योग से जुड़कर जानें स्वस्थ जीवन का रहस्य


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस मनाने का मकसद योग से लंबी आयु प्रदान करता है। योग भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। योगासन को कसरत या व्यायाम कहना गलत है। योग न सिर्फ आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है बल्कि यह तनाव और अन्य शारीरिक समस्याओं को भी दूर करता है। लगातार नियमित रूप से आसन करने से शरीर में लचीलापन बना रहता है।
शारीरिक लचीलेपन से आंतरिक ऊर्जा और स्फूर्ति बढ़ती है, मन शांत रहता है। योग दिवस को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी देना शुरू कर दी है। योग की धूम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है। हाल ही में सिंगापुर के स्टेडियम ने आठ हजार लोगों ने योग किया।

जानिए योग के फायदे-
– योग से न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन भी शांत रहता है। नियमित रूप से योग करने से आप स्ट्रेसफ्री और चिंताओं से मुक्त रहते हैं। योग करने से दिमाग के सोचने और सृजनात्मकता वाले हिस्सों का भी संतुलन बना रहता है।
– हर इंसान को योग अलग रूप से फायदा पहुंचाता है। योग को अपनाने से कई रोगों से निजात मिलती है। बेहतर ब्लड सकुर्लेशन से शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को बेहतर प्रवहन होने में मदद मिलती है। ऑक्सीजन का संचार होने से ब्लड सकुर्लेशन ठीक रहता है।
– योग से शरीर का लचीलापन बढ़ता है। इससे पीठ का दर्द, जोड़ों का दर्द में काफी आराम मिलता है। इससे रीढ़ की हड्डी में दबाव और जकडऩ में भी आराम मिलता है।
– योग का अभ्यास आपको केवल चुस्त दुरूस्त ही नहीं करता बल्कि आपके शरीर को सुडौल और खूबसूरती प्रदान करता है। यह शरीर में जमा फालतू चर्बी को घटाने में मदद करता है।
– सिरदर्द और पीठ दर्द को कम करने में ये आसन लाभकारी है। अगर पैरों में दर्द होता है तो इस आसन को करने से थकान और दर्द से राहत मिलती है।
– मोटापा कम करने के लिए ये आसन बहुत फायदेमंद है। जिन लोगों को गैस की दिक्कत करें उनके लिए ये आसन बहुत फायदेमंद है।
– हर दिन योग करने से आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। दिमाग और मन भी शांत रहता है।

योग की उत्पत्ति-
योग को भारत के स्वर्ण युग करीब 26 हजार साल पहले की देन माना जाता है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु युज से निकला है। जिसका मतलब व्यक्तिगत चेतना है। योग को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि योगसूत्र को महर्षि पतंजलि ने 200ई.पूर्व में लिखा था। इस ग्रंथ पर अब तक हजारों भाषा में लिखा जा चुका है। योग हिंदू धर्म के छह दर्शनों में से एक है। योग बौद्ध धर्म में भी ध्यान के लिए अहम माना जाता है। इसका संबंध इस्लाम और ईसाई धर्म से भी है।