सीएम धामी ने किया देहरादून-मसूरी ट्रैक मार्ग का पैदल निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून से मसूरी ट्रैक रूट का पैदल निरीक्षण करते हुए इस मार्ग पर बेसिक सुविधाओं का अवलोकन किया।

उन्होंने एमडीडीए को निर्देश दिए कि ट्रैक के नैचुरल लुक को बरकरार रखते हुए इस मार्ग पर देश – विदेश से आने वाले ट्रैकर्स, टूरिस्ट और आम – जनमानस को बैठने, खाने – पीने, शौचालय इत्यादि की बेसिक सुविधाएं डेवलप की जाए। बेहतर स्वच्छता, रूट मार्गदर्शन हेतु आकर्षक साइनेज और रेलिंग लगाई जाए। इसके साथ ही सुरक्षा और आपातकालीन उपाय भी किए जाएं।

अवलोकन के दौरान उन्होंने सीनियर सिटीजन और पुराने ट्रैकर्स से भी बातचीत की तथा उनके द्वारा प्राप्त फीडबैक को भी रूट डेवलपमेंट में शामिल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थित दूसरे ट्रैकिंग रूट को भी और बेहतर बनाया जाएगा जिससे देश- विदेश से आने वाले टूरिस्ट और ट्रैकर्स उत्तराखंड की नैसर्गिकता, सुंदरता और वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति का आनंद ले सके तथा यहां से अच्छे अनुभव लेकर जाएं।

इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पराग धकाते सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

भाजपा और कांग्रेस सहित मेयर व पार्षद प्रत्याशी पहुंचे नामांकन कराने

नगर निकाय चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि में राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों ने ऋषिकेश में मेयर और पार्षदों के नामांकन दाखिल किये। इस दौरान दलबल के साथ आए समर्थकों ने जमकर अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में नारेबाजी की. आज तहसील परिसर में ऋषिकेश नगर निगम से मेयर पद के भाजपा प्रत्याशी शंभू पासवान, कांग्रेस प्रत्याशी दीपक जाटव, यूकेडी प्रत्याशी महेंद्र सिंह निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चंद मास्टर और सूरवीर कोली ने नामांकन दाखिल किया।

भाजपा प्रत्याशी शंभू पासवान के साथ सैकड़ों भाजपाई और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी पहुंचे। शंभू पासवान ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि क्षेत्र की हर समस्या से वह भली-भांति परिचित हैं। जिनका समाधान करना उनकी प्राथमिकता में शामिल होगा। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के सहयोग से पूरे नगर निगम क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई जाएगी। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जिस विश्वास के साथ उन्हें मेयर प्रत्याशी के लिए टिकट दिलाया है उस विश्वास पर खरा उतरा उतारने का पूरा प्रयास होगा।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शंभू पासवान को जीत दिलाने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से शंभू पासवान को जीत दिलाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की अपील की। कैबिनेट मंत्री ने कहा चुनाव को लेकर जो उत्साह कार्यकर्ताओं में देखने को मिल रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऋषिकेश में मेयर और 40 वार्डों में भाजपा के पार्षद जीत दर्ज करेंगे।

कांग्रेस प्रत्याशी दीपक जाटव ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि सभी कांग्रेसी एकजुट हैं। आज सैकड़ों की संख्या में नामांकन दाखिल करने पहुंचे हैं। उन्हें विश्वास है कि पार्टी हाई कमान ने जो जीत की जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाली है। शहर की जनता उस जिम्मेदारी को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभाएगी। 23 जनवरी को शहर का अधिकांश वोट कांग्रेस के खाते में जाएगा। 25 जनवरी को वह जीत की चाबी हासिल करेंगे। अपने प्राथमिकता में उन्होंने बताया कि शहर में पार्किंग और ड्रेनेज सिस्टम को सुधारना सबसे पहले प्राथमिकता में शामिल रहेगा। 6 साल पहले जिन ने 20 वार्डों को मिलाकर नगर निगम का गठन हुआ उन वार्डों में रहने वाले लोगों को मकान का मालिक आना हक दिलाना भी प्राथमिकता में शामिल है।

नामांकन के दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के महेंद्र सिंह ने भी शहर के प्राथमिकताओं को लेकर कई प्रकार के दावे किए। उन्होंने कहा उत्तराखंड क्रांति दल वह दल है जिसने उत्तराखंड गठन को लेकर अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्हें विश्वास है कि शहर के नागरिक फिर से यूकेडी पर अपना भरोसा जताएंगे। 23 जनवरी को उनको अपना अमूल्य वोट देकर जीत हासिल कराएंगे। उन्होंने बताया शहर की समस्याएं किसी से छुपी नहीं है लेकिन समस्याओं को देखने के बाद उन्हें नजरअंदाज करना गलत है।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा ने मानवता के मूल्यों पर गहरा आघात कियाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने के लिए 1971 के युद्ध में भारत के लगभग 39 सौ जवान शहीद हुए, वही बांग्लादेश अब सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में आकर हमारे देश के खिलाफ अपशब्द बोल रहा है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा ने मानवता के मूल्यों पर गहरा आघात किया है।

गांधी पार्क में आयोजित विजय दिवस समारोह में अपने संबोधन की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 1971 के य़ुद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने 1971 के युद्ध में न केवल राष्ट्र की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा की बल्कि अपने अद्वितीय रण कौशल द्वारा दुश्मन को चारों खाने चित्त भी कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के साथ लड़ा गया यह युद्ध स्वतंत्र भारत के इतिहास का एक ऐसा स्वर्णिम अध्याय है, जो प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है। 1971 के युद्ध में हमारी सेना ने विश्व को दिखा दिया कि भारत न केवल अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि जरूरत पड़ने पर मानवता और न्याय की रक्षा के लिए भी खड़ा हो सकता है। इस युद्ध में हमारी तीनों सेनाओं ने मात्र 13 दिनों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान के लगभग एक लाख सैनिकों ने 16 दिसंबर 1971 को हमारी सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जो दुनिया के सैन्य इतिहास में एक अद्वितीय घटना के रूप में दर्ज है। उस युद्ध में लगभग 39 सौ भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जिनमें वीर भूमि उत्तराखंड के 255 बहादुर सपूत भी शामिल थे। तब हमारे प्रदेश के 74 सैनिकों को अपने अदम्य साहस और शौर्य के लिए विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित भी किया गया था।

गोली का जवाब गोलों से दे रही है सेना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2014 से पूर्व सेना के शौर्य को भी राजनीतिक चश्मे से आंकने का प्रयास किया जाता था। तब दुश्मन के हमला का जवाब देने के लिए भी सेना को आदेश लेना पड़ता था, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की सेनाओं को युदध् के समय गोली चलाने के लिए आदेश की आवश्यकता नहीं पड़ती है, सेना अब बढ़े हुए मनोबल से गोलियों का जवाब गोलों से दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना तो पहले भी शक्तिशाली और पराक्रमी थी, लेकिन तब नेतृत्व के कारण सेना को साजो सामान के मामले में न्याय नहीं मिल पाता था। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार सेना के पराक्रम और बलिदान को सर्वाेच्च सम्मान देती है। आज भारतीय सेना को प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आज भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि विभिन्न देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करने में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

प्रदेश सरकार सैनिक कल्याण के लिए समर्पित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने जहां एक ओर सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि को बढ़ाने का काम किया है वहीं शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का भी निर्णय लिया है। साथ ही, वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को मिलने वाली एकमुश्त अनुदान राशि में भी बढ़ोतरी की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनुदान राशि को लेकर परिवार में कोई मतभेद ना हो, इसके लिए राज्य सरकार ने शहीदों के माता-पिता और पत्नी दोनों को समान रूप से अनुदान राशि में अधिकार देने का काम किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो खुद एक सैनिक पुत्र हैं, इसलिए आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में आ रहे सकारात्मक बदलाव को देखकर उन्हें भी अत्यंत हर्ष का अनुभव होता है।

“धूल से फूल“ बनाना और “धूल में मिलाना“ भी जानते हैं
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के मौजूदा हालातों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की चिंता है। उन्होंने कहा कि छोटी – छोटी घटना पर कैंडिल मार्च के साथ ही संसद बाधित करने वाले अब पूरी तरह गायब हैं। ये कौन लोग हैं जिन्हें केवल वोट के लिए बांग्लादेश का नरसंहार तक नहीं दिखाई दे रहा है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने अपनी चिंताओं से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अवगत करा दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत हमेशा से शांति और सहिष्णुता का पक्षधर रहा है, लेकिन हमारी सद्भावना को हमारी कमजोरी समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए। हम अगर “धूल से फूल“ बनाना जानते हैं तो हम “धूल में मिलाना“ भी जानते हैं।

पीएम करते हैं उत्तराखंड की चिंता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर विशिष्ट अवसर पर उत्तराखंड की चिंता करते हैं। उन्होंने केदारनाथ की धरती से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है, अब राज्य सरकार इसी संकल्प को पूरा करने की दिशा में बढ़ रही है। राज्य विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। नीति आयोग के इंडेक्स में देश के अंदर उत्तराखंड को पहला स्थान मिला है, राज्य में अब बेरोजगारी भी घटी है। प्रदेश सरकार प्रति व्यक्ति आय भी दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड को देवभूमि, वीरभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करने का काम करेंगे।

वीरांगनाओं और वीर माताओं को निःशुल्क बस यात्रा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं को भी परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की घोषणा की है। समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने 1971 युद्ध के वीर सैनिकों और वीर नारियों का भी सम्मान किया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व की प्रमुख सैनिक शक्ति बन गया है। आज 70 से अधिक देशों को रक्षा निर्यात हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में शहीदों के याद में सैन्य धाम बनकर तैयार हो गया है, जल्द ही सैन्य धाम का लोकार्पण होने जा रहा है।

इस मौके पर शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए साबित किया है कि दुनिया में यदि कोई भी ताकत भारत को आंख दिखाने का काम करेगी तो भारत उसे सबक सिखाना भी जानता है।

इस मौके पर विधायक खजान दास, दर्जाधारी विश्वास डाबर, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, सचिव दीपेंद्र चौधरी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एसएसपी अजय सिंह, निदेशक सैनिक ब्रिगेडियर कल्याण अमृत लाल (से.नि), मेजर जनरल सम्मी सबरवाल (से.नि), ब्रिगेडियर के.जी बहल(से.नि) एवं पूर्व सैन्य अधिकारी और वीरांगनाएं उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरे का किया औचक निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर शाम आई.एस.बी.टी, देहरादून में बेसहारा एवं बेघर लोगों, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को सर्दी से बचाव हेतु कंबल वितरित किए। मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर आईएसबीटी स्थित रैन बसेरे का भी औचक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने रैन बसेरे में रह रहे लोगों का कुशलक्षेम जाना।

मुख्यमंत्री ने आई.एस.बी.टी में कंबल वितरण के दौरान सभी का कुशलक्षेम जाना एंव प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कंबल, गर्म कपड़े वितरण के साथ ही सर्दी से बचाव के लिए अलाव जलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आईएसबीटी में यात्रियों के लिए भी ठंड से बचाव हेतु व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरे के औचक निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने वहां रह रहे श्रमिकों के साथ अलाव भी सेखा। उन्होंने अधिकारियों को रैन बसेरों में पर्याप्त सुविधाओं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा रैन बसेरे पर्याप्त मात्रा में बिस्तर हो। उन्होंने कहा शहर में सड़को किनारे रह रहे लोगों, आवासहीन लोगों और परिवारों को भी रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा खासकर बच्चों, दिव्यांगजनों, महिलाओं और बीमार लोगों को तत्काल रैन बसेरा की सुविधा दी जाए। उन्होंने रैन बसेरे में आवश्यकता अनुसार भोजन की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी जरूरतमंद लोगों को तय समय के अंदर कंबल वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति सर्दी की चपेट में ना आए। उन्होंने कहा हमने जन सेवा के भाव से इस पूरे शीतकाल में बेसहारा लोगों की हर संभव सहायता करनी है। मुख्यमंत्री ने शहर में विभिन्न प्रमुख स्थानों में भी विशेष रूप से अलाव जलाने के भी निर्देश दिए।

डाट काली मंदिर देहरादून में सीएम ने किया दिल्ली दून एक्सप्रेस वे का निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डाट काली मंदिर देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य अन्तिम चरण में हैं। इस एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण होने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोदी एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण हो जायेगा। इससे जहां लोगों का आवागमन सरल होगा। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुगमता होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ाने, पयर्टन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक सिद्ध होगा। इस प्रोजेक्ट में इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय करते हुए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा।

50वां खलंगा मेला स्मारिका पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागरताल नालापानी, देहरादून में बलभद्र खलंगा विकास समिति द्वारा आयोजित ‘50वाँ खलंगा मेला’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खलंगा मेला आयोजन समिति को 5 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की। ‘50वाँ खलंगा मेला स्मारिका’ का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने महान सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों, वीरांगनाओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा खलंगा की वीरभूमि में वर्ष 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना करते हुए अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम का प्रतीक है, जो हमेशा हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा की गाथा हमारे वीर पूर्वजों के अप्रतिम साहस का एवं हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा ये मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है। हमारे देश की ऐतिहासिक धरोहरें हमारे गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को मजबूत करने का कार्य पूरे देश में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। खलंगा युद्ध स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में रखना, इसका बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके विकास व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। निश्चित ही ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को इन गोरखा समाज की परंपराओं को संजोए रखने तथा अपने पूर्वजों की वीरता और बलिदान को याद रखने में सहायक सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, बलभद्र ख़लंगा विकास समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा, कुलदीप बुटोला, विश्वास डाबर, विजय बलूनी, पदम सिंह, ब्रिगेडियर राम सिंह थापा एंव लोग मौजूद रहे।

ऋषिकेश को विशेष वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने जताया केंद्र का आभार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2024 – 25 योजना‘ के तहत 66 करोड़ रुपए का विशेष लोन (सहायता) जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में पयर्टन विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त के 34 करोड़ रुपए, प्रथम चरण की सहायता 75 प्रतिशत तक खर्च करने पर जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लंबे समय से इस विशेष वित्तीय सहायता के लिए प्रयासरत थे, उनकी इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात भी हो चुकी थी।

मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है, प्राप्त वित्तीय सहायता से सरकार ऋषिकेश को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करेगी।

फिल्म दि साबरमती रिपोर्ट देख बोले सीएम, राज्य में होगी टैक्स फ्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाथीबड़कला स्थित मॉल में भारतीय हिन्दी फिल्म ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ का अवलोकन किया। यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की घटना पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को उत्तराखण्ड में टैक्स फ्री किया जायेगा। इस अवसर पर फिल्म के अभिनेता विक्रान्त मैसी भी मौजूद थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री आवास में ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म के अभिनेता श्री विक्रांत मैसी ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सहदेव सिंह पुण्डीर, सविता कपूर एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी के रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल के सिद्धांत को सीएम धामी ने बढ़ाया आगे

प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन, हमारे शहरी जीवन के सामने एक चुनौती बनकर उभर रहा है। ऐसे में ऋषिकेश नगर निगम ने प्लास्टिक कूड़े का प्रबंधन कर नगर निकायों के सामने उदाहरण पेश किया है। नगर निगम प्लास्टिक कूड़े को ना सिर्फ सफलता पूर्वक एकत्रित कर रहा है, बल्कि इसे रीसाइकिल के जरिए फिर कई तरह से इस्तेमाल भी कर रहा है।

तीर्थनगरी के साथ ही राफ्टिंग-कैम्पिंग का प्रमुख केंद्र होने के कारण ऋषिकेश में वर्षभर श्रद्धालुओं और पयर्टकों की भीड़ भाड़ लगी रहती है। इस कारण यहां प्लास्टिक कूड़ा का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण काम है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी की पहल पर इसके लिए ऋषिकेश नगर निगम ने सबसे पहले आईएसबीटी, त्रिवेणी घाट और वीरभद्र में प्लास्टिक बैंक की स्थापना की, प्लास्टिक बैंक के बॉक्स बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक बोतलों को ही इस्तेमाल किया गया। जिसमें लोग खुद खाली बोतलें या अन्य प्लास्टिक कचरा डालते हैं, इन प्लास्टिक बैंक से अब तक करीब 400 किलो तक प्लास्टिक रीसायकल हो चुका है। इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए नगर निगम अब नटराज, ट्रांजिट कैंप, रेलवे स्टेशन में भी प्लास्टिक बैंक स्थापित करने जा रहा है।

वेस्ट टू वंडर पार्क

ऋषिकेश नगर निगम ने परिसर में प्लास्टिक वेस्ट से ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क भी तैयार किया है, जिसमें पुराने टायर, खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट, साइकिल- स्कूटर जैसे सामान से बच्चों के झूले और सजावटी सामान तैयार किए गए हैं। साथ ही नगर निगम रीसायकल प्लास्टिक से बैंच, ट्री कार्ड, प्लास्टिक बैंक बॉक्स भी तैयार कर रहा है।

महिला समूहों को जोड़ा अभियान से

ऋषिकेश नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, के बावजूद पहले यूजर चार्ज, महज तीन लाख महीने तक ही जमा हो पाता था, लेकिन अब नगर निगम ने यूजर चार्ज वसूलने का काम, महिला स्वयं सहायता समूहों (त्रिवेणी सेना) को दे दिया है, जिसके बाद नगर निगम का कलेक्शन 13 लाख के पार चला गया है। इसमें से नगर निगम महिला समूहों को 25 प्रतिशत लाभांश देता है। इस तरह करीब 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है।

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सभी निकायों को प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। इस दिशा में निकायों के स्तर पर कई नवीन प्रयास किए जा रहे हैं, कुछ जगह क्यूआर कोड के जरिए भी प्लास्टिक की वापसी की जा रही है। सरकार इस दिशा में बेहतर काम करने वाले निकायों को पुरस्कृत भी कर रही है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम धामी के निर्देशों पर चलाया जा रहा है फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम

देहरादून। इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसका अपना परिवार न हो। लेकिन वक्त की मार कई बार, इंसान को घर परिवार से इतना दूर कर देती है कि फिर वापसी की उम्मीद दिनों दिन क्षीण होती जाती है। महिला बाल कल्याण विभाग के अधीन देहरादून के केदारपुरम में संचालित नारी निकेतन में भी ऐसी कई दिल तोड़ने वाली कहानियां है। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार इन निराश्रितों के जीवन में रंग भरने का काम कर रही है। सरकार की ओर से चलाए जा रहे फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत अब तक 23 महिलाओं को उनके बिछड़े परिवार से मिलाया जा चुका है।

फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम, देहरादून नारी निकेतन में दिन काट रही महिलाओं के जीवन को नई दिशा दे रहा है। इस प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न राज्यों में ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश में तक इन महिलाओं के बिछड़े परिवारों की तलाश की जा चुकी है। इसमें बांग्लादेश की नूरजहां को 32 साल बाद अपना परिवार मिल पाया है। इसी तरह रांची झारखंड की रहने वाली जूनी टोपो भी 30 साल बाद अपने परिवार से मिल पाई है। प्रोग्राम के तहत ना सिर्फ निराश्रित महिलाओं की घर वापसी कराई जाती है, बल्कि इसके बाद भी इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, एक नेटवर्क तैयार किया जाता है। इस तरह सरकार सुनिश्चित करती है कि कई सालों के बाद परिवार से मिलने के बावजूद महिलाओं का जीवन सुरक्षित बना रहे।

नारी निकेतन निराश्रित महिलाओं को सुरक्षित आश्रय देता है, लेकिन यह बात प्रमाणित है कि हर इंसान अपने परिवार के बीच ही खुश रह सकता है। इसलिए सरकार का प्रयास है कि यहां रह रही सभी महिलाओं को उनके परिवार से मिलाया जाए। इसके लिए चलाए जा रहे फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम ने अच्छे परिणाम दिए हैं। सरकार यहां रह रही महिलाओं को कौशल विकास का भी प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

घर वापसी – 01

आसाम की रहने वाली वृंदा 17 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गई थी, उन्होंने लंबा समय आश्रमों में बिताया, वृंदा 25 अगस्त 2023 को देहरादून नारी निकेतन में दाखिल हुई। यहां प्रोग्राम फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत, टीम ने उनकी घंटों काउंसिलिंग करते हुए, उनके परिवार का नाम पता जानने में कामयाबी हासिल की। आखिरकार इसी साल 29 अप्रैल को वृंदा के भाई उन्हें लेने के लिए देहरादून पहुंचे, जहां कानूनी औपचारिकता के बाद उन्हें परिवार को सौंप दिया गया।

घर वापसी – 02

नेपाल की रहने वाली कमला कुमारी 2012 में अपने परिवार से बिछड़ गई थी। इसके बाद वो 2016 में अचानक उत्तरकाशी में मिली, जहां स्थानीय जिला प्रशासन ने उसे नारी निकेतन भेज दिया। अब रीयूनियन प्रोग्राम के तहत, रोलपा नेपाल में उनका बेटा मिल गया है। तमाम कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद इसी महीने तीन अक्तूबर को कमला का बेटा अपनी बिछड़ी मां को लेकर वापस नेपाल चला गया है।