मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सरकार युवाओं को दे रही है स्किल प्रशिक्षण

कोटद्वार निवासी प्रशांत रावत, जीएनएम का कोर्स करने के बाद वर्तमान में देहरादून के निजी अस्पताल में नौकरी कर रहे हैं। प्रशांत अब जर्मन भाषा में बी- 2 का प्रशिक्षण पूरा करने का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद वो जर्मनी में ढाई से साढ़े तीन लाख रुपए मासिक वेतन वाली नौकरी शुरू कर सकेंगे, जिसका ऑफर लेटर उन्हें पहले ही मिल चुका है। उत्तराखण्ड सरकार की ओर से चलाई जा रही ’मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’ ने प्रशांत के इन सपनों को रंग भरने का काम किया है। इसके लिए चयनित सभी युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन से सेवायोजन विभाग की ओर से चलाई जा रही ’मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’, राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। योजना के तहत जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक 15 युवाओं को देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उक्त सभी युवा बीएससी नर्सिंग, जीएनएम जैसे कोर्स करने के बाद वर्तमान में देहरादून में प्राइवेट जॉब कर रहे हैं। अब वो विदेशी भाषा का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद, जर्मनी में रोजगार हासिल कर, उत्तराखण्ड ही नहीं देश का भी नाम रोशन करने जा रहे हैं। उत्तराखण्ड सरकार के प्रयासों से इन युवाओं का चयन पहले ही जर्मनी के विभिन्न अस्पतालों में ढाई से साढ़े तीन लाख रुपए प्रति माह के वेतन पर हो चुका है, बस उन्हें इसके लिए जर्मन भाषा में बी – 2 परीक्षा पास करनी है।

सरकार का भरोसा और आधे से कम खर्च

योजना के तहत प्रशिक्षण ले रही देहरादून त्यागी रोड निवासी अवंतिका बताती हैं कि यदि वो बाहर से जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लेती तो, इसमें चार लाख रुपए तक का खर्च आता। लेकिन उत्तराखंड सरकार के अधीन आधे से कम खर्च में प्रशिक्षण मिल रहा है। उस पर सरकार के जरिए चयन होने से किसी तरह की ठगी की भी संभावना नहीं है। वो इसके लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।

मिलेगा दो साल का वर्क वीजा

देहरादून रानीपोखरी निवासी आस्था शर्मा भी चयनित युवाओं में शामिल है। आस्था बताती हैं कि करीब एक साल के प्रशिक्षण पर औसत डेढ़ लाख का व्यय आ रहा है। इसमें 20 प्रतिशत व्यय उत्तराखण्ड सरकार उठा रही है, इसमें वीजा खर्च भी शामिल है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उन्हें जर्मनी मे दो साल का वर्क वीजा भी मिलेगा। टिहरी निवासी काव्य चौहान के मुताबिक उन्होंने सरकारी नौकरी के उद्देश्य से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन योजना की जानकारी के बाद उन्होंने जर्मनी में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया, जहां नौकरी के लिए उन्हें ऑफर लेटर भी मिल चुका है। देहरादून निवासी प्रवीण लिंगवाल के मुताबिक इस योजना के कारण ही उनका विदेश में रोजगार का सपना पूरा हो रहा है।

उत्तराखण्ड के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है, हमारे युवा मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। इसलिए हमारी कोशिश है कि युवा शक्ति को कौशल प्रदान कर वैश्विक रोजगार के लिए तैयार किया जाए, उक्त युवा विदेश में उत्तराखण्ड ही नहीं वरन देश का भी नाम रोशन करेंगे, सभी प्रशिक्षणरत युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकानाएं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

07 नवम्बर को देहरादून में आयोजित होगा प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में प्रवासी उत्तराखण्ड प्रकोष्ठ की वेबसाइट ूूू.चतंअंेपनजजंतंाींदकप.ना.हवअ.पद लांच की। प्रवासी उत्तराखण्ड प्रकोष्ठ की वेबसाइट आइटीडीए के माध्यम से तैयार की गई है। वेबसाइट के माध्यम से प्रवासियों को राज्य सरकार की विभिन्न नीतियों, कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी प्रदान की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 07 नवम्बर 2024 को प्रस्तावित प्रवासी उत्तराखण्ड दिवस के अवसर पर देहरादून में देश के विभिन्न प्रदेशों में रह रहे प्रवासियों को आमंत्रित कर भव्य सम्मेलन आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभूमि से सबका जुड़ाव होता है। राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड के प्रवासियों का राज्य के विकास के लिए सहयोग लिया जाए और उनको अपनी मातृभूमि से जुड़ाव के लिए उन्हें हर संभव सहयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे उत्तराखण्ड के प्रवासियों ने देश-दुनिया में अपने कार्यों के बल पर अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में रहने वाले सभी उत्तराखण्ड वासियों से हमारा नियमित सम्पर्क होना चाहिए। हमारा प्रयास है कि हम हर सुख-दुःख में भागीदार बनें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विदेशों में रह रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों को भी आमंत्रित कर राज्य में जल्द एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाए। विदेशों में रह रहे सभी प्रवासी उत्तराखण्डियों का डाटाबेस अपडेट रखा जाए। उन्होंने कहा कि विदेश भ्रमणों के दौरान हमारे प्रवासी भाई-बहनों द्वारा जिस तरह भव्य रूप से स्वागत किया जाता है, इससे उनका अपनी पैतृक भूमि से लगाव और अपनी संस्कृति से जुड़ाव स्पष्ट परिलक्षित होता है।

उत्तराखण्ड राज्य से विभिन्न देशों एवं भारत के विभिन्न प्रदेशों में निवासरत उत्तराखण्डी प्रवासियों तक राज्य सरकार की पहुंच बनाने और प्रावासी उत्तराखण्डियों को उनकी मातृ भूमि के साथ जोड़ने, राज्य के विकास में उनकी विशेषज्ञता, अनुभव एवं वित्तीय क्षमताओं का लाभ लिये जाने तथा उल्लेखनीय उपलब्धि वाले प्रवासियों को सम्मानित करने के उद्देशय से राज्य में प्रवासी उत्तराखण्ड प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। विदेशों में रह रहे प्रवासियों की सुविधा के लिए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एवं उनकी महत्वपूर्ण योजनाओं के लिंक भी वेबसाइट में दिये गये है। प्रकोष्ठ द्वारा विभिन्न स्रोतो से देश के अन्दर एवं विदेशों में कार्यरत प्रवासी संगठनों एवं प्रतिष्ठित प्रवासियों के सम्पर्क सूत्र एकत्र किये है। अभी तक 18 देशों में रह रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों से सम्पर्क स्थापित किया जा चुका है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, डा. बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, दीपेन्द्र चौधरी, एस.एन.पाण्डेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, निदेशक आईटीडीए नीतिका खण्डेलवाल, प्रवासी उत्तराखण्ड प्रकोष्ठ के सदस्य सुधीर चन्द्र नौटियाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथः क्षतिपूर्ति के लिये सीएम ने 09 करोड़ 64 लाख की राहत राशि की हस्तांतरित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास देहरादून में मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न प्रभावित व्यवसायियों की क्षतिपूर्ति हेतु 9 करोड 64 लाख की राहत धनराशि को डीबीटी के माध्यम से प्रभावितों को हस्तांतरण की।

मुख्यमत्री ने पूर्व में मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचौली से सोनप्रयाग तक के अतिवृष्टि के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार 09 करोड 08 लाख की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत की थी। इसके उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा आपदा प्रभावितों के लिए 56 लाख की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की। इस प्रकार मुख्यमंत्री द्वारा कुल 9 करोड 64 लाख की राहत धनराशि को डीबीटी के माध्यम से प्रभावितों को भेजी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा एक दुखद घटना थी। स्थानीय लोगों की सहायता एवं प्रशासन की मदद से रेस्क्यू अभियान तेज़ी से पूर्ण किया गया। उन्होंने कहा आपदा के दौरान प्रभावित हुए लोगों एवं व्यापारियों की मदद के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर रहेगी। केदारनाथ यात्रा मार्ग को और सुगम बनाए जाने पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। चार धाम यात्रा ने पुनः रफ्तार पकड़ ली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भव्य एवं दिव्य केदारनाथ बनाने का कार्य गतिमान है। केदारनाथ क्षेत्र में करोड़ों की योजनाओं पर निरंतर कार्य चल रहा है इन योजनाओं से स्थानीय लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को सुगमता प्रदान हो रही है। उन्होंने कहा केदारनाथ क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है एवं स्थानीय लोगों की हर संभव मदद हेतु सरकार संकल्पित है।

गौरतलब है कि इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे विभिन्न व्यवसायियों स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था।

इस अवसर पर रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ. सौरव गहरवार एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

उत्तराखंडः चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गूंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेश के चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गुंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलना उत्तराखंड के लिए बड़े गौरव की बात है। राज्य सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की होम स्टे योजना इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इसके अलावा, हमारी सरकार नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने के साथ ही राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। इससे राज्य में रोजगार सृजन में भी मदद मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया था। राज्य सरकार उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रही है। जनता के सहयोग से राज्य में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 4.4 प्रतिशत बेरोजगारी घट गई है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर आदर्श स्थापित किया है। इसी के परिणाम स्वरूप राज्य सरकार विगत कुछ समय में पूरी पारदर्शिता के साथ सत्रह हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती करने में सफल हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए भी तेजी से कार्य किए जा रह हैं।

मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मिेयों को किया संबोधित, बोले भू कानून पर समाधान जल्द होगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड में नगर निकाय क्षेत्र से बाहर ढाई सौ वर्ग मीटर भूमि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति खरीद सकता है, परंतु ऐसा संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से भूमि क्रय करके उक्त प्राविधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इसकी जांच करायेंगे और जिन भी व्यक्तियों ने ऐसा किया है उनकी भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जिन भी व्यक्तियों ने पर्यटन, उद्योग आदि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर भूमि क्रय की है, परंतु उस भूमि का उपयोग इस प्रयोजन हेतु नहीं किया, ऐसी जमीनों का विवरण तैयार करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही की जायेगी और उनकी जमीनें राज्य सरकार में निहित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि भूमि क्रय संबंधी नियमों में वर्ष 2017 में जो बदलाव किए गए थे, उनका परिणाम सकारात्मक नहीं रहा है।उन्होंने कहा कि ऐसे प्राविधानों की समीक्षा की जायेगी और आवश्यक हुआ तो इन प्राविधानों को समाप्त कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बचाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे इन कदमों से किसी भी ऐसे व्यक्ति या संस्थाओं को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, जिनके निवेश से उत्तराखंड में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, व्यापार आदि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन होता है तथा अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भू कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है और हम अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू कानून लाने हेतु प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मार्च 2021 से अब तक लंबे समय से चले आ रहे विभिन्न मामलों का निस्तारण हमारी सरकार ने ही किया है, उसी प्रकार मैं, उत्तराखंड की जनता को यह विश्वास दिलाता हूं कि भू कानून के मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी।

राज्य आपदा शमन निधि के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट पर मुख्य सचिव ने दिया अनुमोदन

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र (यूएलएमएमसी) की द्वितीय संचालक निकाय की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एसडीएमएफ (राज्य आपदा शमन निधि) के तहत राज्य कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित सभी प्रोजेक्ट, ग्रुप इंश्योरेन्स पॉलिसी, विभिन्न पदों पर भर्ती जैसे एजेन्डा बिन्दुओं पर अनुमोदन दिया।

मुख्य सचिव ने एसडीएमएफ (राज्य आपदा शमन निधि) के तहत राज्य कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित उत्तरकाशी, मसूरी, गोपेश्वर, अल्मोड़ा तथा नैनीताल में लिडार सर्वे, नैनीताल शहर के टॉपोग्राफी सर्वे, भू अन्वेषण, भू-तकनीकी अन्वेषण, बहुगुणा नगर कर्णप्रयाग में भू-अन्वेषण, भू-तकनीकी अन्वेषण, भू-भौतिकीय अन्वेषण हेतु कन्सलटेन्सी फर्म की नियुक्ति, मनसा देवी पहाड़ी हरिद्वार में बाई पास रोड के स्लोप स्टेबलाइजेशन के अन्वेषण व न्यूनीकरण कार्यों के लिए डीपीआर जैसे विभिन्न प्रोजेक्ट पर अनुमोदन दिया। मुख्य सचिव ने सभी यूएलएमएमसी कार्मिकों हेतु सावधि दुर्घटना बीमा योजना पर भी अनुमोदन दिया।

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, विनोद कुमार सुमन सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

कार में गारबेज बैग रखने से लोगों में आएगी अच्छी आदतः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर स्वच्छता ही सेवा के तहत कार गार्बेज इको फ्रेंडली बैग वितरण अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत यह एक अच्छी मुहिम चलाई गई है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति जन जागरण का काम निरंतर चलते रहना चाहिए। उन्होंने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी। उन्होंने कहा कि प्रायः यह देखने में आता है कि लोग कार में बैठने के बाद खानपान की वस्तुओं के रैपर, प्लाटिक वेस्ट इत्यादि को सड़क पर यूं ही फेंक देते हैं। उन्होंने कहा कि कार में गारबेज बैग रखकर कूड़ा एकत्र करने से लोगों में इसे कूडेदान में ही डालने की अच्छी आदत पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। आज बहुत से क्षेत्रों में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों की श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में राज्य को प्रथम स्थान मिला है। राज्य में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत घटी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। पर्यटन देवभूमि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए मजबूत आधार है। पर्यटन प्रदेश के रूप में उत्तराखण्ड की देश और दुनिया में एक अलग पहचान है।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, सरिता आर्य, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, उद्योगपति राकेश ओबेरॉय एवं इस अभियान से जुड़े अन्य लोग मौजूद थे।

नगर निगम देहरादून स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत चला रह व्यापक सफाई अभियान

आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा लॉन्च किए गए स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के अंतर्गत उत्तराखंड के नगर निगम देहरादून द्वारा कार्य योजना बनाकर धरातलीय कार्य कराया जा रहा है. 34 ब्लैक स्पॉट ( क्लीनलीनेस टारगेट यूनिट) को इस पखवाड़े का टारगेट बनाया गया है और प्रत्येक दिन यहां पर सघन सफाई अभियान करने कराया जा रहा है। इनिशिएटिव यह भी लिया गया है कि इन ब्लैक स्पॉट पर कोई कूड़ा ना डालें और वहां पर फूल, पौधे और गमले लगाए गए हैं । इनकी मॉनिटरिंग करने के लिए एक पर्यावरण मित्र को तैनात किया गया है। इस व्यवस्था को नागरिकों के साथ-साथ मीडिया समूह द्वारा भी बहुत ही अच्छा मानते हुए इसकी खुले मन से प्रशंसा की है।
इसके अलावा नगर निगम देहरादून द्वारा 46 जागरूकता कार्यक्रम करवाए गए जाने हैं, जिसमें से अभी तक 26 कार्यक्रम हो चुके हैं और जिनकी जानकारी भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है।
इसके अलावा नगर के विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटक, छोटी रैली, जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर जनता के साथ संवाद, जागरूकता के जिंगल – बैनर आदि के साथ सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

पर्यावरण मित्रों एवं सुपरवाइजर तथा शिवराज व्यवस्था से जुड़े हुए कर्मियों के लिए निगम में 19 सितंबर को एक व्यापक स्वास्थ्य सेवक भी लगाया गया था , जिसमें कई सफाई कर्मियों ने प्रतिभाग किया।

इसी कड़ी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा निगम के दो गौ सदनों में भी स्वच्छता अभियान चलाया गया है। निगम के मुख्य नगर आयुक्त गौरव कुमार (आईएएस) स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं और फील्ड में 08 उच्च अधिकारी इस कार्य में तैनात हैं। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसपी जोशी , सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि 1 अक्टूबर तक सभी कार्यक्रम गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएंगे और 2 अक्टूबर को इसका समापन कार्यक्रम गांधी जयंती के अवसर पर नगर निगम मुख्यालय में आयोजित होगा।

सीएम धामी का संकल्प ले रहा आकार, 15-29 के आयु वर्ग में बेरोजगारी में आई 4.4 फीसदी की कमी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संकल्प आकार ले रहा है। रोजगार देने में भी उत्तराखंड कीर्तिमान बना रहा है। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) रिपोर्ट में भी उत्तराखंड ने राष्ट्रीय औसत को भी पछाड़ दिया है। उत्तराखंड में बीते एक वर्ष में रोजगार के अवसर बढ़ने से बेरोजगारी घटी है। सभी आयु वर्गाे पर नजर डालें तो इसकी दर 4.5 फीसदी से घटकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई है। जबकि 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में 14.2 से घटकर 9.8 प्रतिशत पर आ गई है।

राज्य में वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में सभी आयु वर्गों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 27.5 प्रतिशत से बढ़कर 44.2 प्रतिशत हो गया है। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिले हैं।

इसी प्रकार 15-59 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात अनुपात 57.2 प्रतिशत से बढ़कर 61.2 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि 15 साल और उससे ऊपर की श्रेणी के लिए यह 53.5 प्रतिशत से बढ़कर 58.1 फीसदी हो गया है।

श्रम बल में युवाओं की भागीदारी बढ़ी
श्रम बल में भी वर्ष 2022-23 के मुकाबले में वर्ष 2023-24 में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रम बल भागीदारी दर 43.7 से बढ़कर 49 प्रतिशत पहुंच गई है। इसी प्रकार 15-59 के आयु वर्ग में 60.1 प्रतिशत से बढकर 64.4 प्रतिशत और 15 वर्ष और उससे अधिक की श्रेणी में 56 प्रतिशत से बढ़कर 60.7 प्रतिशत पहुंच गई है।

राष्ट्रीय औसत को भी पछाड़ा
श्रमिक जनसंख्या औसत में उत्तराखंड ने राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तराखंड में 15-29 के आयु वर्ग में यह औसत 49 प्रतिशत रहा है वहीं राष्ट्रीय औसत 46.5 प्रतिशत है। इसी प्रकार 15-59 के आयु वर्ग में उत्तराखंड का 64.4 तो राष्ट्रीय औसत 64.3 और 15 वर्ष और उससे अधिक वर्ष की श्रेणी में उत्तराखंड का 60.7 तो राष्ट्रीय औसत 60.1 रहा है।
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उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा करना हमारा संकल्प है। देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से हम इस संकल्प को पूरा करने लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। हम रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में ही 16 हजार से अधिक युवाओं को हमने नियुक्ति दी है। निजी क्षेत्र में भी यह सिलसिला शुरू हो चुका है। आने वाले वर्षों में निवेश के अधिकांश करारों के धरातल पर उतरने से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। उत्तराखंड युवाओं को सिर्फ रोजगार ही नहीं देगा, बल्कि उन्हें दूसरों को भी रोजगार देने वाला बनाएगा।

-पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

एफएसएसएआई ने किया सुद्धोवाला जिला कारागार को ईट राईट कैंपस घोषित

सुरक्षित स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर भोजन उपलब्ध कराने एवं स्वच्छता के मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा राज्य सचिवालय परिसर एवं जिला कारागार परिसर को ईट राईट कैम्पस का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है।

आज राज्य सचिवालय स्थित सभागार में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में इस सम्बन्ध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर मुख्य सचिव द्वारा भारत सरकार की ओर से निर्गत ईट राईट कैम्पस प्रमाण पत्र को सचिवालय प्रशासन के सचिव श्री दीपेन्द्र चौधरी एवं उपमहानिरीक्षक जेल को विधिवत प्रदान किया गया। इस महत्वपूर्ण एवं कारगर पहल के लिए मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन की सराहना की और कार्यक्रम में मौजूद महानिरीक्षक जेल की ओर से ईट राईट कैम्पस प्रमाणीकरण हेतु किये गये प्रयासों की प्रशंसा की।

सीएस ने इस उपलब्धि के लिए सचिवालय परिसर में कार्यशील विभिन्न खान-पान सेवाओं यथा इंदिरा अम्मा भोजनालय, जी.एम.वी.एन कैंटीन के फूड सुपरवाइजर को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षित एवं स्वच्छ खाद्य पदार्थ के मानक अनुसार अपनी सेवाएं बनाये रखने की कसौटी पर प्रतिदिन खरा उतरना चाहिए।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड के तत्वाधान में सचिवालय प्रशासन द्वारा की गई इस पहल को अनिवार्य बताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सचिवालय एक अनुकरणीय स्थल है और यहां पर राज्य के विभिन्न स्थानों से जनमानस का आवागमन बना रहता है जिसे देखते हुए इस परिसर को ईट राईट कैम्पस के रूप में घोषित किया जाना राज्य सरकार के अन्य संस्थानों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत होगा।

इसी प्रकार राज्य में स्थित जेलों के भोजनालय तथा कैंटीन द्वारा खाद्य सुरक्षा के मानकों अनुसार कैदियों को खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना भी सरकार के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता का विषय है। इस दिशा में जिला कारागार, सुद्धोवाला को निर्गत ईट राईट कैम्पस का प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण कदम है।

ज्ञातव्य है कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा ऐसे सभी कार्य स्थल, जहां पर कार्य करने वाले अधिकांश लोग, कम से कम एक बार का जलपान अथवा भोजन नियमित रूप से ग्रहण करते हैं, को सुरक्षित एवं स्वस्थ खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ईट राईट कैम्पस पहल आरम्भ की गई है।

इस क्रम में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड के तत्वाधान में विगत दिनों राज्य सचिवालय तथा जिला कारागार परिसर, सुद्धोवाला, देहरादून में संचालित समस्त कैंटीन, भोजनालय एवं अन्य खान-पान सेवाओं का फूड सेफ्टी ऑडिट किया गया तथा यहां पर काम करने वाले फूड हैंडलर्स को फूड सेफ्टी आधारित फास्टैक प्रदान किया गया।

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षण हेतु एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, ऑडिट कार्यों के लिए यू.आर.एस सर्टिफिकेशन तथा इस पहल के संचालन के लि एद रेड कार्पेट वेंचर जैसी अनुभवी संस्थाओं को अधिकृत किया गया था। इस संपूर्ण प्रक्रिया में राज्य सचिवालय तथा जेल प्रशासन को किसी प्रकार का वित्तीय भार वहन नही करना पड़ा तथा समस्त व्यय सी.एस.आर के तहत अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था हर्बलाइफ इंडिया द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के दौरान सचिव, सचिवालय प्रशासन, दीपेन्द्र चौधरी, आईजी विमला गुंजयाल, अपर सचिव अनुराधा पाल, उप-महानिरीक्षक जेल, श्री दधिराम मौर्य, अपर आयुक्त, एफ.डी.ए, ताजबर सिंह, गणेश कण्डवाल,उपायुक्त/नोडल ऑफिसर ईट राईट इण्डिया, सचिवालय परिसर में स्थित इंदिरा अम्मा भोजनालय, जी.एम.वी.एन कैंटीन, मिलेट बेकरी तथा आंचल डेरी के फूड सुपरवाइजर एवं भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा अधिकृत ट्रेनिंग पार्टनर, फूड ऑडिटर आदि मौजूद रहे।