चम्पावत के कमल गिरी से लीजिए स्वरोजगार की प्रेरणा, बने हैं सफल उद्यानपति

आदर्श जनपद चम्पावत के निवासी 35 वर्षीय, कमल गिरी, चार साल पहले तक गांव में ही छोटी सी दुकान चलाते थे। अब कमल गिरी 35 नाली जमीन पर सेब, कीवी, आडू, खुमानी और सब्जियां उगा रहे हैं। कमल गिरी ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर, खुद को स्वरोजगार के क्षेत्र में स्थापित किया है। अब अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर, सेब उत्पादन के लिए आगे आए हैं।
चम्पावत जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर दूधपोखरा गांव के कमल गिरी को एक दिन सेब की जल्दी पैदावर देने वाली प्रजाति की जानकारी मिली, वो इसका पता करने के लिए भीमताल स्थित नर्सरी पहुंच गए। जहां से उन्हें उद्यान विभाग की एप्पल मिशन योजना की जानकारी मिली, जिसमें आवेदन करने के बाद उन्हें सब्सिडी पर सेब के 500 पौधे मिले। इसी के साथ उन्होंने कीवी मिशन के तहत 10 नाली जमीन में कीवी के भी पौधे लगाए। इसी तरह पांच नाली जमीन पर तेज पत्ता, बड़ी इलाईची लगाने के साथ ही मधु मक्खी पालन का भी शुरू कर दिया। बीते कुछ साल की मेहतन के बाद उनके पास अब कुल 35 नाली का उद्यान हो चुका है। जिसमें वो पॉलीहाउस के जरिए सब्जियां भी लगा रहे हैं। सहायक गतिविधि के रूप में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन भी शुरू कर चुके हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ
कमल गिरी बताते हैं कि एप्पल मिशन के तहत उन्हें 60 प्रतिशत सब्सिडी पर पौधे मिले, इसी तरह 80 प्रतिशत सब्सिडी पर उन्होंने पॉलीहाउस भी बनवा लिया है। विभाग ने कीवी मिशन और तारबाड़ में भी उन्हें सहयोग दिया है। इन्हीं सब प्रयासों से जंगल के बीच में होने के बावजूद उनकी फसल जंगली जानवरों से सुरक्षित रह सकी। अब उनकी मेहनत कामयाब होने लगी है, पिछले सीजन में उन्होंने 21 कुंतल सेब बेचा, इस सीजन में कीवी का भी उत्पादन शुरू हो गया है। साथ ही 15 कुंतल तेज पत्ता भी तैयार हो गया है। पॉलीहाउस के जरिए वो नियमित सब्जियां भी बेचते हैं।
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उत्तराखंड के गावों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए औद्यानिकी बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार एप्पल मिशन, कीवी मिशन सहित कई योजनाएं चला रही हैं, जिसके परिणाम अब आने लगे हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ने से पलायन की समस्या का भी ठोस समाधान हो सकेगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

पूर्णागिरी मेले को वर्ष भर चलाने के लिए संकल्पित है राज्य सरकारः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ठूलीगाड़, टनकपुर (चम्पावत) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेला 2025 का शुभारंभ किया। उन्होंने मां पूर्णागिरी को नमन करते हुए प्रदेश में समृद्धि, तरक्की और शांति की कामना की।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान संपूर्ण पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में भीड़ व आपदा प्रबंधन की दृष्टि से स्मार्ट कंट्रोल रूम व सीसीटीवी निगरानी तंत्र ठुलीगाड़ में स्थापित किए जाने। पूर्णागिरि मेले हेतु सेलागाढ़ में बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन बनाए जाने (जिसमें मेला मजिस्ट्रेट, मेला अधिकारी व पुलिस के साथ ही चिकित्सकों को एक साथ एक स्थान पर कार्य करने की सुविधा मिलेगी)। पूर्णागिरि क्षेत्र में लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना बनाई जाने एवं पूर्णागिरि क्षेत्र में ठुलीगाड़, बाबलीगाड़ पंपिंग परियोजना बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा इन घोषणाओं के माध्यम में इस क्षेत्र में विकास की यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि को देवी- देवताओं का भूमि बताते हुए कहा कि प्रदेश के कण-कण में दिव्यता समाई हुई है। उन्होंने कहा माँ पूर्णागिरि धाम, उत्तराखंड का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। उन्होंने कहा वो हमेशा अन्य लोगों को भी धार्मिक यात्रा के लिए माँ पूर्णागिरि आने हेतु आग्रह करते हैं। कुंभ और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि के धाम पर आते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार मेले को वर्षभर संचालित करने के लिए संकल्पित है। जिसके लिए पूर्णागिरि धाम में स्थायी बुनियादी ढांचों का विकास किया जा रहा है। आगामी वर्षों में यह स्थान और भव्य एवं सुव्यवस्थित रूप लेगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से चम्पावत के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का आग्रह करते हुए कहा कि हमने भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने के साथ यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव भी लेना चाहिए। राज्य सरकार माँ पूर्णागिरि धाम के विकास के लिए सतत प्रयासरत है और आने वाले समय में इसे एक विशाल आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी। चम्पावत में 11 से बढ़ाकर 13 मल्टी-लेवल पार्किंग को स्वीकृति दी गई है, जिससे यातायात प्रबंधन सुगम होगा। टनकपुर में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आईएसबीटी को विकसित किया जा रहा है।मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊँ के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण और उनके रास्तों का चौड़ीकरण कराया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में अधिक सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरि क्षेत्र में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं। माँ पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण कार्य भी जारी है, जिससे यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा पूर्णागिरि धाम के आसपास स्थित सभी प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को जोड़कर एक विशेष पर्यटन सर्किट विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार इस सर्किट को सफल बनाने के लिए जिले में बेहतर सड़क संपर्क, संचार व्यवस्था, पर्यटक सुविधाओं और आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इस पहल का उद्देश्य माँ पूर्णागिरि धाम की यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाना एवं चम्पावत जिले में पर्यटन को नया आयाम देना है। जिसके निर्माण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सालभर आकर्षित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्किट उत्तराखंड को धार्मिक एवं पर्यटन के नए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। सरकार इसके लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और शीघ्र ही इस पर अमल शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा चंपावत को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित व अग्रणी जिला बनाने का कार्य किया जा रहा है। कनेक्टिविटी तथा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य किया जा रहे हैं। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कैंपस का संचालन चंपावत में शुरू हो गया है। जिले के सभी विद्यालयों व महाविद्यालय का जीर्णाेद्धार का कार्य भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत में 55 करोड़ की धनराशि से साइंस सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। जिससे सभी विद्यार्थियों को ज्ञान, विज्ञान व तकनीकी और नवाचार हेतु प्रेरणा मिलेगी। चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का कार्य प्रगति पर है। 16 करोड़ की लागत से पॉलिटेक्निक कॉलेज का नया भवन बनकर तैयार हो गया है।जिला चिकित्सालय में 20 करोड़ की लागत से 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक तथा टनकपुर में 15 करोड़ की लागत से 50 बेड वाले आयुष अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। 28 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड नर्सिंग संस्थान के भवन निर्माण कार्य पूरा हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार चंपावत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही अपनी नीतियों और निर्णय के माध्यम से पर्यटन को प्रोत्साहित करने व रोजगार के अवसरों को बढ़ाने हेतु ठोस कार्य कर रही है। उन्होंने कहा आने वाले 25 सालों बाद मां पूर्णागिरि धाम में आज की अपेक्षा कई गुना ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे। उस समय को ध्यान में रखते हुए सभी से इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत 2047 का संकल्प रखा है। टनकपुर में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताओं से राफ्टिंग को निश्चित तौर पर पंख लगेंगे। बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग यहां राफ्टिंग के लिए आएंगे। उन्होंने कहा श्यामलाताल झील के विकास के लिए 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस क्षेत्र को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने मेला समिति को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह मेला हमारी प्राथमिकता में है। मेले में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं को आतिथ्य प्रदान करना ,अच्छी सुविधा व स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो यह हमारा कर्तव्य है। ताकि प्रत्येक वर्ष मेले में आने वाले श्रद्धालु अपना अच्छा अनुभव लेकर जाएं और मेले के अच्छे अनुभव लोगों को साझा कर अन्य लोगों को भी मेले में आने के लिए प्रेरित करें।

इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, नगर पालिका अध्यक्ष टनकपुर विपिन कुमार, विधायक प्रतिनिधि टनकपुर दीपक रजवार, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, नगर पंचायत अध्यक्ष बनबसा रेखा देवी, प्र० जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

गणतंत्र दिवस में राज्य की “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” पर आधारित झांकी के लिये मिला तीसरा स्थान

गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिये पुरस्कृत किया गया। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने यह पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार उत्तराखण्ड की ओर से सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और झांकी के टीम लीडर/संयुक्त निदेशक श्री के.एस चौहान ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” थीम पर यह झांकी तैयार की गई थी। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाथ हिलाकर उत्तराखण्ड की झांकी का अभिवादन किया था।

इस वर्ष उत्तराखण्ड के लिए गणतंत्र दिवस उपलब्धियों भरा रहा है। भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रतियोगिता कराई जाती है। जिसमें एक दल को केवल साढ़े तीन मिनट का समय दिया जाता है। निर्धारित समय मे अपने राज्य की लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत करने होते हैं। जिसमें, उत्तराखण्ड राज्य के कलाकारों ने प्रसिद्ध जागर गायन एवं लोकनृत्य छपेली प्रतियोगिता की प्रस्तुत दी गई। जिसको गठित समिति ने पुरस्कार के लिए चयनित किया।

इस प्रसिद्ध जागर गायन एवं लोकनृत्य छपेली में उत्तराखण्ड राज्य की लोक संस्कृति की झलक को समिति द्वारा बहुत पसंद किया गया। जिसके कारण उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार प्राप्त हो सका। इसके बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में ‘सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल’ पर आधारित उत्तराखण्ड की झांकी को भी लोगों की पसंद के आधार पर देश में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।

राज्य गठन के बाद से गणतंत्र दिवस समारोह में अब तक उत्तराखण्ड को तीन पुरस्कार मिले हैं जिनमें वर्ष 2021 में केदारखण्ड झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ, वर्ष 2023 में मानसखण्ड झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ और वर्ष 2025 में सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में लगातार दूसरी बार उत्तराखण्ड राज्य की झांकी को पुरस्कार के लिए चुना गया। झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश-विदेश के लोग “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों, सूचना विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, झांकी बनाने वाले कलाकारों और झांकी में सम्मिलित सभी कलाकारों को बधाई दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की झांकी ने कर्तव्य पथ पर सभी का ध्यान आकर्षित किया और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व साहसिक खेलों को बखूबी रूप से प्रस्तुत भी किया। राज्य सरकार द्वारा पर्यटकों को सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूरे समर्पण के साथ कार्य किये जा रहे हैं। कर्तव्य पथ पर निकली उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी ध्यानाकर्षित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाथ हिलाकर उत्तराखण्ड की झांकी का अभिवादन किया। इसके अतिरिक्त अन्य गणमान्य लोगों ने इस दौरान उत्तराखण्ड की झांकी का करतल ध्वनि से स्वागत किया।

इस वर्ष कर्तव्य पथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” की झांकी प्रदर्शित की गई थी। 16 कलाकारों के दल ने भी झांकी में अपना प्रदर्शन किया।

झांकी में इन कलाकारों ने निभाई थी अहम भूमिका

टीम लीडर/संयुक्त निदेशक के.एस चौहान के साथ चम्पावत जनपद के 15 कलाकारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कलाकारों में सुरेश राजन, तरुण कुमार, राजेश कुमार, रवीन्द्र कुमार, अभिषेक पाण्डेय, अमन विश्वकर्मा, शुभम बेरी, रेखा पूना, कमला पन्त, चन्द्रदीप राजन, प्रियंका आर्या साही, अंजलि आर्या, रश्मि पन्त, निकिता आर्या, साक्षी बोहरा ने भूमिका निभाई।

झांकी के थीम सांग में इनका रहा अहम योगदान

झांकी का थीम सांग “झुमैलो“ था। “झुमैलो“ गीत को उत्तराखण्ड के उभरते हुए गायक अभिनव चौहान ने स्वर दिया है। इस गीत को जितेन्द्र पंवार द्वारा लिखा गया है और अमित वी. कपूर ने संगीत देकर तैयार किया।

झांकी में ऐपण कला का प्रदर्शन

झांकी के अग्र भाग में जो विशाल ऐपण कला प्रदर्शित की गई उसे चम्पावत जनपद के हस्त कलाकार निकिता, अंजलि, जाने-माने पार्श्व गायक पवनदीप राजन के पिता सुरेश राजन और योगेश कालोनी ने हाथों से बनाया। उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवर्टाइजिंग प्रा.लि.के निदेशक श्री सिद्धेश्वर कानूगा द्वारा किया जा गया।

बैठक में सचिव राधिका झा, चन्द्रेश कुमार, उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डा. एस एस नेगी सहित ग्राम्य विकास, शिक्षा, सहकारिता, पर्यटन एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बेहतर शिक्षा देना हमारा उद्देश्य होना चाहिएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मल्लिकार्जुन स्कूल लोहाघाट का दीप प्रज्वलित कर लोकार्पण करते हुए कहा कि शहर के बच्चे को बेहतर शिक्षा देना हमारा उदेश्य होना चाहिए उन्होने कहा कि यह विद्यालय स्व. मल्लिकार्जुन जोशी जी द्वारा इस क्षेत्र में बच्चों को उत्कृष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जो परिकल्पना की गई थी उस परिकल्पना को साकार करने की दिशा की प्रयासरत है। उन्होंने कहा की विद्यालय कि प्रयोगशाला में बच्चों ने बहुत ही शानदार प्रयोग का प्रदर्शन किया है इसके लिये उन्होने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मल्लिकार्जुन विद्यालय के बच्चे हमारा भविष्य हैं। इनमें से कोई डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, पत्रकार, प्रशासनिक सेवा में जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में भी वे जाएंगे उन क्षेत्रों को नेतृत्व देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिक शिक्षा माता-पिता से प्रारंभ होती है उसके बाद बच्चों को शिक्षा, संस्कार, व्यक्तित्व का विकास विद्यालय द्वारा किया जाता है। शिक्षण संस्थान बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था किसी भी समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस नए विद्यालय का लोकार्पण हुआ है उम्मीद है कि शिक्षा के क्षेत्र में और तेज गति से हमारे छात्र-छात्राओं को रोजगार परक शिक्षा देकर एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उनको सफलता प्राप्त करने में सहायता करेंगे। उन्होंने नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति आने से शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिलना प्रारंभ हुआ है जिससे बच्चों और युवाओं में निश्चित रूप से एक वैज्ञानिक सोच का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है। उन्होने कहा कि 11वीं शताब्दी तक हमारी प्राचीन भारतीय शिक्षा का जो गौरव था वह अपने चरम पर था जब दुनिया के लोग शिक्षा व्यवस्था के बारे में नहीं जानते थे तब हमारे देश ने पूरे विश्व को ज्ञान विज्ञान की शिक्षा देने का काम किया। उस समय हमारे देश में नालंदा व तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के रूप में शिक्षा के केन्द्र थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा प्राचीन शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को फिर से प्राथमिकता देकर प्राचीन भारतीय शिक्षण प्रणाली के गौरव को पुनःस्थापित करने में लिया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए अपने विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए वह प्रतिबद्ध है। जब शिक्षकों द्वारा हमारे छात्र छात्राएं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी तभी यह हमारा संकल्प पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने बच्चों को देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि जब भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे तो भारत दुनिया में विकसित भारत के रूप में पहचान बनायेगा विकसित भारत का संकल्प लेकर भारत पूरे विश्वगुरु के रूप में उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र शिक्षा को अपने जीवन की सर्वाेच्च प्राथमिकता बनाए जब छात्र व छात्राएं आगे बढ़ते है तो उससे माता-पिता, शिक्षकों, स्कूल और क्षेत्र का नाम रोशन होता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस पर्वतीय/सीमांत क्षेत्रों से नौजवान निकलकर पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर नए कीर्तिमान स्थापित करने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आज अनेक ऐतिहासिक फैसलों के लिए पूरे देश में एक मॉडल के रूप में पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि परिक्षाओं के पहले नकल के कारण से हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। परीक्षा उपरांत अखबारों में छप जाता था कि परीक्षा में धांधली हुई है। परिणाम में जिनका नाम आना चाहिए चयन सूची में उनका नाम नहीं आता था। लगातार गरीब माता-पिता के बेटे और बेटियों का हौसला कम हो रहा था। राज्य सरकार ने दिशा की पहल कर पूरी तरह से नकल के विरूद्ध कड़े निर्णय लेते हुए देश का सबसे कठोर नकलरोधी कानून बनाया। इस कानून के तहत नकल में पकड़े जो भी व्यक्ति चाहे छोटा हो बड़ा हो कोई अधिकारी क्यों न हो उसके खिलाफ हमने कड़ी कार्रवाई की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर 100 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है साथ ही तय किया है कि कोई भी गरीब माता-पिता के बेटे और बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा और उनकी मेहनत और लग्न पर डाका डालेगा उसपर नकलरोधी कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस कानून में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया है। राज्य सरकार द्वारा तीन साल में 19 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न करवा कर युवाओं को रोजगार देने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित में सरकार ने अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं राज्य में समान नागरिक संहिता का कानून बनकर तैयार हो गया है जिसे जल्दी ही लागू करने के साथ ही सशक्त भूकानून हेतु भूमाफियाओं पर नकल कसने का काम भी सरकार कर रही है,इसकी शुरुआत कर दी है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बैठक करके सभी जिलाधिकारी व एसडीएम को यह निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने स्तर से सबसे सुझाव लेकर अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित करें राज्य सरकार शीघ्र ही सभी की भावनाओं के अनुरूप एक सशक्त भूकानून बनाएगी।

उन्होंने कहा कि आज हम विकास के मामले में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं विकास के क्रम में आज हमारा उत्तराखंड राज्य नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य में पूरे देश में पहली रैंक पर आया है। उत्तराखंड राज्य बेरोजगारी दर के मामले में राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ा है। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 13.4 प्रतिशत से घटकर 9.4 प्रतिशत पर आ गई है जिसमें हमने 4.4 प्रतिशत की कमी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय के बाद राज्य की बहुत सारी परियोजनाओं को आज भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। इन योजनाओं में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, रुद्रपुर में मेडिकल कॉलेज और उधमसिंह नगर में एम्स बन रहा है। देश के अंदर बनने वाले 12 औद्यौगिक आस्थानों मे से एक उत्तराखंड राज्य को भी मिला है जिसका कार्य प्रारंभ हो रहा है, औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनने से उत्तराखंड राज्य के 1 लाख नौजवानों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रही है, महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए हाउस आफ हिमालय ब्रांड प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने प्रारंभ किया है।

आदर्श जनपद चम्पावत की परिकल्पना हो रही है सरकार-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आदर्श जनपद चंपावत की परिकल्पना की ओर तेज गति से अग्रसर है। विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य गतिमान है,जिले में सम्पर्क फाउंडेशन द्वारा 333 राजकीय प्राथमिक एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट टीवी विषयवार फ्री लोडेड उपलब्ध कराई गई है। यूकॉस्ट के माध्यम से चंपावत में साइंस सेंटर बनाया जा रहा है। जिले में लैब ऑन व्हील कार्यक्रम के अंतर्गत जो 20 विद्यालय लिए हैं उनमें साइंस मॉडल प्रदर्शनी , विज्ञान के प्रयोगात्मक गतिविधियां संपन्न कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर क्षेत्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का संचालन किया जा रहा है जिसमें अनाथ बच्चों को उसमें वरीयता दी जा रही है वर्तमान में 38 बच्चों को इसमें प्रवेश दिया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 20 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। जिले के प्राथमिक विद्यालय टनकपुर व बनबसा में स्मार्ट कक्षाओं के निर्माण के लिए 76 लाख 40 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी। टनकपुर में पुस्तकालय के निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 5 लाख की डीपीआर तैयार हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत में छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए पुस्तकालय का विस्तारीकरण करके 1 करोड़ 39 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत कर डीपीआर तैयार हो गई है। राजकीय इंटर कॉलेज चंपावत में छात्रावास के निर्माण के लिए 5 करोड़ 34 लाख की डीपीआर गठित की गई है। उन्होंने कहा कि ’सरकार जनपद चंपावत को आदर्श जनपद बनाने हेतु प्रतिबद्ध है,इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

मल्लिकार्जुन पब्लिक स्कूल पहुंचने पर विद्यालय के प्रबंधक हरीश जोशी, चौयरपर्सन रचना जोशी,निदेशक रुद्राक्ष जोशी,प्रधानाचार्य अशोक शर्मा,राहुल सिंह देव द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा स्वागत गीत,छोलिया नृत्य आदि प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर दर्जा राज्यमंत्री गणेश भंडारी भाजपा जिलाध्यक्ष चंपावत, निर्मल महरा पिथौरागढ़ गिरीश जोशी, प्रशासक जिला पंचायत ज्योति राय,विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, भाजपा महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, सीडीओ संजय कुमार सिंह, एडीएम हेमंत कुमार वर्मा, सहित स्थानीय गणमान्य नागरिक, विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाऐं छात्र-छात्राएं सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे।

चंपावतः दशहरा महोत्सव में सीएम ने किया प्रतिभाग, विभिन्न घोषणाओं की दी सौगात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तामली, (तल्लादेश) चंपावत में आयोजित दशहरा महोत्सव में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने तामली, (तल्लादेश) क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की। जिसमें तामली से पोलप- रूपालीगाड़ तक मोटर मार्ग के निर्माण हेतु विधायक निधि से 15 लाख रुपये दिए जाने, तामली क्षेत्र में पेयजल की समस्या के स्थाई समाधान हेतु लिफ्ट पेयजल योजना का निर्माण कार्य कराए जाने, दशहरा महोत्सव मेला स्थल तामली के सौंदर्यीकरण हेतु तैयार प्रस्ताव के अनुसार धनराशि जारी किए जाने, रणकोची मंदिर में बाढ़ सुरक्षा के कार्य किए जाने, तामली में आपातसेवा 108 की एम्बुलेंस की सुविधा दी जाने, बकौड़ा सीमा अश्वमार्ग का सुधारीकरण किया जाने, सतकुला को जोड़ने वाले मोटरपुल के निर्माण हेतु उचित कार्यवाही की जाने की घोषणा शामिल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा गोरखनाथ को नमन करते हुए सभी क्षेत्रवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा वह तामली क्षेत्र में आकर बेहद खुशी महसूस कर रहे हैं। क्षेत्र की जनता द्वारा दिए गए आशीष व आशीर्वाद से अभिभूत हैं। उन्होंने कहा चंपावत व पिथौरागढ़ का क्षेत्र नेपाल से लगा है। नेपाल से हमारे रोटी-बेटी का संबंध हैं। इस क्षेत्र में हमें भारत व नेपाल की संयुक्त संस्कृति की झलक एक मंच पर दिखती है। यह हमारे आपसी मित्रता, प्रेम, भाव का पर्याय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवन्त करने का कार्य करते हैं। यह नई पीढ़ी को भी हमारी संस्कृति से रूबरू कराने का कार्य करते हैं। हमारी आने वाली पीढ़ी को भी हमें यहां की संस्कृति से जोड़े रखना है। जिस हेतु हमारे लोक कलाकार व युवा पीढ़ी कार्य कर रही है। कलाकार अपनी प्रतिभाओं से संस्कृति को संजोए रखने हेतु अपना योगदान निरंतर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के दो दिन पूर्व प्रवासी उत्तराखंडियों को उत्तराखंड बुलाने हेतु एक सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में ‘‘आओ अपने गाँव वापस आओ’’ तथा अपने उत्तराखंड के विकास में सहयोग करने के लिये अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पलायन को कम करने के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में रोजगार के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने विधानसभा सभा में विधेयक लाकर उत्तराखंड की महिलाओं के हित के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया है। साथ ही नकल विरोधी एवं धर्मांतरण जैसे कठोर कानून भी राज्य सरकार ने बनाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अपराध करने वाले बाहरी लोगों के लिए यह भूमि नहीं है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर समान नागरिकता संहिता कानून लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को राज्य हित में कठोर से कठोर निर्णय भी लेने पड़े तो लेंगे। उन्होंने कहा उत्तराखंड को देश में श्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु हमारी सरकार प्रतिबद्ध है इस हेतु निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने सभी से अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का आग्रह किया। साथ ही आह्वान किया कि गांव से बाहर रह रहे लोगों से भी कहे कि अपनी बोली-भाषा, रीति-रिवाज को न छोड़े क्योंकि हमारी संस्कृति व रीति-रिवाज ही हमें परिचित कराते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरा पर्व हमे धर्म की अधर्म पर जीत सिखाता है। अन्याय करने वाला कितना ही बलवान क्यो न हो अंत में हार ही जाता है और हमेशा सत्य की ही जीत होती है। यह पर्व असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई की जीत एवं बुरी आदत का त्याग करने हेतु प्रेरित करता है। उन्होंने कहा प्रभु श्रीराम के पारिवारिक, सामाजिक जीवन शैली को अपनाना चाहिए, क्योंकि भगवान राम हमारे आदर्श हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश एवं प्रदेश को पर्यटन, धार्मिक एवं संस्कृति के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का कार्य हुआ है। भारत पुनः विश्व गुरु बनने हेतु अग्रसर है। हमारी सरकार अंतिम छोर में बैठे हर व्यक्ति तक अपनी योजनाएं पहुंचा रही है।

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल सिंह मेहरा, महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, भाजपा प्रदेश कार्यकारी सदस्य सतीश चंद्र पांडे, शंकर पांडे सुभाष बगोली, दशहरा महोत्सव समिति तामली के अध्यक्ष शैलेश जोशी, जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे, पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ रेखा यादव, मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, एडीएम हेमन्त वर्मा, सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक, लोक कलाकार स्थानीय लोग आदि उपस्थित रहे।

विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को रक्षाबंधन के अवसर पर चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले बगवाल मेले में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मां वाराही मंदिर में घंटी चढ़ाई तथा राज्य की खुशहाली एवं तरक्की की कामना की। मुख्यमंत्री, मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच फलों फूलों से खेले जाने वाले विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने। इस वर्ष पाषाण युद्ध करीब 11 मिनट तक चला।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि रीठा में रतिया नदी में बाढ़ सुरक्षा का निर्माण कार्य एवं वैकल्पिक एप्रोच रोड का निर्माण कार्य किया जायेगा एवं मानसखण्ड कॉरीडोर के अन्तर्गत वाराही मंदिर के छूटे हुये अवस्थापना कार्यों को सम्मिलित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलो का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए सभी देवी-देवताओं को नमन किया। उन्होंने कहा देवीधुरा के ऐतिहासिक और रमणीक क्षेत्र में आकर स्वयं को अभिभूत महसूस कर रहा हूं। बग्वाल मेला हमारी लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का संगम है। यह मेला हमारी संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ ही हमारी संस्कृति का भी संवर्धन करता है। उन्होंने कहा पुरानी परंपराओं को निभाने और आगे बढ़ाने की ऊर्जा आने वाली पीढ़ी को मिलते रहनी चाहिए। पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि के कण-कण में देवताओं का वास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ ही पौराणिक स्थलों का भी संवर्धन कर रही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। देवीधुरा भी इस मिशन का महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने कहा चार धामों के साथ ही मानसखंड में मंदिरो को भी रोपवे से जोड़ने का कार्य जारी है। माँ पूर्णागिरि धाम को रोप-वे से जोड़ा जा रहा है। मानसखंड यात्रा के तहत विशेष ट्रेन भी चलवाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में मंदिर के संवर्धन के साथ ही कृषि, दुग्ध उत्पादन, शिक्षा, बागवानी, जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रही है। चंपावत महाविद्यालय को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कैंपस के रूप विकसित किया जा रहा है। चंपावत मुख्यालय में एआरटीओ का उप कार्यालय खोला गया है। चंपावत को आदर्श जिला बनाने के साथ ही उत्तराखंड को एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने पर राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा लोक कलाकार गिरीश बरगली द्वारा तैयार “जय मां वाराही“ वीडियो को लांच किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी द्वारा हेलीपेड के निकट जीआईसी परिसर देवीधुरा में पौधा रोपण किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, विधायक राम सिंह कैड़ा, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र सिंह पाल, उपाध्यक्ष सेतु श्री राजशेखर जोशी, बाराही मंदिर समिति संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

चंपावत में प्रगतिशील उन्नत किसानों द्वारा सेब उत्पादन के क्षेत्र में लाया जा रहा है क्रांतिकारी परिवर्तनः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा कि चंपावत में कोका-कोला इंडिया और इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (आईडीएचटी) प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण साझेदारी निभा रहे हैं। गोरलचोड़ निकट ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड सदन नई दिल्ली से वर्चुवल रूप से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की “उन्नति एप्पल परियोजना“ इस बात का शानदार उदाहरण है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से कृषि परिवर्तन को बढ़ावा मिल सकता है। इस पहल की सफलता हमारे किसानों की दृढ़ता और कड़ी मेहनत का परिणाम है। इस परियोजना से प्रदेश में सेब के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। इस परियोजना से चंपावत में सेब की खेती करने वाले किसानों में आए सकारात्मक बदलावों के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये काश्तकार चंपावत को आदर्श जनपद की परिकल्पना को साकार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चम्पावत में हाई डेंसिटी प्लांटेशन तकनीक से लगाए गए 100 सेब के बगानों से 20 माह में ही फलों का उत्पाद होना सेब की खेती के लिये शुभ संकेत बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना ने किसानों को उन्नत रोपण सामग्री, अच्छे कृषि अभ्यासों (जीएपी) में प्रशिक्षण और आधुनिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की है, जिसके परिणामस्वरूप सेब उत्पादन और किसानों की आय में पर्याप्त वृद्धि हुई है। जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत होने के साथ ही प्रगतिशील किसानों द्वारा अन्य को भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी राज्य की आजीविका, समृद्धि और विकास का प्रतीक है। सेब के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कोका-कोला इंडिया और इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज की परियोजना उन्नति एप्पल जैसी आधुनिक कृषि-तकनीक पहल अत्यधिक उत्पादक और लाभदायक साबित हुई है। इससे हमारे किसानों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को भी बढ़ावा मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जलवायु कीवी, अखरोट, नाशपाती,प्लम, खुमानी और पैशन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है। इन फलों के उत्पादन के लिए चम्पावत क्षेत्र उपुयक्त माना जाता है। यहां के सेब अपनी गुणवत्ता, स्वाद व पोषण तत्वों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। राज्य सरकार प्रदेश में फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में एप्पल मिशन के साथ अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब बागान लगाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। सरकार ने प्रदेश में नई सेब नीति बनाई है इसमें आठ वर्ष में पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की अति सघन बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में सेब का सालाना टर्नओवर 200 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपए तक किया जाए। प्रदेश में उद्योगों के साथ ही बागवानी के विकास के लिए भी अनुकूल नीति बनाकर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को सेब की खेती के प्रति अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए ताकि सेब उत्पादन में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाया जा सके। राज्य में नई तकनीकी से सेब के उन्नत किस्म के पेड़ लगाने से हम जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश से भी अच्छी क्वालिटी का सेब उत्पादन कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखण्ड की भी सेब उत्पादन में विशेष पहचान हो, इसके लिए गुणवत्ता व पैकिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। किसानों को तीन लाख रुपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के पांच लाख रुपए तक का ऋण दिया जा रहा है। परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत जैविक खेती को प्रमोट करने के लिए किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत किसानों को 80 फीसदी तक सब्सिडी पर कृषि उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सतत् कृषि योजना के तहत कृषि में खाद्यान्न, मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी में बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक सेक्टर में अनुदान दिया जा रहा है। पशुधन बीमना योजना के तहत पशु बीमा से किसानों को पशुओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर होने वाली हानि से बचाया जा रहा है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत राज्य में कलस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस लगाकर फूल, सब्जी आदि बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले चार-पांच सालों में विभिन्न फलों की पैदावार को 20 गुना तक बढ़ाया जाए, इससे न केवल किसानों को रोजगार मिलेगा बल्कि प्रदेश में एक पूरी फ्रूट इंडस्ट्री भी विकसित होगी। उन्होंने कहा कि प्रोसेसिंग की इकाइयां भी भविष्य में लगाई जाएगी, ताकि यहां का उत्पादन बेहतर तरीके से बाजार में जा सके। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों और काश्तकारों से संवाद भी किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय ने कहा कि सभी के अथक प्रयासों और मेहनत से जनपद में सेब उत्पादन के अच्छे परिणाम आ रहे, जिससे किसानों की आर्थिकी में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज के निदेशक सुधीर चड्ढा ने कहा, “प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल“ इस बात का उदाहरण है कि कैसे निजी और सार्वजनिक संस्थाओं के बीच साझेदारी समाज में स्थायी और सकारात्मक बदलाव ला सकती है। उन्होंने बताया की 2018 में लॉन्च किया गया। प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल आनंदना, कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीक प्रदान करके और उन्हें शिक्षित करके उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए अपने क्रियान्वयन भागीदार के रूप में इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ भागीदारी की। के माध्यम से सेब की खेती और किसानों की आय बढाने में भी मदद मिली है।

निदेशक कोकाकोला राजीव गुप्ता ने कहा कि इस मिशन के अंतर्गत चंपावत में सेब के उत्पादन के बेहतर परिणाम आ रहे है। नई तकनीक एवं सभी के सहयोग से सेब का उत्पादन हम दो से तीन गुना और बढ़ा सकते है। जिससे किसानों के आय में भी वृद्धि होगी और किसान देश के विकास में अपनी भागीदारी कर सकेंगे।

कार्यक्रम में प्रदेश प्रवक्ता भाजपा सुरेश जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, ब्लॉक प्रमुख चंपावत रेखा देवी, विनीता फर्त्याल, सुमनलता, समेत प्रगतिशील किसान तथा अन्य मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने रीठा साहिब, चम्पावत में कार पार्किंग निर्माण हेतु प्रदान की वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूतपूर्व सैनिकों आश्रितों को शैक्षिक सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के तहत छात्रवृत्ति राशि की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य के भूतपूर्व सैनिकों आश्रितों को इंजीनियरिंग, मेडिकल व पी.एच.डी. की शिक्षा ग्रहण करने हेतु शैक्षणिक सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के तहत 91 विद्यार्थियों को 11 लाख 6 हजार की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वीकृत छात्रवृत्ति के तहत इंजीनियरिंग के 83 छात्रों को 9,96,000, मेडिकल के 6 छात्रों को 90,000, पी.एच.डी. के 2 छात्रों को 20,000 की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनपद चम्पावत के रीठा साहिब में कार पार्किंग निर्माण कार्य के लिए 9 करोड़ 89 लाख की धनराशि की भी स्वीकृत प्रदान की है।

आदर्श जनपद बनाने के लिए लिए बनाई जा रही कार्ययोजना और गतिमान कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में जनपद चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने के लिए लिए बनाई जा रही कार्ययोजना और गतिमान कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए जनपद चम्पावत को मॉडल जनपद के रूप में लिया जा रहा है। चम्पावत ऐसा जनपद है जिसमें राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से मैदान, तराई, भाबर और पर्वतीय क्षेत्र शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आदर्श जनपद चम्पावत के लिए बनाई जा रही कार्य योजना पर तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाना है। अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि विकास कार्यों में पारिस्थितिकी और पर्यावरण में समन्वय बनाकर कार्य करें। प्रकृति द्वारा हमें प्रदान की गई विरासतों के संरक्षण के साथ विकास कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि अभी तक बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार कार्यों को धरातल पर तेजी से उतारा जाए। चरणबद्ध तरीके से कार्यों में तेजी लाई जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यों के परिणाम जल्द धरातल पर दिखें। उन्होंने कहा कि आदर्श चम्पावत के लिए नोडल अधिकारी जनपद के अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के साथ नियमित बैठकें करें। उन्होंने कहा कि आदर्श चम्पावत के लिए और क्या बेहतर कार्य हो सकते हैं, इसके लिए स्थानीय स्तर पर लोगों के सुझाव भी लिये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत जनपद में धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। चम्पावत जनपद में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटक की सुविधा के दृष्टिगत तीन से चार दिन की यात्रा के लिए सर्किट बनाए जाएं। पूर्णागिरी में श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है, श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि शारदा कॉरिडोर और चम्पावत के आईएसबीटी को भी विस्तारित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निर्माण संबधी कार्यों में पारिस्थितिकी से संबंधित पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई कि चम्पावत जनपद में पर्यटन, कृषि और बागवानी, हेल्थकेयर, शिक्षा, दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। चम्पावत को आदर्श राज्य बनाने के लिए 2030 तक के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। जनपद में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने, डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने, किवी और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किये जा रहे हैं। आदर्श चम्पावत के लिए जिन योजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं, भविष्य में स्थानीय स्तर पर ये लोगों की आर्थिकी को तेजी से बढ़ाने में काफी कारगर साबित होंगी।
जिलाधिकारी चम्पावत नवनीत पाण्डेय ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनपद में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिले, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। चम्पावत जनपद में सैलर एनर्जी के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं, इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में पलायन बढ़ रहा है, इसको ध्यान में रखते हुए टाउन प्लानिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, एस.एन.पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, अपर सचिव जगदीश चन्द्र कांडपाल एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित रहे।

कैलाश दा की अंतिम विदाई में छलके सीएम धामी के आंसू

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विकास निगम के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी के निधन पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली में पार्टी प्रत्याशी के नामांकन-रोड शो और सरकार की चारधाम यात्रा समेत अन्य कार्यक्रमों में कर्तव्यों को निभाने के साथ ही अपने दोस्त गहतोड़ी को अलविदा करने काशीपुर पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री धामी ने गहतोड़ी के कुशल राजनीतिज्ञ और विकास के विजन की तारीफ करते हुए भावुक होकर नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।

चंपावत के पूर्व विधायक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए उप चुनाव में सीट छोड़ने वाले वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वे मुख्यमंत्री धामी के राजनीति में बेहद करीबी दोस्त रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी इन दिनों पार्टी के लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बंगाल, दक्षिण भारत समेत बड़े राज्यों में प्रचार कर रहे हैं। आज सुबह मुख्यमंत्री धामी दिल्ली सीट पर पार्टी प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी के पक्ष में नामांकन रैली में भाग लेने पहुंचे थे। यहां मुख्यमंत्री धामी को पूर्व विधायक के निधन की दुःखद खबर मिली। मुख्यमंत्री धामी ने पार्टी संगठन की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। साथ ही राज्य में अगले हफ्ते से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा, वनाग्नि की घटनाओं समेत अन्य शासकीय कर्तव्यों का भी पालन किया है।

इसके बाद मुख्यमंत्री अपने बेहद करीबी और राजनीति में अच्छे दोस्त रहे कैलाश गहतोड़ी को अंतिम विदाई देने को उनके काशीपुर स्थित आवास पर पहुंचे। जहां गहतोड़ी के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैलाश गहतोड़ी कुशल राजनीतिज्ञ थे। उनके विकास के विजन के कारण ही वह चंपावत से उप चुनाव लड़े। उन्होंने भावुकता से कहा कि न केवल चंपावत बल्कि राज्य के विकास को लेकर जो सोच गहतोड़ी रखते थे, उनको पूरा करनी की जिम्मेदारी हमारी है। यही पूर्व विधायक को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बहरहाल, मुख्यमंत्री धामी ने संगठन और सरकार की जिम्मेदारी का निर्वहन कर दुःख की घड़ी में अपने दोस्त की अंतिम विदाई में शामिल होकर कर्त्तव्य पालन किया है।