौद्योगिकी, सरकारी कार्मिकों एवं छात्रों को साईबर अपराध जाँच तथा साईबर सुरक्षा की बारीकियों पर प्रशिक्षित किया जायेगा।
इससे राज्य तथा देश में बढ़ते साईबर अपराध, साईबर धोखाधड़ी, साईबर धमकियों को पकड़ने में मदद मिलेगी तथा साथ ही राष्ट्र एवं राज्य में साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन एवं साईबर अपराध जाँच एवं फरेन्सिक में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस संचार प्रशिक्षण केन्द्र में डिजिटल इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग एवं एनालिसिस सेंटर का उद्घाटन एवं निरीक्षण किया।