ऋषिकेश।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के सिक्योरिटी बूथ में 12 लाख 81 हजार रुपये के 1000 और 500 के प्रतिबंधित नोट के साथ पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया।
पुलिस के अनुसार रविवार को दिल्ली नंबर की एक कार से दो लोग एम्स परिसर पहुंचे। वहां वे गेट नंबर तीन पर बने बूथ में सिक्योरिटी कर्मियों को प्रतिबंधित नोट बांटने लगे। सूचना पर कोतवाल वीएस गुसाई और आइडीपीएल चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने मौके पर पहुंचकर कार को कब्जे में लिया। साथ ही दोनों लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मामले की सूचना आयकर विभाग के अधिकारियों को दी। रात करीब साढ़े नौ बजे आयकर विभाग के निरक्षक देवेंद्र कुमार और विपिन भट्ट ने पुलिस के सामने कार की तलाशी ली तो उसमें 1000 और 500 के पुराने नोट 12 लाख रुपये मिले।
पुलिस ने बताया कि कार सवार लोग खुद को सिक्योरिटी एजेंसी के अधिकारी बता रहे हैं। उनका कहना है कि वह एम्स में तैनात करीब ढाई सौ सुरक्षा कर्मियों को वेतन देने आए थे। पुलिस उपाधीक्षक चक्रधर प्रसाद अंथवाल ने बताया कि संबंधित एजेंसी से जुड़े कुंदन कुमार सिंह और अजय कुमार सिंह से पूछताछ की गई है, दोनों के बयान दर्ज किए गए हैं। इस मामले में आयकर अधिकारियों की जाच रिपोर्ट मिलने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा। फिलहाल दोनों लोगों को कार सहित छोड़ दिया है।
वहीं एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि उपाधीक्षक को मामले की गहनता से जांच के निर्देश दिए गए हैं। इस बारे में संपर्क करने पर एम्स के लेखा विभागाध्यक्ष कृष्णकांत ने बताया कि एजेंसी कर्मियों को वेतन बांटने का जिम्मा एजेंसी का है। जिसमें एम्स का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
कहीं काला धन सफेद तो नहीं हो रहा
एम्स ऋषिकेश में वर्तमान में उक्त सिक्योरिटी एजेंसी के अधीन ढाई सौ कर्मचारी कार्यरत हैं। सामान्यतया माह के प्रथम सप्ताह में सिक्योरिटी कर्मचारियों को वेतन वितरण किया जाता है। इस बारे दूसरे सप्ताह के अंत में वेतन बांटने का तर्क भी सवाल खड़े कर रहा है।
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