सीएससी आम लोगों के विश्वास का केंद्र होने के साथ लोगों की आकांक्षाओं को करता है पूराः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.आर.डी.टी ऑडिटोरियम, सर्वे चौक, देहरादून में सी.एस.सी (कॉमन सर्विस सेंटर) दिवस-2025 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने सीएससी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सीएससी वी.एल.ई पुरस्कार से भी सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएससी उस परिवर्तन का प्रतीक है, जो देश के कोने-कोने तक पहुंच गया है। यह आम लोगों के विश्वास का केंद्र होने के साथ-साथ लोगों की आकांक्षाओं को भी पूरा करता है। सीएससी के माध्यम से शहरों की सेवाएं एक क्लिक में गांव तक पहुंच रही हैं तथा देश की ग्राम पंचायतें डिजिटल पंचायतें बन रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में सीएससी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएससी संचालक ग्राम स्तर पर लोगों के जीवन को सरल और सुगम बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएससी संचालक गांव के भविष्य को संवारने का कार्य कर रहे हैं। सीएससी ने डिजिटल सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने के साथ ही समाज में रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं। उत्तराखंड राज्य में 13 हजार से अधिक सीएससी संचालित हैं। इनके माध्यम से यूसीसी पंजीकरण, विभिन्न प्रमाण पत्रों और डिजिटल ट्रांजेक्शन जैसे विभिन्न कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में साइंस बेस्ड नॉलेज इकोनॉमी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के संकल्प को देश के सामने रखा था, जो आज पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति सरकार की स्पष्ट नीति और नियत का उदाहरण है। भारत के गांव-गांव में डिजिटल क्रांति पहुंच गई है। दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहे हैं। आज देश की छोटी से छोटी दुकान में भी डिजिटल ट्रांजेक्शन का उपयोग हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसी उन्नत तकनीकों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार डिजिटल और नवाचार को निरंतर बढ़ावा दे रही है। विभिन्न सरकारी सेवाओं को ई-गवर्नेंस के अंतर्गत ऑनलाइन करके सरल बनाया गया है। ई-टूरिज्म के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। मौसम पूर्वानुमान और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भी डाटा एनालिटिक्स और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, विधायक उमेश शर्मा काऊ, भगवान पाटिल, कृष्ण कुमार सिंह, अश्विनी कुमार एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

रायपुर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सीएम ने लिया जायजा, स्थानीयों से की वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने किरसाली चौक, आई.टी पार्क, ननूरखेड़ा, आमवाला, तपोवन, शांति विहार में स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुनते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान जिला प्रशासन को प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नियमित रूप से नालियों की सफाई करने और जलभराव वाले क्षेत्रों में ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतते हुए चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय पुलिस बलों, सभी विभागों को भी अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही रिस्पॉन्स समय को कम से कम रखते हुए प्रभावित लोगों की जान माल की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक उमेश शर्मा काऊ एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।

निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की जारी की अधिसूचना

राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इस बार हरिद्वार जनपद को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जनपदों में पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया की रूपरेखा तय कर दी है।

चुनाव की शुरुआत नामांकन प्रक्रिया से होगी, जो 25 जून से 28 जून तक चलेगी। नामांकन पत्र प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक दाखिल किए जा सकेंगे। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से 1 जुलाई तक की जाएगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 जुलाई निर्धारित की गई है।

निर्वाचन दो चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण के लिए चुनाव चिन्ह 3 जुलाई को वितरित किए जाएंगे और मतदान 10 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। वहीं, दूसरे चरण में चिन्हों का वितरण 8 जुलाई को होगा और मतदान 15 जुलाई को कराया जाएगा।

चुनाव परिणामों की मतगणना 19 जुलाई को की जाएगी। जिलों में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय स्तर पर विस्तृत सूचना जारी करेंगे।

राष्ट्रपति ने योग को भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण बताया

11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देहरादून रेस कोर्स स्थित पुलिस लाइन में भव्य योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम में भाग लिया और योग को भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन का माध्यम है। भराड़ीसैंण से लेकर देहरादून तक योग दिवस की धूम देखने को मिली। कार्यक्रम में हजारों लोगों ने एक साथ योग कर विश्व को भारत का शांति संदेश दिया।

राष्ट्रपति मूर्मु दून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में हुई शामिल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति का असली पैमाना यह है कि वहां दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है। हमारी संस्कृति में करुणा और प्रेम के भाव सदैव से शामिल रहे हैं। राष्ट्रपति देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुईं।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के सामने कई बाधाएं रही हैं, जिन्हें दूर करने के लिए समावेशी दृष्टिकोण और निरंतर प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि ‘सुगम्य भारत अभियान’ के माध्यम से सरकार दिव्यांगजनों के लिए सुलभ वातावरण, परिवहन और सूचना तंत्र विकसित कर रही है, ताकि वे समान भागीदारी कर सकें। उन्होंने कहा कि आज का युग विज्ञान और तकनीक का है। उन्नत तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन भी देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर देकर दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है। राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं ताकि वे भी समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सकें। इस दौरान राष्ट्रपति ने संस्थान परिसर में माडल स्कूल की विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। इसके साथ ही दिव्यांगजनों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी भी देखी।

राष्ट्रपति ने छात्रों से संवाद कर उनकी पढ़ाई-लिखाई और प्रशिक्षण के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन परिसर में दिव्यांगजनों द्वारा संचालित कैफे इसका उदाहरण है कि अवसर मिलने पर दिव्यांगजन किसी से पीछे नहीं हैं। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने श्पर्पल फेस्टश् का भी जिक्र किया, जिसमें दिव्यांगजनों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि समाज को चाहिए कि वह जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को समान अवसर दे, ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े और वे देश के विकास में सहभागी बन सकें। राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे देश का गौरव बन सकते हैं।

राष्ट्रपति ने बच्चों के बीच जन्मदिन मना कर दिया संदेश रू केंद्रीय मंत्री केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दृष्टिबाधित बच्चों के बीच अपना जन्मदिन मना कर समाज को प्रेरणादायी संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि जनप्रतिनिधि वंचित बच्चों के बीच जाकर अपना जन्मदिन मनाएं तो बच्चों में ऊर्जा का संचार होता है और वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं। मंत्री ने बताया कि संस्थान में अब दृष्टिबाधित बच्चे विज्ञान और गणित की पढ़ाई कर रहे हैं। पिछले वर्ष दो और इस वर्ष पांच छात्रों ने विज्ञान वर्ग में दाखिला लिया है।

यह संस्थान देशभर में एक आदर्श माडल बन रहा है और आगे मंत्रालय के सभी नौ संस्थानों में भी इसे शुरू किया जाएगा। दृष्टिबाधित बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध रू मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ‘विकलांग’ के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज में सकारात्मक सोच विकसित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हम दृष्टिबाधित बच्चों की आंखों की रोशनी तो नहीं लौटा सकते, लेकिन उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। समर्थता दृष्टि में नहीं, संकल्प में होती है रू राज्यपाल राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने दृष्टिबाधित बच्चों की प्रतिभा और आत्मविश्वास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन बच्चों ने यह साबित कर दिया है कि समर्थता दृष्ट में नहीं, बल्कि संकल्प में होती है।

बच्चों ने जिस आत्मविश्वास, सृजनशीलता के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, वह राष्ट्र की नई चेतना व आत्मनिर्भर भारत के भाव को व्यक्त करता है। कहा कि इन बच्चों में वही ऊर्जा, वहीं क्षमता और वही जुनून है, जो एक सशक्त व विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। आज का भारत एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत-2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। आप सभी से अनुरोध है कि आप राष्ट्र सर्वाेपरी के मंत्र को आत्मसात करें।

नैनीताल राजभवन का भवन ब्रिटिश काल की गोथिक स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरणः मूर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में नैनीताल स्थित राजभवन के 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इस ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय स्मृति में स्थान दिलाने के लिए राष्ट्रपति के प्रति आभार जताया।

नैनीताल स्थित राजभवन का भवन ब्रिटिश काल की गोथिक स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। राजभवन की भव्य वास्तुकला, भू-संरचना और इसके आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य इस धरोहर स्थल को विशिष्ट बनाते हैं। राजभवन पर विशेष डाक टिकट जारी करने के अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रपति को एक भारत-श्रेष्ठ भारत काफी टेबल बुक भेंट की।

यह काफी टेबल बुक राजभवन में मनाए जाने वाले प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना दिवस पर केंद्रित है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, राज्यपाल के सचिव रविनाथ रमन, उत्तराखंड की चीफ पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी उपस्थित रहे।

आत्मीयता से मिलीं राष्ट्रपति

नए कलेवर में निखरे राष्ट्रपति निकेतन में आयोजित एट होम रिसेप्शन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी अतिथियों से बेहद आत्मीयता से मुलाकात की। उन्होंने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व तीरथ सिंह रावत, विधायक खजानदास, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, प्रेमचंद शर्मा, बसंती बिष्ट व डा बीकेएस संजय, मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी, राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार के साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी, सैन्य अधिकारी और प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।

बार बार दिन ये आए, गीत को जन्मदिन पर सुनकर भावुक हुईं राष्ट्रपति मूर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने उत्तराखंड प्रवास के दौरान शुक्रवार को उस वक्त भावुक हो गईं, जब दृष्टिबाधित बच्चों ने उन्हें गीत गाकर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। बच्चों ने जैसे ही बार बार दिन ये आए, बार बार दिल ये गाए, तू जिए हजारों साल… गीत गाना शुरू किया तो पूरा माहौल भावनाओं में डूब गया।

गीत खत्म होते-होते राष्ट्रपति की आंखों से अश्रुधारा छलक उठी। मंच पर मौजूद सभी लोग इस दृश्य को देखकर गहरे भावनात्मक क्षण में डूब गए। कार्यक्रम देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टिहीन दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआइईपीवीडी) में आयोजित किया गया था।

बच्चों की मधुर आवाज में गीत सुनकर राष्ट्रपति खुद को रोक नहीं सकीं और उनकी आंखें भर आई। वह आंखें पोंछने लगीं तो एडीसी ने तुरंत उन्हें रुमाल दिया। इन भावुक क्षणों के बीच जब बच्चों ने राष्ट्रपति को जन्मदिन की बधाई दी तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।

राष्ट्रपति के साथ मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार और राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की आंखें भी नम हो गईं। राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब मैं इन बच्चों को गाते हुए देख रही थी तो मेरी आंखें आंसुओं से भर आईं। यह बच्चे गले से नहीं, दिल से गा रहे थे। लगता है मां सरस्वती इनके कंठ में विराजमान हैं।

उन्होंने कहा कि भगवान जब किसी से कुछ लेता है तो बदले में उसे ऐसी विशेष प्रतिभा देता है, जो उसे बाकी लोगों से अलग बनाती है। मैं अपने जन्मदिन पर यहां आकर बेहद खुश हूं। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने दिव्यांग बच्चों के आत्मविश्वास और प्रतिभा की सराहना की।

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने किया रक्तदाताओं को सम्मानित

विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने रक्तवीरों को सम्मानित किया। डा. अग्रवाल ने रक्तवीरों को समाज का सच्चा समाजसेवी बताया।

बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डा. अग्रवाल ने 100 बार रक्तदान कर चुके रक्तवीर सुशील छाबड़ा, 81 बार के लिये विशाल संगर और 75 बार के लिये अधिवक्ता अमित वत्स को पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह दिन मानवता का सबसे बड़ा दिन है। यह दिन उन सभी रक्तदाताओं के सम्मान में समर्पित होता है, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान करते हैं।

डा. अग्रवाल ने कहा कि रक्त हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह जीवित रहने, अंगों को ऑक्सीजन पहुंचाने और संक्रमण से लड़ने का काम करता है। कहा कि शरीर में रक्त की कमी जानलेवा हो सकती है। इसी कमी को पूरा करने के लिए और किसी जरूरतमंद को रक्त का दान करने के लिए हर साल रक्तदान दिवस मनाया जाता है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि रक्तदाता दिवस लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने का दिन है, साथ ही रक्त का दान करने वाले दाता का आभार व्यक्त करने का मौका देता है। उन्होंने कहा कि अपने जीवनकाल में यदि ऐसा मौका किसी को भी मिले, तो अवश्य रक्तदान कर किसी व्यक्ति की जान बचाएं।

इस अवसर पर पूर्व मंडल अध्यक्ष अरविंद चौधरी, महामंत्री दीपक बिष्ट, रमेश शर्मा, रविंद्र कश्यप, राजू नरसिम्हा आदि उपस्थित रहे।
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डा. अग्रवाल ने दिए आपदा से निपटने के लिये इंतजाम करने के निर्देश
.ऋषिकेश। तहसीलदार चमन सिंह ने क्षेत्रीय विधायक डा. अग्रवाल से मुलाकात की। इस दौरान डा. अग्रवाल ने कहा कि वर्षाकाल के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा, बाढ़ से निपटने के लिये तैयारियां व्यवस्थित रखे। कहा कि सभी कर्मचारियों के साथ एक बार मौका मुआयना भी करें, जिससे आपदा के दौरान राहत कार्यों की राह आसान हो।

केंद्रीय मंत्री गडकरी व सीएम धामी ने ग्राफिक एरा के पीएचडी धारकों को प्रदान की डिग्रीयां

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधियां और डिग्रियां प्रदान की गई। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी दीक्षांत समारोह में ‘‘डॉक्टरेट ऑफ साइंस’’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देहरादून में जाम की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने पर सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन विद्यार्थियों के परिश्रम, समर्पण और संकल्प का प्रमाण है। यह डिग्री शैक्षणिक उपाधि के साथ एक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के पास विश्व में सबसे ज्यादा युवा, प्रतिभावान और कौशल से परिपूर्ण मानव संसाधन है। विदेशों में हमारी युवा प्रतिभाओं का बोलबाला है। यह प्रतिभाशाली युवा हमारे देश के लिए वेल्थ क्रिएटर भी हैं, लिहाजा हमारी धारणा नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को सपने देखने के साथ पूरा करने का साहस भी रखना होगा। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर जुटे रहना जरूरी है। उन्होंने कहा विश्वसनीयता, ईमानदारी, और अच्छा करने की चाहत ही आपको आगे ले जा सकती है। सीखने की चाहत अनवरत रूप से बढ़ती रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ब्रिज, टनल, सड़क, हाइवे जैसे निर्माण के क्षेत्र में बीते सालों में कई कीर्तिमान स्थापित किये गये हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार, निरंतर ग्रीन एनर्जी पर कार्य कर रही है। हाइड्रोजन गैस हमारे भविष्य का ईंधन है। ऑर्गेनिक म्युनिसिपल वेस्ट से हाइड्रोजन बनाने का कार्य किया जा रहा है, जो बहुत सस्ता विकल्प है। उन्होंने कहा वो स्वयं हाइड्रोजन गैस पर चलने वाली गाड़ी का इस्तेमाल करते है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत, युवाओं, शोधकताओं और स्टार्टअप का देश है। दुनिया की टॉप कंपनियों में भारतीय मूल के सीईओ हैं, यह भारत की शक्ति और प्रतिभा को दर्शाता है। उन्होंने कहा हमें डोमेस्टिक हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाने पर भी कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का स्वागत करते हुए उन्हें आधुनिक भारत का विश्वकर्मा बताया। उन्होंने कहा कि गडकरी के नेतृत्व में देशभर में तेजी से विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे, ग्रीन कॉरिडोर, लॉजिस्टिक हब और सड़कों का विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग विकसित भारत के निर्माण में करें।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड को शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में भी अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित कर रही है। नई शिक्षा नीति को लागू कर प्रदेश के विश्वविद्यालय और शोध संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा जैसे कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। देहरादून, हल्द्वानी, अल्मोड़ा में सांइस सेंटर का निर्माण कर साइंटिफिक रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार का विजन युवाओं को फ्यूचर-रेडी बनाना है। स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। जिसके फलस्वरूप इन 3 वर्षों में राज्य में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, ग्राफिक एरा के अध्यक्ष प्रो. कमल घनशाला, कुलाधिपति एवं सदस्य नीति आयोग डॉ. वी के सारस्वत, कुलपति प्रो. नरपिंदर सिंह मौजूद रहे।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सीएम ने ‘एक संवादः वीर सैनिकों के साथ‘ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ीकैंट स्थित दून सैनिक इंस्टीट्यूट में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर ‘एक संवादः वीर सैनिकों के साथ‘ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सेवानिवृत्त सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए एक सेंटर बनाया जायेगा। सैनिक कल्याण विभाग द्वारा इसके लिए कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारे सैनिकों ने शौर्य, त्याग और अटूट समर्पण की जो अद्वितीय मिसाल पेश की वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दाेष पर्यटकों पर कायरतापूर्ण हमला कर देश और दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हमारी सेनाओं ने यह स्पष्ट किया कि भारत की बेटियों के सिंदूर की ओर आँख उठाने वालों का क्या परिणाम होता है। 7 मई को हमारी सेनाओं ने 9 बड़े आतंकी अड्डों को तबाह किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति के कारण ही आतंकवाद के विरुद्ध इस निर्णायक कार्यवाही को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारे जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही सेना को अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से सुसज्जित किया जा रहा है। भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। अब हमारी सेना दुश्मन की गोली का जवाब गोलों से देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लिए गए कड़े फैसले देश के दुश्मनों की रीढ़ तोड़ने का काम कर रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुरंत फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया। पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रास्ते बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि ट्रेड और टेरर एक साथ नहीं चल सकते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सैनिकों के हित में भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं। वन रैंक-वन पेंशन, नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण, रक्षा बजट में वृद्धि के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया गया है। सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में भी वृद्धि की गई है। बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को राज्य की सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी निर्णय लिया गया है और इसके लिए आवेदन करने की अवधि को 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष किया गया है। राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में यात्रा की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। सेवारत व पूर्व सैनिकों के लिए 25 लाख रुपए मूल्य की स्थायी सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है। प्रदेश के शहीदों की स्मृति में देहरादून के गुनियाल गांव में एक भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है, राष्ट्र भक्तों की भूमि है। उन्होंने कहा कि देश को रक्षा के लिए हर पांचवा सैनिक उत्तराखण्ड से होता है। प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर आज तक राज्य के हजारों रणबांकुरे भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रत्येक युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि आतंकवाद अब भारत को डरा नहीं सकता अब भारत आतंक के गढ़ में घुसकर उसका खात्मा करना जानता है ।

इस अवसर पर सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, स्टेशन कमांडर आर.एस.थापा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृत लाल, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस.बिष्ट सहित रक्षा सेनाओं के सेवानिवृत्त अधिकारी ले.जनरल ए.के.सिंह, रियर एडमिरल ओ.पी.एस.राणा, एयर मार्शल डी.एस.रावत, ले.जनरल टी.पी.एस.रावत, रियर एडमिरल अनुराग थपलियाल, मेजर जनरल ओ.पी.सोनी, मेजर जनरल डी.अग्निहोत्री, मेजर जनरल पी.एस.राणा, मेजर जनरल नीरज वर्मा, मेजर जनरल आनंद सिंह रावत, मेजर जनरल एम.एस.असवाल, मेजर जनरल के.डी.सिंह, ब्रिगेडियर के.जी.बहल और पूर्व सैनिक संगठनों के पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे।