नंदा देवी यात्रा से संचालन को जिलाधिकारी चमोली संबंधित विभागों से समन्वय कर एसओपी तैयार करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में आगामी 2026 में प्रस्तावित नंदा देवी राजजात यात्रा के तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देशित किया कि संबंधित विभागों और स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित करते हुए संपूर्ण यात्रा को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने हेतु एसओपी ( मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करें।
कहा कि एसओपी में यात्रा से संबंधित सभी बातों (व्यवस्था, सुरक्षा, संचालन, नियंत्रण इत्यादि) का समावेश होना चाहिए।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पूरी यात्रा का वेस्ट मैनेजमेंट प्लान, सेप्टिक मैनेजमेंट और सेनिटेशन मैनेजमेंट प्लान बनाने के भी निर्देश दिए ताकि यात्रा में भागीदारी करने वाले लोगों को सुविधा मिले तथा पर्यावरण को किसी भी तरह की क्षति भी ना पहुंचे।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि विभिन्न विभागों के द्वारा जो भी कार्य किए जाने हैं उन सभी को स्थाई और अस्थाई प्रकृति में सेपरेट करते हुए उसका तदनुसार प्रस्ताव बनाएं।
कार्यों को पूरा करने के लिए यदि सप्लीमेंट्री बजट की आवश्यकता हो तो उसकी डिमांड करें तथा मेंटेनेंस अथवा रूटीन वर्क विभाग अपने बजट से पूरे करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने निर्देशित किया कि जो कार्य तत्काल किए जाने हैं उसको प्राथमिकता में लेते हुए अति शीघ्र प्रारंभ करें।

मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को निर्देशित किया कि यात्रा की ऐतिहासिकता, विशिष्टता और मान्यता को दृष्टिगत रखते हुए इसका डॉक्यूमेंटेशन करें तथा इसकी डॉक्यूमेंट्री भी तैयार करें।

उन्होंने कहा कि यात्रा की मौलिकता बनी रहे इसका ध्यान रखा जाए।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली तथा जिलाधिकारी अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ से भी यात्रा से संबंधित फीडबैक प्राप्त करते हुए यात्रा की तैयारी से संबंधित उनकी आवश्यकताओं की भी जानकारी ली।

बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव दिलीप जावलकर, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, विनोद कुमार सुमन, धीरज गर्ब्याल, पुलिस महानिरीक्षक के एस नगन्याल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, रेट लिस्ट भी लगेः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आगामी कांवड़ मेले को सरल, सुखद व सुरक्षित संपन्न कराने हेतु इंटरस्टेट समन्वय समिति की बैठक सीसीआर सभागार हरिद्वार में संपन्न हुई। जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान के उच्चाधिकारियों द्वारा ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया गया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कांवड़ मेला आस्था एवं श्रद्धा का बहुत बड़ा उत्सव है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सकुशल एवम् सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य सम्बन्धित विभाग चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने सभी राज्यों से रियल टाइम कॉर्डिनेशन व रियल टाइम डाटा साझा किए जाने की बात भी कही। सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स साझा किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं में आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ मेले को दृष्टिगत रखते हुए सभी तैयारियों को अंजाम दिया जाए ताकि मेले के अनुभव कुंभ में भी काम आएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि कांवड़ मेले के दौरान कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था के लिए चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर भेल पार्किंग का भी उपयोग किए जाने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए। यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, साथ ही रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाए।

डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि हर आयोजन नई चुनौतियां प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि आस्था एवं श्रद्धा के इस मेले को सुरक्षात्मक रूप से संपन्न कराने हेतु रियल टाइम सूचनाएं साझा की जाए, किसी भी प्रकार की अफवाह का यूनिफाइड खंडन किया जाए। अपने कार्यों में दक्षता रखने वाले कर्मी ही एक-दूसरे स्टेट भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए क्या करें और क्या नहीं करें की जानकारी यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए। इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन की अपेक्षाएं पूर्ण हों तथा मेला शांतिपूर्वक संपन्न हो।

बैठक में सचिव गृह शैलेश बगौली ने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, यातायात व्यवस्था सरल सुगम व सुरक्षित हो तथा श्रद्धालुओं की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तथा एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कांवड़ यात्रा अवधि, विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रतिशत, ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सहित कांवड़ यात्रा हेतु की जा रही तैयारियों का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उत्तर प्रदेश की ओर से डीआईजी अभिषेक ने यात्रा प्लान सहित चल रही तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक सूचनाएं तथा इनपुट्स रियल टाइम साझा किए जाएं, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जाए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही के लिंक भी साझा किया जाए। कांवड़ 10 फीट से अधिक ऊंचाई के न हों। शराब तथा मीट से संबंधित एसओपी का सख्ती से अनुपालन हो, सभी चिन्हित डीजे संचालकों को नियमानुसार नोटिस देते हुए बाउण्ड ऑफ किया जाए। उत्तराखंड द्वारा समय-समय पर हरिद्वार में पार्किंग की स्थिति से उत्तर प्रदेश को अवगत कराया जाए।

बैठक में उत्तर प्रदेश से एडीजे भानु भास्कर, सचिव गृह मोहित गुप्ता, कमिश्नर मेरठ डिवीजन ऋषिकेश भास्कर यशोद, कमिश्नर बरेली सौम्य अग्रवाल, कमिश्नर सहारनपुर एके राय, डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह, आईजी आरपीएफ पंकज गंगवार, उत्तराखंड से आईजी निलेश आनंद भरणे, एनएस नपलच्याल, डीआईजी धीरेन्द्र गुंज्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, मेलाधिकारी सोनिका, सहित पांचों राज्यों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव हर माह और मण्डलायुक्त प्रत्येक सप्ताह करेंगे यात्रा की तैयारियों की समीक्षाः सीएम

उत्तराखण्ड में 2026 में होने वाली नंदा देवी राजजात यात्रा की सभी तैयारियों में तेजी लाई जाए। भव्य नंदा राजजात यात्रा के आयोजन के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। यात्रा की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए जनप्रतिनिधियों, नंदा राजजात यात्रा समिति के सदस्यों और हितधारकों के सुझाव लिये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि नंदा राजजात यात्रा के सफल संचालन के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए। पिछली यात्राओं के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। यात्रा से संबंधित सभी पैदल मार्गों की अच्छी व्यवस्थाओं के साथ स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा के पड़ाव पर श्रद्धालुओं को ठहरने की बेहतर व्यवस्थाओं के साथ ही भोजन और स्नान घरों की व्यवस्था के भी उन्होंने निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए। यात्रा मार्ग पर दूरसंचार की व्यवस्थाओं के साथ डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत यात्रा के दौरान हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए। यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। मेडिकल कैंप और चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यात्रा के दौरान हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा राजजात यात्रा बरसात के समय होती है, इसके दृष्टिगत संक्रामक रोगों से बचाव के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किये जाएं। यात्रा के अधिकतम पड़ाव वन क्षेत्र में होने के कारण वन और पर्यावरण की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। श्रद्धालुओं के लिए टेंट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा राजजात से संबंधित लोक गीत और लोक कथाओं का अभिलेखीकरण भी किया जाए। पर्यटन विभाग द्वारा यात्रा के पड़ावों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदां राजजात यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन और यातायात सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए। पार्किंग स्थलों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर पेयजल, शौचालय अवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि वे प्रतिमाह नंदा राजजात यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करें। गढ़वाल और कुमांऊ आयुक्त भी प्रत्येक सप्ताह यात्रा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वाल और कुमांऊ के जिन क्षेत्रों से श्रद्धालु और डोलियां आती हैं, उन सभी क्षेत्रों में भी सड़क, पेयजल एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

उत्तराखण्ड में अगले साल होने वाली 280 किमी की ऐतिहासिक नंदा देवी राजजात यात्रा के भव्य आयोजन और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। 2027 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए भी सभी तैयारियां की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नंदा देवी राजजात और हरिद्वार कुंभ का भव्य और दिव्य आयोजन किया जायेगा- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड।

बैठक में राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, सुरेश गड़िया, पार्वती दास, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा एवं संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

देश का प्रथम गांव माणा में शुरू हुआ पुष्कर कुंभ, दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

चमोली के सीमांत गांव माणा में स्थित केशव प्रयाग में 12 वर्षों बाद विधि विधान के साथ पुष्कर कुंभ का आयोजन शुरु हो गया है। जिसे लेकर बदरीनाथ धाम के साथ ही माणा गाँव में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की आवाजाही बढ़ गई है। पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन की ओर से यहां तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि माणा गांव के केशव प्रयाग में आयोजित पुष्कर कुंभ को लेकर पैदल मार्ग का सुधारीकरण किया गया है। यहां पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इसके साथ ही कुंभ के सुचारू संचालन के लिए जहां पैदल मार्ग पर पुलिस की तैनाती की गई है। वहीं संगम तट पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती भी की गई है। उन्होंने बताया कि तहसील प्रशासन को पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।

बता दें कि, चमोली जिले के सीमांत गांव माणा में 12 वर्षों के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। धार्मिक परंपरा के अनुसार जब 12 वर्षों में बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो माणा गांव स्थित अलकनंदा और सरस्वती नदियों संगम पर स्थित केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में मुख्य रूप से दक्षिण भारत के वैष्णव मतावलम्बी प्रतिभाग करते हैं।

क्या है पुष्कर कुंभ का धार्मिक महत्व

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माणा गांव के पास स्थित केशव प्रयाग में महर्षि वेदव्यास ने तपस्या करते हुए हिन्दू धर्म के पौराणिक ग्रंथ महाभारत की रचना की थी। यह भी कहा जाता है कि दक्षिण भारत के महान आचार्य रामानुजाचार्य और माध्वाचार्य ने इसी स्थान पर माँ सरस्वती से ज्ञान प्राप्त किया था। जिसके चलते अपनी पौराणिक परंपराओं के संरक्षण के लिए बद्रीनाथ धाम के समीप स्थित माणा गांव पहुंच कर केशव प्रयाग में स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं।

तीर्थ स्थल न केवल हमारी धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि ये देश की एकता और सांस्कृतिक एकजुटता के भी प्रतीक हैं। विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रद्धालु इन स्थलों पर एकत्र होकर एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को साकार करते हैं। इसी क्रम में माणा गांव में आयोजित पुष्कर कुंभ, उत्तर को दक्षिण से जोड़ रहा है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

सीएम के निर्देशों के क्रम में कैंची धाम के लिए बाईपास निर्माण का काम शीघ्र शुरू होगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कैंची धाम के आस पास एन० एच० 109 ई० में वाहनों के अत्यधिक दवाव व जाम के दृष्टिगत सुगम व सुरक्षित यातायात हेतु वर्ष 2023 में कैंची बाईपास मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा की गयी थी। 19 की.मी. लम्बे कैंची धाम बाईपास मोटर मार्ग में शिप्रा नदी पर एक सेतु का भी निर्माण किया जाना है, जिसके प्रथम 8 किमी के निर्माण/चौड़ीकरण डामरीकरण हेतु रु 1214.71 लाख की धनराशि भी लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करायी गयी है। मोटर मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अवशेष 11.00 किमी0 मोटर मार्ग में वन भूमि आने के कारण वन भूमि प्रस्ताव ऑनलाइन गठित कर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार को वन भूमि हस्तान्तरण हेतु प्रेषित किया गया।

मुख्यमंत्री द्वारा किये गये विशेष प्रयासों से हुई आरईसी की बैठक मे पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वन भूमि हस्तान्तरण की सहमति प्रदान कर दी गयी है। शीघ्र ही मार्ग निर्माण हेतु कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी। कैंची धाम में प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत यातायात की सुगमता के लिये मुख्यमंत्री द्वारा यहां बाईपास निर्माण की घोषणा की गई थी साथ ही वन भूमि हस्तान्तरण की स्वीकृति के लिये पिछले सप्ताह केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से भेट कर इनकी स्वीकृति का अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद उक्त सड़क का तेजी से निर्माण किया जा सकेगा, जिससे क्षेत्रीय लोगों एवं पर्यटकों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी साथ ही कैंची धाम और भवाली के पास लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।

सचिवालय में हुई कैंचीधाम में यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में कैंचीधाम में यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कैंचीधाम के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि कैंचीधाम में सप्ताहांत में लगने वाले जाम को देखते हुए इसके लिए व्यापक योजना तैयार किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि कैंचीधाम बाजार की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण कार्य तत्काल शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए मिसिंग लिंक से बजट उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कैंचीधाम में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने की सम्भावना को देखते हुए कैंचीधाम के लिए मास्टर प्लान की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि स्थानीय लोगों के लिए वैकल्पिक मार्गों को सुदृढ़ किया जाए। जिनका चौड़ीकरण सम्भव हो किया जाए। उन्होंने कहा कि नए पार्किंग स्थल चिन्हित करते हुए विकसित किए जाए। धाम के लिए एक व्यवस्थित शटल सेवा शुरू की जाए। साथ ही मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाए, ताकि वीकेंड में लगने वाले जाम को कंट्रोल किया जा सके। उन्होंने कहा कि मोबिलिटी प्लान को लागू कराया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पार्किंग आदि स्थलों में डिस्प्ले के माध्यम से यात्रियों को जानकारी उपलब्ध करायी जाए। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रूट एवं भीड़ प्रबन्धन का कार्य किया जाए। साथ ही विभिन्न मार्गाे में वन-वे को प्रयोग किया जा सकता है।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आई.जी. कुमाऊ रिद्धिम अग्रवाल एवं जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

त्रिजुगीनारायण में शादी के लिए दुनिया भर से आ रहे हैं जोड़े, फेरे लेकर सात जन्मों का ले रहे संकल्प

रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित, शिव- पार्वती का विवाह स्थल त्रिजुगीनारायण वैश्विक वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है। जहां देश विदेश से लोग सनातन परम्पराओं के अनुसार विवाह करने के लिए पहुंच रहे हैं। शादियों के सीजन में अब यहां हर महीने 100 से अधिक शादियां हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई मौकों पर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए उत्तराखंड की ब्रांडिंग कर चुके हैं। इसका असर, त्रिजुगीनारायण मंदिर में साफ तौर पर नजर आ रहा है। जहां लोग देश विदेश से डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हें। इससे यहां होटल कारोबारियों से लेकर पंडे पुजारियों, वेडिंग प्लानर, मांगल टीमों और ढोल दमौ वादकों सहित कई अन्य लोगों को काम मिल रहा है।

2025 में हुई पांच सौ शादियां

क्षेत्र की वेडिंग प्लानर रंजना रावत के मुताबिक, 07 से 09 मई के बीच सिंगापुर में कार्यरत भारतीय मूल की डॉक्टर प्राची, यहां शादी करने के लिए पहुंच रही है। इसके लिए उन्होंने जीएमवीएन टीआरएच बुक किया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल माह तक ही यहां करीब पांच सौ शादियां हो चुकी है, जबकि 2024 में कुल छह सौ शादियां ही हुई थी। उन्होंने बताया कि अब तक यहां इसरो के एक वैज्ञानिक, अभिनेत्री चित्रा शुक्ला, कविता कौशिक, निकिता शर्मा, गायक हंसराज रघुवंशी, यूट्यूबर आदर्श सुयाल, गढ़वाली लोकगायक सौरभ मैठाणी के साथ ही कई, जानी मानी हस्तियां सात फेरे ले चुके हैं।

रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य

मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी ने बताया कि यहां सनातन मतावलंबियों का विवाह वैदिक परंपराओं के अनुसार सम्पन्न होता है, इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। साथ ही माता-पिता या अभिभावकों की मौजूदगी में ही विवाह संपन्न होता है। उन्होने बताया कि सात फेरों के लिए मंदिर परिसर में ही वेदी बनाई गई है, इसके बाद अखंड ज्योति के साथ पग फेरा लिया जाता है। इसके अलावा अन्य सभी आयोजन, नजदीकी होटल और रिजॉर्ट में सम्पन्न किए जाते हैं। सीतापुर तक के होटल में अन्य विवाह समारोह भी स्थानीय पुजारियों द्वारा सम्पन्न कराए जाते हैं, इसके लिए दक्षिणा की दरें तय की गई हैं।

त्रिजुगीनारायण मंदिर का महत्व

त्रिजुगीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। स्वयं भगवान विष्णु ने इस विवाह में देवी पार्वती के भाई (कन्यादान कर्ता) का कर्तव्य निभाया था। मंदिर प्रांगण में एक पवित्र अखंड अग्नि है, मान्यता है कि शिव पार्वती ने इसी अग्नि के सात फेरे लिए थे। मंदिर की बनावट केदारनाथ मंदिर से मिलती-जुलती है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद, उत्तराखंड में देश विदेश के लोग डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता दे रही है। देवभूमि उत्तराखंड आपका स्वागत करने के लिए तैयार है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, पीएम के नाम हुई पहली पूजा

बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार को विधि विधान के साथ सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली महाभिषेक पूजा कर देश और राज्य की सुख समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर गणेश मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी सहित सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की। श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर देश और दुनिया के लगभग 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और तीर्थयात्रियों से यात्रा व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सकुशल चारधाम यात्रा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत बेहतर व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किया गया है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया हरित और स्वच्छ चारधाम यात्रा के लिए राज्य को पूरा सहयोग दें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के कार्यों की विस्तृत जानकारी लेते हुए मंदिर के समीप हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। उन्होंने जिलाधिकारी को मास्टर प्लान के कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को यात्री सुविधा और सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी से श्री हेमकुंड साहिब यात्रा तैयारियों की जानकारी लेते हुए यात्री सुविधाओं को शीघ्र व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गोविंदघाट में अलकनंदा नदी में निर्माणाधीन पुल के निर्माण कार्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी को पुल के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा से पूर्व पुल का निर्माण गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के आदेश दिए।

इस दौरान राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज,विधायक किशोर उपाध्याय, लखपत बुट्टोला, बीकेटीसी के नवनियुक्त उपाध्यक्ष विजय कपरवाण व ऋषि प्रसाद सती, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल आदि मौजूद थे।

सीएम धामी ने चारधाम यात्रा के लिये श्रद्धालुओं की बस को किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएसबीटी, ऋषिकेश में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित “ऋषिकेश से चारधाम यात्रा 2025“ के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं का स्वागत किया एवं श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के लिए ले जा रही 10 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के लिए आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए बाबा केदार, बद्रीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमनोत्री से सबकी सकुशल यात्रा की प्रार्थना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष चारधाम यात्रा अपने पिछले सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी और एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। सरकार द्वारा प्रत्येक स्तर पर चारधाम यात्रा संबंधी तैयारियों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि जब श्रद्धालु, यात्रा पूरी करने के बाद अपने घर लौटें, देवभूमि उत्तराखंड में बिताए गए समय की स्वर्णिम यादों और सुखद अनुभव को साथ लेकर जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इससे राज्य में लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अपील की है कि देवभूमि को पवित्र और स्वच्छ बनाए रखने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि हरित चारधाम यात्रा के साथ ही स्वच्छता पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ के पुनर्निर्माण और बदरीनाथ के मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य हुए हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ तक रोपवे का कार्य पूर्ण होने के बाद यात्रा और ज्यादा सुगम होगी। ऑल वेदर रोड के निर्माण से पहले के मुकाबले आज यात्री काफी कम समय में ऋषिकेश से चार धाम पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा श्रद्धालुओं को यात्रा कराने में सहयोग प्रदान कराने की पहल की सराहना की।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक डा. प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर शंभू पासवान, जीएमओयू अध्यक्ष भास्करानंद भारद्वाज, टीजीएमओसी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी, गढ़वाल मंडल कॉन्ट्रैक्ट अध्यक्ष संजय शास्त्री, सचिव देवेंद्र सिंह रावत, नंदन सिंह रावत, रमेश चंद्र उप्रेती, हर्षवर्धन सिंह कृष्णा विभिन्न राज्यों से चार धाम यात्रा के लिए आए श्रद्धालु एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखंडः ज्यातिर्मठ को आपदा से सुरक्षित करने को केंद्र ने मंजूर की 291.15 करोड की धनराशि

भगवान श्री बदरीविशाल के कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात दी गई। केन्द्र सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर ज्योतिर्मठ को आपदा सुरक्षित करने के लिए 291.15 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। मुख्यमंत्री ने ज्योतिर्मठ के पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिये धनराशि की स्वीकृति हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिर्मठ के सुनियोजित विकास तथा सुरक्षित दीर्घकालिक कार्यों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। ज्योतिर्मठ की देवतुल्य जनता तथा क्षेत्र के विकास के लिए भविष्य में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से न केवल ज्योतिर्मठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सकेगा, अपितु स्थानीय निवासियों एवं देश-विदेश से भगवान बद्रीविशाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षित विश्राम हेतु स्थल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही भगवान बद्रीविशाल के शीतकालीन प्रवास हेतु नरसिंह मंदिर के आस-पास के निवासियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी।

ज्ञातव्य है कि दिनांक 2 जनवरी, 2023 को ज्योतिर्मठ के कई घरों और अवसंरचनाओं में भू-धंसाव के कारण बड़ी दरारें दिखाई देने लगी थी। ज्योतिर्मठ नगर में स्थित संरचनाओं में से लगभग 22 प्रतिशत संरचनायें इससे प्रभावित हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत इस संबंध में शासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की जानकारी ली तथा मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्र का भ्रमण किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एनडीएमए, यूएसडीएमएम, आईआईटी रुड़की, यूएनडीपी, सीबीआरआई, वाडिया इंस्टीट्यूट, एनआईडीएम, और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञों से युक्त 35 सदस्यीय टीम ने अप्रैल 2023 के चौथे सप्ताह के दौरान पीडीएनए (Post Disaster Need Assessment) करने के लिए ज्योतिर्मठ का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान आवास और पुनर्वास स्वास्थ्य और शिक्षा पेयजल और स्वच्छता सहित नागरिक सुविधाओं सड़क और पुल जैसे स्थानीय स्तर के बुनियादी ढांचे, आपदा जोखिम में कमी और पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण योजनाओं के लिए क्षेत्रवार क्षति का आकलन किया।

उपरोक्तानुसार विशेषज्ञों द्वारा ज्योतिर्मठ भू-धसाव के सम्बन्ध में दी गयी निरीक्षण आख्या के क्रम में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा ज्योतिर्मठ शहर और आसपास के क्षेत्र में पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कराए जाने हेतु वित्तीय सहायता को मंजूरी दी।

मजबूत अवसंरचनाओं का होगा निर्माण

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने ज्योतिर्मठ शहर में जमीन के धंसने को रोकने और शहर के निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू करने का प्रस्ताव दिया। प्रारंभ में अस्थिर क्षेत्रों को स्थिर करने और शहर की जलनिकासी और सीवरेज प्रणाली में सुधार करने के लिए परियोजनाओं को शुरू करने की योजना है। इन गतिविधियों से जमीन की स्थिरता में सुधार होगा, जिससे भवन बनाने के लिए मजबूत भूमि उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही घरों और बुनियादी ढांचे के विध्वंस और पुनर्निर्माण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने में मदद मिलेगी।

प्रथम चरण में परियोजनाओं में अलकनंदा नदी के किनारे Toe Protection कार्य ढलान स्थिरीकरण उपाय, Water and Sanitation शामिल हैं। इन पहलुओं पर डीपीआर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार करायी गयी है और अनुदान की मंजूरी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार को प्रस्तुत की गई। प्रस्तावित परियोजनाओं को बाद में गृह मंत्रालय में प्रस्तुत किया गया।

उक्त परियोजनाओं की स्वीकृति हेतु मुख्यमंत्री के स्तर से गृह मंत्री एवं प्रधानमंत्री से समय-समय पर विचार-विमर्श करते हुए यथाशीघ्र धनराशि अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार किए गए अनुरोध तथा गृह मंत्रालय की सिफारिश के आधार पर धनराशि मिलने से ज्योतिर्मठ शहर को स्थिर करने के लिए योजनाबद्ध गतिविधियों को संपन्न किया जा सकेगा।

‘‘भगवान श्री बदरीविशाल के कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात देने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का हार्दिक आभार। ज्योतिर्मठ के सुनियोजित विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। ज्योतिर्मठ की देवतुल्य जनता को भरोसा दिलाता हूं कि एक सुरक्षित, विकसित, सुनियोजित और सुंदर ज्योतिर्मठ शहर का सपना जल्द साकार होगा। इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।’’
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री