गौरव के पलः उत्तराखण्ड के तीन एनसीसी कैडेट्स ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर किया आरोहण

साहस, दृढता और अनगिनत चुनौतियों को पार करने की अदभुत मिसाल पेश करते हुए उत्तराखण्ड के तीन युवा राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट्स ने दुनिया की सबसे ऊॅंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक आरोहण की है। इन युवाओं ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि 18 मई 2025 को प्राप्त की जो यह सिद्ध करती है कि जब सपनों में विश्वास और कठिन परिश्रम होता है तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

इन साहसी युवा पर्वतारोहियों-कैडेट वीरेन्द्र सामन्त, 29 उत्तराखण्ड वाहिनी राष्ट्रीय कैडेट कोर, देहरादून, कैडेट मुकुल बंगवाल, 4 उत्तराखण्ड वाहिनी राष्ट्रीय कैडेट कोर, पौडी, कैडेट सचिन कुमार, 3 उत्तराखण्ड वाहिनी राष्ट्रीय कैडेट कोर, उत्तरकाशी ने दुनिया की सबसे ऊॅंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई कर न केवल अपने व्यक्तिगत साहस को परखा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत के युवा अगर ठान लें तो कोई भी चुनौती उनके रास्ते में नहीं आ सकती।

इस सफलता पर कैडेट वीरेन्द्र सामन्त ने कहा कि यह हमारी जीत नहीं है, यह हर उस युवा की जीत है जो सपने देखता है। हमने कड़ी चुनौतियों का सामना किया लेकिन हर कदम पर हमें अपने आप पर, अपनी टीम पर और इस सपने को पूरा करने पर विश्वास था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा कैडेट्स को उनकी सफलता पर बधाई देते हुये उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि केवल इन कैडेट्स की नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है। उनका साहस और समर्पण देश के युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उनकी सफलता एन0सी0सी के मूल्यों, अनुशासन, टीमवर्क और उत्कृष्टता की ओर निरंतर प्रयास का प्रतीक है।

उत्तराखण्ड एन0सी0सी0 के अपर महानिदेशक, मेजर जनरल रोहन आनन्द, सेना मेडल ने कहा कि यह अभियान एन0सी0सी0 के द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को साहसिक खेलों, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता के प्रति प्रेरित करना है। इस कठिन यात्रा में इन कैडेट्स ने न केवल विपरीत मौसम का सामना किया, बल्कि मानसिक और शारीरिक थकावट को भी पार किया। फिर भी उनके अथक प्रयासों और टीमवर्क ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

उन्होंने कहा कि एन0सी00सी0 में हम हमेशा कहते हैं कि नेतृत्व कठिन समय में ही पैदा होता है। इन युवा पर्वतारोहियों ने इस सिद्धांत को अपने कार्यों से साबित किया है। इन कैडेट्स ने जो किया है वह भावी पीढ़ी को प्रेरित करेगा, ताकि वे अपने डर को पार कर सकें और असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकें। उन्होंने कहा, यह सफलता सिर्फ इन कैडेट्स की नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की है। उनकी यात्रा हमारे युवा शक्ति, एकता की ताकत और असंभव को संभव बनाने की अदम्य इच्छा का प्रतीक है।

इस यात्रा में इन कैडेट्स को अनुभवी पर्वतारोहियों, प्रशिक्षकों और एन0सी0सी0 के मार्गदर्शकों का पूरा सहयोग प्राप्त था। इसके अलावा, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड, भारतीय सेना की पर्वतारोहण टीम और स्थानीय संगठनों ने इस अभियान की सफलता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिये एक देश एक चुनाव जरूरीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी रोड स्थित एक होटल में “एक देश, एक चुनाव” विषय पर संयुक्त संसदीय समिति के साथ संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी. पी. चौधरी एवं समिति के सभी सदस्यगणों का स्वागत और अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक देश एक चुनाव’ हमारे लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि हमारी चुनाव प्रणाली विविधताओं के बावजूद प्रभावी और मजबूत रही है, लेकिन अलग-अलग समय में चुनाव होने से बार-बार आचार संहिता लगती है, इसके चलते राज्यो के सारे काम ठप पड़ जाते हैं। जब भी चुनाव आता है, तो बड़ी संख्या में कार्मिकों को मूल कार्य से हटाकर चुनाव ड्यूटी में लगाना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में राज्य में विधानसभा, लोकसभा और निकाय चुनावों की आचार संहिता के कारण 175 दिन तक राज्य की प्रशासनिक मशीनरी नीतिगत निर्णय लेने की प्रक्रिया से वंचित रही। छोटे और सीमित संसाधनों वाले राज्य के लिए ये 175 दिन शासन व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा निर्वाचन का पूर्ण व्यय भार राज्य सरकार वहन करती है और लोकसभा निर्वाचन का व्यय भार केंद्र सरकार द्वारा उठाया जाता है। दोनों चुनाव एक साथ कराए जाएं तो राज्य और केंद्र सरकार पर व्यय भार समान रूप से आधा-आधा हो जाएगा। दोनों चुनाव एक साथ कराने से कुल व्यय में लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की बचत होगी। इसका उपयोग राज्य के स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, जल, कृषि एवं महिला सशक्तिकरण जैसे अनेक क्षेत्रों में किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जून से सितंबर का समय चारधाम यात्रा के साथ-साथ, बारिश का भी होता है, ऐसे में चुनावी कार्यक्रम होने से बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जनवरी से मार्च तक वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही के समय भी चुनावी प्रक्रिया निर्धारित नहीं की जानी चाहिए। फरवरी-मार्च के माह में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षाएं होने से प्रशासनिक संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों में “एक देश एक चुनाव” महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों में मतदान केंद्रों तक पहुंचना कठिन होता है, जिसके कारण चुनाव की प्रक्रिया में अधिक समय और संसाधन लगते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए चुनाव में भाग लेना भी चुनौतीपूर्ण होता है, बार -बार चुनाव होने से लोगों में मतदान के प्रति रुझान कम होता है और मतदान प्रतिशत भी घटता है।

सीएम हेल्पलाइन की सक्रियता जांचने के क्रम में सीएम ने शिकायतकर्ताओं से की बातचीत

सीएम हेल्पलाइन 1905 पर दर्ज होने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए दिए जाने वाले निर्देशों पर विभाग कितनी तत्परता से काम कर रहे हैं, यह जांचने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई आवेदकों से बातचीत कर फीडबैक लिया। इस दौरान सभी शिकायतकर्ताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री के पिछले दिशा-निर्देश के बाद अब उनकी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गत दिनों सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की थी। इसमें कुछ प्रकरण ऐसे थे, जिनमें मुख्यमंत्री ने विभागों को तय समय सीमा के भीतर निस्तारण के निर्देश दिए थे। इन्हीं प्रकरणों में विभागों के स्तर से क्या कार्रवाई की गई, यह जानने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कई शिकायतकर्ताओं से बातचीत की। पहले मामले में उत्तरकाशी निवासी लक्ष्मी देवी ने शिक्षा विभाग से पारिवारिक पेंशन नहीं लग पाने की शिकायत की थी। सीएम से बातचीत में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के पिछले दिशा-निर्देश के बाद विभाग ने उनकी पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कर दी है। इसी तरह रुद्रप्रयाग निवासी जगदम्बा प्रसाद नौटियाल ने शिक्षा विभाग से मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हो पाने की शिकायत की थी। बुधवार को उन्होंने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को बताया कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद लंबित बिलों का भुगतान हो गया है। इसी तरह उद्यान विभाग से रिटायर्ड नैनीताल निवासी बहादुर सिंह बिष्ट ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को बताया कि सीएम के गत दिशा-निर्देशों के क्रम में विभाग ने उनका जीपीएफ का भुगतान कर लिया है। सभी शिकायतकर्ताओं ने इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।

सीएम ने दिखाई संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी न सिर्फ सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा कर रहे हैं, बल्कि वह बैठकों के बाद होने वाली कार्रवाई पर भी संवेदनशीलता के साथ नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में सीएम अब पुनः शिकायतकर्ताओं से वास्तविक फीडबैक ले रहे हैं। इससे विभागों पर भी शिकायतों के निस्तारण में तत्परता दिखाने का दबाव बन रहा है।

इस अवसर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी.अंशुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

सीएम ने निकायों के कार्यालयों को डिजिटल करने, रजत जयंती पार्क बनाने, वेंडिंग जोन बनाने की घोषणा की

सीएम धामी ने राज्य के सभी नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों को नसीहत दी है कि वे अपनी भूमिका को केवल एक पद के रूप में न देखें, बल्कि इसे जनसेवा के एक मिशन के रूप में अपनाएं। सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी ट्रिपल इंजन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यों का लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। आप सभी अपने-अपने निकाय कार्यालय को केवल एक प्रशासकीय इकाई ही नहीं, बल्कि उसे एक सेवा केंद्र के रूप में विकसित करें, जहाँ प्रत्येक नागरिक बिना झिझक के पूरे विश्वास के साथ आएं। आप सभी पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को अपनी कार्यशैली का मूल मंत्र बनाएं। आप लोग नियमित रूप से विशेषकर उन कार्यों की मॉनिटरिंग स्वयं करें, जिनमें भ्रष्टाचार की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि प्रशासनिक स्तर पर आपकी सतर्कता ही सुशासन की सबसे बड़ी गारंटी बन सकती है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं और अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को ये स्पष्ट संदेश दें कि किसी भी स्तर पर भ्रष्ट आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेरा मानना है कि हमारी जिम्मेदारी केवल सत्ता में बने रहने की ही नहीं है, बल्कि हमारी असल जिम्मेदारी जनता की सेवा करने की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में शहरी विकास विभाग द्वारा आयोजित शहर से संवाद कार्यक्रम में राज्य के सभी नगर निगम एवं नगर पालिकाओं के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता हेतु तैयार तीन वेब पोर्टल लॉन्च किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निकायों के कार्यालयों को डिजिटल करने, रजत जयंती पार्क बनाने, नगर निकायों में वेंडिंग जोन बनाने, भारत सरकार से टाइड फंड को अनटाइड करने का अनुरोध करने की तथा राज्य की प्रत्येक नगर निगम में 10, नगर पालिका में 5 तथा नगर पंचायत में 3 ही-टेक हेयर सैलून/पार्लर स्थापित करने हेतु स्थानीय महिला एवं पुरुषों हेतु प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाने की घोषणा की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगम के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्षों सहित विभिन्न स्थानीय जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को सुना तथा नोट किया।

नगर निकाय शहरों की आत्माः सीएम
नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहरी सरकार नगर निगम और नगर पालिकाएं किसी भी शहर की आत्मा हैं। यह न केवल बुनियादी सुविधाएं जनता तक पहुँचाने का कार्य करती हैं, बल्कि किसी शहर की दिशा और दशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाई नगर निकायों की जिम्मेदारियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, कई नगरों में जल निकासी की समस्या बनी हुई है। साथ ही शहरों में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को और अधिक सशक्त करने की आवश्यकता है। ट्रैफिक जाम अब शहरों में एक आम चुनौती बन चुका है, जिसे नियंत्रित करने के लिए स्थानीय निकायों को भी को विशेष प्रयास करने होंगे। इसके साथ ही हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्राथमिकता के साथ कार्य करना होगा।

शहरी सरकार से सीएम धामी के विशेष अनुरोध
सभी नगर निकायों से अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आप लोगों को सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इन सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए संकल्पित होकर प्रयास करने होंगे। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सरकार नगर निकायों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलते हुए भारत को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से आज देश के लाखों शहरों, कस्बों और नगरों में साफ-सफाई की एक नई संस्कृति विकसित हुई है। अमृत योजना के द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे जैसे जल आपूर्ति, सीवरेज और हरित स्थानों को सशक्त किया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा शहरी विकास को तकनीक और नागरिक सुविधा के साथ जोड़ते हुए एक आदर्श नगर विकास का मॉडल प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाखों गरीब परिवारों को अपने स्वयं के पक्के घर प्राप्त हुए हैं।

राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा देने के लिए प्रयासरत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हमारी सरकार ने राज्य में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने का काम किया है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक नगर में ठोस कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन, पीएम स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत मिशन जैसी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को देने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही “विकास भी, विरासत भी” के मूल मंत्र के साथ राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने की दिशा में भी निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य की मातृ शक्ति द्वारा प्रदेशभर में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। उनके बनाए उत्पाद मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पादों से भी बेहतर है। मातृ शक्ति राज्य की सबसे बड़ी ताकत है। उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने में माताओ-बहनों की सबसे बड़ी भूमिका है।

ट्रिपल इंजन सरकार लिख रही विकास का नया अध्याय
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज हमारा राज्य नीति आयोग की ैक्ळ इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुंचा है। साथ ही, युवाओं को रोजगार देने में भी हम अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं। हमने एक वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की है, जो राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है। हमारी सरकार विकास कार्यों के साथ ही देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। साथ ही, प्रदेश में सख्त दंगा रोधी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों को भी लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में एक सख्त भू-कानून भी लागू कर दिया है, जिससे राज्य के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इतना ही नहीं हमने जहां एक ओर राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू कर एक समरस समाज के निर्माण की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है। सख्त नकल कानून द्वारा नकल माफिया की रीढ़ तोड़ने का काम किया है, जिसके परिणामस्वरूप आज राज्य के 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है। हम भ्रष्टाचार रूपी दीमक को जड़ से समाप्त करने के लिए ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत कार्य कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में हमने भ्रष्टाचार में लिप्त करीब 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया है।

इस अवसर पर मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल, सहित सभी नगर निगमों के मेयर, नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, सचिव नितेश कुमार झा, नगर आयुक्त नमामि बंसल, शहरी विकास विभाग के अधिकारी तथा विभिन्न स्थानीय निकायों के 100 से अधिक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

16वें वित्त आयोग की टीम ने निकायों, त्रिस्तरीय पंचायतों और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से लिए सुझाव

16वें वित्त आयोग की टीम, ने आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में नगर निकायों, त्रिस्तरीय पंयायतों और राजनैतिक दलों के साथ विचार विमर्श किया। देहरादून के एक स्थानीय होटल में आयोजित इस बैठक में आयोग सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांतिघोष आयोग के सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव केके मिश्रा, संयुक्त निदेशक पी अमरूथावर्षिनी शामिल हुए।

01-निकाय प्रमुखों ने उठाई स्वच्छता के लिए अतिरिक्त आवंटन की मांग
प्रथम सत्र में कुल आठ नगर निकाय प्रमुखों ने आयोग के सामने अपने प्रस्ताव रखे। निकाय प्रमुखों ने उत्तराखंड में तीर्थाटन और पर्यटन गतिविधियों को देखते हुए पार्किंग, साफ सफाई, सीवरेज जैसे मद में अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की मांग उठाई। मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल ने कहा कि पयर्टन और एजुकेशन हब के कारण देहरादून को अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत है। रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा ने कहा कि सिडकुल होने के कारण रुद्रपुर में प्रतिदिन करीब पचास हजार फ्लोटिंग आबादी का आवागमन रहता है। प्रतिदिन निकलने वाले वाले ढाई लाख टन कूड़े के निस्तारण के लिए भी निगम को पर्याप्त सहायता चाहिए। अल्मोड़ा के मेयर अजय वर्मा ने अल्मोड़ा को हैरिटेज शहर के रूप में विकसित करने के लिए सहायता की मांग उठाई। हरिद़वार मेयर किरण जैसल ने तीर्थाटन को देखते हुए अतिरिक्त बजट की मांग उठाई। मसूरी पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने पार्किंग सुविधा विकसित करने और ग्रीन बोनस पर जोर दिया। पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष हिमानी नेगी ने सीवर लाइन की मांग उठाई। बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण लागत ज्यादा आने से बजट बढ़ाने की मांग की। अगस्तमुनि नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र पंचायत गोस्वामी ने पार्किंग सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक में सचिव श्री नितेश झा, नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल शामिल हुईं।

02-क्षेत्र के आधार पर मिले पंचायतों को फंड
त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने आयोग के सामने बजट आवंटन में क्षेत्रफल को मुख्य आधार बनाने की पैरवी की। जिला पंचायत देहरादून की प्रशासक मधु चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाए। पिथौरागढ़ की जिला पंचायत प्रशासक दीपिका बोरा ने कहा कि पंचायतों को कई बार आपदा के चलते आकस्मिक कार्य भी कराने पड़ते हैं। इसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाए। जयहरीखाल ब्लॉक के प्रशासक दीपक भंडारी ने कहा कि उनके ब्लॉक में कुछ ग्राम पंचायतों को सालाना साढ़े लाख लाख तक ही बजट मिल पाता है, जो बहुत कम है। इस मौके पर ब्लॉक प्रशासक देवाल डॉ. दर्शन सिंह दानू, द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणा, ग्राम पंचायत प्रशासक झाझरा पिंकी देवी ने भी विचार व्यक्त किए। सचिव पंचायतीराज श्री चंद्रेश कुमार ने कहा कि राज्य की 89 प्रतिशत ग्राम पंचायतों की आबादी पांच सौ से कम है, जिन्हें सालाना पांच लाख रुपए से कम का वार्षिक अनुदान मिल पाता है, इसलिए वित्तीय आवंटन को बढ़ाए जाने की जरूरत है। इस मौके पर निदेशक पंचायती राज श्रीमती निधि यादव भी उपस्थित हुईं।

03-राजनैतिक दलों ने उठाई ग्रीन बोनस की मांग
तीसरे सत्र में भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई (एम), आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भाजपा से विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्य में शानदार प्रदर्शन किया है, प्रति व्यक्ति आय में भी उत्तराखंड का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से अधिक है। अब राज्य को पलायन रोकने के लिए टेलीमेडीसिन जैसे माध्यमों को विकसित किए जाने की जरूरत है। इसी तरह गांवों को बचाने के लिए महिला आधारित कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। विधायक चमोली ने कहा कि राज्य में कुछ गांव पलायन से खाली हो चुके हैं, इन गांवों तक सड़क पहुंचाने के लिए भी राज्य को अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है। इसी तरह जल जीवन मिशन के तहत प्राकृतिक स्रोतों को बचाने के लिए अतिरिक्त बजट दिया जाए। उन्होंने राज्य को कार्बन क्रेडिट भी दिए जाने की मांग उठाई। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में हिमालय अभी युवा अवस्था में है, इस कारण यहां प्राकृतिक आपदाएं होती रहती हैं। इसलिए आपदा से निपटने के लिए राज्य को अतिरिक्त संसाधन दिए जाएं। धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड देश के पर्यावरण संरक्षण में विशेष योगदान देता है, इसके लिए राज्य को प्रतिपूर्ति मिलनी चाहिए। साथ ही स्थानीय नदियों से पेयजल और सिंचाई सुविधा विकसित करने के लिए अतिरिक्त सहायता दी जाए। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव राजेंद पुरोहित ने राज्य में मनरेगा दरें बढ़ाने की मांग की। साथ ही आंगनबाड़ी, भोजनमाताओं को सशक्त बनाने की मांग की। आदमी आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष विशाल चौधरी ने राज्य के लिए विशेष सहायता की मांग उठाई। बसपा के राज्य सचिव मदनलाल भी बैठक में शामिल हुए। इस मौके पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव डॉ विजय जोगदंडे, हिमांशु खुराना उपस्थित रहे।

वित्त आयोग बोला, विकासशील राज्य में संतुलित राजकोषीय घाटा बुरी स्थिति नहीं

उत्तराखंड के दौरे पर आए 16वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड के वित्तीय प्रबंधन को सराहा है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि किसी भी विकासशील राज्य में यदि संतुलित राजकोषीय घाटा है, तो यह बुरी स्थिति नहीं है। हां, यह घाटा ज्यादा ना होने पाए, इसका ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा-वित्तीय चुनौतियों को लेकर उत्तराखंड जागरूक है और सही तरीके से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसमें बढ़ोत्तरी की पूरी संभावना है।

सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय अच्छी है। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसको और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि आज तक जितने आयोग बने हैं, उन्होंने हिमालयी राज्यों की विशिष्ट भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की हैं। उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच कर बंटवारे की व्यवस्था को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था और आवश्यकताओं के अनुरूप कर से प्राप्त आय केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित करने के लिए वित्त आयोग विधि और सूत्र निर्धारित करता है।

डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि केंद्र व राज्यों के बीच कर विभाजन के लिए आयोग ने जो सूत्र प्रस्तुत किया है, उसमें राजस्व हिस्सेदारी के निर्धारण के लिए पैमाने तय किए गए हैं। जनसांख्यिकी प्रदर्शन (कम प्रजनन दर के आधार पर) को 12.5 प्रतिशत, आय के अंतर को 45 प्रतिशत, जनसंख्या व क्षेत्रफल प्रत्येक के लिए 15 प्रतिशत, वन एवं पारिस्थितिकी के लिए दस प्रतिशत, कर एवं राजकोषीय प्रबंधन को 2.5 प्रतिशत रखा गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों और पंचायतों के विकास के लिए बजट आवंटन के दौरान पूरा ध्यान रखा जाता है। यह राज्यों पर भी निर्भर करता है कि वह अवमुक्त बजट के हिसाब से कैसे काम करते हैं।

पूर्व से चल रहे आयुर्वेदिक अस्पतालों को अपग्रेड कर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में आयुष विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड आयुर्वेद की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अधिक लोगों को कैसे जोड़ा जाए, इसमें अधिक शोध और अनुसंधान को कैसे बढ़ावा मिले तथा आयुष चिकित्सा को आम जनमानस के बीच कैसे लोकप्रिय बनाया जाए इस पर योजना तैयार की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेद एवं होम्योपैथी को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए शुरुआत में प्रदेश के 25 आयुष एवं वेलनेस सेंटर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों में आयुर्वेद, होम्योपैथी, पंचकर्मा, योगा आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इन केंद्रों को पर्यटन से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले से चल रहे आयुर्वेदिक अस्पतालों को अपग्रेड कर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा सकता है। उन्होंने इन्वेसटर्स समिट में आए अच्छे एवं महत्त्वपूर्ण प्रस्तावों का फिर से अध्ययन कर धरातल पर उतारे जाने की भी बात कही।

मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत निर्माणाधीन आयुष अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने हेतु समय-सीमा निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नए अस्पतालों के निर्माण कार्यों के साथ ही पदों के सृजन के प्रस्ताव भी साथ-साथ स्वीकृत कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इन आयुष एवं वेलनेस केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ ही आत्मनिर्भर बनाने हेतु एक समुचित प्लान बनाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं अपर सचिव आनन्द स्वरूप सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पहले चरण में अग्रिम चौकी माणा एवं मलारी के लिए रवाना की गई पोल्ट्री उत्पादों की खेप

उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रदेश के काश्तकारों एक किसानों की आजीविक सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। भारतीय सेना अब पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रदेश के स्थानीय किसानों से पोल्ट्री उत्पादों की खरीद करेगी। सोमवार को जनपद चमोली में भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों माणा एवं मलारी के लिए आपूर्ति की पहली खेप रवाना की गई। सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने झंडी दिखाकर आपूर्ति वाहनो को रवाना किया।

पशुपालन विभाग की इस पहल के तहत उत्तराखण्ड में सेना की अग्रिम चौकियों पर स्थानीय स्तर पर उत्पादित भेड़, बकरी एवं पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति की जा रही है।

जोशीमठ से रवाना की गई प्रथम खेप में भारतीय सेना की माणा पोस्ट व मलारी पोस्ट को पोल्ट्री की आपूर्ति की गई ,जो स्थानीय पशुपालक श्री गुलशन सिंह राणा एवं श्री सौरभ नेगी द्वारा उपलब्ध करायी गई।

इसका उद्देश्य उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ स्थानीय पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर ही एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था प्रदान करना है। इसके माध्यम से उनके उत्पादों का सही मूल्य एवं नियमित भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

गौरतलब है कि पशुपालन विभाग द्वारा आईटीबीपी के साथ पूर्व में एमओयू किया गया था। जिसके परिणामस्वरूप, पशुपालकों को स्थानीय बाजार उपलब्ध हुआ है। ं इसी प्रकार सेना को जीवित भेड़ ,बकरी एवं कुक्कुट की आपूर्ति के नये बाजार की संभावना से वाईब्रेंट ग्रामों के पशुपालकों को अतिरिक्त आमदनी का साधन प्राप्त होगा और रोजगार की तलाश में बाहर जाने वाले युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था भी सुनिश्चित हुई है। यह पहल वाइब्रेंट गांवों से पलायन की समस्या को समाप्त करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ अशीम देब व उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी एवं जनपद चमोली के परियोजना समन्वयक डॉ पुनीत भट्ट की उपस्थित रहे।
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चमोली जनपद से शुरू हुई यह ऐतिहासिक पहल जिसमें भारतीय सेना को स्थानीय किसानों और पशुपालकों द्वारा भेड़, बकरी एवं पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति की जा रही है-आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक मजबूत कदम है। हमारे सीमावर्ती गांवों के पशुपालकों को एक स्थायी और सुनिश्चित बाजार मिलेगा। यह पहल वाइब्रेंट विलेज योजना को नई दिशा देने के साथ-साथ गांवों से हो रहे पलायन को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के पूर्व वित्त मंत्री का टैक्स बार एसोसिएशन ने किया स्वागत

पूर्व वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल का टैक्स बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने स्वागत सम्मान किया। यह सम्मान स्वागत कार्यक्रम छोटे राज्यों में वित्तीय प्रदर्शन में गोवा के बाद उत्तराखंड के शानदार प्रदर्शन कर दूसरा स्थान हासिल करने पर किया गया। टैक्स भर के अधिवक्ताओं ने इस उपलब्धि का श्रेय पूर्व वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को दिया।

एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड ने वित्तीय प्रबंधन और सुशासन के क्षेत्र में एक और शानदार उपलब्धि हासिल की है। देश की प्रतिष्ठित वेबसाइट फाइनेंशियल एक्सप्रेस की केयर एज स्टेट रैंकिंग 2025 के अनुसार, नॉर्थ ईस्ट, पहाड़ी और छोटे राज्यों की वित्तीय प्रबंधन आदि के संबंध में उत्तराखंड ने गोवा के बाद दूसरा स्थान प्राप्त किया है। कहा कि पूर्व में वित्त मंत्री के रूप में डॉ प्रेमचंद अग्रवाल का राजस्व बढ़ाने की दिशा में उठाए गए निर्णयों के कारण उत्तराखंड को यह उपलब्धि मिली है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि असम, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यो की रैंकिंग उत्तराखंड से पीछे है। यह हमारे प्रदेश लिए गर्व का क्षण है। बताया कि यह उपलब्धि राज्य के मजबूत वितीय अनुशासन, पारदर्शी प्रशासन और विकासोन्मुख नीतियों का परिणाम है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि उत्तराखंड ने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने, स्वयं के कर राजस्व में वृद्धि, ऋण प्रबंधन आदि में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सामाजिक क्षेत्रों में बेहतर निवेश ने भी राज्य की रैंकिंग को और मजबूती प्रदान की है। बताया कि राज्य में व्यवसायिक माहौल को बेहतर बनाने, और डिजिटल ई-सेवाओं को सशक्त करने के प्रयासों ने उत्तराखंड को प्रशासनिक दक्षता में अग्रणी बनाया है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड के लिए यह गर्व का क्षण है। छोटे राज्यों में वित्तीय प्रदर्शन में दूसरा स्थान हासिल करना हमारी सरकार की नीतियों, कड़ी मेहनत और जनता के विश्वास का परिणाम है। कहा कि हमने वित्तीय अनुशासन को प्राथमिकता दी और शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल सेवाओं व न्याय व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।

इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत गुप्ता, सचिव महेश पांडे, कार्यक्रम संयोजक अनिल कुकरेती, संरक्षक डीएन अग्रवाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, अरुण गुप्ता, वीके चटर्जी, अंकित रावत, दिनेश शर्मा, राजकुमार राजपाल, कृष्णा सिलसवाल, मुकेश राणा, भूपेंद्र शर्मा, शिव कुमार गौतम, सोनू पांडे आदि उपस्थित रहे।

सीएम ने किया 16वें वित्त आयोग अध्यक्ष के नेतृत्व में पहुंची टीम का अभिनंदन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड दौरे पर आए 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आयोग के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व वाली इस टीम में आयोग सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांतिघोष आयोग के सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव केके मिश्रा, संयुक्त निदेशक पी अमरूथावर्षिनी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में होने वाली बैठक में राज्य सरकार वित्त आयोग के समक्ष अपने प्रस्ताव रखेगी। इसके बाद वित्त आयोग नगर निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव वित्त दिलीप जावलकर सहित वित्त विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।