मलबे से दुपहिया चालकों के चोटिल होने की संभावना बढ़ी

ऋषिकेश।
नगर की सड़कों का बुरा है। जहां भी देखों सड़कें उधड़ी पड़ी है। कहीं केबिल डालने, तो कहीं पाइपलाइन डालने के लिए शहर की सड़कों की कटिंग हो रखी है। लेकिन जिम्मेदार विभाग के कारनामे तो देखिए कि कार्य पूरा होने के बाद भी सड़कों का पेचवर्क नहीं किया जा रहा है। जिससे सड़कों पर दुपहिया वाहन चालकों का संतुलन गड़बड़ा रहा है।
नटराज चौक पर सड़क के बीचोंबीच कटिंग हो रखी है। कटिंग के बाद मजदूर मलबे से सड़क को ढककर चलते बने। जिसका खामियाजा अब राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। तेज गति से आ रहे चोपहिया और दुपहिया वाहनों का रोड कटिंग के चलते संतुलन बिगड़ रहा है। सड़क के मलबे से वाहनों के रपटने और चोटिल होने की संभावना बढ़ गयी है। सबसे व्यस्तम चौराहे में शुमार नटराज चौक में विभागीय लापरवाही से किसी दिन बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

जल संस्थान ने लाइन बिछाने के लिए अनुमति मांगी थी। चुनाव के बाद सड़क में लाइन बिछाने की अनुमति विभाग ने दी थी। जल संस्थान से संपर्क कर कार्य पूरा होने की जानकारी मांगी जाएगी, जिससे सड़क का पेचवर्क किया जा सकेगा।
अविनाश चन्द्र भारद्वाज, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी ऋषिकेश।

रात 10 बजे के बाद भी बज रहे डीजे

ऋषिकेश।
मार्च का महीना परीक्षाओं से भरा हुआ है। सीबीएसई, आईसीएसई और उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक हैं। आजकल छात्र बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इन दिनों छात्र देर रात तक रिवीजन करने और एक्सपर्ट के अनुसार अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में देर रात तक बजने वाले डीजे के गाने उनकी तैयारियों में व्यवधान पैदा कर रहे हैं। रात में ट्रैफिक और अन्य शोरगुल कम होने से डीजे की आवाज और तेज सुनाई देती है।
देहरादून जिले में रात 10 बजे के बाद डीजे पर बजने पर पाबंदी है। बावजूद शादी व अन्य समारोहों में देर रात तक डीजे बजाना आम बात हो गई है। पुलिस प्रशासन भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिससे रात को डेढ़-दो बजे तक डीजे बजाया जा रहा है। मार्च माह में शादियों के कई मुहुर्त है। ऐसे में देर रात तक डीजे बजने से छात्रों को परेशानी उठानी पड़ सकती है।

देर रात तक डीजे बजने की शिकायत किसी ने नही की है। वैसे भी रात दस बजे के बाद डीजे बजाना प्रतिबंधित है। पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिये जायेंगे।
वृजेश कुमार तिवारी एसडीएम ऋषिकेश।

फिर से तहसील के चक्कर काट रही छात्रायें

कन्याधन योजनाः

ऋषिकेश।
गौरा देवी कन्याधन योजना के फॉर्म भरने में छात्राओं को पसीना बहाना पड़ रहा है। छात्राओं के साथ अभिभावक भी तहसील के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे है। कारण कि स्कूलों ने छात्राओं को दोबारा से फॉर्म भरकर जमा करने को कहा है। पहले सामान्य और आरक्षित जाति के लिए एक ही फॉर्म का प्रावधान था। लेकिन अब समाज कल्याण विभाग ने फॉर्म का स्वरूप ही बदल दिया। सामान्य जाति व आरक्षित वर्ग के लिए विभाग ने अलग-अलग फॉर्म जारी कर दिये है। सवाल है कि स्कूलों ने पुराने स्वरुप के फॉर्म कहां से लेकर बांटे या विभाग ने ही स्कूलों को पहले पुराने फॉर्म उपलब्ध करा दिये।
सामान्य और आरक्षित वर्गों के लिए अलग फॉर्म होने से अब स्कूल छात्राओं को बुलाकर नए फॉर्म वितरित कर रहा है। पहले फॉर्म भरकर स्कूलों में जमा कर चुकी छात्रायें भी दोबारा से फॉर्म भर रही है। विभाग की फजीहत से तहसील में छात्रायें और अभिभावकों का जमावड़ा लग रहा है। बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटी छात्राओं पर इसका असर भी पड़ सकता है। पहले ही छात्राओं को अपने फॉर्म में आय प्रमाणित कराने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी। ऐसे में फॉर्म भरकर जमा करा चुकी छात्राओं के लिए समाज कल्याण विभाग ने ओर काम बढ़ा दिया है। हालांकि विभाग स्कूलों को नए फॉर्म देने का ही दावा कर रहा है।

वर्ष 2017 के गौरा देवी कन्याधन योजना के फॉर्म भरकर स्कूलों में जमा करा चुकी छात्रायें दोबारा से फॉर्म नही भरे। उनके वहीं फॉर्म स्वीकार कर लिये जायेंगे। जिन छात्राओं ने अभी तक फॉर्म नही भरा है वह अपनी श्रेणी के आधार पर फॉर्म भरकर स्कूल में जमा करा दें।
महेश प्रताप सिंह सहायक समाज कल्याण अधिकारी डोईवाला।

केंद्र सरकार के खिलाफ बैंक कर्मियों का प्रदर्शन

ऋषिकेश।
मंगलवार को उत्तराचंल बैंक इम्पलाईज यूनियन के जिला सचिव मयंक शर्मा के नेतृत्व में बैंक कर्मियों ने शहर में दुपहिया वाहनों में रैली निकालकर एसबीआई की मुख्य शाखा एवं आईडीबीआई बैंक के समक्ष प्रदर्शन किया। शर्मा ने कहा कि ट्रेड यूनियन के अधिकार समाप्त करने व बाहरी स्रोतों से कार्य कराये जाने, नियमित कार्य बाहरी एजेंसी से कराना, नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मियों को उचित मुआवजा देने को लेकर यूनियन आंदोलन कर रही है। कहा कि नये कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत न लाने की मांग भी यूनियन कर रही है। उधर,बैंकों की हड़ताल की वजह से करोड़ों की चेक क्लियरेंस सहित सभी कार्य नहीं हो पाये। ऋषिनगरी में चार दर्जन विभिन्न बैंकों की शाखाएं है। जिनमें 60 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। जिससे बैंक पहुंचने वाले ग्राहक परेशान रहे। प्रदर्शनकारियों में राजकुमार,डीएस रावत,पूरण सिंह नेगी,सुरेश कुमार,सुरेश कुमार,संजय शर्मा,सूरज ममगाई,लोकेश शर्मा,सोहन सिंह आदि शामिल हुये।

बनखंडी के आंशिक क्षेत्रों में पेयजल किल्लत

ऋषिकेश।
मंगलवार को बनखंडी के आंशिक क्षेत्रों में दो हफ्ते से पेयजल किल्लत के होने से लोगों ने जल संस्थान के खिलाफ प्रदर्शन किया। मौके पर आये जल संस्थान के जलकल अभियंता अरुण बिक्रम सिंह रावत व अभियंता मनोज डबराल का लोगों ने घेराव किया। विवेक तिवाड़ी ने जलकल अधिकारियों को बताया कि दो हफ्ते से क्षेत्र में नियमित पानी सप्लाई की समस्या बनी हुई है। लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नही दे रहा है।
एडवोकेट कपिल शर्मा, छोटे सिंह बिष्ट आदि स्थानीय लोगों का कहना था कि दो हफ्ते से लोगों के घरों में पानी नियमित रुप से नही आ रहा है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जलकल अभियंता अरुण बिक्रम सिंह रावत ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही पानी की समस्या को दूर कर दिया जायेगा।
मौके पर संजय भारद्वाज, दीपक जैन, गोबिन्द यादव, राहुल कुमार, रमेश कुमार शर्मा, सोनी देवी, शिवम कश्यप, मुरारी लाल, शिवानी, राम, शीला देवी, प्रेमवती, निर्मला देवी, मंजीत कौर, पूनम, विक्रमजीत आदि मौजूद थे।

निर्माण कार्यों के चलते नालियों में जमा हो रही सामग्री

ऋषिकेश।
ऋषिनगरी में कई स्थानों पर नालियां बंद पड़ी है। शहर में जगह-जगह खुदाई होने से मलबे के ढेर नालियों में पड़े हैं जिससे शहर का ड्रेनेज सिस्टम गड़बड़ा रहा है। रही कसर सड़क पर पड़ी निर्माण सामग्री से पूरी हो रही है। भवन निर्माण के लिए रखी रेत, बजरी पानी के साथ बहकर नालियों को चोक कर रहे है। जगह-जगह नालियां बंद होने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।
गौरतलब है कि नालियों के रखरखाव का जिम्मा नगर पालिका के पास है लेकिन शहर में कहीं पाइप लाइन बिछ रही है तो कहीं केबिल। सड़क खोदने के बाद मलबे को दाएं-बाएं कर मजदूर चले जाते हैं जिससे मलबा नालियों में जमा हो जाता है। सड़क के किनारे भवन सामग्री भी नालियों में बहकर जा रही है। छुट्टा पशु सड़कों में पड़ी सामग्री को फैला देते हैं। सोमवार देर रात हुई बारिश से नालियों में पानी के साथ यह सामाग्री भी जमा हो गई। नालियां बंद होने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।

राम-लक्ष्मणझूला पुल रहेगा वन-वे

शिवरात्रि पर बुधवार से तीन दिन वन-वे व्यवस्था होगी लागू
बैराज मोटर मार्ग से नीलकंठ जाएंगे वाहन

ऋषिकेश।
यमकेश्वर के एसडीएम सोहन सिंह सैनी ने सोमवार को लक्ष्मणझूला स्थित गेस्ट हाउस में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर शिवरात्रि मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने 22 फरवरी से राम-लक्ष्मणझूला पुलों को वन-वे करने के साथ क्षतिग्रस्त पैदल और मोटर मार्ग के गड्ढे भरने के निर्देश भी दिए।
एसडीएम ने बताया कि वन-वे के दौरान नीलकंठ जाने वाले रामझूला पुल से एवं लौटने वाले लक्ष्मणझूला पुल से लौटेंगे। वहीं गाड़ियां बैराज मार्ग से जाने के साथ ब्रह्मपुरी पुल से लौटेंगी। इस दौरान स्वर्गाश्रम से लक्ष्मणझूला के बीच वाहन खड़े नहीं होने दिए जाएंगे। जबकि भंडारे लगाने की अनुमति वन विभाग से लेनी होगी। मेले के दौरान एक सप्ताह से सफाई कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

आईडीपीएल बंद करने के निर्णय का विरोध

ऋषिकेश।
मंगलवार को आईडीपीएल के लेडिज क्लब में पूर्व अधिकारी और कर्मचारी वर्ग की एक खुली बैठक हुई। वक्ताओं ने केन्द्र सरकार के आईडीपीएल बंद करने के निर्णय की आलोचना की। कहा कि आईडीपीएल ऋषिकेश ही एकमात्र ऐसा संस्थान है जो लाभ में है और कार्यरत इकाई है। वक्ताओं ने आईडीपीएल के योगदान को याद किया। कहा कि देश में सस्ती दवाओं की उपलब्धता में आईडीपीएल का योगदान रहा है।
संस्थान के ऋषिकेश में स्थापित होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हुआ। उदारीकरण के दौर में आईडीपीएल बंद करने का निर्णय आज पूरा देश भुगत रहा है। ऐसे में 832 एकड़ में फैले इस संस्थान के टाउनशिप में रह रहे पूर्व कर्मचारियों के सामने आवास का संकट गहराने वाला है। लीज की शर्तों के अनुसार भूमि वन विभाग को हस्तांतरित कर दी जाएगी। ऐसे में टाउनशिप होने के चलते कई कर्मचारी आवास नहीं बना सके हैं और वे बेघर हो जाएंगे। वक्ताओं ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि केन्द्र सरकार के निर्णय के खिलाफ पीएम मोदी को हर पूर्व अधिकारी और कर्मचारी पत्र भेजेगा। संस्थान के रिवाइवल की मांग के लिए भेजे जाने वाले पत्र में कर्मचारियों की समस्या को भी बताया जाएगा। गौरतलब है कि उत्तराखंड के एकमात्र संस्थान को मोदी सरकार की कैबिनेट ने 28 दिसंबर 2016 को पूर्णतया बंद करने का निर्णय ले लिया है।

आईडीपीएल के बंद करने के फैसले से लोजपा नाराज

शहर में रैली निकालकर तहसील में किया प्रदर्शन

ऋषिकेश।
लोक जन शक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.केएस बालियान के नेतृत्व में कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन से रैली के रूप में तहसील पहुंचे। जहां उन्होंने केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आईडीपीएल के बंद करने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री बंद होने से वर्तमान में रह रहे परिवारों के आगे आर्थिक संकट आ जाएगा। इसके अलावा पार्टी ने राप्ती गंगा एक्सप्रेस के ऋषिकेश से संचालन की मांग, एक्सप्रेस गाड़ियों में बढ़े कोच, हरिद्वार से चलने वाली गाड़ियों का ऋषिकेश से हो संचालन, वर्ष 2000 के साक्ष्यों के आधार पर बने जाति प्रमाण पत्र, विभागों में खाली पड़े अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के पदों को बैकलॉग कोटा से तत्काल पूरा कराया जाए, देश भर के निजी संस्थानों में आरक्षण पर नौकरी दिए जाए की मांग की। एक माह के भीतर मांगें पूरा न होने पर पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। प्रदर्शन करने वालों में प्रदेश सचिव भोपाल सिंह, अजय सिंह, सुमित चौरसिया, अनिल मिश्रा, पप्पू ठेकेदार, सीताराम, मदनलाल जाटव, अमित मोहन, बबलू लाल, ऋषि पाल, रणवीर सिंह चौहान, नूरहसन, माया देवी, संगीता रावत, धनवती, कमला रावत, शकुंतला बिष्ट, सोनिका, ममता भट्ट, गीता देवी, आशा भंडारी, मीना जोशी, श्यामबहादुर, शान्ति गोस्वामी, सरिता देवी, सरोज देवी, काजल, मिथलेश, लक्ष्मी देवी, रूपा सैनी, सरोजनी देवी, गुड्डी देवी, सीमा देवी, कमलेश सहित अन्य शामिल थे।

आईडीपीएल को बंद करने के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आईडीपीएल को बंद कर बेचने का लगाया आरोप

ऋषिकेश।
शनिवार को कृष्णानगर कॉलोनी में कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित हुए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के आईडीपीएल को बंद करने और बेचने के निर्णय की आलोचना की। कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाये। कहाकि चुनाव में आईडीपीएल के रिवाइवल का वादा करने वाली भाजपा अब इसे बंद कर बेचने की तैयारी कर रही है।
खरोला ने कहा कि ऋषिकेश के लोगों को केन्द्र सरकार के निर्णय से निराशा हाथ लगी है। उन्होंने आईडीपीएल फैक्ट्री को बंद करने व बेचने का विरोध किया। केन्द्र सरकार से आईडीपीएल के रिवाइवल की मांग की। मौके पर दीपक धमांदा, राजेश व्यास, मानवेन्दर कंडारी, मधु जोशी, प्रदीप चंद्रा, आशु नेगी, दिनेश मास्टर, अजय अग्रवाल, रघुवर दयाल, शिवला, विजेन्द्र, महेन्द्र, उत्तम कुमार, राजेंद्र, भगत सिंह आदि मौजूद थे।