ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी रेल परियोजना में लंबी रेल सुरग में कामयाबी

भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का आज सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हो गया है। इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उत्तराखंड की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना से जुड़ी है। यह रेल परियोजना 105 किलोमीटर सुरंग के अंदर बनी है। इसमें ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 16 सुरंग हैं।

इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से सुरंग स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों से सुरंग की जानकारी ली। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरंग के सफल ब्रेकथ्रू पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है और जल्द ही इस रेल लाइन पर संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह (देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक) 14.57 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि पूरे भारत में सबसे लंबी सुरंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर यह पहली बार है जब देश के पहाड़ी इलाकों में रेल सुरंग बनाने के लिए टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कहा कि 9.11 मीटर व्यास वाली इस सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम ने काम में जो तेजी और सटीकता दिखाई है, वह वैश्विक स्तर पर एक नया मापदंड स्थापित करती है। रेल मंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना उत्तराखंड के ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी।

रेल मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग का सफर सात घंटे से घटकर सिर्फ दो घंटे का हो जाएगा। यह हर मौसम में दूरदराज के इलाकों तक पहुंच आसान करेगा और उत्तराखंड में पर्यटन व आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। यह चार धाम रेल परियोजना को पूरा करने की दिशा में भी बड़ा कदम है। इस उपलब्धि के साथ आरवीएनएल ने भारत के सबसे मुश्किल इलाकों में आधुनिक निर्माण तकनीक में अपनी मजबूत जगह बनाई है। यह सफलता न सिर्फ एक सुरंग की कहानी है, बल्कि एक नए, मजबूत और कनेक्टेड भारत की शुरुआत है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाएगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी एक नई गति देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा और गति मिली है। देवप्रयाग-सोड़ से श्रीनगर जनासु तक की यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिखाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हम विकास के कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे भी हो चुका है जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

इस मौके पर केबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, आरवीएनएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गौर, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक राम चंद्र शेट, जीएम उत्तर रेलवे अशोक कुमार वर्मा, प्रबंधक निदेशक भानु प्रकाश, मुख्य परियोजना प्रबंधक आरवीएनएल अजित यादव, जीएम आरवीएनएल सुमित जैन सहित अन्य उपस्थित थे।

उत्तराखंडः पर्यटन विभाग के कंट्रोल रूम में देश भर से रोजाना आ रहीं औसतन 638 कॉल

हैलो सर, हमें चार धाम यात्रा में आना है। जीएमवीएन का टूर पैकेज कितना होगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद का कंट्रोल रूम अब दिन-रात व्यस्त है। यहां पर रह-रहकर फोन की घंटी बज रही है। देश भर से औसतन 638 लोग रोजाना कंट्रोल रूम में संपर्क कर यात्रा से जुड़ी जानकारी ले रहे हैं। अभी तक 17,853 लोग कंट्रोल रूम से संपर्क कर चुके हैं। यात्रा के लिए अभी तक कुल 17,76058 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का श्रीगणेश इस महीने की 30 तारीख को अक्षय तृतीय पर्व से हो रहा है।

सबसे ज्यादा 1032 कॉल, सबसे कम 480

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हुई है। इसी दिन से कंट्रोल रूम ने भी काम करना शुरू कर दिया है। पहले दिन 20 मार्च को को सबसे ज्यादा 1032 लोगों ने कंट्रोल रूम में संपर्क कर जानकारी हासिल की थी। आठ अप्रैल को 961 और सात अप्रैल को 803 लोगों ने कंट्रोल रूम में संपर्क किया। सबसे कम 480 कॉल 30 मार्च को दर्ज हुईं।

इस तरह से काम कर रहा है कंट्रोल रूम

पर्यटन विकास परिषद के कंट्रोल रूम टोल फ्री नंबर 0135-1364 पर देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार कॉल आ रही हैं। पूरे समय कॉल अटैंड करने के लिए कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। ज्यादातर लोग संपर्क करके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, जीएमवीएन टूर पैकेज, हेली सेवाओं, कपाट खुलने की तिथियों के बारे में जानकारी मांग रहे हैं।

चार धाम यात्रा के लिए देश भर के यात्रियों में उत्साह है। देवभूमि सभी यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। सभी के सहयोग से बेहतर यात्रा संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएस ने पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा कर विस्तृत जानकारी ली

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों से योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत शीघ्र ही ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, ज़िला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला (डीआईपीएचएल) एवं क्रिटिकल केयर ब्लॉक को तैयार कर शीघ्र संचालन शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी यूनिट्स का निर्माण कार्य पूर्ण कर संचालन किए जाने हेतु समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। उन्होंने योजनाओं के समयबद्ध संचालन के लिए राज्य एवं जनपद स्तर पर मॉनीटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा साप्ताहिक रूप से इन यूनिट्स की निगरानी की। साथ ही जिन यूनिट्स का कार्य पूर्ण हो चुका है उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को शीघ्र प्रस्तुत किए जाएं।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को अधिक से अधिक पंजीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा के जिला कार्यान्वयन समिति एवं यूएलबी स्तर पर लम्बित आवेदन पत्रों को शीघ्र निस्तारित किया जाए। साथ ही, कारीगरों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाए जाने हेतु लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए। साथ ही, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से बेचे जाने पर भी जोर दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों के यूनिटी मॉल में भी राज्य के उत्पादों के लिए स्टॉल उपलब्ध कराए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे एवं स्वाति भदौरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बाबा बौखनाग मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा, सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गये थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। सिलक्यारा सुरंग चारधाम यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है। लगभग 1384 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है। सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की। यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा अभियान पर पूरी दुनिया की नजरें थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भारत सरकार के पूर्ण सहयोग के चलते राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया। इस रेस्क्यू अभियान में देश और दुनिया में उपलब्ध आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, इससे हमारा हौसला बढ़ा।

बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए घर से भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। बौखनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए देहरादून स्थित अपने घर से मुख्यमंत्री भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं सिल्क्यारा अभियान के दौरान कैम्प कर रेस्क्यू अभियान की निरंतर निगरानी और निर्देशन किया था। रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था।

मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से प्रदेश की खुशहाली और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि जब सुरंग के मुख पर बाबा बौखनाग को विराजमान किया, तभी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जा सका। उस समय उन्होंने बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा की थी। आज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से संकल्प भी पूरा हुआ है और श्रद्धालु भी बाबा बौखनाग का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल निर्माण के दौरान 12 नवम्बर को अचानक हुए भूस्खलन में 41 श्रमिक इस सुरंग में फँस गए थे। उस समय देशभर से लोग इन श्रमिकों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे। उस अँधेरी सुरंग में, जहाँ उम्मीद की किरणें भी धूमिल हो रही थी, बाबा बौखनाग ने पहाड़ों के रक्षक के रूप में शक्ति और विश्वास का संचार किया।

मुख्यमंत्री घोषणा

1. सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जायेगा।
3. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
4. स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जायेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक सुरेश चौहान, दुर्गेश्वर लाल, संजय डोभाल, प्रबंध निदेशक एन.एच.आई.डी.सी.एल डॉ. कृष्ण कुमार, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी सरिता डोभाल, जनप्रतिनिधिगण और अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएम ने कैंपा योजना से खरीदे गए 23 बोलेरो कैम्पर वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में वन एवं वन्य जीव सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा कैंपा योजना से खरीदे गए 23 बोलेरो कैम्पर वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वाहनों से संवेदनशील वन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाकर वन अपराधों पर नियंत्रण को अधिक मजबूत करने में मदद मिलेगी। वनाग्नि प्रबंधन और मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर समय रहते नियंत्रण एवं तेजी से रेस्क्यू कार्य के लिए भी इन वाहनों का उपयोग किया जाएगा। वृक्षारोपण अभियानों की निगरानी के साथ ही भू-स्खलन, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में वन एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के त्वरित व प्रभावी संचालन में भी ये वाहन काफी उपयोगी सिद्ध होंगे ।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पिछले तीन सालों में लगातार कैंपा योजना के बजट में वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में रुपए 237 करोड़, 2024-25 में रु. 302 करोड़ की धनराशि का व्यय हुआ है। वर्ष 2025-26 में कैम्पा के तहत प्रस्तावित रुपए 439.50 करोड़ की लागत की वार्षिक योजना स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजी गई है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन सहित वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

स्वास्थ्य को लेकर एक्शन में धामी सरकार, डेंगू-चिकनगुनिया के खिलाफ राज्यभर में बहुस्तरीय अभियान शुरू

डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे घातक संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एक ठोस और समग्र कार्ययोजना लागू कर दी है। गर्मी और बरसात के मौसम में डेंगू व चिकनगुनिया फैलने की संभावना अधिक रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी जिलों में इन रोगों से निपटने के लिए अंतरविभागीय समन्वय, सक्रिय चिकित्सा व्यवस्थाएं, जनजागरूकता, निगरानी और फील्ड एक्शन के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस संपूर्ण अभियान में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जल निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सहित कई विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा- निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों को अर्लट कर दिया गया है। विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि डेंगू-चिकनगुनिया से जंग में हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।

’स्वच्छता, लार्वा नियंत्रण और जनजागरूकता पर विशेष बल’
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि, ष्डेंगू व चिकनगुनिया जैसे मच्छरजनित रोगों की रोकथाम का पहला कदम स्वच्छता है। जब तक हम स्रोत नियंत्रण यानी सोर्स रिडक्शन नहीं करते, तब तक मच्छरों को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इसलिए सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे लगातार सफाई अभियान चलाएं और समुदाय को भी इस प्रयास में भागीदार बनाएं।ष्

’ब्लॉक स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार’
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि नगर निगमों व नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से सफाई अभियान, नाले-नालियों की सफाई, जलजमाव हटाने तथा कचरा निस्तारण पर जोर दें। सोर्स रिडक्शन के तहत आशा कार्यकर्ताओं की टीमों को प्रशिक्षित कर फील्ड में सक्रिय किया जाएगा जो घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। जरूरत के अनुसार फॉगिंग की कार्यवाही भी की जाएगी ताकि वयस्क मच्छरों का सफाया किया जा सके। जनजागरूकता अभियान के लिए हैंडबिल, पोस्टर, बैनर, नुक्कड़ नाटक, स्कूलों में गोष्ठियों जैसे प्म्ब् संसाधनों का भरपूर उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। सभी ब्लॉकों को माइक्रो प्लान तैयार कर राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

’अलग डेंगू वार्ड और संसाधनों की उपलब्धता’
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य व निजी अस्पतालों में डेंगू व चिकनगुनिया रोगियों के इलाज के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार व्यवस्थाएं लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों में अलग डेंगू आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए जाएंगे, जिनमें मच्छरदानी युक्त पर्याप्त संख्या में बेड, प्रशिक्षित चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और जरूरी उपकरण मौजूद रहेंगे। गंभीर रोगियों (क्भ्थ्/क्ैै) के लिए प्लेटलेट्स, म्स्प्ै। जांच किट्स और अन्य औषधीय सामग्री की समय पर आपूर्ति अनिवार्य की गई है। फीवर सर्वेक्षण के जरिए संदिग्ध रोगियों की पहचान की जाएगी, और पॉजिटिव केस मिलने पर रोगी के घर से 50 मीटर की परिधि में स्पेस स्प्रे / फोकल स्प्रे की कार्रवाई की जाएगी। रैपिड रिस्पॉन्स टीम (त्त्ज्) को हर जिले में अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

’जन सहयोग और मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण’
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि, ष्डेंगू और चिकनगुनिया से लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब तक आमजन तक सही जानकारी नहीं पहुंचेगी, तब तक रोकथाम के प्रयास अधूरे रहेंगे।ष् सभी जिलों में जनजागरूकता अभियान को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी। आईएमए, निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब्स के साथ ब्डम् बैठकें कर समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि भ्रांतियों को दूर किया जा सके। सभी जनपदों में एक मीडिया स्पोक्सपर्सन नियुक्त किया जाएगा जो सकारात्मक सूचना का संप्रेषण सुनिश्चित करेगा।

’हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम व्यवस्था होगी मजबूत’
स्वास्थ्य सचिव ने बताया किराज्य मुख्यालय पर क्रियाशील हेल्पलाइन 104 को पूरी तरह से जनता के लिए सक्रिय रखा गया है ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी शंका या समस्या को साझा कर सके और तत्काल सलाह प्राप्त कर सके। डेंगू के संक्रमण काल के दौरान सभी जनपदों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे और उनके नंबर राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे हर दिन शाम 4 बजे तक दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें, चाहे कोई केस हो या न हो।

’सभी विभाग निभाएं सक्रिय भूमिका’
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इस बार की कार्ययोजना में यह विशेष ध्यान दिया गया है कि केवल स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि अन्य विभाग भी जिम्मेदार भूमिका निभाएं। नगर विकास, पंचायती राज, जल संस्थान, विद्यालय शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क जैसे विभागों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे डेंगू व चिकनगुनिया को रोकने के प्रयास सामूहिक रूप से मजबूत बनें।

’बहुस्तरीय रणनीति से नियंत्रण का प्रयास’
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए बनाई गई यह समेकित कार्ययोजना न केवल मौजूदा संक्रमण पर नियंत्रण पाने में सहायक होगी, बल्कि भविष्य में संभावित रोग प्रसार को रोकने की दिशा में दीर्घकालिक समाधान के रूप में भी कार्य करेगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि ष्मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत सतर्कता, सामुदायिक भागीदारी और सरकारी प्रयासों के बीच संतुलन आवश्यक है। आइए, हम सभी मिलकर इस चुनौती से लड़ें।

मुख्य सचिव ने किया सभी विभागों में बायोमैट्रिक को अनिवार्य

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि 1 मई, 2025 से सभी विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक से किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। यदि विभाग में बायोमैट्रिक मशीनें स्थापित नहीं हैं अथवा पर्याप्त संख्या में नहीं है, इस हेतु समय से आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। पूर्व में स्थापित बायोमैट्रिक मशीनों में यदि कोई कमी है तो उसे ठीक करा लिया जाय।

*महत्वपूर्ण प्रस्तावों का विवरण तैयार किये जाने के दिये गये निर्देश*

उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विभागों द्वारा जनहित एवं राज्यहित में आवश्यक, महत्त्वपूर्ण एवं प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि व्यापक जनहित में इन योजनाओं हेतु धनराशि की व्यवस्था की जा सके तथा इनकी स्वीकृति हेतु समुचित कार्यवाही की जा सके। इन योजनाओं की सूची नियोजन विभाग को तथा उसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये।

*महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर: मुख्य सचिव*

मुख्य सचिव ने एक करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिये सभी विभागों को आवश्यक तैयारी किये जाने के निर्देश दिये गये। भविष्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ई0एफ0सी0 पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जायेगी। विभागीय सचिवगणों से भी विभागीय ई0एफ0सी0 पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से कराये जाने हेतु निर्देश दिये गये।

साथ ही, उन्होंने सभी विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में गति आएगी। कुछ राज्यों में ई-डी0पी0आर0 बनाये जाने का कार्य किया जा रहा है। एन0आई0सी0 के माध्यम से इसका अध्ययन कराते हुए भविष्य में परियोजनाओं हेतु ई-डी0पी0आर0 बनाये जाने हेतु समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये।

*विभागीय सचिवगणों तथा अन्य अधिकारियों को अनुभागों का निरीक्षण किये जाने हेतु दिये गये निर्देश*

बैठक में सभी विभागीय सचिवगणों को सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में वर्ष में न्यूनतम एक बार अनुभागाों का विस्तृत निरीक्षण किये जाने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार का निरीक्षण रोस्टर के अनुसार अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों एवं अनुसचिवों को किये जाने के निर्देश दिये गये।

*Annual Work Plan बनाये जाने के दिये गये निर्देश*

बैठक में सभी अधिकारियों को अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के कार्यों हेतु Annual Work Plan बनाये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके तथा विलम्ब से बचा जा सके।

*Government Assets की सूची तैयार किये जाने हेतु दिये गये निर्देश*

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इस हेतु पूर्व में बनाए गए पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में पूर्व में काफी कार्य किया गया था तथा कई विभागों द्वारा अपनी विभागीय परिसम्पत्तियों की सूची Government Assets Inventory पर अपलोड किया गया था। पुनः सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची इस पोर्टल पर अपलोड किये जाने के निर्देश दिये गये।

*कार्मिकों को अपनी अचल सम्पत्ति का विवरण देना होगा*

अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के बारे में विवरण देते समय अनिवार्य रूप से अचल सम्पत्ति का विवरण दिया जाना अनिवार्य है। बैठक के दौरान यह संज्ञान में लाया गया कि कई विभागीय अधिकारियों द्वारा समय से अपनी वार्षिक अचल सम्पत्ति का विवरण अपने विभागों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल सम्पत्ति का विवरण घोषित किये जाने को अनिवार्य बनाये जाने हेतु व्यवस्था बनाये जाने के निर्देश दिये गये। पदोन्नति के समय यह देखा जायेगा कि कार्मिक द्वारा अचल सम्पत्ति का विवरण प्रस्तुत किया गया है अथवा नहीं।

*प्रदेश का अपना राज्य संग्रहालय तैयार किए जाने के भी दिए निर्देश*

बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता बतायी गयी। इस हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये। कोलागढ़ में स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। संस्कृति विभाग में पंजीकृत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक दलों की आपस में प्रतियोगिता कराते हुए पारदर्शी तथा निष्पक्ष तरीके से इनको श्रेणी ए, बी, सी आदि में रखे जाने के निर्देश दिये गये, ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके।

सचिव समिति की बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, राधिका झा, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. नीरज खैरवाल, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, रणवीर सिंह चौहान एवं धीराज सिंह गर्ब्याल उपस्थित थे।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश का 5वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वितरित की डिग्री

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज एम्स ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। सभा को संबोधित करते हुए, नड्डा ने कहा कि ‘दीक्षांत समारोह एक विशेष अवसर है जो छात्रों की उपलब्धियों को मान्यता देता है।’ उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।

नड्डा ने देश भर के एम्स संस्थानों की चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं में उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘इस सदी की शुरुआत तक, भारत में केवल एक एम्स था, वहीं आज, देश में 22 एम्स संचालित हो रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के कारण स्वास्थ्य संस्थानों के बीच एक अद्वितीय पहचान बनाई है।उन्होंने नागरिकों के लिए विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘सरकार ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर केंद्रित है जो न केवल उपचारात्मक हो बल्कि निवारक, उपशामक और पुनर्वासिक भी हो।’

स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए, नड्डा ने कहा, ‘‘आज, देश भर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हो रहे हैं जो स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 101 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और अब देश भर में कुल 780 मेडिकल कॉलेज हैं। एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत और पीजी सीटों में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘इसी तरह, पैरामेडिक्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए, 157 नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थित होंगे।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स ऋषिकेश की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं का प्रभावी उपयोग करते हुए 309 गंभीर मरीजों को बचाया। वहीं टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके राज्य के दूरदराज और अल्पसेवित क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक बना। नड्डा ने अपने संबोधन को समाप्त करते हुए छात्रों को करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ अपने काम को बिना किसी स्वार्थ के करने के लिए प्रोत्साहित किया। केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपये खर्च करती है, उन्होंने नए डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपने पेशेवर करियर की शुरुआत में अधिक जिम्मेदारियां उठाएं। इस आयोजन के दौरान नड्डा ने संस्थान की चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए कई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस सुविधा और बाल चिकित्सा देखभाल में उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।

समारोह के दौरान, नड्डा ने एमबीबीएस, डीएम, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग और बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान कार्यक्रमों के 10 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री प्रदान की। दीक्षांत समारोह में कुल 434 छात्रों को डिग्री दी गई, जिनमें 98 एमबीबीएस छात्र, 95 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग छात्र, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान छात्र, 109 एमडी/एमएस/एमडीएस छात्र, 17 एमएससी नर्सिंग छात्र, 1 एमएससी मेडिकल संबद्ध छात्र, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ छात्र, 40 डीएम/एमसीएच छात्र और 8 पीएचडी छात्र शामिल थे।

’’पिछले 10 साल में देश में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से हुआ है विस्तार- मुख्यमंत्री’’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का स्वागत करते हुए कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में अनेक कार्य हुए हैं। पिछले 10 साल में देश में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। देशभर में एम्स की स्थापना करना हो, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 को लागू करना हो, आयुष्मान भारत योजना हो या फिर मेडिकल कॉलेजों में सीटों में बढ़ोतरी करना हो, अनेक योजनाओं एवं नीतियों केे माध्यम से भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को एक नई उंचाई प्रदान की गई है। उत्तराखंड में स्वास्थ सेवाओं के विकास के लिए निरंतर सहयोग देने पर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया।

’’हेली एंबुलेंस ने स्वास्थ्य क्षेत्र में नई उड़ान देने का किया कार्य।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में ट्रॉमा सेंटर में पिक्चर आर्काइविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और सेंटर फॉर एडवांस्ड पीडियाट्रिक्स का लोकार्पण होने से स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज एम्स ऋषिकेश में अत्याधुनिक मेडिकल जांच और उपचार की व्यवस्था के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जा रहा है। इस संस्थान में अब रोबोटिक सर्जरी, घुटनों के प्रत्यारोपण की सुविधा, उन्नत न्यूरोसर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसी सेवाएँ भी संचालित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर हेली एंबुलेंस की शुरुआत कर उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई उड़ान देने का कार्य किया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उधम सिंह नगर जनपद में एम्स ऋषिकेश के सेटेलाइट सेंटर का निर्माण कार्य भी तेज गति के साथ चल रहा है।

’’उत्तराखण्ड की 05 हजार से अधिक ग्राम सभाएं टी.बी मुक्त हो चुकी हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। प्रत्येक जनपद में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा गया। टेलीमेडिसिन नेटवर्क और जन औषधि केंद्रों के माध्यम से जनता को सस्ती दवाइयां और आवश्यक इलाज उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। सरकारी अस्पतालों में 207 पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा भी निःशुल्क दी जा रही है। अभी तक 29 लाख लोगों की निःशुल्क पैथोलॉजिकल जांच की जा चुकी हैं। राज्य में 14 लाख से अधिक लोगों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत हो चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की 05 हजार से अधिक ग्राम सभाएं टी.बी मुक्त हो चुकी हैं। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत नये अस्पतालों का संचालन भी किया जायेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, लोकसभा सांसद अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, स्वास्थ मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल, बृज भूषण गैरोला, अध्यक्ष एम्स ऋषिकेश प्रो. सिमरन नंदी, निदेशक प्रो. मीनू सिंह, प्रो. जया चतुर्वेदी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के देवभूमि उत्तराखंड आगमन पर जॉलीग्रांट एयरपोर्ट में स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने कुंभ 2027 के भव्य एवं सफल आयोजन लिए सभी साधु संतों का आह्वान किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगा विरोधी कानून सख्ती से लागू किये गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू कर सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का ऐतिहासिक दायित्व निभाया है।

उत्तराखण्ड में कुंभ 2027 के भव्य एवं सफल आयोजन के लिए समस्त साधु संतों का सहयोग हेतु आह्वान करते हुए करते हुए सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार पर कुंभ 2027 के भव्य एवं दिव्य आयोजन की बड़ी जिम्मेदारी है। इसमें सभी साधु संतों का सहयोग की अपेक्षा की जाती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला की उपस्थिति में को हरिद्वार में सर्वानंद घाट में आयोजित गंगा पूजन में प्रतिभाग किया तथा सर्वानंद घाट से माता कृष्णा उद्यान तक शोभायात्रा में सम्मिलित हुए। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में नवनिर्मित माता कृष्णा उद्यान के शुभारम्भ समारोह में प्रतिभाग किया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज को सनातन संत परंपरा का महान संत बताते हुए कहा कि उन्होंने जीवन पर्यंत समाज को परमार्थ और सेवा की शिक्षा दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होनें लोगों को जात-पात, ऊँच-नीच और दिखावे से ऊपर उठकर प्रेम और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए भारतीय संसद द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक विरोधी कानून, नागरिकता संशोधन अधिनियम और वक्फ संशोधन अधिनियम जैसे कई ऐतिहासिक और युगांतकारी कानून पारित किए गए, जो आज देश को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास के साथ- साथ सांस्कृतिक पुनर्जागरण भी हो रहा है। चाहे वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का निर्माण हो, उज्जैन में महाकाल लोक का निर्माण हो, अयोध्या में भगवान श्रीराम के दिव्य एवं भव्य मंदिर का निर्माण हो या फिर हाल ही में प्रयागराज में संपन्न हुए भव्य महाकुंभ का विश्वस्तरीय आयोजन हो। ये मोदी के प्रय़ासों का परिणाम है कि आज भारत विश्व के एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पुनः स्थापित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश में विकास कार्यों के साथ ही प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं संवर्धित रखने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। आज एक ओर जहां, केदारनाथ धाम एवं बद्रीनाथ धाम में वृहद स्तर पर पुनर्निमार्ण के कार्य किए जा हैं वहीं, हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरीडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही, बाबा केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। आप लोगों को ये जानकर प्रसन्नता होगी कि हमारी सरकार ने दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में विकास की गंगा बहाने के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य निरंतर करती रहेगी। हमें पूर्ण विश्वास है कि प्रदेश की जनता के आशीर्वाद और सहयोग से हम अपने विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अवश्य सफल होंगे।

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्रेम प्रकाश मंडल देशभर में विभिन्न स्थानों पर मानव सेवा का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। प्रेम प्रकाश मंडल द्वारा निर्धन परिवारों कल्याण एवं विभिन्न जनहित के कार्यों के माध्यम से मानवता की सेवा की जा रही है। स्वामी भगत जी महाराज तथा प्रेम प्रकाश मंडल द्वारा अध्यात्म एवं देव परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है द्यधार्मिक एवं आध्यात्मिक चेतना से ओत-प्रोत धर्मनगरी हरिद्वार में प्रेम प्रकाश मंडल द्वारा नवनिर्मित यह माता कृष्णा उद्यान भी मानव सेवा का एक सुंदर उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुविधापूर्ण बनाने, गंगा की स्वच्छता तथा कुंभ 2027 के भव्य एवं सफल आयोजन हेतु सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का होगा निर्माणः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में बी.एच.ई.एल मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कि चिलचिलाती धूप में बङी संख्या में स्थानीय जनता की जोशपूर्ण मौजूदगी रही। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि इतनी बङी संख्या में उमङी जनता से जाहिर है कि जनता ने इस साहसिक फैसले पर अपना भरोसा जता दिया है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को था जिसने वर्षों से भारतीय समाज में न्याय और समानता की आवाज़ बुलंद की है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब को एक युगदृष्टा बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर इस बात में विश्वास रखते थे कि जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त नहीं होते, तब तक समाज में सच्ची समानता संभव नहीं है। यही सोच थी, जिसने उन्हें समान नागरिक संहिता जैसी क्रांतिकारी अवधारणा को संविधान में स्थान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक कानून नहीं लागू किया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षों तक बाबा साहेब की उपेक्षा की गई, उनके विचारों को हाशिए पर रखा गया, जबकि आज का भारत उनके सपनों को अपनाने की ओर अग्रसर है। यह नया भारत है कृ जो न सिर्फ अपनी विरासत को सम्मान देता है, बल्कि साहसिक निर्णय लेकर नए मानदंड भी स्थापित करता है।

सीएम ने कहा कि हरिद्वार में उमड़ी यह भीड़ केवल उपस्थित लोगों का जमावड़ा नहीं हैकृ यह एक जनआवाज़ है, जो कह रही है कि मुख्यमंत्री धामी के फैसलों पर जनता का भरोसा है और अब यह गूंज उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में सुनाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मिलकर यह ऐतिहासिक निर्णय संभव किया है।

उत्तराखंड आज एक बार फिर देश को दिशा दिखा रहा है कृ जहां समानता अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि कानून की शक्ल में ज़मीन पर उतर चुकी है। यह सिर्फ एक कानून लागू करने की बात नहीं, यह एक नए भारत की ओर बढ़ाया गया निर्णायक कदम है।

मुख्यमंत्री धामी ने आने वाले पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाजसेवकों के जीवन चरित्र और इतिहास के साथ-साथ भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देने के लिए हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण किए जाने। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली एससीपी/टीएसपी योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बहुद्देशीय भवन बनाये जाने एवं अनुसूचित समाज के कल्याण संबंधी योजनाओं व अधिकारों के प्रति हमारी आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन-जागरुकता कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से आयोजित किए जाने की घोषणा की।

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक आयोजित रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि डॉ बी.आर अम्बेडकर ने हमारे समाज को समानता, समरसता और न्याय का मार्ग दिखाया। आज भी बाबा साहेब हमारी सामूहिक चेतना का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका संपूर्ण जीवन ही हमारे लिए एक संदेश है। उन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर अपने ज्ञान और संकल्प से स्वयं के साथ करोड़ों लोगों के जीवन को भी बलदने का काम किया है। उन्होंने अन्य लोगों को न्याय की राह दिखाई। उन्होंने कहा समाज के वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा साहेब का संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है।

मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के लिए हर देशवासी सदैव उनका आभारी रहेगा। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ को रखा। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आजादी के बाद उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान निर्माता के रूप में समान नागरिक संहिता को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित किया था। वो भली भांति जानते थे कि भारत और भारतीय समाज के लिए समान नागरिक संहिता बेहद आवश्यक है। उन्होंने समान नागरिक संहिता को कानूनी, सामाजिक आवश्यकता के साथ नैतिक आवश्यकता भी माना। बाबा साहेब ने हमेशा सभी जाति, धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून की बात को प्राथमिकता दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति खत्म करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने हमेशा समाज की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा यूसीसी के माध्यम से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और कार्यशैली में बाबा साहब के विचार दिखाई देते हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरकार द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने ही सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु आम बजट में वृद्धि की है। आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। दलित उत्पीड़न कानून 1989 को केंद्र सरकार ने संशोधित कर और सख्त बनाया है। स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत जैसी अनेकों योजनाओं में भी गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता देते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश के साथ खिलवाड़ करने वाले घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा हाल के दिनों में कुछ असामाजिक तत्व अपने राजनैतिक स्वार्थों के चलते समाज को क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता पर किसी भी प्रकार की कोई आँच नहीं आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर निर्मल दास महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विनोद दास, उमेश कुमार, रामपाल, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मेयर किरण जैसल, दर्जा मंत्री विनय रुहेला, जयपाल चौहान, देशराज कर्णवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, कुंवर प्रणव चौंपियन, पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप शर्मा, मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।