सीएम धामी ने किए बाबा केदारनाथ के दर्शन, पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाबा केदारनाथ के दर्शनों को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली एवं विश्व कल्याण की कामना की। इसके बाद उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की।

एक दिवसीय दौरे पर बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे, आईजी पुलिस गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा ने वीआईपी हैलीपैड पर उनका स्वागत किया। इसके बाद, मुख्यमंत्री तीर्थ पुरोहित समाज एवं मुख्य पुजारी से मिले। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ मंदिर में प्रवेश कर विशेष पूजा अर्चना एवं रुद्राभिषेक कर संपूर्ण विश्व एवं मानवता के कल्याण की कामना की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के सतत विकास के लिए भी बाबा केदार से आशीर्वाद मांगा। करीब 20 मिनट पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने धाम में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों का अभिवादन कर श्रावण मास की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग का आशीर्वाद प्राप्त किया, साथ ही तीर्थ पुरोहितों के साथ धाम में चल रहे निर्माण एवं अन्य कार्यों के संबंध में चर्चा कर सुझाव मांगे। उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने एवं गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए समयबद्धता के साथ सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीकेटीसी योगेन्द्र सिंह, प्रभारी कार्यकारी अधिकारी आरसी तिवारी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, अनूप सेमवाल, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी, उमेश पोस्ती, केशव तिवारी, दिनेश बगवाड़ी सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी एवं तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।

राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे सीएम, लिया प्रदेश में बारिश की स्थिति का जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटी पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की स्थिति का जायजा लेते हुए अधिकारियों को हर समय अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि वे निरन्तर जिलाधिकारियों से समन्वय बना कर रखें। नदियों के जल स्तर पर नियमित निगरानी बनाए रखें।

मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से जिलाधिकारी नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, देहरादून से फोन के माध्यम से वार्ता कर बारिश की स्थिति, सड़कों की स्थिति, विद्युत और पेयजल की उपलब्धता तथा जलभराव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिवृष्टि के कारण यातायात बाधित न हो, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र खुलवाया जाए। जल भराव की स्थिति में निकासी की उचित व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि नदियों के जल स्तर बढ़ने की स्थिति में नदी किनारे एवं अन्य संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि हर जिले की अतिवृष्टि की स्तिथि पर निरन्तर नज़र बनाए रखें। जिलों के साथ परस्पर समन्वय स्थापित करें, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति से निपटा जा सके। राज्य के विभिन्न संवेदनशील इलाकों, अत्यधिक बारिश एवं आपदा ग्रस्त वाले इलाकों को लेकर भी विशेष नज़र बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा को लेकर किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाए। रिस्पांस टाईम कम से कम रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

इस अवसर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव आनन्द स्वरूप एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

शीघ्र आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण कराया जाएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसून सत्र, 2024 के दृष्टिगत राज्य आपदा मोचन निधि के तहत होने वाले मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए राज्य के समस्त जिलाधिकारियों के निवर्तन पर ₹ 10 करोड़ की दर से कुल ₹ 130 करोड़ (रू० एक सौ तीस करोड़ मात्र) की धनराशि स्वीकृत करते हुए सचिव, आपदा प्रबन्धन विभाग को निर्देशित किया गया है कि तत्काल उक्त धनराशि जनपदों को आवंटित की जाय। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि मरम्मत एवं पुनर्निर्माण मद में स्वीकृत की गयी धनराशि से शीघ्रताशीघ्र आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण कराया जाय एवं इसमें किसी प्रकार का विलम्ब स्वीकार्य नहीं होगा।

विगत दिनों मानसून को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि आपदा के तहत होने वाले कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के कार्यों में जितनी धनराशि की आवश्यकता है, उसे तत्काल सभी जनपदों को दिया जाए। इसी क्रम में गुरुवार को शासन द्वारा एसडीआरएफ मद से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिये ₹ 130.00 करोड़ स्वीकृत कर दिये गये हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और सभी विभागों की पुख्ता तैयारी है। सरकार का मंतव्य स्पष्ट है कि आपदाओं के चलते आम जनमानस को कम से कम मुश्किलों का सामना करना पड़े। इसी लक्ष्य के साथ सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा है कि आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों को तत्परता के साथ संपादित किया जा रहा है। आपदा संबंधी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मानसून सीजन में आम लोगों को बिजली, पानी, खाद्यान्न, चिकित्सा आदि से संबंधित किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग लगातार हालात की निगरानी कर रहा है। राज्य व जनपद स्तर पर आपातकालीन परिचालन केंद्र 24 घंटे कार्यरत हैं और आम जनता को राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

सीएम ने किया अमर शहीदों को समर्पित हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र अब राज्य आंदोलन के साथ ही अमर शहीदों के बलिदान की गाथा से भी परिचित होंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक प्रकाशित की गई है, जिसे कक्षा छह से आठ तक सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक राज्य की युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य के साथ संस्कृति के विविध आयामों से परिचित कराने में मददगार होने के साथ राज्य की महान विभूतियों के जीवनी से परिचित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास वहां के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। इसमें शिक्षकों की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। बच्चों को जीवन में आगे बढाने में उनका अमूल्य योगदान रहता है। बच्चों को किस प्रकार बेहतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान की जाय यह दायित्व भी विभाग के साथ शिक्षकों को निभाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा इसे बढावा देने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।

महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया, बाल साहित्य के रूप में छात्रों के हित में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को राज्य के प्राकृतिक स्थलों, वेशभूषा, खानपान और अपनी संस्कृति की जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक कक्षाओं में छात्र श्रीदेव सुमन, तीलू रौतेली सहित अनेक महान विभूतियों के बारे में पढ़ेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी यह पुस्तक आधार बनेगी। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को राज्य की धार्मिक, एतिहासिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित होंगे।

महानिदेश शिक्षा ने बताया कि एससीईआरटी की ओर से कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं के लिए ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक प्रकाशित करने के बाद इसी प्रकार अब कक्षा नौ और 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाएगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. प्रेमचन्द अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव विनय शंकर पाण्डेय, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड बंदना गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

टिहरी डीएम ने ली पत्रकारों की समस्याओं को लेकर जिला स्तरीय पत्रकार स्थायी समिति की बैठक


जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में ‘‘जिला स्तरीय पत्रकार स्थायी समिति‘‘ की बैठक आहूत की गई, जिसमें प्रशासन एवं प्रेस के संबंधों को अधिक सशक्त बनाने, शासन-प्रशासन की उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से प्रचारित-प्रसारित करने एवं पत्रकार उत्पीड़न/समस्याओं के निराकरण पर चर्चा की गई।

जिला कलेक्ट्रेट के वीसी कक्ष में आयोजित बैठक में समिति के सदस्यों ने बताया कि जनपद में पत्रकार उत्पीड़न का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। सदस्यों ने जनहित एवं पत्रकारों से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए उत्तराखण्ड संकटाग्रस्त वयोवृद्ध पत्रकार पेंशन योजना में शिथिलीकरण करने, मान्यता प्राप्त पत्रकारों को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की तर्ज पर टीजीएमओ की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा मुहैया कराने, पर्वतीय जनपदों से प्रकाशित समाचार पत्रों को सजावटी विज्ञापन का अतिरिक्ति रूप से लाभ दिये जाने की मांग की गई। जिलाधिकारी ने जिला सूचना अधिकारी को सदस्यों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु उच्च स्तर पर पत्राचार करने के निर्देश दिये।

इस मौके पर समिति के सदस्यों द्वारा नशामुक्त ग्रामीण बाजार बनाये जाने तथा जामणीखाल बाजार में संबंधित विभाग के माध्यम से सड़क पर नाली निर्माण करवाये जाने का अनुरोध किया गया। जिलाधिकारी ने नशामुक्त ग्रामीण बाजार को लेकर एएसपी को जामणीखाल में रेण्डमली चेंकिंग कर चालान की कार्यवाही करने को कहा गया। सभी कार्य व्यवस्थित रूप से हो सके और मीडिया की स्वतंत्रता भी बरकरार रहे तथा समाज को सही दिशा मिल सके, इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रेस प्रतिनिधियों से सहयोग की अपेक्षा की गई।

बैठक मंे समिति के सदस्य एएसपी जे.आर. जोशी, दया शंकर पाण्डेय (संपादक साप्ताहिक तरूण हिन्द), सूर्य चन्द्र सिंह चौहान, (संपादक साप्ताहिक अन्तरिक्ष टाइम्स), शीशपाल सिंह रावत (संपादक साप्ताहिक नदी, घाटी एवं पहाड़), अरविन्द नौटियाल, संवाददाता सहारा समय टी.वी., सदस्य सचिव/प्रभारी डीआईओ भजनी भण्डारी, कनिष्ठ सहायक सूचना कार्यालय धीरेश सकलानी उपस्थित रहे।

उत्तराखंडः राज्य में लगभग 5000 होमस्टे को किया जायेगा ऑनलाइन

उत्तराखंड में होमस्टे के लिए बुकिंग अब www.uttarastays.com पर की जा सकती है। किसी भी राज्य में पर्यटन विभाग द्वारा यह पहली ऐसी पहल है जहां राज्य प्रायोजित होमस्टे बुकिंग पोर्टल लॉन्च किया गया है।

सचिव पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद सचिन कुर्वे ने बताया कि राज्य में होमस्टे के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने हेतु यह तीन-आयामी रणनीति, जिसमें सब्सिडी के माध्यम से सहायता, होमस्टे मालिकों को कौशल प्रशिक्षण और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बुकिंग एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने सभी होमस्टे मालिकों को अपने होमस्टे को पोर्टल पर पंजीकृत कराने के लिए भी आमंत्रित किया है। उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म पर होमस्टे को रेटिंग भी दे सकते हैं जिसके माध्यम से होमस्टे संचालकों को उनकी सेवाओं पर वास्तविक प्रतिक्रिया मिलेगी, इससे उन्हें अपनी सेवाओं में सुधार करने का अवसर भी प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि भविष्य में होमस्टे को विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित वेलनेस सेंटरों के साथ जोड़ने की भी योजना है ताकि पर्यटकों को योग, प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म, आयुर्वेदिक मसाज आदि जैसी सेवाओं का भी लाभ मिल सके।

राज्य में पर्यटन को बढावा देने के लिये होमस्टे योजना प्रभावी माध्यम है। होमस्टे बुकिंग पोर्टल की शुरूआत, होमस्टे संचालकों की आर्थिकी को भी मजबूत करने वाला प्रयास है। इस पोर्टल से आम जनता को होमस्टे के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराने के साथ होमस्टे को ऑनलाइन बुक करने में सुविधा होगी। यह पहल होमस्टे मालिकों को बुकिंग के लिए एक ऑनलाइन माध्यम प्रदान करने का भी प्रयास है।

पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड

इस ऑनलाइन पोर्टल के साथ पर्यटन विभाग द्वारा होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए एक और आयाम जोड़ा गया है। इससे होमस्टे के मालिक होमस्टे के बारे में जानकारी प्रदान करके और इसके लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करके अपने होमस्टे को इस पोर्टल पर बुकिंग हेतु पंजीकृत कर सकते हैं। उत्तराखंड पर्यटन विभाग विभिन्न पर्यटन संबंधी गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। और यह पहल होमस्टे मालिकों को बिना किसी शुल्क के एक ऑनलाइन माध्यम प्रदान कर उनके राजस्व को बढ़ाने की दिशा में एक सशक्त और महत्वपूर्ण कदम है।

सतपाल महाराज
पर्यटन मंत्री

धामी कैबिनेट में यह रहे अहम फैसले, आप भी जानिए…

मुख्यमंत्री सहित सभी कैबिनेट मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक से पूर्व, कठुआ (जम्मू) में शहीद हुए उत्तराखण्ड के पांच जवानों एवं दिवंगत विधायक श्रीमती शैला रानी रावत को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

1 राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास निगम उत्तराखण्ड लि० (सिडकुल) के स्थायी कार्मिकों को राज्य सरकार के कार्मिकों के अनुरूप 7वें वेतनमान की संस्तुतियों के आधार पर पुनरीक्षित मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

2 कृषि सम्बन्धी क्रिया-कलापों के प्रयोजनार्थ कृषकों द्वारा लिए गए रू0 5.00 लाख तक के ऋणों हेतु निष्पादित बन्धक विलेखों पर स्टाम्प शुल्क प्रभार्य न लिए जाने संबंधी निर्णय।
वर्तमान में राज्य के किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मा० मंत्रिमण्डल द्वारा कृषि सम्बन्धी क्रिया-कलापों के प्रयोजनार्थ कृषकों द्वारा लिए गए रू0 5.00 लाख तक के ऋणों हेतु निष्पादित बन्धक विलेखों पर भविष्य में स्टाम्प शुल्क प्रभार्य न लिए जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया है।

3 राज्य सरकार द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से महंगाई भत्ते की दरें 50 प्रतिशत किये जाने के आधार पर केन्द्र सरकार की भॉति दिनांक 01 जनवरी, 2024 से सेवानिवृत्तिक ग्रेच्युटी और मृत ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा रूपये 25.00 लाख किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा उल्लिखित व्यवस्था के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से महंगाई भत्ते की दरें 50 प्रतिशत किये जाने के आधार पर केन्द्र सरकार की भाँति दिनांक 01 जनवरी, 2024 से सेवानिवृत्त एवं मृत कर्मचारियों हेतु ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए रूपये 20.00 लाख (रुपये बीस लाख मात्र) से बढ़ाकर रूपये 25.00 लाख (रूपये पच्चीस लाख मात्र) किये जाने का लिया गया निर्णय।

4 उत्तराखण्ड राज्य में डिजिटल ई-स्टाम्पिंग / पेपरलैस ई-स्टाम्पिंग शुरू किये जाने निमित्त भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 की अनुसूची-1 ख में वर्णित उत्तराखण्ड राज्य में लागू गैर पंजीकरण योग्य 17 अनुच्छेदों को उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) (संशोधन) नियमावली, 2023 में सम्मिलित किये जाने का लिया गया निर्णय। इसमें आम जन को बैंक ऋण, बैंक गारण्टी, बन्धक इत्यादि के लिये स्टाम्प विक्रेता से स्टाम्प क्रय नहीं करना पड़ेगा, बैंक सम्बन्धी कार्यवाही बैंक के पटल पर ही सम्पादित हो जायेगी, स्टाम्प क्रय की सुविधा बैंक को अपने ही परिसर में उपलब्ध होगी, उक्त प्रणाली के प्रवृत्त होने से बैंक में प्रयुक्त होने वाले अभिलेख यथाविधि स्टाम्पिंग होंगे एवं बैंक ऋण इत्यादि में प्रयुक्त होने वाले स्टाम्प का विवरण विभाग के पास उपलब्ध होने के कारण भूमि के क्रय-विक्रय में धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा, जिससे विभाग की आय में भी वृद्धि होगी एवं स्टाम्प का लेखा उचित तरीके से संकलित होगा।

5 राज्य में बाह्य सहायतित परियोजनाओं की स्वीकृत्ति, संचालन, पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण के लिए पूरे राज्य में एक समान व्यवस्था बनाये जाने के दृष्टिगत मार्गदर्शी सिद्धान्त एवं वित्तीय / प्रशासनिक अधिकारों के प्रतिनिधायन के सम्बन्ध में व्यवस्था का निर्धारण किये जाने का निर्णय।
वाह्य सहायतित्त परियोजनाओं के प्रभावी कियान्वयन / अनुश्रवण हेतु किसी कार्य/परियोजना की निविदा प्रक्रिया के दौरान निविदा में प्राप्त मूल्य के कारण अथवा कार्य के निष्पादन के मध्य किसी मद की मात्रा में परिवर्तन के कारण परियोजना/कार्य की आगणित / स्वीकृत लागत में 10 प्रतिशत से अधिक अथवा रू0 5.00 करोड़ से अधिक की वृद्धि प्रस्तावित हो तो ऐसी किसी भी दशा में वृद्धि के प्रस्ताव का परीक्षण भी सचिव नियोजन की अध्यक्षता में गठित ज्मबीदपबंस ैबतममदपदह ब्वउउपजजमम म्।च् द्वारा किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया है।

6 चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों / सचिवालय सहायकों को उनके मूल विभाग की नियमित एवं निरन्तर सेवाओं को जोड़ते हुये संशोधित सुनिश्चित कैरिगर प्रोन्नयन (एम०ए०सी०पी०एस०) / ए०सी०पी० का लाम दिये जाने के संबंध में निर्णय
इस संबंध में वित्त विभाग के कार्यालय ज्ञाप सं0-11, दिनांक 17 फरवरी, 2017 से छूट प्रदान करते हुये सचिवालय में संविलियित किये गये चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों / सचिवालय सहायकों को उनके मूल विभाग की नियमित एवं निरन्तर सेवाओं को जोड़ते हुये संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (एम०ए०सी०पी०एस०) / ए०सी०पी० का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

7 वर्तमान में राज्य में उत्तर प्रदेश सॉ-मिल (स्थापना एवं विनियमन) नियमावली-1978 लागू है. जिसके अन्तर्गत प्रकाष्ठ आधारित उद्योगों के नये लाईसेन्स, नवीनीकरण, नाम परिवर्तन, लाइसेंस की एकमुश्त धनराशि व नवीनीकरण के सापेक्ष देय धनराशि आदि का निर्धारण किया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रभावी नियमावली के कतिपय नियमों में संशोधन किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सॉ मिल (स्थापना एवं विनियमन) नियमावली-1978 को अधिक्रमित करते हुए “उत्तराखण्ड काष्ठ आधारित उद्योग (स्थापना एवं विनियम) नियमावली, 2024“ प्रख्यापित किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

8 उत्तराखण्ड वन विकास निगम के वित्तीय वर्ष 2020-21 के वार्षिक लेखों की सम्परीक्षा राज्य विधान सभा को प्रस्तुत किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय
उत्तराखण्ड वन विकास निगम के वर्ष 2020-21 के आर्थिक चिट्ठों (वार्षिक लेखों) की सम्परीक्षा कर लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को आगामी विधान सभा सत्र में सदन के पटल पर चर्चा हेतु रखने से पूर्व मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

9 उत्तराखण्ड पुलिस दूरसंचार राजपत्रित संवर्ग के उपरोक्त पुनर्गठित ढांचे के अनुसार संवर्ग की सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन किये जाने हेतु ’उत्तराखण्ड पुलिस दूरसंचार राजपत्रित अधिकारी सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन सम्बन्धी प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।
10 जनपद में स्थित चिकित्सा संस्था द्वारा किसी अन्य जनपद से लावारिस मानव शव को प्राप्त किये जाने की अपेक्षा की जाती है, तो लावारिस शव को उपलब्ध कराने हेतु प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा प्रथमतः पुलिस मुख्यालय (पुलिस महानिदेशक) से अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात् सम्बन्धित संस्था को उपलब्ध कराया जा सकेगा। उक्त प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्रदान किया गया।

11 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संचालित विभिन्न परास्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में वर्तमान प्रख्यापित बॉण्ड की शर्तों में संशोधन किये जाने के संबंध में निर्णय।
वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ तथा हरिद्वार हेतु स्वीकृत ढाचों में स्टाफ नर्स के पद को “आउटसोर्स“ के स्थान पर “सीधी भर्ती“ के माध्यम से भरे जाने के संबंध में प्रकरण को समक्ष रखते हुए मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है।

12 उत्तराखण्ड राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला उप जिला चिकित्सालयों में यूजर चार्जेज की दरों में संशोधन किये जाने का निर्णय।

13 राज्य में विद्या समीक्षा केन्द्र के संचालन एवं विधिवत उपयोग हेतु च्तवरमबज प्उचसमउमदजंजपवद न्दपज की स्थापना किए जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

14 एन.सी.सी. की 02 यूके. (स्वतंत्र) कम्पनी को जनपद चम्पावत में पुर्नस्थापित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।
अतः उक्त के दृष्टिगत ही 2 यू०के० (स्वतंत्र) कम्पनी को जनपद चंपावत में किसी उपयुक्त स्थान पर पुनः स्थापित किया जाने एवं उक्त कंपनी हेतु 10 सिविल स्टाफ पदों का सृजन किया जाने की मंत्रिमण्डल द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी है।

15 उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के संरचनात्मक ढांचे को पुनर्गठित किये जाने का निर्णय।
सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति, शासकीय कार्यों के सुचारू संचालन एवं संचालित योजनाओं / कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन हेतु उरेडा अभिकरण हेतु मा० मंत्रिमण्डल द्वारा पूर्व सृजित 119 पदों को पुनर्गठित करते हुए नये 29 पदों पर सहमति व्यक्त करते हुए कुल 148 पदों का पुनर्गठन किये जाने पर सहमति प्रदान की गयी।

16 सतर्कता अधिष्ठान की ट्रैप कार्यवाहियों में परिवादियों के पूर्ण सहयोग दिये जाने के उद्देश्य से परिवादियों द्वारा ट्रैप के समय दी जाने वाली रिश्वत राशि के पुनर्भरण हेतु सृजित रिवॉल्विंग फण्ड के रखरखाव / सुचारू रूप से संचालन हेतु ’उत्तराखण्ड भ्रष्टाचार निरोधक सतर्कता विभाग रिवॉल्विंग फण्ड नियमावली विकसित किये जाने का निर्णय।

17 उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली, 2002 के कतिपय प्राविधान को लागू करने में समय-समय पर उत्पन्न हो रही कठिनाइयों के दृष्टिगत वर्ष को ’वर्ष / चयन वर्ष के रूप में तथा एक चयन’ को ’एक चयन वर्ष’ के रूप में प्रतिस्थापित किये जाने हेतु ’उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता (संशोधन) नियमावली, 2024’ का प्रख्यापन किये जाने का निर्णय।

18 जनपद पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी एयरपोर्ट को, भारतीय वायु सेना को हस्तान्तरित किये जाने के सम्बन्ध में भारतीय वायुसेना को हस्तगत किये जाने की जो अनुमति प्रदान की गयी है. उस पर मा० मंत्रिमंडल द्वारा पुनर्विचार किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।

19 जनपद ऊधमसिंह नगर के अंतर्गत स्थित पन्तनगर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण हेतु अधिग्रहित 212.4868 है0 (524.78 एकड़) भूमि, जो कि नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज है, को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नाम निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने की अनुमति के प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमंडल के द्वारा निर्णय लिया गया है।
20 भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के विभागीय ढांचे के पुनर्गठन के फलस्वरूप समूह क एवं ख के पदधारकों के सेवा नियम गठित किये जाने हेतु उत्तराखंड भूतत्व एवं खनिकर्म समूह क एवं ख सेवा नियमावली, प्रख्यापित किये जाने का निर्णय।

21 उत्तराखण्ड राज्य में अवस्थित चार धाम यथा श्री केदारनाथ धाम, श्री बद्रीनाथ धाम, श्री गंगोत्री धाम, श्री यमुनोत्री धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम का अथवा इनके संचालन हेतु गठित ट्रस्ट/ समिति के नाम से मिलते-जुलते नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट/ समिति आदि बनाई जा रही है। इस प्रकार की गतिविधियों से जन सामान्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न होने के साथ ही स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुँचती है, तथा स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी सम्भावना रहती है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

22 कैबिनेट द्वारा दून विश्वविद्यालय में आगामी अकादमिक सत्र से ब्मदजतम वित भ्पदकन ैजनकपमे प्रारम्भ किए जाने का निर्णय लिया गया है।

23 कैबिनेट द्वारा प्रदेश में 05 लाख रू० तक के टेंडर स्थानीय ठेकेदारों को ही दिए जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रदेश के सभी ठेकेदारों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण करवाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में नियोजन विभाग द्वारा तत्काल आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।

24 कैबिनेट द्वारा हाउस आफ़ हिमालया कम्पनी के वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों एवं कम्पनी संचालन हेतु पदों के स्वीकृति, भर्ती इत्यादि पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

25 कैबिनेट द्वारा विधानसभा सत्र आहूत किये जाने के संबंध में मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

स्टाम्प पेपर में भूमि के साथ छेड़खानी कर सरकारी भूमि कब्जाने पर सीएम ने दिए एसआईटी जांच के आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर वन प्रभाग क्षेत्रांतर्गत अपर कोसी आरक्षित वन क्षेत्र में कतिपय व्यक्तियों द्वारा अवैध अध्यासन किये जाने, सरकारी भूमि पर कब्जा किये जाने एवं स्टाम्प पेपरों में भूमि को क्रय-विक्रय कर सरकारी भूमि पर कब्जा किये जाने की विभिन्न माध्यमों से शिकायतें प्राप्त होने पर प्रकरण की एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं।

इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल द्वारा एसडीएम रामनगर से प्रारंभिक जांच करवाई गई थी। एसडीएम द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट, नैनीताल द्वारा शासन को आख्या उपलब्ध कराई गई। इसी आख्या के क्रम में वन भूमि/राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा किये जाने, स्टाम्प पेपरों के माध्यम से राजकीय भूमि का क्रय-विक्रय किये जाने तथा प्रकरण में आर्थिक अपराध सहित अन्य अपराध भी सम्मिलित होने की संदिग्धता के दृष्टिगत प्रकरण में विशेष जांच दल से जांच कराये जाने के संबंध में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं।

शहरी विकास निदेशालय बनाएगा अपने क्षेत्रों के फेरी ठेली वालों के पहचान पत्र

फेरी-ठेली वालों को जल्द पहचान पत्र प्रदान किये जायेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर इस संबंध में शहरी विकास निदेशालय की ओर से राज्य के समस्त नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर फेरी एवं ठेली वालों का विवरण जुटाने व पहचान पत्र जारी कर इन्हें अनिवार्य रूप से ठेली/फड़ पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं।

शहरी विकास निदेशक नितिन सिंह भदौरिया की ओर से इस संबंध में समस्त नगर निकायों के नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर अपेक्षा की गई है कि वे अपने क्षेत्र में कार्यरत नगरीय फेरी व्यवसायियों की फेरी/ठेली में पहचान प्रदर्शित करने हेतु विवरण जुटाएं। पहचान पत्र में फेरी व्यवसायी का कोड, नाम, पता, फ़ोटो अंकित होने के साथ ही परिवार के किसी भी नाम निर्देशिता का नाम, श्रेणी (स्थिर या चल) के अतिरिक्त फेरी क्षेत्र जहां परिचय पत्र स्वामी को स्थिर या चल फेरी की अनुज्ञा के साथ ही अनुज्ञति कि विधिमान्यता का विवरण मांगा जाए। पत्र में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि नगर के समस्त फेरी व्यवसायियों को फेरी-ठेली वालों को पहचान पत्र जारी कर अनिवार्य रूप से इसे प्रदर्शित करना होगा।

मुख्यमंत्री ने किया जागेश्वर धाम के प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले का पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया। उन्होंने जागेश्वर के भंडारा स्थल में पदम का वृक्ष लगाकर हरेला की शुभकामनाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर धाम पौराणिक संस्कृति का अप्रतिम प्रतीक है। यहां आकर एक अलग ही शांति की अनुभूति मिलती है। भगवान जागेश्वर सभी श्रद्धालुओं पर अपनी कृपा रखते हैं। उन्होंने कहा कि यहां कोई अपनी मर्जी से नहीं बल्कि बाबा के बुलावे पर ही आता है। श्रावणी मेले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला पौराणिक संस्कृति का जीता जागता उदाहरण है। श्रावणी मेला सदियों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड के विकास को समर्पित सरकार है। इसी का परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी की गई सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। यह उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद के विकास को लेकर अनेक घोषणाएं भी की जिनमें सरयू (सेराघाट) से वृद्ध जागेश्वर सहित जागेश्वर क्षेत्र के लिए पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण, भगततोला कपकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण, मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत वृद्ध जागेश्वर को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने, भिकियासेन में डाम का निर्माण, चमडखान में बैंक की स्थापना, भरतोली के प्राचीन देवायल मंदिर का जीर्णाेधार, डिप्टेश्वर महादेव एवं कोटेश्वर महादेव का जीर्णाेधार तथा सौंदर्यीकरण किये जाने, मर्चुला भिकियासेन मोटर मार्ग पर रामगंगा नदी पर मोटर पुल का निर्माण, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज चनोदा सोमेश्वर के अपूर्ण भवन का निर्माण किये जाने, चायखन – थूवासीमल से ध्युली – धोनी व ध्यूली रौतेला चौना बैंड तक लिंक रोड का निर्माण किये जाने, सोमेश्वर के ग्राम सभा रहत में धूनी गैर नामक स्थान पर तथा शहर फाटक नंगधूनी मंदिर के पास मिनी स्टेडियम का निर्माण किये जाने, विकासखंड हवालबाग के गोविंदपुर स्थित देवडघाट के नानकोसी में मिनी बैराज का निर्माण के साथ जागेश्वर विधानसभा में 40 किमी डामरीकरण के प्रस्ताव आदि कार्यों की घोषणा शामिल है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास को समर्पित सरकार है। अल्मोड़ा के कोसी से कौसानी तक साइकिल ट्रैक का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिससे अल्मोड़ा जनपद के पर्यटन को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा शहर के विस्तार की भी योजना बनायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना की है तब से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है तथा लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार देश एवं प्रदेश में विकास के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। प्रदेश के तीर्थाटन को बढ़ाने में भी राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। जिस प्रकार केदारनाथ एवं बदरीनाथ मंदिर के मास्टर प्लान के माध्यम से केदारनाथ एवं बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है उसी प्रकार जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के माध्यम से भी यहां के लोगों के आजीविका के द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के कार्य पूरा हो जाने के बाद प्रति वर्ष 10 लाख श्रद्धालुओं के यहां आने की उम्मीद है। इसके माध्यम से यहां के लोगों का जीवन खुशहाल होगा एवं जनपद की आर्थिकी में भी बढ़ोतरी होगी।

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी जनपद एवं प्रदेशवासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले के शुभकनाएं दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में अनेक कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन सुदूर आदि कैलाश में कराकर योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की सड़कों का कायाकल्प होगा एवं प्रदेश तेजी से मजबूत अर्थव्यवस्था को और अग्रसर होगा।

विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा ने मुख्यमंत्री के जागेश्वर धाम आने के लिए उनका धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार प्रदेश एवं जनपद के लिए अहम फैसले लिए जा रहे हैं। जो प्रदेश के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

इस दौरान जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश बहुगुणा, उपाध्यक्ष जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति नवीन चंद्र भट्ट, जिला मजिस्ट्रेट विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे समेत अन्य विभागीय अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं आम जनमानस उपस्थित थे।