वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस में भोजन से लेकर मनोरंजन में दिखेंगी उत्तराखंडी छाप

देहरादून, 09 दिसंबर। आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में खाने से लेकर मनोरंजन तक में उत्तराखंडी छाप देखने को मिलेगी। देश-विदेश के डेलीगेट्स की थाली में दो दर्जन से ज्यादा पहाड़ी आइटम परोसे जाएंगे। चार दिन का मेन्यू तैयार कर लिया गया है। दो दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तय हुए हैं, जिसमें मांगल गायन से लेकर छोलिया और अन्य उत्तराखंडी नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी।

विश्व स्तरीय यह आयोजन 12 से 15 दिसंबर तक परेड ग्राउंड देहरादून में होने जा रहा है। इस दौरान आयुर्वेद पर गहन मंथन किया जाएगा। इस बडे़ अवसर पर पहाड़ी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए भी कदम उठाए गए हैं। आयुष सचिव रविनाथ रमन के अनुसार डेलीगेट्स के भोजन और इस दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्तराखंड की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।

देश-विदेश के डेलीगेट्स के लिए तय मेन्यू
12 दिसंबर 2024
मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी घी में सेकी, राई की सब्जी, गहत की दाल/तुअर की दाल, लाल साठी भात, झंगोरे की खीर, टिमरू की चटनी।
13 दिसंबर 2024
मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, पालक की काफली, उड़द की दाल, लाल साठी भात, बाल मिठाई, रोटने, भंगेरे/भंगजीरे की चटनी।

14 दिसंबर 2024
मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी घी में सेकी, आलू की थिच्वाणी, भट्ट की चुटकाणी, झंगोरे का भात, सिंगोरी मिठाई, केले के गुलगुले, सफेद भुने भट्ट और तिल की चटनी।
15 दिसंबर 2024
मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, तिल कुचाई, भट्ट की चुटकाणी, चंबा का राजमा, लाल साठी भात, घुगती, अस्के, पीली राय की चटनी।

उत्तराखंडी लोक संगीत के ये होंगे कार्यक्रम
12 दिसंबर 2024 सुबह के सांस्कृतिक कार्यक्रम
कंचन भंडारी एवं साथी-मांगल गायन
उद्याचल पर्वतीय कला समिति-छोलिया नृत्य
12 दिसंबर 2024 शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम
नव हिमालय लोक कला समिति-कुमाऊंनी लोक नृत्य
ब्रहम कमल सांस्कृतिक समिति-गढ़वाली लोक नृत्य
जौनसार बावर सांस्कृतिक गांव का रिवाज संस्था-जौनसारी लोक नृत्य
पद्मश्री प्रीतम भरतवाण-जागर
14 दिसंबर 2024 शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम
संस्कार सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति-कुमाऊंनी लोक नृत्य
संगम सांस्कृतिक समिति-गढ़वाली लोकनृत्य
स्पर्श जनजाति सामाजिक एवं सांस्कृतिक संध्या-जौनसारी लोक नृत्य
संगीता ढौंडियाल-लोक गायन

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 का आयोजन उत्तराखंड के लिए हर तरह से महत्वपूर्ण अवसर है। आयुर्वेद के संबंध में गहन विचार मंथन का उत्तराखंड साक्षी बनेगा, साथ ही यहां की संस्कृति का भी देश-दुनिया में प्रचार होगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

ऊखीमठ से सीएम ने किया चारधाम यात्रा का शुभारंभ, दर्शन कर प्रदेश की उन्नति की कामना भी की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में पूजा-अर्चना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति के लिए प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने उखीमठ में शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ करते हुए, प्रशासन द्वारा यात्रा के लिए की गई विभिन्न व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को शीतकालीन यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ से देवभूमि का तीर्थाटन व पर्यटन और भी सशक्त होगा। इससे न केवल वर्षभर पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा, बल्कि यहां के अनेक पर्यटन स्थल भी प्रचलित होंगे। साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सहायक होंगे।

इस अवसर पर विधायक आशा नौटियाल, भरत चौधरी, श्री बदरी- केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में पूजा अर्चना कर की प्रदेश की खुशहाली की कामना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद रुद्रप्रयाग के भ्रमण के दौरान ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में आयोजित पाण्डव नृत्य में हुए शामिल होकर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विकास के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु समेकित प्रयासों पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने आशा नौटियाल को उप चुनाव में विजय बनाने पर जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केदारनाथ क्षेत्र के विभिन्न विकास कार्यों को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि ऊखीमठ क्षेत्र के लिए की कई घोषणाएं भी की गई हैं, जिन्हें जल्द धरातल पर उतारा जाएगा। केदार घाटी में आई आपदा के बाद अनेक निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस वर्ष जुलाई में आई आपदा के दौरान वे सभी लोगों के साथ स्वयं जनता के बीच में मौजूद रहे। आपदा के बाद दूसरे चरण की यात्रा को भी जल्दी शुरू किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रूद्रप्रयाग जनपद को आदर्श जनपद के रूप में पहचान मीलेे, इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा केदार घाटी में महिलाएं निरंतर नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं। हमारी बहनों द्वारा एक से बढ़कर एक गुणवत्तापूर्ण और अच्छी पैकिंग के साथ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। आज हमारे स्थानीय उत्पादों की मांग पूरे देश और दुनिया में हो रही है। उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह, विभिन्न संगठनों एवं आमजन के साथ मिलकर हम इस क्षेत्र में विकास एवं समृद्धि का नया अध्याय स्थापित करने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी सम्बन्धित अधिकारियों को शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के मकसद से दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। शीतकालीन यात्रा को लेकर भी सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही है। आगामी दिनों में चार धाम यात्रा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक भी की जानी है। उन्होंने कहा हमारी सरकार यात्रा समाप्त होते ही आगामी यात्रा की तैयारी में जुट गई है। शीतकालीन यात्रा में भी लोगों को काम मिले इसके लिए भी कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। अब राज्य सरकार उनके संकल्पों को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड प्रथम स्थान में आया। राज्य में बेरोजगारी दर घटी है। जीएसटी संग्रह में राज्य ने बेहतर प्रदर्शन किया है। जीएसडीपी में भी राज्य 1.3 गुणा की वृद्धि की है। राज्य में बीते तीन सालों में अब तक लगभग 19 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने कहा जल्द ही राज्य सरकार भू कानून लाने वाली है। उन्होंने कहा इस क्षेत्र के सभी मंदिरों के सौर्दयीकरण कार्य को शीघ्र ही आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा आगामी रविवार को हम केदार की इस भूमि से शीतकालीन चार धाम यात्रा की भी शुरुआत करने जा रही है।

इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी, आशा नौटियाल, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, दायित्वधारी चण्डी प्रसाद भट्ट, भाजपा जिला अध्यक्ष महावीर पंवार सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

100 से अधिक स्थानों पर मौजूद हैलीपैड के जरिए हवाई यातायात का मजबूत नेटवर्क तैयार

भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्य में दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच आसान बनाने के लिए सरकार राज्य में हवाई सेवाओं के लिए मजबूत बुनियादी सेवाएं जुटा रही है। इसी क्रम में बीते दो साल में राज्य में आठ स्थानों पर हैलीपोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं। जबकि छह अन्य स्थानों पर हेलीपोर्ट का निर्माण प्रगति पर है।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) बीते दो साल में सहस्रधारा, श्रीनगर, गौचर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और मुनस्यारी में हैलीपोर्ट तैयार कर चुका है, जो अब यात्रियों को अपनी नियमित सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाद यूकाडा त्रिजुगीनारायण, जोशीमठ, मसूरी, रामनगर, बागेश्वर, हरिद्वार में हैलीपोर्ट पर काम प्रारंभ कर चुका है। इन सभी जगह अगले एक साल में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद सरस्वती के मुताबिक इसके साथ ही राज्य में अब 100 से अधिक हैलीपैड बनकर तैयार हो चुके हैं जो किसी भी यात्री सेवा या आपातकालीन स्थिति में ऑपरेशन के लिए उपलब्ध हैं। इस तरह राज्य में अब दूर दराज तक एयर कनेक्टिविटी के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं।

जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार
राज्य सरकार पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार कर रही है। इसके लिए जमीन अधिगृहण की कार्यवाई की जा रही है। पंतनगर एयरपोर्ट का विकास ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तर्ज पर जबकि जौलीग्रांट का विकास इंटरनेशनल मानकों के अनुसार किया जा रहा है।

क्या है हैलीपोर्ट
हैलीपोर्ट पर एक साथ कई हैलीकॉप्टर की पार्किंग, मेंटीनेंस (हैंगर) सुविधा के साथ ही यात्रियों के लिए विश्राम करने, कैंटीन, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। हैलीपोर्ट का निर्माण एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का आम आदमी भी हवाई सफर कर सके। इसके लिए उत्तराखंड में उड़ान योजना के साथ ही मुख्यमंत्री उड़नखटौला योजना के जरिए, हवाई सेवाओं का विकास किया जा रहा है। इसका लाभ तीर्थाटन और पयर्टन गतिविधियां बढ़ने के रूप में भी मिलेगा।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के आयोजन की जिम्मेदारी को एक सप्ताह में एक्शन प्लान तय करने के निर्देश

सीएस राधा रतूड़ी ने 12 जनवरी 2025 को देहरादून में प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के आयोजन के दौरान विभिन्न सत्रों की जिम्मेदारी सम्बन्धित सचिवों को देते हुए एक सप्ताह में कार्ययोजना तय करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले सत्रों में राज्य में विभिन्न क्षेत्रों जैसे मैन्युफेक्चरिंग, पावर जनरेशन, स्टार्ट-अप आदि में निवेश के सम्भावनाओं पर चर्चा करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषकर पर्यटन, कृषि, बागवानी, ग्राम्य विकास, उच्च शिक्षा, स्किल डेवलपमेण्ट, हेल्थ केयर, आयुष, योगा आदि पर विचार मंथन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन सत्रों में विषय विशेषज्ञों एवं अधिकारियों के साथ ही अतिथि प्रवासियों को भी वक्ताओं के रूप में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के आयोजन के दौरान राज्य की लोक संस्कृति, खानपान, स्थानीय हस्तशिल्प, उत्पादों के बेहतरीन प्रदर्शन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्मेलन के दौरान आयोजित किए जाने वाले प्रत्येक सत्र हेतु सम्बन्धित विभाग के सचिव को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को सम्मेलन के आयोजन के दौरान शहर एवं आयोजन स्थल की स्वच्छता, पार्किंग व्यवस्था, विदेश से आने वाले प्रवासी अतिथियों के स्वागत-सत्कार हेतु सम्पर्क अधिकारियों, परिवहन, प्रोटोकॉल, रहने, ट्रैफिक की पुख्ता व्यवस्था हेतु निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव मीनाक्षी सुन्दरम, सचिन कुर्वे, विनोद कुमार सुमन सहित सभी विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखंड में फिल्म की शूटिंग करेंगे निर्माता प्रकाश झा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता एवं प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्मांकन के लिए इच्छा जाहिर की। प्रकाश झा ने कहा कि फिल्म जगत के लोगों का उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए तेजी से रूझान बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें राज्य में फिल्मांकन के लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनेक डेस्टिनेशन हैं। उत्तराखण्ड में नई फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति प्रदान की जा रही है। हिन्दी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फिल्मों पर राज्य में व्यय राशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में फिल्मों को बढ़ावा देकर पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।
इस अवसर उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के सीईओ एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।

चार धाम शीतकालीन प्रवासः आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में मिलेगी 10 प्रतिशत छूट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू की जाए और इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। इन शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम के होटलों में रूकने पर किराये में 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री अगले सप्ताह शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा भी करेंगे।

मुख्यमंत्री ने देवभूमि उत्तराखण्ड के रजत उत्सव वर्ष में सशक्त उत्तराखण्ड की कार्ययोजना के लिए सभी विभागों को अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिये थे। इसकी समीक्षा भी मुख्यमंत्री अगले सप्ताह करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों की अपेक्षाओं और आशाओं के अनुरूप राज्य को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश की देवतुल्य जनता के सहयोग से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने कि लिए राज्य सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क दुर्घटना सुरक्षा नियमावली जल्द बनाई जाए। पुलिस महानिदेशक को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि रात्रिकालीन गश्त बढ़ाई जाए और सड़क सुरक्षा की दृष्टि से सड़कों में पुलिस बल भी बढ़ाया जाए। देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग्स फ्री राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को गहन अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। नशीले पदार्थों को बेचने वालों पर नियमित निगरानी रखने और इसमें संलिप्त पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। किराये पर रह रहे बाहरी लोगों का नियमित सत्यापन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही जनपदों का भ्रमण और रात्रि प्रवास करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री जनसुनवाई के साथ की विकास कार्यों का निरीक्षण और नगर निकायों और सरकारी कार्यालयों में विभिन्न व्यवस्थाओं और स्वच्छता कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे। इसके लिए उन्होंने रोस्टर जारी करने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमान एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

ऋषिकेश को विशेष वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने जताया केंद्र का आभार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2024 – 25 योजना‘ के तहत 66 करोड़ रुपए का विशेष लोन (सहायता) जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में पयर्टन विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त के 34 करोड़ रुपए, प्रथम चरण की सहायता 75 प्रतिशत तक खर्च करने पर जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लंबे समय से इस विशेष वित्तीय सहायता के लिए प्रयासरत थे, उनकी इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात भी हो चुकी थी।

मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है, प्राप्त वित्तीय सहायता से सरकार ऋषिकेश को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करेगी।

प्रधानमंत्री के हाथों हुई थी हाउस आफ हिमालयाज की लांचिंग, हुई 34.52 लाख की बिक्री

पहाड़ के जंगलों में पैदा होने वाले शुद्ध शहद से लेकर सीढ़ीदार खेतों में उगाया जाने वाला आर्गेनिक मंडुआ, झंगोरा, गहथ, राजमा और हैंडमेड ऊनी वस्त्र से लेकर हैंडिक्राफ्ट तक। विशुद्ध उत्तराखंडी उत्पादों का ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’, लांचिंग के एक साल से कम समय में 34 लाख रुपए से अधिक की बिक्री करने में कामयाब रहा है।

ग्राम्य विकास विभाग के अधीन, हाउस ऑफ हिमालयाज, उत्तराखंड के महिला स्वयं सहायता समूहों, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का कॉमन ब्रांड है। इसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों, दिसंबर 2023 में देहरादून में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर समिट के दौरान हुआ था। प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन के बाद हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों की एकाएक मांग बढ़ी है। बीते 11 महीनों में ही हाउस ऑफ हिमालयाज कुल 34,52,330 रुपए की बिक्री दर्ज करने में कामयाब रहा है। अब हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के उत्पाद ऑफलाइन के साथ ही ई कामर्स साइट अमेजन और ब्रांड की खुद की अपनी वेबासइट https%@@houseofhimalayas-com@ पर भी मिल रहे हैं।

एक करोड़ सालाना बिक्री का लक्ष्य
सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा के मुताबिक उत्तराखंड की साठ प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, ऐसे में हाउस ऑफ हिमालयाज ग्रामीण आर्थिकी के मामले में गेम चेंजर साबित होने जा रही है। योजना के तहत अगले तीन साल में कुल ब्रिकी करोड़ के पार पहुंचाते हुए, पांच लाख महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख के पार ले जाते हुए उन्हें लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत किसानों और ग्रामीण महिलाओं की आय में 50 से 75 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।

आठ श्रेणी में 35 उत्पाद
वर्तमान में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत आठ श्रेणी में कुल 35 उत्पादों को शामिल किया गया है। इसमें मिलेट्स बिस्किट, मुन्स्यारी, चकराता, हर्षिल की राजमा, चौलाई, तोर दाल, पहाड़ का परंपरागत लाल चावल, झंगोरा, गहथ, काले भट्ट, चाय, तेल, पर्सनल केयर, हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल हैं। सरकार स्थानीय मेलों, त्यौहार के मौकों पर हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों को खरीदने पर जोर दे रही है। साथ ही सरकारी कार्यक्रमों और कार्यालयों के जरिए भी हाउस ऑफ हिमालयाज की बिक्री बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई है। दिवाली जैसे त्यौहार के लिए हाउस ऑफ हिमालयाज की ओर से खास गिफ्ट पैक उपलब्ध कराए गए थे, जिन्हें खूब पसंद किया गया।
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राज्य के समग्र विकास के लिए, गांवों की आर्थिकी मजबूत की जानी जरूरी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस ब्रांड के तहत उत्तराखंड के परंपरागत उत्पाद अब देश विदेश में पहुंच रहे हैं, सरकारी खरीद के जरिए भी ब्रांड की मांग बढ़ाई जा रही है।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज

उच्चत्तम न्यायालय ने दिनांक 26.11.2024 को भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया में डा. केए पौल की बैलेट पेपर सिस्टम को फिर से लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन नेताओं की असंगतता को उजागर किया गया जो ईवीएम की विश्वसनीयता पर तभी सवाल उठाते हैं जब वे चुनाव हार जाते हैं। ’याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने टिप्पणी की है कि, “अगर आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती है, और जब आप चुनाव हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ होती है।’ न्यायालय ने अपने निर्णय में यह भी टिप्पणी की है कि, जब चंद्रबाबू नायडू हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। अब, इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है।”

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और पी.बी. वराले की पीठ ने याचिकाकर्ता डॉ. कौल की दलीलों में कोई दम नहीं पाया। न्यायमूर्ति नाथ ने टिप्पणी की, “राजनीतिक दलों को इस प्रणाली से कोई समस्या नहीं है। याचिकाकर्ता को समस्या है।”